उपलब्ध बाजार

जल्द बाजार में उपलब्ध होगा सह्याद्री मिल का हैंड सैनिटाइजर
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बार-बार हातों की धुलाई, सोशल डिस्टन्सिंग और मास्क का उपयोग ही कोरोनो वायरस महामारी से बचने के निवारक उपाय है। जिसके कारण पिछले महिने उपलब्ध बाजार से अचानक से हैंड सैनिटाइजर की मांग बढ़ गई है। कई मिलों ने हैंड सैनिटाइजर उत्पादन शुरू किया उपलब्ध बाजार है, जिसमे सातारा जिले की सह्याद्री चीनी मिल भी शामिल है। सह्याद्री मिल द्वारा उत्पादित हैंड सैनिटाइजर जल्द ही बाजार में आम लोगों को किफायती दरों पर उपलब्ध होगा।
कोरोनो वायरस के प्रकोप के बीच दुकानों में हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध नहीं हैं और दिनोंदिन हैंड सैनिटाइज़र की मांग बढ़ती जा रही है। महाराष्ट्र में कई सहकारी और निजी चीनी मिलों ने हैंड सैनिटाइजर निर्माण की अनुमति के लिए आवेदन किया था। सह्याद्री समेत अन्य मिलों को सैनिटाइजर का लाइसेंस मिला है, और मिल द्वारा सस्ते दामों पर आम लोगों को सैनिटाइजर उपलब्ध कराया जायेगा।
बाजार में जल्द उपलब्ध होगा एचयूआरएल द्वारा उत्पादित अपना यूरिया
मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर के अशोक वाटिका में हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड की सिंहेश्वर के किसानों के साथ एक किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया. अपना यूरिया सोना उगले कार्यक्रम के तहत यूरिया की विशेषता को बताया. यूरिया के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से किसानों को एचयूआरएल की यूरिया से किसानों को क्या क्या फायदा है. प्रबंघक एचयूआरएल बिहार अजीत सिंह ने बताया कि एक समय था जब हमें खाने का सामान विदेश से मंगाना पड़ता था और आज हम फल और सब्जियों के मामले में एक नंबर पर हैं लेकिन फिर भी किसानों को खाद की समस्या हमेशा बनी रहती है. इसलिए एचयूआरएल का गठन किया गया. जिसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण यानी ऐसे संयंत्रों का उपयोग किया जायेगा और यूरिया की उपलब्धता सुनिश्चित होगी. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार की उपलब्धता भी मुहैया होगी.
उन्होंने कहा कि एचयूआरएल देश में 3 जगह अपना प्लांट लगा रहा है. जिसमें उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, बिहार के बरौनी और झारखंड के सिंदरी में प्लांट चालू हो रही है और अगर 3 प्लांट चालू होने से यूरिया की कमी नहीं रहेगी और उपलब्धता सहज हो जायेगी. एरिया मैनेजर मनीष कुमार ने किसानों को हर्ल की तकनीकी सेवाओं हेलो एचयूआरएल और अपना यूरिया एप्प के बारे में जानकारी दी और साथ में ये भी बताया कि अपना यूरिया 266 रुपया 50 पैसा पर ही उपलब्ध कराया जाएगा. विपल्न अधिकारी रवि प्रकाश ने किसानों को उर्वरक की समस्या से निजात दिलाने के लिए एचयूआरएल हर्ल द्वारा उत्पादित अपना यूरिया बाजार में जल्द उपलब्ध बाजार उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा कि हर्ल का यूरिया संयंत्र बरौनी में बनाया जा रहा है.
कृषि वैज्ञानिक डा. आर.पी. शर्मा ने किसानों को संतुलित फसल पोषण तथा डा. शशि प्रकाश विश्वकर्मा ने मृदा परीक्षण के बारे में किसानों को विस्तार से बताया.
मौके पर दिलीप खंडेलवाल, दीपक भगत, मनोज गुप्ता, विजय रमानी, पशुपति चौधरी, विजेंद्र यादव, प्रनव यादव, रामचंद्र यादव, अमरेंद्र साह, पप्पू साह, गुलाब आलम, विनोद यादव, संजीव यादव आदि मौजूद थे.
बाजार में जल्द उपलब्ध होगा एचयूआरएल द्वारा उत्पादित अपना यूरिया Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 22, 2022 Rating: 5
उपलब्ध बाजार
रोशनी का त्योहार दीपावली (Diwali) आज भी परंपरागत रूप से ही मनाया जाता है, आधुनिकता भले ही हावी हो लेकिन दीपावली पर्व के मौके पर मिट्टी के दीया (earthen lamp) की रोशन से ही घर रोशन होता है। भारतीय परंपरा के अनुसार दीपोत्सव में मिट्टी के दीयों की खास अहमियत है और इसके उपलब्ध बाजार बिना दीपावली का त्योहार अधूरा सा है। दीपावली पर्व के मौके पर मिट्टी के दीये की रोशनी से ही घर रोशन होता है। अमावस्या की अंधेरी रात में दीये की जगमगाती रोशनी से चारों तरफ उजियारा छा जाता है। अंधेरे को चीरते इन खूबसूरत दीयों के बगैर दीपावली का त्योहार अधूरा सा है। दीपावली को लेकर शहरी क्षेत्र में मिट्टी के दीयो की कई दुकानें लगी हुई है।लोगों के घरों में दीपावली पर मिट्टी उपलब्ध बाजार की खुशबू और दीया की टिमटिमाहट नजर आएगी।
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र के बाजार में मिट्टी के दीया की जमकर बिक्री हो रही है। बाजार में मिट्टी के दीया की मांग को देखते हुए कुम्हारों ने पहले से ही तैयारी कर रखी थी। कुम्हरारों का कहना है कि भले ही आधुनिक साजो-सामान, लाइटिंग के ट्रेंड आ गए हों लेकिन आज भी मिट्टी के दीये और कलश ही दीपावाली पर सबसे ज्यादा बिकते हैं। दीपावली के त्योहार को लेकर सजे बाजारों में जहां एक ओर परंपरागत मिट्टी के दीयों की बादशाहत अभी भी कायम है, वहीं दीयों के साथ सजावट के सामान, झालरों और मूर्तियां भी बाजार की रौनक बढ़ा रहे हैं।
दीपावली मनाने के तौर-तरीकों में तमाम बदलाव आए हैं लेकिन मिट्टी के दीये जलाने का ट्रेंड आज भी वैसा ही है। हालांकि दीयों के पैटर्न और स्टाइल में जबर्दस्त बदलाव देखने को मिला रहा है। उपलब्ध बाजार राजधानी पटना के बाजारों में दीपावली को लेकर रौनक देखी जा रही है। अधिकांश चौक-चौराहों पर दीवाली के बाजार सज गये हैं, जहां अलग-अलग तरह के दीये, रंगोली, खिलौने समेत अन्य सजावटी सामान मिल रहे हैं। बाजार में चाइनीज लाइट होने के बावजूद भी पारंपरिक दीया स्टैंड, गोल्डन पेंटेड दीए और कंदीलों के प्रति खासा आकर्षण देखा जा रहा है। ये कई रंगों, आकारों और कीमत में उपलब्ध हैं।
पारंपरिक दीयों के साथ ही कई सजावटी दीये भी मिल रहे हैं। बाजार में इस साल काफी अलग-अलग तरह की मिट्टी के दीये हैं, जिसमें पारंपरिक दीया 100 रुपये रुपये प्रति सैकड़ा है, डिजाइनर सिंगल दीया चार रुपये पीस, डिजाइन वाले बड़े दीये दस रुपये पीस, मैजिक दीया 50 रुपये, स्टैंड दीया 60 रुपये, ढक्कन वाले दीये 80 रुपये पीस उपलब्ध हैं।
बाजार की रौनक डिजाइनर दीये बढ़ा रहे हैं। बाजार में इनकी धूम है। दीयों का उपयोग दीवाली के दिन घर सजाने के लिए तो होता ही है, साथ ही यह उपहार में भी दिये जाते हैं। दीपावली के लिए इस वर्ष विशेष तौर पर टेराकोटा के बने जादुई दीये बाजार में बिक रहे हैं, जो दस घंटे तक लगातार जल सकते हैं। इसके अलावा मोम के सुंदर दीये, इलेक्ट्राॅनिक दीये, बैटरी से घूमने वाले दीये भी बाजार की शोभा बढ़ा रहे हैं।
1 मई से महाअभियान: खुले बाजार में कैसे उपलब्ध होगी वैक्सीन? इसकी कीमत क्या होगी. यहां जानिए सबकुछ
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का भयंकर प्रकोप इस वक्त देश में देखने को मिल रहा है। जिस स्पीड से कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, उसने आम लोगों से लेकर उपलब्ध बाजार सरकारों तक हर किसी की नींद उड़ाकर रख दी है। कोरोना महामारी को मात देने के लिए सबसे बड़ा हथियार वैक्सीन ही माना जा रहा है। वैक्सीनेशन के जरिए ही इस वायरस का हराया जा सकता है।
18+ हो जाएं तैयार
बढ़ते कोरोना केस के बीच लगातार ये मांग उठाई जा रही थीं कि कोरोना वैक्सीन की उम्र सीमा को कम किया जाए। युवाओं को वैक्सीन देने की मांग उठ रही थीं, क्योंकि कोरोना की ये जो दूसरी लहर देश में आई है, उससे सबसे ज्यादा प्रभावित युवा ही होते नजर आ रहे है। इसको ध्यान में रखते हुए सोमवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी ने बड़ा फैसला लिया और 18 से ऊपर के लोगों को एक मई से वैक्सीन लगवाने की मंजूरी दी।
खुले बाजार में भी मिलेगी वैक्सीन
अगर आपकी भी उम्र 18 से ज्यादा है, तो एक मई से वैक्सीन लगवाने के लिए तैयार हो जाए। केंद्र सरकार लगातार इन कोशिशों में जुटी है कि वो वैक्सीनेशन अभियान में तेजी आई। इसके लिए सरकार ने अब खुले बाजार में भी वैक्सीन बिक्री की मंजूरी दे दी है। इसकी कीमतें पहले से तय होंगी। वहीं केंद्र ने राज्य सरकारों को भी खरीद का अधिकार दे दिया गया है।
50-50 फॉर्मूले पर होगा काम
सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बैठक की थी, जिसमें ये फैसला लिया गया कि वैक्सीन निर्माता जो कंपनी होगी, जो अपनी आपूर्ति का 50 फीसदी सरकार को जारी करेगीं, जबकि बाकि 50 प्रतिशत आपूर्ति राज्य सरकारों को और खुले बाजार में दे सकते हैं। केंद्र ने राज्यों को इसकी इजाजत दे दी है कि वो अब सीधे उत्पादकों से वैक्सीन खरीद सकती है।
पहले ही बतानी होगी कीमत
केंद्र ने एक बयान जारी कर कहा कि टीका निर्माता कंपनियों को पारदर्शी तरीके से अडवांस में कीमतों का ऐलान करना होगा।। 1 मई से पहले उनको ये बताया होगा कि वो राज्य सरकारों और खुले बाजार में किस कीमत पर अपना टीका उपलब्ध कराएंगे।
इस कीमत के आधार पर ही राज्य सरकारें, प्राइवेट अस्पताल और औद्योगिक प्रतिष्ठान आदि टीका निर्माता कंपनी से खुराक खरीद पाएंगे।
पहले की ही तरह चलेगा टीकाकरण अभियान
केंद्र ने ये साफ किया है कि सराकार का जो टीकाकरण अभियान है, वो पहले की तरह ही चलेगा। सभी सरकार केंद्रों पर फ्री में टीका लगेगा। इस दौरान सभी प्रोटोकॉल्स का पहले की ही तरह पालन करना होगा। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही टीकाकरण होगा। सभी टीकाकरण केंद्रों को स्टॉक और कीमत की जानकारी देनी होगी।
सरकार ने बताया कि जिन टीकों का उत्पादन भारत में किया जाएगा, उन सब पर 50-50 फीसदी का फॉर्मूला लागू होगा। लेकिन विदेशों से आयात होने वाले 'रेडी टु यूज' टीकों का इस्तेमाल पूरी तरह सरकारी चैनल से बाहर होगा। जिसका मतलब है कि ये कंपनियां सीधे खुले बाजार उपलब्ध बाजार में टीका बेच सकेगीं।
Ruchi Mehra
रूचि एक समर्पित लेखक है जो किसी भी विषय पर लिखना पसंद करती है। रूचि पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ, विदेश, राज्य की खबरों पर एक समान पकड़ रखती हैं। रूचि को वेब और टीवी का कुल मिलाकर 3 साल का अनुभव है। रुचि नेड्रिक न्यूज में बतौर लेखक काम करती है।
संजीव डी.उपलब्ध बाजार उपलब्ध बाजार एल.एड. पुस्तकें बाजार में उपलब्ध
जयपुर। प्री-डी.एल.एड. परीक्षा की आवेदन प्रक्रिया 9 जून, 2021 से प्रारम्भ हो गई है तथा परीक्षा तिथि 30 अगस्त, 2021 निर्धारित की गई है। इस परीक्षा में सीमित सीटों पर उपलब्ध बाजार लाखों परीक्षार्थियों में कड़ी प्रतिस्पर्धा रहती है। संजीव प्रकाशन ने प्री-डी.एल.एड. में परीक्षार्थियों की सफलता हेतु संजीव डी.एल.एड. पुस्तकों का प्रकाशन किया है। संजीव डी.एल.एड. सामान्य की पुस्तक के साथ 2011 से 2020 तक के हल प्रश्न-पत्रों की पुस्तिका नि:शुल्क दी जा रही है। प्री-डी.एल.एड. में संस्कृत विषय लेने वालों के लिए संजीव डी.एल.एड. संस्कृत पुस्तक का अलग से प्रकाशन किया गया है। इन पुस्तकों की सबसे बड़ी विशेषता है कि पाठ्यक्रम के सभी बिन्दुओं पर विस्तृत नोट्स दिए हैं साथ ही सभी विषयों पर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का विशाल संग्र्रह दिया गया है।
मानसिक योग्यता के प्रश्नों की व्याख्या भी दी गई है। पुस्तक में प्री-डी.एल.एड. परीक्षा के पाठ्यक्रम के अनुसार पाठ्य सामग्री दी गई है। संजीव रीट की पुस्तकें भी परीक्षार्थियों में तेजी से लोकप्रिय हुई हैं। रीट की परीक्षा तिथि आगे बढऩे से परीक्षार्थियों में संजीव रीट पुस्तकों की मांग तेजी से बढ़ी है।संजीव रीट पुस्तकें पूरी तरह पाठ्यक्रम पर आधारित एवं पाठ्यक्रम के क्रम में हैं। संजीव प्रकाशन ने परीक्षार्थियों की सुविधा हेतु रीट भाषा विषय के लिए दोनों लेवल के लिए हिन्दी, संस्कृत एवं अंग्रेजी की पुस्तकें अलग अलग तथा साथ ही सम्मिलित रूप से भी प्रकाशित की हैं जिन्हें परीक्षार्थी अपनी आवश्यकतानुसार खरीद सकते हैं।
संजीव रीट पुस्तकों की बड़ी विशेषता यह है कि इसमें प्रत्येक टॉपिक पर वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का विशाल संग्रह दिया गया है जिससे परीक्षार्थी को अलग से वस्तु निष्ठ प्रश्नों की पुस्तक खरीदने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। संजीव रीट पुस्तकों में गत वर्षों के प्रश्न-पत्र हल सहित दिए गए हैं। संजीव डी.एल.एड. व संजीव रीट पुस्तकों में सफलता हेतु आवश्यक सम्पूर्ण सामग्री का समावेश किया गया है।