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जमा और निकासी

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एसबीआई में जमा निकासी पर्ची खत्म

बमोरी| देशके सबसे बड़े बैंक एसबीआई की स्थानीय शाखा में जमा िनकासी (विड्रोवल फॉर्म) पर्ची जैसी मामूली स्टेशनरी का टोटा पड़ गया। निकासी पर्ची तो शुक्रवार से ही नहीं थी और सोमवार को जमा पर्ची भी खत्म हो गईं। इसके बाद बैंक में ग्राहकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई। हालत यह थी कि सोमवार को बैंक के प्रबंधक अशोक जैन दोपहर करीब डेढ़ बजे आए। उनके सामने जब समस्या रखी गई तो पूरी शाखा में निकासी पर्ची की तलाश शुरू की गई। कहीं किसी कोने में एक पर्ची मिल गई। उसकी फोटो कॉपी करवाई गई और बचे हुए ग्राहकों के पैसे निकलवाए गए। बैंककर्मियों का कहना है कि उनके द्वारा मैनेजर को एक हफ्ते पहले ही पर्चियों के कम होने की जानकारी दे दी गई थी। उधर मैनेजर श्री जैन ने कहा कि फाॅर्म अचानक ही खत्म हो गए थे। उनको इसके बारे में जानकारी नहीं थी। बहरहाल इस बैंक में रोजाना 8 से 10 लाख का लेन-देन होता है। तकरीबन 4 हजार लोग इसके खाताधारक हैं। ब्लॉक के करीब 100 गांव के लोग इससे जुड़े हुए हैं। लोगों का कहना है कि मैनेजर मुख्यालय पर नहीं रहते हैं। वे गुना से अप-डाउन करते हैं।

जमा निकासी पर्ची खत्म होने से बैंक में आए लोग परेशान हुए। वहां भारी भीड़ जमा हो गई। बैंककर्मियों ने कई को वापस लौटा दिया।

जमा और निकासी

4. (एक) खाते में एक हजार रुपए की एक न्यूनतम के एक जमा के साथ खोला जाएगा और सभी जमा एक हजार रुपए के गुणकों में होगी.

(ख) सभी निकासी एक हजार रुपए के गुणकों में होगी.

(ग) एक जमाकर्ता, उनके विकल्प पर, फार्म 3 में लगाने से वापस ले सकते हैं या के रूप में निकट के साथ ही संभव हो, उसके जमा करने की तारीख से तीन वर्ष की समाप्ति के बाद पूरे संतुलन या हिस्सा. एक जमाकर्ता हिस्सा वापसी बनाने के लिए चुनता है, जहां शेष राशि जमा और निकासी खाते में जमा के रूप में आयोजित किया जाएगा.

(घ) जमाकर्ता भी पैरा 7 में निर्दिष्ट शर्तों के अधीन मूल राशि का समय से पहले वापसी कर सकते हैं.

(ई) एक कैलेंडर वर्ष में एक धरोहर के संबंध में एक से अधिक निकासी नहीं हो जाएगा.

टैक्स चोरी पर बढ़ा पहरा, 20 लाख से ज्यादा जमा या निकासी पर 26 मई से लागू होगा ये नया नियम

टैक्स चोरी पर सरकार ने अपना पहरा बढ़ा दिया है. अब अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की जमा या निकासी करता है, तो उसके लिए ये काम करना अनिवार्य होगा.

टैक्स चोरी पर बढ़ा पहरा (Photo : Getty)

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2022,
  • (अपडेटेड 11 मई 2022, 4:12 PM IST)
  • हर वित्त वर्ष के लिए तय हुई लिमिट
  • बैंक, सहकारी बैंक, डाकघर में भी लागू
  • नकद लेनदेन की टैक्स चोरी रोकना मकसद

टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने अब अपना पहरा बढ़ा दिया है. देशभर में नकद लेन-देन से होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक नया नियम बनाया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है.

अनिवार्य होगा PAN डिटेल देना

सीबीडीटी के नोटिफिकेशन के हिसाब से अब यदि कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में बैंक खाते से 20 लाख रुपये से ज्यादा की राशि की जमा या निकासी करता है, तो उसे PAN की जानकारी देना अनिवार्य होगा. बैंक काउंटर से भारी राशि के लेनदेन करने वालों के लिए सीबीडीटी ने आयकर कानून नियमों में संशोधन कर, पैन कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. इसे लाने का मकसद नकद लेनदेन को हतोत्साहित करना और इसके माध्यम से होने वाली टैक्स चोरी को रोकना है.

26 मई से निया नियम लागू

सीबीडीटी ने अपने गजट नोटिफिकेशन में कहा है कि नया नियम 26 मई के बाद से लागू हो जाएगा. ये नियम बैंक, सहकारी बैंक और पोस्ट ऑफिस में चलने वाले खातों पर समान रूप से लागू होगा. वहीं चालू खाता (Current Account) खोलने के वक्त यही नियम मान्य होगा. इतना ही नहीं जिन लोगों के खाते पहले से PAN से लिंक हैं, उन्हें भी इस नियम का पालन करना होगा. ये सरकार की नकदी के कम इस्तेमाल और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप है.

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सारे खातों के लेनदेन होंगे शामिल

नोटिफिकेशन में साफ किया गया है कि लेनदेन से मतलब एक फाइनेंशियल इयर में एक खाते या अन्य खातों से किए जाने वाले 20 लाख रुपये या उससे ज्यादा की जमा और निकासी से है. सरकार जमा और निकासी ने 2020 के बजट में 20 लाख रुपये की नकद निकासी पर टीडीएस का प्रावधान किया था. ये नियम तब कुछ विशेष तरह के लेनदेन के लिए बनाया गया था. अब जो नया नियम बनाया गया है, उसमें ग्राहक के साथ बैंक, सहकारी बैंक और डाकघरों को को लेनदेन की शुरुआत में ही PAN और Aadhaar की डिटेल देनी होगी. नया नियम एक अतिरिक्त फिल्टर की तरह काम करेगा जो बैंक खातों से 20 लाख रुपये से अधिक का नकद लेनदेन करने वालों के PAN Card इस्तेमाल करने को सुनिश्चित करेगा. सूत्रों ने जानकारी दी है कि सरकार बहुत जल्द PAN और Aadhaar के प्रमाणन से जुड़े मानक तौर-तरीके (SOPs) भी लेकर आएगी.

बैंकों को स्पष्टीकरण का इंतजार

हालांकि इस नियम को लेकर बैंको और अन्य वित्तीय संस्थानों को सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार है, क्योंकि वित्त वर्ष की शुरुआत जमा और निकासी अप्रैल से हो चुकी है, ऐसे में 26 मई से पहले हुए लेन-देन का आकलन कैसे किया जाएगा?

टैक्स चोरी पर बढ़ा पहरा, 20 लाख से ज्यादा जमा या निकासी पर 26 मई से लागू होगा ये नया नियम

टैक्स चोरी पर सरकार ने अपना पहरा बढ़ा दिया है. अब अगर कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से ज्यादा की जमा और निकासी जमा या निकासी करता है, तो उसके लिए ये काम करना अनिवार्य होगा.

टैक्स चोरी पर बढ़ा पहरा (Photo : Getty)

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2022,
  • (अपडेटेड 11 मई 2022, 4:12 PM IST)
  • हर वित्त वर्ष के लिए तय हुई लिमिट
  • बैंक, सहकारी बैंक, डाकघर में भी लागू
  • नकद लेनदेन की टैक्स चोरी रोकना मकसद

टैक्स चोरी पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने अब अपना पहरा बढ़ा दिया है. देशभर में नकद लेन-देन से होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए एक नया नियम बनाया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी किया है.

अनिवार्य होगा PAN डिटेल देना

सीबीडीटी के नोटिफिकेशन के हिसाब से अब यदि कोई व्यक्ति एक वित्त वर्ष में बैंक खाते से 20 लाख रुपये से ज्यादा की राशि की जमा या निकासी करता है, तो उसे PAN की जानकारी देना अनिवार्य होगा. बैंक काउंटर से भारी राशि के लेनदेन करने वालों के लिए सीबीडीटी ने आयकर कानून नियमों में संशोधन कर, पैन कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है. इसे जमा और निकासी लाने का मकसद नकद लेनदेन को हतोत्साहित करना और इसके माध्यम से होने वाली टैक्स चोरी को रोकना है.

26 मई से निया नियम लागू

सीबीडीटी ने अपने गजट नोटिफिकेशन में कहा है कि नया नियम 26 मई के बाद से लागू हो जाएगा. ये नियम बैंक, सहकारी बैंक और पोस्ट ऑफिस में चलने वाले खातों पर समान रूप से लागू होगा. वहीं चालू खाता (Current Account) खोलने के वक्त यही नियम मान्य होगा. इतना ही नहीं जिन लोगों के खाते पहले से PAN से लिंक हैं, उन्हें भी इस नियम का पालन करना होगा. ये सरकार की नकदी के कम इस्तेमाल और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप है.

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हालांकि इस नियम को लेकर बैंको और अन्य वित्तीय संस्थानों को सरकार के स्पष्टीकरण का इंतजार है, क्योंकि वित्त वर्ष की शुरुआत अप्रैल से हो चुकी है, ऐसे में 26 मई से पहले हुए लेन-देन का आकलन कैसे किया जाएगा?

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