वैश्विक शांति सूचकांक 2023

हिंसा से प्रभावित देशों की संख्या में इजाफा
वैश्विक शांति सूचकांक 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, हिंसक आंतरिक संघर्ष का सामना करने वाले देशों की संख्या 29 से बढ़कर 38 हो गई, लेकिन आंतरिक संघर्षों में मारे गए लोगों की संख्या 2017 के बाद से कम हुई है। अफ्रीका के बाद दक्षिण एशिया दुनिया का दूसरा सबसे अशांत क्षेत्र रहा है। सीरिया, दक्षिण सूडान और मध्य अफ्रीकी गणराज्य में हिंसा के कारण सबसे ज्यादा आर्थिक नुकसान हुए हैं। जबकि आइसलैंड, कोसोवो और स्विटजरलैंड सबसे कम प्रभावित देश रहे हैं।
UPSC Notes
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हाल ही वैश्विक शांति सूचकांक 2023 में केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT) से जुड़ी जानकारी देते हुए कहा है कि इसमें निवेश से प्रतिवर्ष 8.05% का रिटर्न मिलेगा। उल्लेखनीय है कि NHAI ने InvIT को सड़क बुनियादी ढाँचे के निर्माण हेतु धन जुटाने के लिये एक उपकरण के रूप में उपयोग करने का निर्णय लिया है। InvIT साधन के रूप … Read More
नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (Ncrf 2022)
Sansar Lochan November 1, 2022 Governance Leave a Comment
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने हाल ही में जन परामर्श के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के तहत लाये गये, नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (Ncrf 2022) के प्रारूप (draft) को प्रस्तुत किया। UPSC Syllabus: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे। नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क (NCRF) के लाभ … Read More
वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) 2022
Sansar Lochan November 1, 2022 Social Leave a Comment
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) एवं ऑक्सफोर्ड गरीबी और मानव विकास पहल (Oxford Poverty and Human Development Initiative- OPHI) और UNDP द्वारा वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (Multidimensional Poverty Index – MPI) 2022 निर्गत किया गया। UPSC Syllabus: जीएस पेपर – 2 मानव संसाधन, जीएस पेपर – 3 गरीबी विकास वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक क्या है? वैश्विक बहुआयामी … Read More
गरीबी उन्मूलन की दिशा में
पिछले 15 वर्षों में देश के 41 करोड़ लोगों का गरीबी रेखा से बाहर आना देश के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक सुखद संकेत है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए केंद्र की पूर्ववर्ती व वर्तमान सरकारें और राज्य वैश्विक शांति सूचकांक 2023 सरकारें बधाई की पात्र हैं। संयुक्त राष्ट्र द्वारा तैयार इस गरीबी सूचकांक के मुताबिक, वर्ष 2005 से 2021 के बीच भारत में 41.5 करोड़ आबादी गरीबी रेखा से ऊपर आई है। यह भारत के लिए एक नया कीर्तिमान रचने जैसा है। हमारी यह गौरवशाली उपलब्धि इस बात का पुख्ता संकेत है कि भारत विकसित देश बनने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। पूरे विश्व की आबादी को सन 2030 तक गरीबी रेखा से बाहर निकालने का लक्ष्य रखा गया है, और भारत जिस रफ्तार से गरीबी उन्मूलन की दिशा में काम कर रहा है, उससे अनुमान वैश्विक शांति सूचकांक 2023 लगाया जा सकता है कि हमारा देश निर्धारित अवधि से पहले ही अपने लक्ष्य को हासिल कर लेगा। हालांकि, रिपोर्ट यह भी बताती है कि भारत में 22 करोड़ से अधिक लोग अब भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजारने को मजबूर हैं। इनको गरीबी रेखा से ऊपर उठाने की कठिन चुनौती भी हमारे सामने वैश्विक शांति सूचकांक 2023 है।
सुरेश बाबू मिश्रा
रिपोर्ट में खुलासाः तालिबान राज में अफगानिस्तान बना दुनिया का 'सबसे असुरक्षित' देश
इंटरनेशनल डेस्कः गैलप कानून और व्यवस्था सूचकांक की एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान राज में अफगानिस्तान दुनिया का 'सबसे कम सुरक्षित' देश घोषित किया गया है। अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन के बीच युद्धग्रस्त देश को दुनिया में 'सबसे असुरक्षित' देश के रूप में स्थान दिया गया है। सर्वे में लगभग 120 देशों का मूल्यांकन किया गया।
खामा प्रेस ने बताया कि यह रिपोर्ट अफगानिस्तान द्वारा वैश्विक शांति सूचकांक में पांच साल तक दुनिया के 'सबसे कम शांतिपूर्ण' देश के रूप में अपना स्थान बनाए रखने के बाद आई है। अफगानिस्तान का स्कोर 51 है। यह सर्वे इस आधार पर किया गया था कि लोग अपने समुदायों में कितना सुरक्षित महसूस करते हैं या पिछले वर्ष चोरी या हमले का शिकार हुए हैं। देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के साथ, देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर हिंसा शुरू हो गई है। UNAMA के अनुसार, कम से कम 59 प्रतिशत आबादी को अब मानवीय सहायता की आवश्यकता है। 2021 की शुरुआत की तुलना में 6 मिलियन लोगों का इजाफा हुआ है।
CAA, किसान, पैगंबर, अग्निपथ. हिंसा से भारत को 646 अरब डॉलर का नुकसान, जानें पाक-चीन का हाल
भारत में विरोध प्रदर्शन
- भारत में हिंसा के कारण 646 अरब डॉलर का नुकसान
- 2022 की ग्लोबल पीस इंडेक्स में भारत 135वें नंबर पर
- 163 देशों में चीन 54 और पाकिस्तान 138वें स्थान पर
किस देश में हिंसा से कितना नुकसान
देश | हिंसा का आर्थिक प्रभाव (मिलियन डॉलर में) | जीडीपी को कितना नुकसान | हिंसा की आर्थिक कीमत (मिलियन डॉलर में) |
भारत | 1,170,922 | 6% | 645,843 |
पाकिस्तान | 148,637 | 8% | 80,303 |
चीन | 1,951,603 | 4% | 1,049,173 |
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भारत में विरोध प्रदर्शन
- भारत में हिंसा के कारण 646 अरब डॉलर का नुकसान
- 2022 की ग्लोबल पीस इंडेक्स में भारत 135वें नंबर पर
- 163 देशों में चीन 54 और पाकिस्तान 138वें स्थान पर
किस देश में हिंसा से कितना नुकसान
देश | हिंसा का आर्थिक प्रभाव (मिलियन डॉलर में) | जीडीपी को कितना नुकसान | हिंसा की आर्थिक कीमत (मिलियन डॉलर में) |
भारत | 1,170,922 | 6% | 645,843 |
पाकिस्तान | 148,637 | 8% | 80,303 |
चीन | 1,951,603 | 4% | 1,049,173 |