कॉमर्स का कार्य

कॉमर्स – Commerce Kya Hai [Business Studies]
वाणिज्य – वस्तु के उत्पादन से लेकर उपभोक्ता तक पहुंचने के दौरान की सभी क्रियाएं वाणिज्य में शामिल होती हैं अर्थात वस्तु के उत्पादन कार्य उद्योग क्षेत्र में आते हैं तथा शेष क्रियाएं वाणिज्य में आती हैं मुझे लगता है की आपको commerce kya hai इसके बारे में पता लग गया होगा
वाणिज्य को दो भागों में बांटा गया है
व्यापार – क्रय विक्रय की क्रियाएं व्यापार कहलाती हैं
व्यापार की सहायक क्रियाएं – व्यापार को सुचारू रूप से निर्बाध गति से चलाने के लिए सहायक होती हैं मुझे लगता है की आपको commerce ke prakar के बारे में पता लग गया होगा
व्यापार दो प्रकार का होता है
देसी व्यापार या घरेलू व्यापार – जब क्रेता और विक्रेता एक ही देश से संबंधित हो तो उसे देसी व्यापार कहते हैं इसे तीन भागों में बांटा है
- स्थानीय स्तर पर व्यापार ( Locally T raded )
- राज्य स्तर पर व्यापार ( State level business )
- राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार (N ational L evel Business)
विदेशी व्यापार ( Foreign trade )
जब क्रेता और विक्रेता दो अलग-अलग देशों के हो तो उसे विदेशी व्यापार कहते हैं उन्हें तीन भागों में बांटा गया है
- आयात व्यापार ( Import T rade )
- निर्यात व्यापार ( Export T rade )
- पुनःनिर्यात व्यापार ( Re-export T rade )
पुनःनिर्यात व्यापार (Re-export Trade)
जब कोई देश दूसरे देश में वस्तु मंगवा कर उस वस्तु को पुनः दूसरे देश को बेच दिया जाता है तो इसे पुनः निर्यात व्यापार कहते हैं
Ex – भारत में अमेरिका से दो लड़ाकू विमान क्रय किए अर्थात आयात किया और भारत और लड़ाकू विमानों को पुणे श्रीलंका को बेच देता है अर्थात निर्यात कर देता है तो इसे पुनः निर्यात व्यापार कहते हैं
जोखिम – यह अनिश्चितता का परिणाम है अनिश्चितता तीन प्रकार की होती है
मानवीय अनिश्चितता – चोरी , डकैती , लूटमार , हड़ताल , तालाबंदी
व्यवसायिक अनिश्चितता – वस्तु की मांग में कमी आना , वस्तु के मूल्य में भारी गिरावट होना , वस्तु का फैशन या चलन से बाहर हो जाना
प्राकृतिक अनिश्चितता – प्रकृति के कारण भूकंप आना , अकाल पढ़ना , हिमपात होना
जोखिम से बचा नहीं जा सकता क्योंकि जोखिम का संबंध भविष्य से है हां जोखिम को कम किया जा सकता है जोखिम की मात्रा व्यवसाय के आकार पर निर्भर करती है बड़ा व्यवसाय उद्योग होने पर ज्यादा जोखिम होता है वह छोटा व्यापार या उद्योग होने पर कम जोखिम होता है जोखिम का प्रतिफल लाभ होता है
जोखिम की मात्रा व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर करती है
फैशन से संबंधित वस्तुओं का व्यवसाय करने वालों को ज्यादा जोखिम होती है क्योंकि फैशन में बदलाव जल्दी-जल्दी होता है
इस लेख को Class 11th business studies के लिए बनाया गया है यहा आपको मैंने commerce kya hai, commerce ke prakar, Jokhim kya hai, bst 11th class notes आदि के बारे में बताया है यदि यह लेख आपको अच्छा लगा है तो आप इसे शेयर कर सकते है व आपके मन में इस लेख से सम्बंधित किसी भी तरह का सवाल है तो आप निचे दिए गये कमेंट बॉक्स में कमेंट के माध्यम से हमसे पूछ सकते है मैं आपके द्वारा पुछे गये सवाल का जबाब देकर आपकी सहायता जरुर करूँगा आप अन्य इ टॉपिक्स जैसे Business Studies notes Udyog Kya Hai Regulating ACT 1773 in Hindi आदि को भी पढ़ सकते है
PU Student Election: ABVP ने कॉमर्स कॉलेज में चलाया जनसम्पर्क अभियान, बताई जीत के बाद अपनी प्राथमिकता
पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव को लेकर सभी प्रत्याशी जोर- शोर से तैयारी में जुटे हुए हैं. सभी प्रत्याशी लगातार जनसम्पर्क अभियान चला रहे हैं. वहीं, कॉमर्स कॉलेज में ABVP के उम्मीदवारों ने जनसम्पर्क अभियान चलाया. छात्रों को जीत के बाद अपनी प्रथमिकता बताई.
पटना. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की तिथि जैसे जैसे नजदीक आ रही है. वैसे- वैसे सरगर्मी तेज हो गई है. सभी प्रत्याशी चुनाव- प्रचार में जुट गए हैं. वहीं, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने अपने उम्मीदवारों के साथ वाणिज्य महाविद्यालय में मतदाताओं के बीच जनसम्पर्क किया. जनसम्पर्क करते हुए अभाविप ने छात्रों को वोट करने की अपील की. वहीं, इस दौरान अभाविप के उम्मीदवारों ने कहा कि छात्र कल के नहीं बल्कि आज के नागरिक हैं.
'समस्याओं के निवारण के लिए पूरे वर्ष उपस्थित रहते हैं'
अभाविप के उम्मीदवारों ने कहा कि हम छात्रों की समस्याओं के निवारण के लिए पूरे वर्ष उपस्थित रहते हैं. अभाविप एक संगठित छात्र शक्ति का परिचायक है. कोरोना काल के दौरान हुए लॉकडॉउन में अभाविप ने विपरीत परिस्थितियों में असहाय पीड़ितों को मदद करने का काम किया है. अभाविप का मूल उद्देश्य राष्ट्र का पुनर्निर्माण करना है. पटना विवि के इतिहास को पुनः लौटा कर हम यह कार्य कर सकते हैं.
अभाविप के जनसम्पर्क में रहे ये
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पटना विवि, सेंट्रल पैनल से अध्यक्ष प्रगति राज, उपाध्यक्ष प्रतिभा कुमारी, महासचिव बिपुल कुमार, संयुक्त सचिव रविकरण कुमार, एवं कोषाध्यक्ष उम्मीदवार वैभव इस जनसम्पर्क अभियान में मौजूद रहे. वहीं, जनसम्पर्क के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने एक स्वच्छ परिसर, ससमय सेशन, तकनीक चेतना से युक्त परिसर, सुरक्षित माहौल प्रदान करने की बात कही.
जीत से विश्वविद्यालय के विकास को मिलेगी गति - ABVP
परिषद के उम्मीदवारों ने पटना विश्वविद्यालय के छात्रावासों के सुविधा बढ़ाने, तकनीकी रूप से मजबूत करने एवं विकास, विश्वविद्यालय में स्वच्छ माहौल निर्माण करने, सेशन ससमय करने, शोध, नवाचार बढ़ाने, छात्राओं से सम्बंधित सभी सुविधा देने, यातायात सुविधा प्रारम्भ कराने आदि विषयों पर मतदाताओं से वोट मांगा. उम्मीदवारों ने बताया कि छात्र एवं राष्ट्रहित में समर्पित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ज्ञान, शील और एकता के नारे के साथ चलने वाला एक मात्र राष्ट्रवादी छात्र संगठन है. विद्यार्थी परिषद् का मानना रहा है कि छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है. इसलिए छात्रसंघ चुनाव में छात्र प्रतिनिधि जीत कर आएंगे तब विश्वविद्यालय के विकास को गति मिलेगी.
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व्यवसायी हित में कार्य करता रहेगा पूर्णिया चेम्बर ऑफ कॉमर्स
पूर्णिया। हिन्दुस्तान संवाददाता पूर्णिया चेम्बर ऑफ कॉमर्स के निवर्तमान महासचिव नीरज खेमका ने कहा कि पूर्णिया चेम्बर.
पूर्णिया। हिन्दुस्तान संवाददाता
पूर्णिया चेम्बर ऑफ कॉमर्स के निवर्तमान महासचिव नीरज खेमका ने कहा कि पूर्णिया चेम्बर ऑफ कॉमर्स का चुनाव सर्वसम्मति एवं साहर्दपूर्ण माहौल में हो जिसमें अध्यक्ष एवं महासचिव का चुनाव कर लिया जाए। जिससे चेम्बर की नई टीम सभी के अपेक्षा में खरा उतरकर नई ऊर्जा के साथ व्यवसायियों के हित में अपना कार्य कर सकेंगे।
नीरज खेमका ने बताया कि चेंबर कि नयी टीम को विरासत में जिले के चेम्बर ऑफ कॉमर्स को अपना चेम्बर भवन मिलेगा। विदित हो कि नीरज खेमका चेम्बर ऑफ कॉमर्स के महासचिव पद से चार दिसंबर 2020 को ही इस्तीफा दे दिया है। चेम्बर के अध्यक्ष स्व. जगतलाल वैश्यन्त्री के कुछ माह पूर्व असामयिक निधन के कारण एवं महासचिव पद से इस्तीफा देने के बाद से ही चेम्बर का चुनाव के लिए सुगबुगाहट चालू हो गई थी। चेम्बर के नए सिरे से चुनाव के लिए 10 फरवरी को बैठक की गई एवं 28 फरवरी को चेम्बर की नई टीम की घोषणा का निर्णय लिया गया। निवर्तमान महासचिव नीरज खेमका ने स्वेच्छा से चेम्बर की बनने वाली नई कमेटी से अपने को अलग रखने का निर्णय लिया। नीरज खेमका पूर्णिया चेम्बर ऑफ कॉमर्स में लगातार छह साल से महासचिव पद पर रहे हैं। उन्होंने अध्यक्ष डी एन चौधरी एवं स्व. जगतलाल वैश्यन्त्री के साथ कार्य करते हुए समय-समय पर जिला प्रशासन पूर्णिया एवं वाणिज्य कर विभाग के साथ मिलकर चेम्बर का कई कार्य करने में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। पूर्णिया चेम्बर ऑफ कॉमर्स का चेम्बर भवन का निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई।
Department of Commerce
The Department of commerce is the nodal agency for formulation of policies for increasing the export of the country in various commodities. The mandate of the Department of Commerce is regulation, development and promotion of India’s international trade and commerce through formulation of appropriate
international trade & commercial policy and implementation of the various provisions thereof. The basic role of the Department is to facilitate the creation of an enabling environment and infrastructure for accelerated growth of international trade. The Department formulates, implements and monitors the Foreign Trade Policy which provides the basic framework of policy and strategy to be followed for promoting exports and trade. The Trade Policy is periodically reviewed to incorporate changes necessary to take care of emerging economic scenarios both in the domestic and international economy. Besides, the Department is also entrusted with responsibilities relating to multilateral and bilateral commercial relations, Special Economic Zones, state trading,
export promotion & trade facilitation, and development and regulation of certain export oriented industries and commodities.
जलवायु कॉमर्स का कार्य परिवर्तन को रोकने में कमजोर पड़ रही हैं अमेज़ॅन, फ्लिपकार्ट सहित छह बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां
नई दिल्ली : कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में बड़ी ई कॉमर्स कंपनियों ने महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की है। अपने उत्पाद और खाद्य सामग्री को उपभोक्ता तक सीधे पहुंचाने के लिए इनके डिलिवरी वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई, कॉमर्स का कार्य विशेषकर टियर-1 और टियर-.2 शहरों में। हाल ही में जारी एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार ई कामर्स में इस वृद्धि के कारण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, वायु प्रदूषण और सड़कों पर भीड़भाड़ में वृद्धि हुई है।
ये निष्कर्ष हाल में ही संपन्न हुए इंटरनेशनल कान्फ्रेन्स ऑन क्लाइमेट चेन्ज (कॉप26) के संदर्भ में और महत्वपूर्ण हो जाते हैं जहां भारत ने 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने का वादा किया है।
डच शोध संस्था द सेंटर फॉर रिसर्च ऑन मल्टीनेशनल कॉरपोरेशन. स्टिचिंग ओन्डरज़ोएक मल्टीनेशनेल ओन्डर्नमिंगन (सोमो) की एक रिपोर्ट पैकेट डिलिवरी से गरमाती धरती को स्टैण्ड अर्थ और असर ने कमीशन किया है।
अर्बन मूवमेंट इनोवेशन यूएमआई द्वारा वित्तपोषित इस शोध में छह सबसे बड़ी ई कॉमर्स और लॉजिस्टिक कंपनियों को शामिल किया गया था। ये कंपनियां हैं, अमेजॉन, वालमार्ट, फ्लिपकार्ट, यूपीएस, डीएचएल और फेडएक्स। इन कंपनियों पर शोध से स्पष्ट प्रमाण मिला है कि ये सभी कंपनियां वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री तक कम करने में सहयोग करने से पूरी तरह विफल साबित हुई हैं। ये कंपनिया आगे कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए क्या उपाय करने जा रही हैं इसका भी खाका प्रस्तुत करने में असफल रहीं हैं।
शोध के मुताबिक ऐसे समय में जब सभी कंपनियों तथा स्थापित ब्रांड द्वारा वैश्विक तापमान को 1.5 डिग्री सेल्सियस कम करने के लिए शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में निर्णायक कार्य करना है तब ऐसे में सर्वेक्षण में शामिल कोई भी ई कॉमर्स कंपनी शून्य कार्बन उत्सर्जन की दिशा में जमीन पर कोई भी ठोस कार्य नहीं कर रही है। वालमार्ट इकलौती ऐसी कंपनी है जिसने अपने सभी प्रकार के कार्य संपादन में 2040 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है।
इस संबंध में सोमो के शोधकर्ता इलोना हर्टलिफ कहती हैं, “ज्यादातर कंपनियों ने अब जाकर इलेक्ट्रिक वाहनों का बेड़ा तैयार करना शुरू किया है। कंपनियों को समझना है कि अगर तय समय में शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को प्राप्त करना है तो उनको ये प्रयास तेज गति से करना होगा”।
अध्ययन में कहा गया है कि केवल फ्लिपकार्ट ने 2030 तक और फेडएक्स ने 2040 तक आखिरी बिन्दु तक वितरण वाहनों को बैटरी चालित वाहनों में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है, जबकि डीएचएल ने अपने 60 प्रतिशत वाहनों को ई वाहन में परिवर्तित करने का संकल्प किया है। अमेजन ने जहां 2040 तक सभी आखिरी बिन्दु तक वितरण करनेवाले वाहनों को ई वाहन में परिवर्तित करने का निर्णय लिया है तो यूपीएस ने इस बारे में अभी कोई निर्णय नहीं लिया है।
अध्ययन में पाया गया कि फ्लिपकार्ट और अमेजन ने ये जरूर वादा किया है कि 2021 के अंत तक वो अपने आखिरी वितरण बिन्दु तक क्रमशः 2000 और 1800 वाहनों को ई वाहनों में परिवर्तित कर देंगे लेकिन ई वाहनों के बारे में कंपनी के भीतर संपूर्ण परिदृश्य को लेकर इनकी ओर से कुछ नहीं कहा गया है। वालमार्ट की ओर से अभी केवल पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है और वर्तमान समय में उनके द्वारा कितने ई वाहनों का उपयोग किया जा रहा है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है।
गंगा तराई के क्षेत्र और लगभग समूचा उत्तर भारत इस समय जैसे वायु प्रदूषण का सामना कर रहा है या फिर दक्षिण के राज्यों में जिस तरह से अचानक बेमौसम बाढ आयी है या फिर भारत के कई शहरों में जिस तरह से बेमौसम बरसात हुई है उसे देखकर लगता है कि जलवायु परिवर्तन का असर दिखना शुरू हो गया है। मौसम में हो रहे इन असामयिक परिवर्तनों को देखते हुए कार्बन उत्सर्जन को करने के लिए तय लक्ष्यों के प्रति गंभीरता से कार्य करने की सख्त जरूरत है।
अध्ययन में इस बात पर जोर दिया गया है कि अगर जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटना है तो शहरों में तेजी से ई वाहनों के इस्तेमाल को बढावा दिया जाना चाहिए ताकि कम समय में ज्यादा से ज्यादा ई वाहनों को सड़क पर उतारा जा सके। इसमें लॉस एंजेल्स, लंदन और दिल्ली जैसे शहरों पर विशेष तौर पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है।
अध्ययन में दिल्ली के बारे में विशेष तौर पर कहा गया है कि जनसंख्या के मामले में दिल्ली विश्व में तेजी से विकसित होता शहर है लेकिन दिल्ली की वायु गुणवत्ता दुनिया के शहरों में सबसे खराब है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता को खराब करने में वाहनों का बड़ा हिस्सा है। दिल्ली के प्रदूषण में 38 प्रतिशत योगदान मोटर वाहन का है जिसमें ट्रक, ऑटोरिक्शा, दो पहिया वाहन, कार सभी शामिल हैं।
अध्ययन में पाया गया है कि दिल्ली जैसे शहरों में जहां पहले ही वाहनों की भारी भीड़ है अगर वहां ई कामर्स और अंतिम बिन्दु तक माल डिलिवरी करनेवाली कंपनियों की गतिविधियां बढती हैं तो इससे इन शहरों की समस्याएं और जटिल हो जाएगीं। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मुताबिक बढते ई कॉमर्स परिवहन से इन शहरों में सड़कों पर भीड़ भाड़ और स्थानीय प्रदूषण बढेगा जिसका सीधा असर जलवायु परिवर्तन पर होगा।
दिल्ली के साथ ही बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई और मुंबई जैसे भारत के बड़े शहरों में भी अमेजन और फ्लिपकार्ट का ई कामर्स व्यापार बढ रहा है। दुर्भाग्य से इन सभी शहरों की वायु गुणवत्ता पहले से ही खराब स्थिति में है। डीजल पेट्रोल आधारित वाहनों के जरिए ई कॉमर्स की बढती गतिविधि से इन शहरों की वायु गुणवत्ता और खराब ही होगी।
इस बारे में ‘असर’ से जुड़े सिद्धार्थ श्रीनिवास कहते हैं कि शहरों के स्थानीय निकाय और राज्य सरकारों को चाहिए की वो वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें। इसके लिए वो विभिन्न हितधारकों जैसे उपभोक्ता समूहों, नागरिक समूहों और वितरण कंपनियों को शामिल करके नीति और नियम बना सकते हैं ताकि ई कामर्स कंपनियों के जरिए होने वाले वितरण में शून्य कार्बन उत्सर्जन सुनिश्चित हो सके। इसके साथ ही कंपनियों को अपने वितरण व्यवस्था को भी पर्यावरण अनुकूल बनाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। सिद्धार्थ श्रीनिवास का कहना है कि आर्थिक और उर्जा सुरक्षा को प्राप्त करने के साथ-साथ ऐसे कॉमर्स का कार्य उपाय इस क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को भी व्यापक स्तर पर लाभ पहुंचाएंगे।
अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, डीएचएल, यूपीएस जैसी बड़ी ई कामर्स कंपनियों ने अगले पांच से दस साल में व्यापक स्तर पर ई वाहन खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अध्ययन में इस बात पर विशेष जोर दिया गया है कि जिस तरह से वर्तमान में इन ई कामर्स कंपनियों द्वारा बहुत सीमित मात्रा में ई वाहनों का इस्तेमाल किया जा रहा है उसे देखते हुए इन कंपनियों को तेजी से ई वाहनों के प्रयोग को बढावा दिया जाना चाहिए। भविष्य में जिस तरह से ई कामर्स की बढत की संभावना जताई जा रही है, उसे देखते हुए इन छह कंपनियों द्वारा ई वाहनों के इस्तेमाल को भी बढावा दिये जाने की जरूरत है।
नेचुरल रिसोर्स डिफेन्स प्रोग्राम, इंडिया के सलाहकार और एयर क्वालिटी एण्ड क्लाइमेट रिलायंस के प्रमुख पोलाश मुखर्जी का कहना है कि आईसीई सहयोगियों के साथ टीसीओ समानता को देखते हुए आखिरी केन्द्र तक सामान वितरण के लिए ई वाहनों का इस्तेमाल जरूरी है। भारतीय शहरों में हवा की खराब गुणवत्ता को देखते हुए ये जरूरी है कि ई कॉमर्स और वितरण कंपनियां कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए ई वाहनों का तत्काल इस्तेमाल शुरू कर दें। ये रिपोर्ट हमें बताती है कि हमें महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय करने होंगे और उन लक्ष्यों के प्रति पारदर्शिता से तत्काल काम करना होगा।
इन्वॉयरनिक्स ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी श्रीधर राममूर्ति का कहना है कि पार्सल वितरण कंपनियों के व्यापार में कोविड काल में असाधारण वृद्धि हुई है। यह पहले ही कार्बन उत्सर्जन में चिंताजनक बढ़ोत्तरी कर चुका है जिसे कम करना मुश्किल है। ऐसे में ई वाहनों और ग्रीन वाहनों के जरिए पार्सल तथा पैकेट वितरण कॉमर्स का कार्य कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए जरूरी है। शहरी जनसंख्या के द्वारा जिस तरह से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में वृद्धि हो रही है उसे कम करने के लिए ई कामर्स कंपनियों को ग्रीन परिवहन को अपनाना ही होगा। इस लिहाज से सोमो रिपोर्ट कंपनियों और नागरिक समाज के लिए एक सराहनीय प्रयास है।