विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण

बता दें कि, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से देश में लागू लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों के लिए रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को रेपो दर में 75 बेसिक पॉइंट यानी कि 0.75 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 4.4 फीसदी कर दिया. इससे पहले रेपो दर 5.15 फीसदी पर थी.
चीन का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से खत्म हो रहा है, उसकी गिरती विश्वसनीयता से भी कई गुना तेज
विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और ग्लोबल फैक्ट्री का तमगा लिए बैठी चीनी अर्थव्यवस्था तेजी से पतन की ओर उन्मुख है। चीन में ऊर्जा संकट बहुत अधिक बढ़ गया है, साथ ही चीन के ऊपर ऋण भी बहुत अधिक बढ़ चुका है। अपने ऊर्जा संकट और कर्ज के बोझ से छुटकारा पाने के लिए चीन अपने फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स (विदेशी मुद्रा भंडार) को खर्च करने पर मजबूर है।
चीन के पास विश्व का सबसे बड़ा फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व है और उसके आर्थिक प्रभुत्व का एक महत्वपूर्ण कारण फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व ही है। सितंबर माह में चीन के फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व्स में 31.5 बिलियन डॉलर की कमी आई है, वर्तमान में चीन के पास 3.2006 ट्रिलियन डॉलर फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व है।
चीन के लिए उसका विदेशी मुद्रा भंडार इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन खनिज संसाधनों के मामले में बहुत समृद्ध देश नहीं है। विशेष रुप से अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए चीन पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर है। चीन अपने विदेशी मुद्रा भंडार का एक बड़ा हिस्सा कोयला, तेल और नेचुरल गैस खरीदने में खर्च करता है।
श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार ढहा, 420 रुपये पेट्रोल तो 400 रुपये लीटर बिक रहा है डीजल
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था डांवाडोल है. विदेशी मुद्रा भंडार ढह गया है. देश राजनीतिक संकट के साथ ही आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है. देश में खाद्यान संकट के साथ जरूरी चीजों की कमी से जूझ रहा है. चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं. श्रीलंका ने मंगलवार को पेट्रोल की कीमतों में 24.3 प्रतिशत और डीजल की कीमतों में 38.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी की. श्रीलंका विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, जिसके चलते यह बढ़ोतरी की गई.
पड़ोसी देश में 19 अप्रैल के बाद ईंधन कीमतों में यह दूसरी बढ़ोतरी है. इसके साथ ही सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले ऑक्टेन 92 पेट्रोल की कीमत 420 रुपये (1.17 डॉलर) प्रति लीटर और डीजल की कीमत 400 रुपये (1.11 डॉलर) प्रति लीटर होगी, जो अब तक का उच्चतम स्तर है.
विदेशी मुद्रा भंडार में 12 अरब डॉलर की कमी आई: विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण रिजर्व बैंक आंकड़े
पिछले छह महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई पहली गिरावट है. इससे पहले 20 सितंबर, 2019 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई थी. The post विदेशी मुद्रा भंडार में 12 अरब डॉलर की कमी आई: रिजर्व बैंक आंकड़े appeared first on The Wire - Hindi.
पिछले छह महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई पहली गिरावट है. इससे पहले 20 सितंबर, 2019 को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई थी.
मुंबई: रुपये की गिरावट को रोकने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा निरंतर डॉलर की आपूर्ति होने से 20 मार्च को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 11.98 अरब डॉलर की भारी गिरावट के साथ 469.909 अरब डॉलर रह गया.
तेजी से फैलते कोरोना वायरस विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण को लेकर अनिश्चितताओं के बीच विदेशी निवेशकों ने घरेलू इक्विटी और ऋण बाजार से धन निकासी जारी रखा जिससे 23 मार्च को रुपया 76.15 रुपये प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर को छू गया था.
गत सप्ताह, देश का विदेशीमुद्रा भंडार 5.346 अरब डॉलर घटकर 481.89 अरब डॉलर रह गया था. यह पिछले छह महीनों में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में आई पहली गिरावट है.
Forex Reserve : देश के विदेशी मुद्रा भंडार में 10 अरब की कमी, जानिए विदेशी मुद्रा भंडार कमी का कारण रिजर्व बैंक के खजाने में कितना पैसा?
डॉलर में व्यक्त विदेशी मुद्रा भंडार में रखी गई विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में मुद्रास्फीति के प्रभाव या यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं के अवमूल्यन शामिल हैं। समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान सोने का भंडार 1.5 1.522 अरब बढ़कर 43 43.842 अरब हो गया।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अनुसार शुक्रवार को 11 मार्च को समाप्त सप्ताह के लिए देश का विदेशी मुद्रा भंडार 9.9.646 अरब घटकर 22 622.275 अरब रह गया। 4 मार्च को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 394 मिलियन बढ़कर 63 631.92 बिलियन हो गया। 3 सितंबर, 2021 को समाप्त पिछले सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2 642.453 बिलियन के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। शुक्रवार को जारी आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में कमी के कारण हुई। दांव लगाना।
विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 544.72 अरब डॉलर हुआ
मुंबई, एजेंसी। देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के रुख को पलटते हुए 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह में यह 14.72 अरब डॉलर बढ़कर 544.72 अरब डॉलर पर पहुंच गया। यह अगस्त 2021 के बाद सबसे तेज वृद्धि है। चार नवंबर को यह 529.99 अरब डॉलर के स्तर पर था। हालांकि, मार्च के बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में 110 अरब डॉलर से अधिक की गिरावट आई है। वैश्विक अस्थिरता के बीच आरबीआई द्वारा रुपये को सहारा देने के चलते यह कमी हुई।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 11.8 अरब डॉलर बढ़कर 482.53 अरब डॉलर हो गईं। स्वर्ण भंडार का मूल्य 2.64 अरब डॉलर बढ़कर 39.70 अरब डॉलर रहा। इससे पहले 21 अक्तूबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 117.93 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर रहा था। आरबीआई ने सितंबर में शुद्ध आधार पर 10.36 अरब डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्रा की बिक्री की है। सितंबर में डॉलर के मुकाबले रुपया 79.5 के भाव से गिरकर 81.5 पर आ गया। अक्तूबर में यह 83.29 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक गिर गया था। इसके बाद 21 अक्तूबर से 11 नवंबर के बीच रुपया 2.3 प्रतिशत चढ़ा और शुक्रवार को 10 पैसे गिरकर 81.74 पर बंद हुआ।