अस्थिर ब्याज क्या है?

- तीन वर्ष की अवधि के एनसीडी में 4.65 फीसदी वार्षिक से 4.80 फीसदी वार्षिक तक निर्धारित ब्याज दर की पेशकश है।
- पांच वर्ष की अवधि के एनसीडी में 5.65 फीसदी वार्षिक से 5.80 फीसदी वार्षिक ब्याज दर की पेशकश की गई है।
- 10 वर्ष की अवधि के एनसीडी में निर्धारित और अस्थिर ब्याज में निर्धारित न्यूनतम दर या अधिकतम दर के अधीन है। निर्धारित ब्याज दर 6.63 फीसदी वार्षिक से 7.00 फीसदी वार्षिक है।
ब्याज दर परिदृश्य को लेकर बाजार में अलग-अलग राय
पिछले कुछ सप्ताहों से बाजारों के लिए राह उतार-चढ़ाव वाली रही है। एवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रेटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने पुनीत वाधवा को बताया कि फंड के तौर पर एवेंडस कैपिटल ने नकदी स्तर को ऊंचा बनाए रखा है जिससे उसे अनिश्चितता समाप्त हो जाने की स्थिति में बाजार में फिर से मजबूती के साथ प्रवेश करने में मदद मिलेगी। बातचीत के मुख्य अंश:
अमेरिकी फेड और अन्य वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा अगले कुछ महीनों में उठाए जाने वाले कदमों का बाजारों पर कितना असर दिख रहा है? क्या स्थिति चिंताजनक नजर आ रही है?
बाजार ब्याज दरों और सख्ती के बारे में परिदृश्य को लेकर विभाजित बने हुए हैं। जहां एक तरफ, वे अभी भी अगले वर्ष के दौरान अमेरिकी फेडरल द्वारा 5-7 प्रतिशत की दर वृद्घि की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ किसी तरह की सख्ती से वैश्विक अर्थव्यवस्था में संभावित कमजोरी को बढ़ावा मिलेगा, जिससे मंदी गहरा सकती है और वैश्विक केंद्रीय बैंक तेजी से ब्याज दरें बढ़ाने की ओर रुख कर सकते हैं।
क्या बाजारों के लिए 2022 का शेष समय अस्थिर रहेगा?
यूक्रेन-रूस टकराव से पहले, हम 2022 की पहली छमाही बेहद उतार-चढ़ाव वाली रहने की उम्मीद कर रहे थे, क्योंकि बाजार दुनियाभर, खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्घि की आशकाओं से जूझ रहे थे। अमेरिकी फेडरल ने अपनी बैलेंस शीट में कमी की है। हमारी नजर में, इस सख्ती का अप्रत्याशित परिणाम बाजारों पर नहीं दिखा। आपको चीन में जो हुआ, उस पर विचार करना होगा, जैसा कि पिछले साल वहां सख्ती देखने को मिली थी और संपत्ति बाजार प्रभावित हुए थे तथा चर्चित निर्माण कंपनियों को भी नकदी संकट का सामना करना पड़ा था। जिंस और खाद्य कीमतों में ताजा तेजी से कंपनियों के मुनाफा मार्जिन पर दबाव पहले ही दिखने लगा है।
क्या आप भारतीय इक्विटी बाजारों को 'गिरावट पर खरीदें' या 'तेजी पर बेचें' कहना पसंद करेंगे?
क्या किसी क्षेत्र में मूल्यांकन खरीदारी के लिए पर्याप्त है?
जहां अस्थिरता खरीदारी का अच्छा अवसर मुहैया कराएगी, वहीं कुछ हद तक लंबे समय तक बैठे रहना भी समझदारी भरा कदम हो सकता है। अमेरिकी फेड ने खुद को कठिन चुनौती में डाला है। मुद्रास्फीति के संबंध में उसने नीतिगत गलती की है। अगले कुछ सप्ताहों में स्थिति और स्पष्ट हो सकती है, क्योंकि यूक्रेन में हमलों को लेकर भी हालात स्पष्ट हो जाएंगे। हालांकि ऊंची जिंस कीमतों से मांग पर दबाव बढ़ेगा जिससे जिंस कीमतों में कमी भी आ सकती है।
ताजा बाजार गिरावट के बीच आपकी रणनीति क्या रही है?
एक फंड के तौर पर, हमने अपने नकदी स्तर अस्थिर ब्याज क्या है? को ऊंचा बनाए रखा है, जिससे हमें अस्थिरता दूर हो जाने की स्थिति में अधिक मजबूती के साथ बाजार में फिर से पैर जमाने का मौका मिल सकेगा।
ऐसे कौन से कारक हैं जिनसे उभरते बाजारों और भारत पर विदेशी निवेशकों का नजरिया बदल सकता है?
विदेशी निवेशकों के लिए उस स्थिति में जोखिम लेना सामान्य स्थिति है यदि वे यह मानते हैं कि वैश्विक तौर पर ब्याज दरें बढ़ रही हैं। अक्सर उभरते बाजार की मुद्राएं, इक्विटी और बॉन्डों को सबसे पहले बिकवाली दबाव से जूझना पड़ता है। भारत के लिए भी, इन पर कई वजहों से प्रभाव पड़ा, जिनमें उभरते बाजार के सूचकांकों में उसके भारांक, निवेशकों द्वारा पिछले वर्ष के दौरान मजबूत प्रतिफल हासिल करने और इसलिए अच्छा प्रदर्शन दर्ज करने और ऊंचे मूल्यांकन ऐसी वजह हैं जिनसे उन्हें कुछ रकम पास रखने में मदद मिली है। साथ ही चीन के सूचकांकों में बड़ी गिरावट से भी उभरते बाजार के फंडों में बिकवाली को बढ़ावा मिला है।
क्या आपने वित्त वर्ष 2023 के लिए कॉरपोरेट आय वृद्घि के लिए अपना अनुमान घटाया है?
हमने जिंस क्षेत्रों के साथ साथ कई आय अनुमान घटाए हैं। जहां कई नकारात्मक कारक मौजूदा समय में बाजार को प्रभावित कर रहे हैं, वहीं हम भविष्य में आशाजनक परिदृश्य की उम्मीद देख रहे हैं। नि:संदेह ही यूक्रेन में युद्घविराम से संबंधित स्थिति अल्पावधि के लिहाज से सकारात्मक परिदृश्य होगी।
डिबेंचर: इस सरकारी कंपनी ने दिया मोटी कमाई का मौका, जानिए योजना के बारे में सब कुछ
अगर आप चाहते हैं कि आपको सालाना 7.15 पीसदी की दर से ब्याज मिले, तो आपके लिए निवेश का मौका आ गया है। भारत के अग्रणी वित्तीय संस्थानों में एक पॉवर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 5,000 करोड़ रुपये के कर-योग्य गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) निर्गम पेश किया है।
आपको कितना मिलेगा ब्याज?
- तीन वर्ष की अवधि के एनसीडी में 4.65 फीसदी वार्षिक से 4.80 फीसदी वार्षिक तक निर्धारित ब्याज दर की पेशकश है।
- पांच वर्ष की अवधि के एनसीडी में 5.65 फीसदी वार्षिक से 5.80 फीसदी वार्षिक ब्याज दर की पेशकश की गई है।
- 10 वर्ष की अवधि के एनसीडी में निर्धारित और अस्थिर ब्याज में निर्धारित न्यूनतम दर या अधिकतम दर के अधीन है। निर्धारित ब्याज दर 6.63 फीसदी वार्षिक से 7.00 फीसदी वार्षिक है।
- 15 वर्ष की अवधि के एनसीडी में 7.15 फीसदी वार्षिक की अधिकतम ब्याजदर के साथ अनेक निर्धारित ब्याज दरें हैं।
सबसे कम है जमा जोखिम
एनसीडी की रेटिंग केयर रेटिंग लिमिटेड द्वारा 'केयर एएए' स्थिर, क्रिसिल लिमिटेड द्वारा 'क्रिसिल एएए/स्थिर' तथा इक्रा लिमिटेड द्वारा 'इकरा एएए (स्थिर)' रेटिंग दी गई है। ऐसी रेटिंग वाले एनसीडी को वित्तीय दायित्वों का समय पर पालन के संबंध में उच्च रूप से सुरक्षित माना जाता है और इनमें जमा जोखिम सबसे कम होता है।
शुक्रवार को निर्गम की शुरुआत के पहले दिन 4,700 करोड़ रुपये या 94 फीसदी बॉन्ड के लिए ग्राहकों की बोली मिल चुकी थी। आगे खुदरा निवेशकों के लिए केवल 300 करोड़ अस्थिर ब्याज क्या है? रुपये के बॉन्ड बचे हैं, जिन्हें 18 जनवरी को आसानी से सब्सक्राइब कर लिया जाएगा। पीएफसी का यह एनसीडी डिमैट फॉर्मैट में उपलब्ध है और निवेशक यूपीआई के जरिए पेमेंट कर सकते हैं।
इसलिए अगर आप भी इसमें निवेश की योजना बना रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि डिबेंचर क्या होते हैं और इससे निवेशक और कंपनी को क्या फायदा होता है।
क्या है डिबेंचर?
डिबेंचर इक्विटी शेयरों से भिन्न, एक तरह का ऋण का साधन है। इसके माध्यम से सरकार या कंपनियां धन जुटाती हैं। डिबेंचर खरीदने वाला वास्तव में कर्जदाता होता है। डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी गिरवी के तौर पर कुछ नहीं रखती, लेकिन खरीदार उनकी साख और प्रतिष्ठा को देखते अस्थिर ब्याज क्या है? हुए डिबेंचर खरीदते हैं। डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी या संस्थान कर्जदाताओं (डिबेंचर खरीदने वालों को) निश्चित ब्याज देते हैं।
कंपनियों के लिए ब्याज देना जरूरी
कंपनियां शेयरधारकों को भले अस्थिर ब्याज क्या है? ही लाभांश नहीं दे लेकिन उसे कर्जदाताओं (डिबेंचरधारकों) को ब्याज देना अनिवार्य होता है। सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला ट्रेजरी बॉन्ड या ट्रेजरी बिल आदि भी जोखिम रहित डिबेंचर ही होते हैं।
एफडी से लाभदायक हो सकता है डिबेंचर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती से बैंकों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरें काफी नीचे रखी हैं। मौजूदा समय में ज्यादातर बैंक पांच से छह फीसदी की दर पर एफडी की पेशकश कर रहे हैं। ऐसे में आपके लिए डिबेंचर निर्गम में निवेश करना लाभदायक साबित हो सकता है।
- पहला - परिवर्तनीय डिबेंचर या परिवर्तनीय बॉन्ड ऐसे बॉन्ड होते हैं, जिन्हें पूर्व निर्धारित अवधि के बाद जारी करने वाली कंपनी अस्थिर ब्याज क्या है? के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित कर सकते हैं। ये डिबेंचर पूरी तरह से, आंशिक या वैकल्पिक रूप से परिवर्तनीय हो सकते हैं। निवेशकों को कंपनी द्वारा किए जा रहे ब्याज के भुगतान से फायदा होता है और उनके पास लोन को इक्विटी में बदलने का विकल्प भी होता है। इस तरह ये कंपनी की वृद्धि में हिस्सेदार बन सकते हैं।
- दूसरा - अपरिवर्तनीय डिबेंचर केवल नियमित डिबेंचर होते हैं। यानी इन्हें उत्तरदायी कंपनी के इक्विटी शेयरों में परिवर्तित नहीं किया जा सकता है। परिणामस्वरूप, आम तौर पर परिवर्तनीय प्रतिरूप के मुकाबले उन पर उच्च ब्याज दर लगता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपको सालाना 7.15 पीसदी की दर से ब्याज मिले, तो आपके लिए निवेश का मौका आ गया है। भारत के अग्रणी वित्तीय संस्थानों में एक पॉवर फाइनेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 5,000 करोड़ रुपये के कर-योग्य गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCD) निर्गम अस्थिर ब्याज क्या है? पेश किया है।
आपको कितना मिलेगा ब्याज?
- तीन वर्ष की अवधि के एनसीडी में 4.65 फीसदी वार्षिक से 4.80 फीसदी वार्षिक तक निर्धारित ब्याज दर की पेशकश है।
- पांच वर्ष की अवधि के एनसीडी में 5.65 फीसदी वार्षिक से 5.80 फीसदी वार्षिक ब्याज दर की पेशकश की गई है।
- 10 वर्ष की अवधि के एनसीडी में निर्धारित और अस्थिर ब्याज में निर्धारित न्यूनतम दर या अधिकतम दर के अधीन है। निर्धारित ब्याज दर 6.63 फीसदी वार्षिक से 7.00 फीसदी वार्षिक है।
सबसे कम है जमा जोखिम
एनसीडी की रेटिंग केयर रेटिंग लिमिटेड द्वारा 'केयर एएए' स्थिर, क्रिसिल लिमिटेड द्वारा 'क्रिसिल एएए/स्थिर' तथा इक्रा लिमिटेड द्वारा 'इकरा एएए (स्थिर)' रेटिंग दी गई है। ऐसी रेटिंग वाले एनसीडी को वित्तीय दायित्वों का समय पर पालन के संबंध में उच्च रूप से सुरक्षित माना जाता है और इनमें जमा जोखिम सबसे कम होता है।
शुक्रवार को निर्गम की शुरुआत के पहले दिन 4,700 करोड़ रुपये या 94 फीसदी बॉन्ड के लिए ग्राहकों की बोली मिल चुकी थी। आगे खुदरा अस्थिर ब्याज क्या है? निवेशकों के लिए केवल 300 करोड़ रुपये के बॉन्ड बचे हैं, जिन्हें 18 जनवरी को आसानी से सब्सक्राइब कर लिया जाएगा। पीएफसी का यह एनसीडी डिमैट फॉर्मैट में उपलब्ध है और निवेशक यूपीआई के जरिए पेमेंट कर सकते हैं।
इसलिए अगर आप भी इसमें निवेश की योजना बना रहे हैं, तो आइए जानते हैं कि डिबेंचर क्या होते हैं और इससे निवेशक और कंपनी को क्या फायदा होता है।
क्या है डिबेंचर?
डिबेंचर इक्विटी शेयरों से भिन्न, एक तरह का ऋण का साधन है। इसके माध्यम से सरकार या कंपनियां धन जुटाती हैं। डिबेंचर खरीदने वाला वास्तव में कर्जदाता होता है। डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी गिरवी के तौर पर कुछ नहीं रखती, लेकिन खरीदार उनकी साख और प्रतिष्ठा को देखते हुए डिबेंचर खरीदते हैं। डिबेंचर जारी करने वाली कंपनी या संस्थान कर्जदाताओं (डिबेंचर खरीदने वालों को) निश्चित ब्याज देते हैं।
कंपनियों के लिए ब्याज देना जरूरी
कंपनियां शेयरधारकों को भले ही लाभांश नहीं दे लेकिन उसे कर्जदाताओं (डिबेंचरधारकों) को ब्याज देना अनिवार्य होता है। सरकार द्वारा जारी किया जाने वाला ट्रेजरी बॉन्ड या ट्रेजरी बिल आदि भी जोखिम रहित डिबेंचर ही होते हैं।
एफडी से लाभदायक हो सकता है डिबेंचर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा ब्याज दरों में कटौती से बैंकों अस्थिर ब्याज क्या है? ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरें काफी नीचे रखी हैं। मौजूदा समय में ज्यादातर बैंक पांच से छह फीसदी की दर पर एफडी की पेशकश कर रहे हैं। अस्थिर ब्याज क्या है? ऐसे में आपके लिए डिबेंचर निर्गम में निवेश करना लाभदायक साबित हो सकता है।
अस्थिरता के कारण क्या आपको शेयरों में निवेश से बचना चाहिए?
अस्थिरता तब मायने रखती है जब पैसों की तुरंत जरूरत हो.
जब मनीषा की मां जोखिम के बारे में चिंतित होती हैं तो वह वास्तव में पैसे डूब जाने को लेकर सोचती हैं. वहीं, दूसरी ओर अस्थिरता का मतलब है कि निवेश का मूल्य कितनी जल्दी और कैसे बदल जाता है.
इस हिसाब से तो पीपीएफ और ऐसे दूसरे निवेश भी अस्थिर हैं जिनमें ब्याज मिलता है. कारण है कि ब्याज दरों में बदलाव के साथ रिटर्न बदल जाता है. पीपीएफ की दरें एक जैसी नहीं रहती हैं. बैंक भी अपने फिक्स्ड डिपॉजिट की दरों को बदलते हैं.
इक्विटी के मूल्य नियमित रूप से तेजी के साथ बदलते हैं. चूंकि मूल्य में तेज उतार-चढ़ाव होता है, इसका मतलब यह नहीं है कि पैसा डूब जाने का जोखिम है. अस्थिरता का सिर्फ मतलब है, मूल्यों का घटना-बढ़ना. कुछ निवेश ज्यादा अस्थिर हो सकते हैं तो कुछ में यह अस्थिरता कम हो सकती है.
तो क्या इसका मतलब यह है कि मनीषा को निवेश में अस्थिरता के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है? बिल्कुल है. अगर उनका सेविंग अकाउंट अस्थिर है तो वह इस तरह का पैसा इसमें नहीं रख पाएंगी जिसकी कभी भी जरूरत पड़ सकती है. अस्थिरता तब मायने रखती है जब पैसों की तुरंत जरूरत हो. ऐसी स्थिति में वह नुकसान उठाकर भी अपने निवेश को निकाल लेंगी. यही कारण है कि इक्विटी मार्केट में छोटी अवधि के निवेश को हतोत्साहित किया जाता है. इसमें लंबी अवधि के नजरिए के साथ ही पैसा लगाना चाहिए.
यहां तक कि अगर निवेश ज्यादा अस्थिर है तो भी इसका यह मतलब नहीं है कि वह लंबी अवधि में ज्यादा जोखिमभरा है. मनीषा को जानना चाहिए कि छोटी अवधि की अस्थिरता उनके निवेश के मूल्य को प्रभावित कर सकती है. इसलिए उन्हें योजना इस तरह की बनानी चाहिए जिससे कि उन्हें नुकसान पर अपने निवेश को निकालने पर मजबूर न होना पड़े. मनीषा और और उनकी मां को इक्विटी में लंबी अवधि का कुछ निवेश जरूर करना चाहिए. यह उनके पैसे को ज्यादा बढ़ने में मदद करेगा.
इस पेज की सामग्री सेंटर फॉर इंवेस्टमेंट एजुकेशन एंड लर्निंग (सीआईईएल) के सौजन्य से. गिरिजा गादरे, आरती भार्गव और लब्धि मेहता का योगदान.
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आरबीआई ने रीपो रेट में की वृद्धि, इन 5 बातों का रखें ध्यान
आरबीआई ने रीपो रेट या लघु-अवधि की ब्याज दर 25 बेसिस पॉइंट बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दी है। आप पर इसका क्या प्रभाव होगा, यह जानने के लिए पढ़ें।
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लोन
ज्यादातर प्रमुख बैंकों ने ऋण दरों (MCLR) में पहले ही वृद्धि कर दी है। आज की रीपो रेट वृद्धि के साथ होम लोन की दरें अधिक महंगी होने की संभावना है। किसी वर्तमान कर्जदार को अपनी ईएमआई राशि में तुरंत कोई परिवर्तन नहीं दिखेगा, लेकिन ऊंची ब्याज दर से लंबे समय में चुकाया जाने वाला ब्याज खर्च अंतत: बढ़ जाएगा। आप प्री-पेमेंट का विकल्प चुन सकते हैं जिससे आपका समग्र ब्याज खर्च कम होगा खासतौर पर वे लोग जिनकी ऋण अवधि अभी शुरू ही हुई है। यदि आपका लोन समाप्त होने वाला है तो समझदारी होगी कि कोई कदम न उठाया जाए और लोन की अवधि समाप्त होने तक इसे बनाए रखा जाए ताकि कोई उपयोगी कर कटौती हासिल की जा सके। आप किसी तिमाही में इंतजार करो, नजर रखो (वेट ऐंड वॉच) की नीति भी अपना सकते हैं और आपके ऋण पर दर बढ़ने का असर समझने के लिए ज्यादा समय ले सकते हैं। यदि कोई महत्वपूर्ण असर पड़ता है तो आप सबसे अच्छी शर्तों वाला प्रस्ताव लेने के लिए दरों की तुलना करने के बाद दूसरे बैंकों में ऋण हस्तांतरित करने की संभावनाएं तलाश सकते हैं।
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छोटी बचतें
अब जब दरें बढ़ गई हैं, आप सरकारी योजनाओं जैसे PPF, सुकन्या समृद्धि, वरिष्ठ नागरिक योजनाएं आदि पर ध्यान दे सकते हैं। ये सरकार द्वारा समर्थित योजनाएं हैं और आपको 80C के अंतर्गत कर बचाने की अनुमति देती हैं, और एक टैक्स-प्रभावी तरीके से रिटर्न पैदा करती हैं, चूंकि आपके रिटर्न पर पूरी तरह से कर लागू नहीं किया गया है। गिरती हुई ब्याज दरों ने इन योजनाओं को अनाकर्षक बना दिया है, लेकिन दरों में वृद्धि के बाद उन पर ध्यान दिया जा सकता है।
सावधि जमा
अनेक प्रतिष्ठित बैंकों ने हाल ही में चुनिंदा अवधियों के लिए सावधि जमा की ब्याज दरों में संशोधन किया है। बढ़ी हुई ब्याज दरों का अर्थ सावधि जमाओं पर हाई रिटर्न है। यदि आप छोटे निवेशक हैं, तो अपनी पुरानी एफडी को तोड़ें नहीं और नई में निवेश करें। हालांकि, यदि आपकी प्राप्तियां बड़ी हैं, तो इनका पुनर्निवेश समझदारी होगी।
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निम्न-दरों वाले बॉन्ड और जमाओं से बाहर निकलें
निम्न-दरों वाले बॉन्ड या जमा प्रदान करने वाला कॉर्पोरेट ब्याज दरों के बढ़ने की स्थिति में अपने ऋणों को संभाल पाने में कठिनाई अनुभव करेगा। यह भुगतान नहीं कर सकेगा इसलिए ऐसे निवेशों से जल्द से जल्द बाहर निकलना समझदारी होगी। सर्वोच्च रेटिंग -AAA, AA, A, A+ आदि वाली सिक्यॉरिटी सर्वाधिक सुरक्षित होंगी, जबकि निम्न रेटिंग– B, C, D आदि वाली बॉन्ड कम सुरक्षित होंगे।
(BankBazaar.com भारत में एक अग्रणी ऑनलाइन मार्केटप्लेस है जो क्रेडिट कार्ड, निजी ऋण, गृह ऋण, कार ऋण, और बीमा के लिए आवेदन करने में उपभोक्ताओं की सहायता करता है।)
SoftBank में सैकड़ों कर्मियों की होगी छंटनी, ऊंची ब्याज दरें और राजनीतिक अस्थिरता ने बढ़ाई दिक्कतें
जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प (SoftBank Group Corp) ने छंटनी का फैसला किया है
सॉफ्टबैंक ग्रुप के विजन फंड (Vision Fund) यूनिट और सॉफ्टबैंक ग्रुप इंटरनेशनल (SoftBank Group International) के दुनिया भर में मौजूद 150 कर्मियों को निकाला जाएगा।
जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प (SoftBank Group Corp) ने छंटनी का फैसला किया है। ग्रुप के विजन फंड (Vision Fund) यूनिट और सॉफ्टबैंक ग्रुप इंटरनेशनल (SoftBank Group International) के दुनिया भर में मौजूद 150 कर्मियों को निकाला जाएगा। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी है।
कंपनी के सीईओ Masayoshi Son ने यह फैसला भारी नुकसान के चलते लिया है। गुरुवार को कर्मियों को नोटिस भेजा गया है और इसका असर विजन फंड यूनिट और सॉफ्टबैंक ग्रुप इंटरनेशनल के करीब 30 फीसदी कर्मियों पर पड़ेगा।