शेयर बाजार में लाभ के टोटके

इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है

इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है
यहां तक ​​कि उन्नत उपकरणों वाले अनुभवी पेशेवर (Expert) भी बाजार के उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी करने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे समय होते हैं जब सभी तकनीकी कारक (Factors) बुल मार्केट को दर्शाते हैं; हालाँकि, अभी भी गिरावट हो सकती है. ये कारक केवल सांकेतिक हैं और कोई गारंटी नहीं देते हैं. यदि बाजार आपकी अपेक्षाओं के विरुद्ध चलता है, तो भारी नुकसान से बचने के लिए अपनी स्थिति से बाहर निकलना महत्वपूर्ण है.

Intraday trading tips in hindi : इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

Hello friends, कैसे हैं आप? आशा करता हूँ आप सभी अच्छे होंगे. Aryavarta Talk – hindi me jaankari में आपका स्वागत है. यह वेबसाइट आप लोगों जैसे जिज्ञाषु readers के लिए ही समर्पित है, जहाँ पर आप रोजाना कुछ नया सीखते हैं. आज का हमारा विषय है Intraday trading tips in hindi : इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

आपलोगों ने शेयर मार्केट के बारे में जरुर सुना होगा. शेयर मार्केट में पैसा कमाने के लिए लोगों को लम्बा इन्तिज़ार करना पड़ता है. महीनो तक invest करना पड़ता है. लोगों के बीच यह अवधारणा बनी हुई है कि पैसा कमाने के लिए लम्बा इंतिजार करना पड़ता है. किन्तु share market में कम समय में भी कमाई करने का option है.

Intraday trading से हो सकती है एक ही दिन में कमाई, समझिये हमारे साथ क्या है इंट्रा डे ट्रेडिंग का पूरा process. आप हर रोज शेयर खरीद या बेंचकर कमा सकते हैं – पैसे.

Intraday trading tips in Hindi

किसी कंपनी के शेयर को एक इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है ही दिन में खरीद कर बेच देना Intraday trading कहलाता है. इस प्रक्रिया में सुबह पैसा लगाकर शाम को कमाई की जा सकती है. ऐसा माना जाता है कि यहाँ मुनाफा त्वरित और आसानी से कमाया जा सकता है. इंट्राडे ट्रेडिंग में जिस दिन आपने शेयर ख़रीदा उसी दिन आपको वह शेयर market बंद होने से पहले बेचना होता है या तकनिकी भाषा में कहें तो स्क्वायर ऑफ करना होता है.

Intraday trading का उद्देश्य निवेश करना नहीं होता है बल्कि लाभ कमाना होता है. यहाँ शेयर्स खरीदने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना चाहिए. एक बात आपको ज्ञात होनी चाहिए कि शेयर्स बाज़ार में निवेश करने के लिए Demat account के साथ – साथ ट्रेडिंग अकाउंट भी होना जरुरी है. ट्रेडिंग अकाउंट ब्रोकर के जरिये खोला जाता है.

Intraday trading जोखिम भरा होता है ऐसा इसलिए क्योंकि आपके पास समय नहीं होता है. यहाँ हिसाब उसी दिन बराबर करना होता है चाहे फ़ायदा हो या नुकसान.

लाभ कैसे कमाया जाता है?

इंट्राडे ट्रेडिंग में आप शेयर खरीदकर उसी दिन जब शेयर का भाव ऊपर हो उस समय में बेंचकर लाभ कमा सकते हैं. किन्तु यहाँ जोखिम इस बात की होती है कि शेयर का भाव उसी दिन बढ़ेंगे या घटेंगे यह कोई नहीं कह सकता है. यहाँ अनुभव काम आती है. जब कोई निवेशक यहाँ निवेश करता है तो वह बाज़ार के उतार चढ़ाव पर हर वक़्त नज़र बनाये रखता है.

कहते हैं लालच बुरी बला है यह बात बिल्कुल यहाँ सटीक बैठती है. ज्यादातर निवेशक यहाँ लालच के कारण नुकसान उठाते हैं. यहाँ लाभ कमाने के लिए एक निवेशक को बाज़ार का तकनिकी ज्ञान के साथ – साथ बहुत सारे रिसर्च करने पड़ते हैं. इंट्राडे ट्रेडर्स और नियमित निवेशक में अंतर होता है.

  • सबसे पहले आप यह सुनिश्चित कर लें कि आप क्या करने जा रहे हैं क्योंकि यह जितना आसन लगता है उतना है नहीं.
  • इसके दोनों सकारात्मक और नकारात्मक पहलु होते हैं.
  • शुरुआत इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है करने से पहले प्लान बनाना आवश्यक है.
  • लाभ और हानि दोनों स्थितियों को ट्रैक करना सीखें.
  • ज्यादा liquidity वाले शेयर्स पर ध्यान दें ताकि किसी भी वक़्त उसे खरीदने और बेंचने के लिए इन्तिज़ार नहीं करना पड़े. ऐसे शेयर्स उपयुक्त मात्रा में मौजूद होते हैं.
  • वर्तमान बाज़ार के उतार – चढ़ाव के साथ आगे बढ़ें.
  • मंदी के समय में उन shares पर नज़र रखें जिन शेयर्स को निचे जाने की संभावना हो.
  • बाज़ार की चाल पकड़ने की कला सीखें इसके उतार और चढ़ाव से सीधे टक्कर न लें तो बेहतर होगा.
  • कीमतों की movement पर नज़र बनाये रखने के लिए इंट्राडे ट्रेडर्स के द्वारा चार्ट का इस्तेमाल किया जाता है. यह चार्ट आमतौर पर तकनिकी विश्लेषण करने में ट्रेडर्स की मदद करता है.
  • जोखिम को ध्यान में रखकर कूल व्यापारिक पूंजी का 2 या 3 प्रतिशत से ज्यादा जोखिम न उठायें. इसके लिए Stop Loss का उपयोग करें.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग का समय प्रातः 9:15 से शाम 3:30 बजे तक होती है.
  • जहाँ तक हो सके यहाँ trading पुख्ता जानकारी के आधार पर ही करें.
  • शुरुआत में trading को सिमित रखें, धैर्य से काम लें, भावनाओं में ना बहें.
  • दुनिया की ख़बरों से अवगत रहें, सीखते रहें और इसके बुनियादी नियम की ओर विशेष ध्यान दें.

इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स – Intraday Trading Tips in Hindi

रेगुलर शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिम भरा है. घाटे से बचने के लिए, विशेष रूप से शुरुआती लोगों के लिए, इस तरह के ट्रेडिंग की मूल बातें समझना महत्वपूर्ण है. इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको केवल उतनी ही राशि का निवेश करें जो की अगर डूब जाए तो आप उसे सह सके.

जब कोई निवेशक किसी एक शेयर को खरीदकर वह उस शेयर को उसी दिन मार्किट बंद होने से पहले बेच देता है तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है. इसमें आप एक ही दिन में लाखों रूपए भी कमा सकते हो और गवां भी सकते हो इसलिए आपको इसके बारे में अच्छी जानकारी होना काफी जरुरी है

नीचे दी गयी इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स से निवेशकों को सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी.

दो या तीन लिक्विड शेयर चुनें

इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडिंग समय के अंत से होने से पहले सभी शेयर्स को बेचना होता है. यही कारण है कि दो या तीन लार्ज-कैप शेयरों को चुनने की सिफारिश की जाती है जो अत्यधिक तरल अर्थात जिसमे ज्यादा पैसा लगा होता हैं. मिड-साइज़ या स्मॉल-कैप में निवेश करने से निवेशक को कम ट्रेडिंग वॉल्यूम के कारण इन शेयरों को रखना पड़ सकता है.

प्रवेश स्तर का मतलब है आप किसी शेयर को कितने price में खरीदना चाहते हैं और लक्ष्य मूल्य (Target Price) का अर्थ है आप उसी शेयर को कितने price पर बेचना चाहते हैं.

कोई भी शेयर खरीदने से पहले, आपको अपना प्रवेश स्तर (Entry Level) और लक्ष्य मूल्य (Target Price) निर्धारित करना होगा. शेयर खरीदने के बाद किसी व्यक्ति के मनोविज्ञान में बदलाव आना आम बात है. नतीजतन, आप कीमत में मामूली वृद्धि देखने पर भी बेच सकते हैं. इसके कारण, आप मूल्य वृद्धि के कारण उच्च लाभ का लाभ उठाने का अवसर खो सकते हैं.

कम प्रभाव के लिए स्टॉप लॉस का उपयोग करें

यदि शेयर कीमत एक निर्धारित सीमा से नीचे आती है तब स्टॉप लॉस का उपयोग शेयरों को स्वचालित (Automatic) रूप से बेचने के लिए किया जाता है, यह स्टॉक की कीमतों में गिरावट के कारण निवेशकों के लिए होने वाले नुकसान को कम इंड्राडे ट्रेडिंग क्या है करने में फायदेमंद है.

जिन निवेशकों ने शॉर्ट सेलिंग का इस्तेमाल किया है अगर शेयर की कीमत उनकी उम्मीदों से अधिक हो जाती है उनके लिए स्टॉप लॉस नुकसान को कम करता है. यह इंट्राडे ट्रेडिंग रणनीति यह सुनिश्चित करती है कि आपके निर्णय से भावनाएं समाप्त हो जाएं.

लक्ष्य पूरा होने पर अपना मुनाफा बुक करें

अधिकांश दिन व्यापारी भय या लालच से पीड़ित होते हैं. निवेशकों के लिए न केवल अपने घाटे में कटौती करना महत्वपूर्ण है, बल्कि लक्ष्य मूल्य (Target Price) तक पहुंचने के बाद अपना मुनाफा भी बुक करना है. यदि व्यक्ति को लगता है कि स्टॉक की कीमत में और बढ़ोतरी की संभावना है, तो इस उम्मीद से मेल खाने के लिए स्टॉप लॉस ट्रिगर को फिर से adjust किया जाना चाहिए.

निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी इच्छा सूची (जो शेयर खरीदना हैं) में 8 से 10 शेयरों को शामिल करें और इन पर गहराई से शोध करें. कॉर्पोरेट घटनाओं, जैसे विलय, बोनस तिथियां, स्टॉक विभाजन, लाभांश भुगतान इत्यादि के बारे में उनके तकनीकी स्तरों के साथ जानना महत्वपूर्ण है. प्रतिरोध (Resistance) और समर्थन (Support) स्तर खोजने के लिए इंटरनेट का उपयोग करना भी फायदेमंद होगा.

Intraday Trading क्या है और कैसे करें ?

intraday trading kya hai kaise kare

यदि आप शेयर मार्केट से पैसे कमाना चाहते हैं तो इसके 2 तरीके हैं- (1). किसी कम्पनी के शेयर खरीद कर लम्बे समय तक निवेश के रूप में रखना; या (2). फायदा (प्रोफिट) कमाने के लिए एक ही दिन में शेयरों की खरीद-बिक्री करना। इनमें से दूसरे तरीके को Intraday Trading कहा जाता है। Intraday का हिंदी में अर्थ होता है “एक ही दिन के भीतर”, अर्थात कोई भी ऐसा कार्य जो एक ही दिन में शुरू करके समाप्त कर दिया जाए उसको Intraday बोलते हैं। अतः शेयर मार्केट में एक ही दिन में की जाने वाली शेयरों की खरीद-बिक्री को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। यहाँ पर हम आपको Intraday Trading क्या है, Intraday Trading कैसे करें, Intraday Trading से पैसे कैसे कमाएं आदि से सम्बंधित सभी जानकारी देंगे। अतः इस लेख को अंत तक पढ़ें।

Intraday Trading क्या है ?

Intraday Trading शेयर मार्केट में शेयरों की उस ट्रेडिंग गतिविधि को कहा जाता है जिसमें आप लाभ कमाने के लिए एक ही दिन में शेयरों की खरीद और बिक्री करते हैं। भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग का आधिकारिक समय सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक होता है और यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको समय का ख़ास ध्यान रखना होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में समय की महत्ता इसलिए है क्योंकि Intraday Trading में यदि आपने किसी भी दिन अपने खरीदे गए शेयरों को दोपहर के 3.30 बजे तक नहीं बेचा तो वह 3.30 बजे स्वयं बिक जाएंगे। अतः इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर मार्केट की एक जोखिम भरी ट्रेडिंग गतिविधि है जिसमें आपको वित्तीय लाभ भी हो सकता है और हानि भी हो सकती है। परन्तु यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग की तय समय सीमा में सावधानी से शेयर बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखते हैं और बिना किसी लालच के थोड़ा सा लाभ होते ही अपने उसी दिन खरीदे गए शेयर बेच देते हैं तो आप इस से प्रतिदिन कुछ ना कुछ वित्तीय लाभ कमा सकते हैं।

Intraday Trading कैसे करें ?

Intraday Trading करने के लिए आपको सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक शेयर बाज़ार पर अधिक से अधिक समय बिताना होगा। आप जितना अधिक समय उस पर बिताएंगे उतनी ही सावधानी से ट्रेडिंग कर पाएंगे और एक ही दिन के शेयरों की खरीद- बिक्री में अधिक से अधिक लाभ कमा पाएंगे। यहाँ पर इंट्राडे ट्रेडिंग में यह बात तय है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। अतः तय समय सीमा के भीतर आप शेयर मार्केट पर पैनी नज़र रखते हुए शेयरों के दाम बढ़ते ही बेच देने पर लाभ कमा सकते हैं। यदि आपने अपने खरीदे हुए शेयरों की बढ़ोतरी को किसी कारणवश नोटिस नहीं किया तो हो सकता है कि फिर उस दिन 3.30 बजे तक आपके शेयरों के दाम ऊपर ही ना आएं और आपको हानि हो जाए। अतः इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ कमाने के लिए शेयर मार्केट की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए आपको अधिक से अधिक समय शेयर बाज़ार को देना होगा। परन्तु यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है कि आप सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक का पूरा समय शेयर मार्केट पर बिताएं तो आपको निश्चित ही लाभ होगा। कभी- कभी किसी कारणवश ऐसा भी हो सकता है कि आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों के दाम उस दिन एक बार भी ना बढ़े और घटते ही रहें या लगभग स्थिर रहें। ऐसी स्थिति आने पर आपको उस दिन इंट्राडे ट्रेडिंग में हानि होना निश्चित है।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? | Types of Trading in Hindi

ट्रेडिंग के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।

इंट्राडे ट्रेडिंग, पोजिशनल,स्विंग ट्रेडिंग। आइए सबसे पहले जानते है इंत्राडे ट्रेडिंग क्या है?

इंट्राडे ट्रेडिंग | Intraday Trading in Hindi

बहुत से लोग शेयर मार्केट में कम समय में मुनाफा कमाना चाहते है। उनके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छा ऑप्शन हो सकता है।

एक ही दिन के अंदर शेयर खरीदकर बेचना इसी को इंट्राडे ट्रेडिंग कहता है।शेयर मार्केट सुबह 9:15 को खुलता है और 3:30 को बंद होता है। उसी समय के बीच में अगर आप शेयर खरीद कर बीच देते है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अगर आप अच्छे से इंट्राडे ट्रेडिंग सीख गए तो आप दिन के हजारों रुपए कमा सकत है। लेकिन इसमें नुकसान होने की भी पूरी संभावना होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में रहने वाली जोखिमों से अज्ञात होते हुए कई बार ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग में भारी नुक्सान कर बैठते है।

ट्रेडिंग कैसे सीखे | How to Learn Trading in Hindi

आपने ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ये बाते तो जान ली आइए अब जानते जानते है कि ट्रेडिंग कैसे सीखे(How to Learn Trading in Hindi)

यूटयूब एक ऐसा जरिया है जहां से आप ट्रेडिंग सीख सकते है।आपको यूट्यूब के ऊपर बहुत सारे चैनल मिलेंगे जहां से आप फ्री में ट्रेडिंग सीख सकते है। गूगल पर भी ऐसी बहुत वेबसाइट उपलब्ध है जहां से आप ट्रेडिंग के बारे में जानकारी ले सकते है।

ट्रेडिंग सीखनी के लिए आप किसी अच्छी किताब को पढ़ सकते है।दोस्तों अगर आपको किताबे पढ़ना पसंद है तो आप किताब से भी ट्रेडिंग सीख सकते हो।आप ऐसे लोगों की किताब पढ़े जिन्होंने ट्रेडिंग में सफल होकर अच्छा पैसा कमाया है।आपको इंटरनेट पर ट्रेडिंग के ऊपर बहुत सारे ई-बुक भी मिल जाएंगे जिन्हें आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते है।

दोस्तों आपको शेयर मार्केट के बारे ऑनलाइन और ऑफलाइन बहुत सारे फ्री और पेड कोर्सेस मिल जाएंगे।इन कोर्सेस कि मदद से आप ट्रेडिंग सीख सकते हो।

Share Market: जाने क्या है Insider Trading, सरकार इसको क्यों मानती है अपराध?

शेयर मार्केट

Share Market Update News: किसी कंपनी को जब अपना विस्तार करना होता है और उसके लिए पैसे चाहिए होते हैं तो उसके पास पैसा बनाने के कई विकल्प होते हैं. उन्हीं विकल्पों में से एक होता है, अपनी हिस्सेदारी को लोगों में बांटना. इसके साथ कंपनी आईपीओ (इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग) निकालती है. आप कंपनी को पैसे देकर इन आईपीओ (कंपनी में हिस्सेदारी) को कंपनी से सीधा खरीद सकते हैं. इसके साथ ही कंपनी के ये शेयर आप कभी भी और किसी को भी बेच सकते हैं.

क्या होता है प्राइमरी और सेकेंड्री मार्केट

लेकिन जब कंपनी शेयर बेच रही थी, तब अगर आप उनको नहीं खरीद पाए और अब आप उन्हें खरीदना चाहते हैं तो आप किसी और से ये शेयर खरीद सकते हैं. आईपीओ के अलावा आप एक बार भी न तो कंपनी से शेयर खरीदते हैं और न ही कंपनी को बेचते हैं. आप तो किसी ओर से शेयर खरीद रहे हैं और किसी और को ही शेयर बेच रहे हैं. यहां आप सेकेंड हैंड शेयरों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं. इसलिए जहां आईपीओ से शेयरों की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं, उसे प्राइमरी और जहां सेकेंड हैंड शेयरों की बिक्री-खरीद हो रही है, उसे सेकेन्ड्री मार्केट कहा जाता है. आप जो रोजना शेयर मार्केट की खबरें सुनते हैं, वो वास्तव में एक सेकेन्ड्री मार्केट है.

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