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सफलतापूर्वक व्यापार करने का तरीका जानें

सफलतापूर्वक व्यापार करने का तरीका जानें
इस ट्रिक को इस्तेमाल करने के लिए, हम प्राइमरी फोन को Phone A और सेकंडरी फोन को Phone B नाम देंगे। जानें इस ट्रिक को यूज करने का तरीका…

UPI से कैसे अलग होगा डिजिटल Rupee, क्या नोट की तरह कर पाएंगे इस्तेमाल

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने देश में डिजिटल रूपी का पायलट प्रोजेक्ट लॉन्च किया है. इससे देश में डिजिटल भुगतान के मोर्चे पर एक नई शुरुआत हुई है. अब आपके दिमाग में यह सवाल होगा कि यह कैसे काम करेगा और आप इसका कैसे इस्तेमाल कर सकेंगे. आइए इसे डिटेल में समझ लेते हैं.

क्या है ई-रूपी?
रिटेल ई-रूपी कैश का इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है. इसे मुख्य तौर पर रिटेल ट्रांजैक्शन्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसे सभी लोग इस्तेमाल कर सकेंगे. यह निजी सेक्टर, गैर-वित्तीय ग्राहकों और कारोबारों सभी के लिए उपलब्ध होगा. इसका इस्तेमाल करके व्यक्ति आसानी से पेमेंट और सेटलमेंट कर सकेगा. इसमें पेमेंट की जिम्मेदारी सीधे केंद्रीय बैंक की रहेगी. आरबीआई ने इससे पहले कहा था कि CBDC केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी सफलतापूर्वक व्यापार करने का तरीका जानें किए जाने वाला लीगल टेंडर होगा.

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ये कैसे काम करेगा?
ई-रुपया को आप शुरुआत में कुल चार बैंकों से खरीद पाएंगे. इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), ICICI बैंक, यस बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक शामिल हैं. यह डिजिटल टोकन के रूप में होगा जो लीगल टेंडर को रिप्रेंजेंट करेगा. यह पेपर करेंसी और सिक्कों के समान मूल्यवर्ग में जारी किया जाएगा और बैंकों के माध्यम से डिस्ट्रीब्यूट किया जाएगा. यूजर्स बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन और डिवाइस में स्टोर्ड डिजिटल वॉलेट के माध्यम से ई-रुपये के साथ ट्रांजेक्शन कर सकेंगे.

ट्रांजेक्शन को पर्सन टू पर्सन और पर्सन टू मर्चेंट दोनों हो सकते हैं. क्यूआर कोड का उपयोग करके भी व्यापारियों को भुगतान किया जा सकता है. आरबीआई ने कहा कि ई-रुपया फिजिकल कैश जैसे विश्वास, सुरक्षा जैसी सुविधाएं देगा. कैश के मामले में, यह कोई ब्याज अर्जित नहीं करेगा और इसे अन्य प्रकार के धन जैसे बैंकों में मौजूद तमाम तरह की डिपोजिट में कंवर्ट किया जा सकता है.

दिल्ली : 1 अक्टूबर से 28 फरवरी तक डीजल वाहनों पर सफलतापूर्वक व्यापार करने का तरीका जानें रोक, फैसले से व्यापारी परेशान

दिल्ली : 1 अक्टूबर से 28 फरवरी तक डीजल वाहनों पर रोक, फैसले से व्यापारी परेशान

प्रदूषण का हवाला देते हुए दिल्ली में डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ये आदेश सिर्फ वाणिज्यक वाहनों पर लागू होगा। हालांकि, कच्ची सब्जियां, फल, अनाज, दूध और ऐसी जरूरी वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।

इसे लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (कैट) ने बुधवार को दिल्ली सरकार के एक अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक राजधानी में डीजल वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के फैसले को लेकर सभी क्षेत्रों के प्रमुख व्यापारी संगठनों की बैठक बुलायी है।

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कैट ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सरकार के फैसले से दिल्ली का व्यापार और ट्रांसपोर्ट बुरी तरह प्रभावित होगा। बैठक में इस नर्णिय तथा व्यापार एवं ट्रांसपोर्ट पर इसके विपरीत प्रभावों पर वस्तिार से चर्चा होगी और इस मुद्दे पर व्यापारियों का अगला रूख तय किया जाएगा।

बयान में कहा गया कि एक अक्तूबर से 28 फरवरी के पांच महीने का समय दिल्ली में त्योहार और शादियों का बड़ा सीजन होता है जिसमें व्यापार का प्रतिशत बाकी वर्ष के सभी महीनों से ज्यादा होता है और इन्हीं पाँच महीनों में यह प्रतिबंध व्यापार को बुरी तरह से प्रभावित करेगा।


कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना वास्तव में बेहद जरूरी सफलतापूर्वक व्यापार करने का तरीका जानें है लेकिन इसके साथ यह भी देखा जाना चाहिए की सरकार के किसी भी नर्णिय से किसी भी व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े । उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पांच महीने तक दिल्ली में कोई भी सामान नहीं आ पाएगा क्योंकि दिल्ली में सारा माल अन्य राज्यों से ट्रकों में आता सफलतापूर्वक व्यापार करने का तरीका जानें है और ट्रक डीज़ल से चलते हैं। लम्बी दूरी होने के कारण कोई भी ट्रक इलेक्ट्रिक या सीएनजी से नहीं चल सकते। इस दृष्टि से सरकार का यह निर्णय सही नहीं है और परिणामों को सोचे समझे बिना इस फैसले को लिया गया है।

दिल्ली : 1 अक्टूबर से 28 फरवरी तक डीजल वाहनों पर रोक, फैसले से व्यापारी परेशान

दिल्ली : 1 अक्टूबर से 28 फरवरी तक डीजल वाहनों पर रोक, फैसले से व्यापारी परेशान

प्रदूषण का हवाला देते हुए दिल्ली में डीजल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। दिल्ली सरकार ने वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए एक अक्टूबर से 28 फरवरी तक मध्यम और भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ये आदेश सिर्फ वाणिज्यक वाहनों पर लागू होगा। हालांकि, कच्ची सब्जियां, फल, अनाज, दूध और ऐसी जरूरी वस्तुओं को ले जाने वाले वाहनों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।

इसे लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज (कैट) ने बुधवार को दिल्ली सरकार के एक अक्टूबर 2022 से 28 फरवरी 2023 तक राजधानी में डीजल वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने के फैसले को लेकर सभी क्षेत्रों के प्रमुख व्यापारी संगठनों की बैठक बुलायी है।

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कैट ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि सरकार के फैसले से दिल्ली का व्यापार और ट्रांसपोर्ट बुरी तरह प्रभावित होगा। बैठक में इस नर्णिय तथा व्यापार एवं ट्रांसपोर्ट पर इसके विपरीत प्रभावों पर वस्तिार से चर्चा होगी और इस मुद्दे पर व्यापारियों का अगला रूख तय किया जाएगा।

बयान में कहा गया कि एक अक्तूबर से 28 फरवरी के पांच महीने का समय दिल्ली में त्योहार और शादियों का बड़ा सीजन होता है जिसमें व्यापार का प्रतिशत बाकी वर्ष के सभी महीनों से ज्यादा होता है और इन्हीं पाँच महीनों में यह प्रतिबंध व्यापार को बुरी तरह से प्रभावित करेगा।


कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा करना वास्तव में बेहद जरूरी है लेकिन इसके साथ यह भी देखा जाना चाहिए की सरकार के किसी भी नर्णिय से किसी भी व्यापार पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े । उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पांच महीने तक दिल्ली में कोई भी सामान नहीं आ पाएगा क्योंकि दिल्ली में सारा माल अन्य राज्यों से ट्रकों में आता है और ट्रक डीज़ल से चलते हैं। लम्बी दूरी होने के कारण कोई भी ट्रक इलेक्ट्रिक या सीएनजी से नहीं चल सकते। इस दृष्टि से सरकार का यह निर्णय सही नहीं है और परिणामों को सोचे समझे बिना इस फैसले को लिया गया है।

अब दोनों फोन में एक साथ व्हाट्सऐप ऐसे करें इस्तेमाल

अब आप Phone A (आपका प्राइमरी फोन) के Linked Devices मेन्यू में जाएं और Phone B (आपका दूसरा फोन) पर QR Code को स्कैन करें। Linked Devices मेन्यू, आपको व्हाट्सऐप में पहले पेज पर सबसे ऊपर दांये कोने में दिए तीन डॉट पर दिखेगा।

QR Code स्कैन होने पर दूसरे फोन में आसानी से व्हाट्सऐप कनेक्ट हो जाएगा। और इसके बाद आप दोनों डिवाइस में एक ही व्हाट्सऐप अकाउंट को एक साथ चला पाएंगे।

अब आप Phone B में Developer Settings/Smallest Width में दोबारा जाकर वैल्यू बैक को ओरिजिनल नंबर पर सेट कर सकते हैं। इसके बाद आपके फोन के टेक्स्ट और UI वापस से सामान्य हो जाएंगे लेकिन एक ही अकाउंट के साथ व्हाट्सऐप चलता रहेगा।

अगर आप एक और ऐंड्रॉयड फोन में इसी अकाउंट को इस्तेमाल करना चाहते हैं तो आप इसी प्रोसेस को Phone B के साथ दोहराएं और तीसरा फोन लिंक कर सकते हैं।

IFFI के जूरी हेड ने 'द कश्मीर फाइल्स' को बताया वल्गर और प्रोपेगेंडा तो मचा बवाल! जानें बयान पर किसने क्या कहा?

फोटो: सोशल मीडिया

नवजीवन डेस्क

फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर मचा संग्राम जल्द थमने वाला नहीं है। आईएफएफआई 2022 के जूरी हेड नादव लैपिड ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स को वल्गर और प्रोपेगेंडा करार देने के बाद बवाल मच गया है। नादव पर फिल्ममेकर अशोक पंडित भड़क गए हैं और अपनी प्रतिक्रिया सफलतापूर्वक व्यापार करने का तरीका जानें दी है।

अशोक पंडित ने ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए हैं। उन्होंने अपने पहले ट्वीट में कहा है कि -'मिस्टर नादव लापिड द्वारा #kashmirFiles के लिए इस्तेमाल की गई भाषा पर मुझे कड़ी आपत्ति है। 3 लाख कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार को चित्रित करना अश्लील नहीं कहा जा सकता। मैं एक फिल्म निर्माता और एक कश्मीरी पंडित के रूप में आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति इस बेशर्म कृत्य की निंदा करता हूं।

‘लैपिड को IFFI जूरी का हेड बनाना ही सबसे बड़ी चूक'

इसके बाद उन्होंने अपने तीसरे ट्वीट में लिखा कि 'सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तरफ से नादव लैपिड को IFFI जूरी का हेड बनाना ही सबसे बड़ी चूक थी। इसलिए मिनिस्ट्री में जो इस गुनाह के जिम्मेदार हैं, उन पर एक्शन लेना चाहिए।

इसके बाद अगले ट्वीट में लिखा कि #Israeli फिल्म निर्माता #NadavLapid ने कश्मीर फाइल्स को एक अश्लील फिल्म कहकर आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का मजाक बनाया है। उन्होंने बीजेपी सरकार की नाक के नीचे 7 लाख कश्मीरी पंडितों का अपमान किया है। यह #IFFIGoa2022 की विश्वसनीयता के लिए एक बड़ा झटका है। शर्मनाक।'

वहीं दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने भी नादव के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि 'झूठ का क़द कितना भी ऊंचा क्यों ना हो..सत्य के मुक़ाबले में हमेशा छोटा ही होता है।'

कई लोग इजरायली फिल्ममेकर नदव लैपिड के सपोर्ट में आए हैं। अपनी बात को बेबाकी से रखने वाली स्वरा भास्कर ने नदव लैपिड को सपोर्ट किया है। स्वरा भास्कर ने IFFI जूरी हेड के द कश्मीर फाइल्स पर दिए बयान से जुड़ी खबर का लिंक शेयर किया है। पोस्ट को शेयर करते हुए एक्ट्रेस ने लिखा- जाहिर तौर पर ये दुनिया के लिए बहुत स्पष्ट है।

क्या कहा IFFI जूरी हेड नादव लैपिड ने?

गोवा में आयोजित 53वें इंटरनेशनल इंडियन फिल्म फेस्टिवल में आईएफएफआई 2022 के जूरी हेड नादव लैपिड ने कहा कि "हम सभी फिल्म कश्मीर फाइल्स को देखकर हैरान हैं , ये हमें एक वल्गर और प्रोपेगेंडा बेस्ड फिल्म लगी, जो इस तरह के प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के कलात्मक प्रतिस्पर्धी वर्ग के लिए अनुपयुक्त थी, मैं अपनी फीलिंग्स को मंच पर खुले तौर पर शेयर करने में पूरी तरह से कंफर्टेबल हूं। इस पर खुली चर्चा होनी चाहिए।'

गौरतलब है कि द कश्मीर फाइल्स 1990 के दशक सफलतापूर्वक व्यापार करने का तरीका जानें में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन और उनकी हत्याओं पर आधारित है। इस फिल्म के विवेक अग्निहोत्री ने बनाया है। इस फिल्म को लेकर पहले भी काफी विवाद हुआ था। सत्तारूढ़ बीजेपी ने इस फिल्म का खुलकर प्रचार किया था और कई बीजेपी शासित राज्यों में तो इस फिल्म के प्रायोजित शो भी आयोजित किए गए थे साथ ही कई राज्यों ने इसे टैक्स फ्री भी घोषित कर दिया था।

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