जोखिम रणनीति

नई दिल्ली, अरुण कुमार। मानव शरीर को लगातार काम करने के लिए विविध और संतुलित आहार की जरूरत पड़ती है। इस संतुलित आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, विटामिन और खनिज जैसे पोषक तत्व शामिल होते हैं। हालांकि, आहार में प्रत्येक पोषक तत्व की संरचना व्यक्तियों की जरूरतों और आवश्यकताओं के आधार पर अलग-अलग होती है। हमारे शरीर की तरह, हमारा म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो भी विभिन्न परिसंपत्ति वर्गों में अच्छी तरह से बंटा हुआ या विविधतापूर्ण होना चाहिए। इस प्रक्रिया को एसेट एलोकेशन (परिसंपत्ति आवंटन) कहते हैं।
जोखिम रणनीति
पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता। ट्रेडिंग जोखिमपूर्ण है।
पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता। ट्रेडिंग जोखिमपूर्ण है।
AUM:
Assets Under Management is the total amount of funds that a person manages on behalf of clients.
आंकडें
अधिकतम निकासी | 99.97% |
कुल ट्रेडिंग दिन | 515 |
लाभदायक दिन | 318 |
लाभहीन दिन | 197 |
औसत दैनिक जीत | +4.36% |
औसत दैनिक हार | -7.35% |
लेवरिज | 1:100 |
फ्री स्वैप करें | नहीं |
अनुमानित लाभ | 25% |
न्यूनतम जमा | 100$ |
पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता। ट्रेडिंग जोखिमपूर्ण है।
प्रतिमाह ट्रेडों की संख्या
कुल ट्रेड | |
लाभदायक | ( %) |
लाभहीन | ( %) |
औसत ट्रेड की लंबाई | |
लगातार जीत | |
सबसे बड़ी जीत (पिप्स) | |
औसत दैनिक ट्रेड |
स्टॉप लॉस के साथ सौदे | ( %) |
लाभ के साथ सौदे | ( %) |
बेचें | ( %) |
खरीदें | ( %) |
लगातार हार | |
सबसे बड़ी हार (पिप्स) | |
Max Simultaneous Open Trades |
आंकड़े प्रति इंस्ट्रूमेंट
पिछला प्रदर्शन भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं देता। ट्रेडिंग जोखिमपूर्ण है।
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- फॉरेक्स ट्रेडिंग कांटेस्ट
- रेफर ए फ्रेंड
- लाइसेंसधारी ब्रोकर
- फाईनेंशियल कमीशन का मुआवजा फंड
- नीतिगत वक्तव्य
- कूकी नीति
- जोखिम प्रकटन
- अकाउंट ओपन करने की सहमति
अपनी परिसंपत्ति आवंटन पर निर्णय लेना
परिसंपत्ति आवंटन के बारे में फैसला लेते समय मुख्य रूप से दो बातों पर विचार करना चाहिए। सबसे पहले, आपको अपने निवेश की समय सीमा तय करनी होगी। आपकी समय सीमा जितनी लंबी होगी, उतना ही अधिक आवंटन इक्विटी फंड्स में होगा।
फिर आपको अधिकतम अस्थायी गिरावट का पता लगाना होगा, जिसे आप अपने इक्विटी पोर्टफोलियो में संभाल सकते हैं। याद रखें, लगभग हर साल 10-20% की गिरावट होती है और प्रत्येक 7-10 साल में 30-60% की बड़ी गिरावट होती है। यदि आप उच्च तौर पर अस्थायी गिरावट को संभाल सकते हैं, तो आपका इक्विटी आवंटन अधिक हो सकता है। यदि नहीं, तो इक्विटी आवंटन कम होना चाहिए और उसके अनुसार आपके पोर्टफोलियो रिटर्न की उम्मीद भी कम होनी चाहिए। इस ट्रेड-ऑफ के आधार पर, आप इक्विटी और डेट के बीच अपने आदर्श परिसंपत्ति आवंटन (असेट एलोकेशन) को हासिल कर सकते हैं।
इक्विटी म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण
आप एक्टिव या पैसिव स्ट्रैटेजी के जरिए इक्विटी फंड्स में निवेश कर सकते हैं। जब एक्टिव फंड्स में निवेश करने की बात आती है, तो ज्यादातर निवेशक उन फंड्स में आंख मूंद कर निवेश करने की सामान्य गलती करते हैं, जिसने पिछले एक साल में सर्वाधिक रिटर्न दिया है। हालांकि, लंबे समय में इसकी वजह से भारी रिटर्न नहीं मिल पाता है।
निवेश रिटर्न को मोटे तौर पर कुछ कारकों/शैलियों द्वारा समझाया जा सकता है। इनमें से पांच शैलियों ने ऐतिहासिक रूप से भारतीय संदर्भ में मजबूत बेहतर प्रदर्शन किया है, जिसमें गुणवत्ता, जीएआरपी (उचित मूल्य पर विकास), मूल्य, मध्य / छोटा और वैश्विक शामिल है। हालांकि इसमें एक खामी है। विभिन्न निवेश शैलियां या तरीके अलग-अलग समय पर अच्छा प्रदर्शन करती हैं।
हाल के दिनों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले फंड्स को ही चुनकर, आप एक या दो तरीकों पर केंद्रित पोर्टफोलियो के साथ अपना काम पूरा होने की उम्मीद रखते हैं। हालांकि जब ये तरीके काम नहीं करते हैं तो आपका पूरा पोर्टफोलियो सालों तक लंबी अवधि में खराब प्रदर्शन से गुजर सकता है। इसलिए शैलियों या तरीकों में विविधता लाना बेहतर तरीका होगा।
अपने डेट म्युचुअल फंड पोर्टफोलियो का निर्माण
अपने डेट पोर्टफोलियो का निर्माण करते समय, आपको दो जोखिमों - ब्याज दर जोखिम और क्रेडिट जोखिम पर ध्यान देना होगा। ब्याज दर जोखिम ब्याज दर में बदलाव के कारण आपके डेट पोर्टफोलियो में गिरावट का जोखिम है। लंबी अवधि वाले डेट फंड कम अवधि वाले लोगों की तुलना में ब्याज दर में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। इसलिए, डेट फंड्स में निवेश करने के लिए आपको उस ब्याज दर के माहौल की थोड़ी समझ होनी चाहिए, जिसमें आप मौजूद हैं।
इसके बजाय, आसान विकल्प यह होगा कि आप छोटी अवधि के फंड में बने रहें। क्रेडिट जोखिम वह जोखिम है, जिसमें मौजूदा बॉन्ड जारी करने वाला उसे वापस खरीदने की क्षमता में नहीं होगा। डेट फंड के क्रेडिट प्रोफाइल की जांच करें और उन फंडों में निवेश करें जिनकी क्रेडिट गुणवत्ता उच्च है, यानी मुख्य रूप से एएए रेटिंग वाले डेट पेपर में निवेश करें। कहने का मतलब है कि कम अवधि और उच्च क्रेडिट गुणवत्ता वाले डेट फंड को चुनें।
गोल्ड के लिए आवंटन
कई निवेशकों का पहले से ही अपने निजी आभूषणों के जरिए सोने या गोल्ड में निवेश है। म्युचुअल फंड के जोखिम रणनीति माध्यम से सोने में किया गया अतिरिक्त निवेश ओवरवेट हो सकता है। जिन निवेशकों का फिजिकल गोल्ड में ज्यादा निवेश नहीं है, वे अपने पोर्टफोलियो का 15% तक गोल्ड फंड में निवेश कर सकते हैं।
अपना असेट एलोकेशन (परिसंपत्तियों में आवंटन) तय करते समय अपनी समय सीमा और जोखिम सहने की क्षमता पर विचार करें। आदर्श रूप से, इक्विटी और डेट फंड को आपके पोर्टफोलियो का केंद्र होना चाहिए। इक्विटी फंड निवेश के लिए, आप 5 फिंगर फ्रेमवर्क जैसी विविध सक्रिय रणनीति अपना सकते हैं या आप एक पैसिव रणनीति का विकल्प चुन सकते हैं। डेट फंड निवेश के लिए, उन फंड्स के साथ रहना बेहतर होता है जिनकी अवधि कम होती है और क्रेडिट गुणवत्ता काफी बेहतर होती है।
एशिया-प्रशान्त: जटिल संकटों से निपटने के लिये कारगर रणनीति का आहवान
एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के लिये संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवँ सामाजिक आयोग (UNESCAP) की एक समिति की बैठक में देशों की सरकारों से बीमारियों, आपदाओं व जलवायु परिवर्तन के तिहरे संकटों से निपटने के लिये प्रयासों में तेज़ी लाने का आहवान किया गया है.
थाईलैण्ड की राजधानी बैन्कॉक में आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर गठित समिति के सातवें सत्र की बैठक में आगाह किया गया है कि क्षेत्र में स्थित देश, आपस में जुड़े हुए संकटों का सामना कर रहे हैं.
बढ़ते जोखिम
इसी सत्र के दौरान, Asia-Pacific Disaster Report 2021, शीर्षक वाली रिपोर्ट को जारी किया है, जो दर्शाती है कि कोविड-19 महामारी और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से एशिया-प्रशान्त क्षेत्र के लिये आपदाओं का जोखिम बढ़ रहा है.
बीमारी, आपदा और जलवायु परिवर्तन का तिहरा ख़तरा ना सिर्फ़ विकट मानवीय परिस्थितियों की वजह बन रहा है, बल्कि इससे व्यापक पैमाने पर आर्थिक नुक़सान भी हो रहा है.
फ़िलहाल, वार्षिक आपदा-सम्बन्धी आर्थिक हानि को औसतन 780 अरब ड़ॉलर आंका गया है. अगर हालात इससे भी बदतर होते हैं तो यह आँकड़ा बढ़कर दोगुना, लगभग 1400 अरब डॉलर तक पहुँच सकता है.
इसके मद्देनज़र, प्राकृतिक व जैविक जोखिमों को ध्यान में रखते हुए पहले से ही एक किफ़ायती, मुस्तैद रणनीति तैयार किये जाने पर बल दिया गया है.
इसके लिये 270 अरब डॉलर की वार्षिक धनराशि का अनुमान लगाया गया है.
कार्यक्रम
प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) संस्थान का एक प्रमुख कार्यकलाप है । वर्ष 1963 में इसकी स्थापना से परिकल्पना की गई थी कि आईआईएफटी अन्तरराष्ट्रीय व्यवसाय में कार्यपालक विकास कार्यक्रम के लिए एक उत्कृष्टत केन्द्र बनना चाहिए । आज इसके 50 वर्ष पूरे होने के बाद यह एक ज्ञान स्रोत प्रभाग के रूप में उभरा है जो भारत और विदेश दोनों स्थानों पर कॉरपोरेट, सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों से सभी स्तरों पर प्रबंधकों और कार्यपालकों की जरूरतें पूरी कर रहा है ।
एमडीपी का उद्देश्य, प्रतिभागियों को अनुभवी संकाय और साथी प्रतिभागियों की नई अन्तरदृष्टि के साथ अन्योन्यक्रिया करने और विचारों के आदान-प्रदान का एक उत्तम अवसर प्रदान कराना है और अवधारणाओं को बेहतर निर्णय निर्माण में बदलने में मदद करना है । यह व्यवसाय कार्यपालकों के लिए ज्ञान के नए क्षेत्रों का पता लगाने, अपनी दक्षताओं में निपुणता लाने में भी सुविधाएं प्रदान करता है तथा उनके संगठनों को नई ऊँचाइयां प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है ।
कोविड-19 की टीकाकरण रणनीति में, स्वास्थ्यकर्मियों और वृद्धजन को प्राथमिकता देने के लिये संशोधन
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को कहा है कि कोविड-19 से निपटने की वैक्सीन का दुनिया भर में टीकाकरण होना वैसे तो, इतिहास में सबसे त्वरित गति का अभियान रहा है, मगर अब भी जोखिम रणनीति दुनिया भर में बहुत से लोग, इस बीमारी के जोखिम से महफ़ूज़ नहीं हैं. संगठन ने शुक्रवार को एक संशोधित टीकाकरण रणनीति की घोषणा भी की है.
नई योजना के तहत स्वास्थ्यकर्मियों और कमज़ोर स्वास्थ्य परिस्थितियों वाले लोगों के समूहों की 100 प्रतिशत संख्या का टीकाकरण कराने को प्राथमिकता दी गई है, जिनमें वृद्धजन और दीर्घकालीन स्वास्थ्य समस्याओ का सामना कर रहे लोग भी शामिल हैं.
व्यापक दायरे वाले लाभ
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस ऐडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “जहाँ 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण किये जाने का लक्ष्य हासिल भी कर लिया गया है, वहाँ भी स्वास्थ्य कर्मियों, वृद्धजन और जोखिम का सामना कर रहे अन्य समूहों की महत्वपूर्ण संख्या को अब भी टीके नहीं लगे हैं. ऐसे में मौतें होना जारी रहेगा, स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव रहेगा और वैश्विक पुनर्बहाली ख़तरे में पड़ेगी.”
उनका कहना है, “सर्वाधिक जोखिम का सामना करने वाले लोगों व समूहों का टीकाकरण किया जाना ही, ज़िन्दगियाँ बचाने, स्वास्थ्य प्रणालियों के संरक्षण और समाजों व अर्थव्यवस्थाओं को खुला रखने का सर्वश्रेष्ठ रास्ता है.”
संवर्धित रणनीति में, इन प्राथमिकता वाले समूहों के टीकाकरण में प्रगति को मापने के उपायों की ज़रूरत पर ज़ोर दिया गया है.
निवेश और संवर्धन
संवर्धित वैक्सीन्स के विकास में तेज़ी लाना और वायरस से संक्रमण फैलाव में व्यापक कमी लाने के लिये वैक्सीन की समान उपलब्धता सुनिश्चित करना, एक शीर्ष प्राथमिकता है.
मौजूदा वैक्सीन एक तरफ़ तो गम्भीर बीमारी और मौतों को रोकने के लिये विकसित की गई हैं, और उनकी बदौलत लाखों – करोड़ों लोगों की ज़िन्दगियाँ बचाई जा सकी हैं, मगर ये वैक्सीन संक्रमण
फैलाव को नहीं कम कर सकी हैं.
यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने ज़ोर देकर कहा है कि कोरोनावायरस अब भी व्यापक रूप में फैल रहा है, और इसके नवीन व ख़तरनाक वैरिएण्ट भी उभर रहे हैं, इसलिये वैक्सीन दिये जोखिम रणनीति जाने के और ज़्यादा प्रभावशाली व आसान रास्ते तलाश करने के लिये, शोध व विकास कार्यों में और ज़्यादा संसाधन निवेश करते रहना बहुत अहम है. इनमें नाक के ज़रिये वैक्सीन दाख़िल करने वाले nasal spray जैसे उत्पाद भी शामिल हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ अन्य महत्वपूर्ण कार्रवाइयों की भी पुकार लगाई है जिनमें वैक्सीन निर्माण सुविधाओं का सभी क्षेत्रों में समान वितरण सुनिश्चित करना भी शामिल है.