विदेशी मुद्रा व्यापार पर कैसे

क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन?

क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन?
भारत जैसे देश अभी भी उलझन में हैं और बीच की नीति अपनाना चाहते हैं. भारत क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने के साथ पॉलिसी बनाकर उसे इजाजत दिये जाने के पक्ष में है. अमेरिका और यूरोपियन यूनियन में रेग्युलेटरी मैनडेट को दरकिनार करते हुये इसे लेकर चर्चा जारी है.

Why the government is avoiding regulation of cryptocurrency

30% से ज्यादा की गिरावट के बाद भी जाने क्यों निवेशकों को दिखता है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का मौका

दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन (Bitcoin) की कीमतों में पिछले 24 घंटों में 31% से अधिक की गिरावट आई है, वहीं दुनिया की दूसरी सबसे पॉपुलर डिजिटल करेंसी इथेरियम (Ethereum) की कीमतें भी पिछले 24 घंटे में 35% से अधिक गिरी हैं। यही हाल दूसरी क्रिप्टोकरेंसी का भी है।

कल शाम 7 बजे बिटक्वाइन 24% की गिरावट के साथ 33,870.20 डॉलर यानी 24.30 लाख रुपये पर ट्रेड कर रहा था। वहीं, इथेरियम 35.40% की गिरावट के साथ 2301 डॉलर पर आ गया था। इसी तरह ही डोगक्वाइन (Dogecoin) की कीमतों में 34.80% की गिरावट पिछले 24 घंटे में आई और यह आज शाम 7 बजे 0.321411 डॉलर पर ट्रेड कर रहा था।

दूसरे क्रिप्टोकरेंसी की बात करें तो पिछले 24 घंटे में XRP की कीमतों में 42% और Stellar की कीमतों में 43% की कमी आई है। इसी तरह Cardano की कीमतें भी 35% से अधिक गिरी हैं। चीन ने कहा कि वह क्रिप्टो को पेमेंट के रूप में स्वीकार नहीं करेगा। ब्रिटेन पहले ही साफ कर चुका है कि वह इसे बैन करने के लिए कानून बनाएगा। भारत भी कानून बनाने की तैयारी में है।

Facebook

सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून लाएगी यह सुनकर तो बहुत से लोगों को राहत मिलनी थी, लेकिन हुआ इसका उल्टा.

[बात सुनने में सीधी सी लगती है लेकिन यही वजह है कि इसके होने या इसमें आपके पैसे के सुरक्षित रहने पर बहुत सारी शंकाएं और सवाल खड़े हैं और क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? होते रहते हैं. लेकिन पिछले पांच साल में आठ हज़ार परसेंट की कमाई की बात सुनते ही बहुत सारे लोगों की शंकाएं दूर हो जाती हैं और लार टपकने लगती है…
…इसी का नतीजा है कि भारत में लाखों नहीं बल्कि करोड़ों लोग इस तरह की क्रिप्टोकरेंसीज में पैसा लगाकर बैठे हुए हैं. ऐसे कितने लोग हैं और उनका कितना पैसा अटका हुआ है इसका कोई भरोसेमंद आंकड़ा सामने नहीं है…
…लेकिन क्रिप्टोकरेंसी कारोबार की ओर से पिछले दिनों बाकायदा एक पूरे पेज का विज्ञापन दिया गया जिसमें दावा था कि देश के करोड़ों निवेशकों ने लगभग छह लाख करोड़ रुपए की रकम क्रिप्टोकरेंसी में लगा रखी है. यह बहुत बड़ी रकम है. देश की जीडीपी का तीन प्रतिशत और पिछले बजट का करीब पाँचवाँ हिस्सा.]
किसी भी कारोबार के अधिकृत आँकड़े तो तभी उपलब्ध होते हैं जब वह कारोबार वैध हो और उसका क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? हिसाब-किताब सरकार को पेश किया जाता हो । लेकिन , यदि सरकार यह कहे कि उसके पास क्रिप्टोकरेंसी में निवेशित पूंजी की जानकारी नहीं है , तो इसका अर्थ यह भी है कि यह अवैध कारोबार है ।
गोया कि जो रुपया क्रिप्टोकरेंसी में निवेशित है , वह सारा का सारा काला क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? धन ही है ।
बीबीसी के अनुसार लगभग 6 लाख करोड़ रुपये क्रिप्टोकरेंसी में निवेशित हैं ।
अब , एक दूसरे तथ्य को भी देखें ।
नवम्बर 2016 में जब मोदी जी ने नोटबंदी लागू की थी , तब अनुमान यह था कि देश में लगभग 5 लाख करोड़ का काला धन है जो कि एक समानांतर उत्पादक अर्थ व्यवस्था में निवेशित है ।
यानी कि वे 5 लाख करोड़ रुपये भूमि में , भवनों में , व्यापार में , गहनों में निवेशित थे और देश में व्यापार , निर्माण और रोजगार को बढ़ावा दे रहे थे । हालांकि , उस निवेश से मोदी जी को कर वसूलने में दिक्कत थी ।
इसलिए , मोदी जी ने उस काले धन को सफेद धन में परिवर्तित कर और फिर उस निवेश पर कर वसूलने की लंबी प्रक्रिया अपनाने के बजाए नोटबंदी लागू कर उन 5 लाख करोड़ रुपयों को जीम जाने की योजना बनाई ।
नोटबंदी लागू करने की एक वजह यह भी थी कि इसका जो विकल्प था , वह दीर्घकालीन था और उसमें मोदी जी को अपनी सफलता का ढोल अपने ही हाथों से बजा सकने की सहूलियत नहीं थी । एतद् , मोदी जी ने दूसरे विकल्प को कूड़ेदान में फेंक दिया ।
खैर , मुद्दे की बात यह है कि काला धन धारक मोदी जी से भी शाने निकले और काले धन का एक धेला भी मोदी जी के झोले में नहीं टपका ।
यानी कि वो काला धन रहा लोगों के पास ही ।
ऐसे में यदि आज क्रिप्टोकरेंसी में 6 लाख करोड़ रुपयों को काले धन के निवेश होने का अनुमान लगाया जा रहा है तो मेरी सोच तो यह है कि यह निवेश मोदी जी ने कराया है ।
क्योंकि , यदि देश में काले धन की समानांतर अर्थ व्यवस्था चालू रहती या मोदी जी ने उसको सफेद धन में परिवर्तित करने का कोई वैधानिक रास्ता बनाया होता तो फिर क्रिप्टोकरेंसी में 6 लाख करोड़ रुपये निवेश करने के लिए आते कहां से ? सारा काला धन तो उत्पादक कार्यों में पहले से ही निवेशित रहता ।
हालांकि , इतनी बड़ी रकम भारतीयों के द्वारा निवेशित किये जाने पर एक दूसरा सवाल भी पैदा होता है ।
दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसीज में जितना भी धन निवेशित है , उसमें भारत की रैंकिंग क्या है ?
और , यदि भारत उस रैंकिंग में प्रथम 5 देशों में आता है तो मोदी जी इसका ढोल भी पीट सकते हैं और उनको पीटना भी चाहिए , क्योंकि नोटबंदी लागू किये बगैर यह संभव ही नहीं था ।
खैर , मैं इसका एक मतलब यह भी निकालता हूँ कि इस बार मोदी जी पहले वाली गलती को नहीं दोहराएंगे और इस काले धन को जीम जाने की कोशिश दुबारा से नहीं करेंगे । क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन?
मोदी जी की जय हो । 🤣 😂

क्रिप्टो बिल पर सरकार की कोडिंग गड़बड़ाई, यहां समझिए आखिर कहां आ रही है दिक्कतें

क्रिप्टो बिल पर सरकार की कोडिंग गड़बड़ाई, यहां समझिए आखिर कहां आ रही है दिक्कतें

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सुनील चौरसिया

Updated on: Jan 19, 2022 | 6:10 AM

भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य कैसा होगा, इसे लेकर अभी कुछ भी साफ नहीं हो पा रहा है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), भारत क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपना सख्त और स्पष्ट संकेत दे चुका है. क्रिप्टो बिल का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक बड़ी खबर है. सरकार (Government of India) का इस बजट सत्र में भी क्रिप्टो पर बिल लाना टलता दिख रहा है, लेकिन आखिर क्या है वजह इसकी? अगर आप भी इस दोराहे पर खड़े हैं कि क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगाएं या नहीं? या आपने पैसा लगा रखा है और आप इस उलझन में नया निवेश नहीं कर रहे हैं कि पता नहीं सरकार क्रिप्टो पर क्या फैसला लेने वाली है – तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है.

बजट सत्र में भी क्रिप्टो पर नहीं आएगा बिल?

तो मसला ये है कि सरकार शायद संसद के बजट सत्र में भी क्रिप्टोकरेंसी पर अपना बिल नहीं ला पाएगी. खबरों के मुताबिक, सरकार अभी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर और राय-मशविरा करना चाहती है और इस पर एक आम सहमति से ही कानून बनाना चाहती है. इसका सीधा मतलब ये है कि फिलहाल तो क्रिप्टो पर बिल आना मुश्किल ही है. माना जा रहा है कि सरकार पहले रिजर्व बैंक की लॉन्च की जाने वाली डिजिटल करेंसी के पायलट लॉन्च को भी देखना चाहती है.

क्रिप्टो पर कानून बनाना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. ये मसला बेहद उलझाऊ है और क्रिप्टो के लिए कानून बनाने की कवायद में सरकार को कई मौजूदा कानूनों में भी फेरबदल करना पड़ेगा. यही वजह है कि सरकार इस मसले से जुड़े सभी पक्षों के साथ रायशुमारी करना चाहती है और उसके बाद ही इस पर कानून लाना चाहती है.

Xplained: जानिए कैसे दूसरे देशों में क्रिप्टोकरेंसी को किया जाता है रेग्युलेट

By: ABP Live | Updated at : 25 Nov 2021 08:06 PM (IST)

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर नकेल कसने के लिये सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में 'The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आ रही है. इस बिल को संसद से मंजूरी मिलने के बाद ये कानून का शक्ल लेगा जिसके तहत देश में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त डिजिटल करेंसी ( Digital Currency) को लॉन्च किये जाने का फ्रेमवर्क तैयार हो जाएगा.

क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) को लेकर पेश किया जाने वाले बिल में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी ( Private Cryptocurrency ) पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव है. हालांकि कुछ क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने और ट्रेड करने की सरकार इजाजत दे सकती है. क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिये बिल लाने की खबर के बाद स्थानीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी के भाव में बड़ी गिरावट देखने को मिली. माना जा रहा है बैन लगने के डर से पैनिक में आकर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेड करने वाले निवेशक बिकवाली करने लगे. भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि कुछ देशों में इसे लेकर जरुर नियम बनाये गये हैं आइए डालते हैं नजर.

आपकी बात, नौकरशाहों के राजनीतिक झुकाव का क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? क्या असर होता है?

आरबीआइ ने इसे हमेशा हतोत्साहित करने का प्रयास किया है। इसके बावजूद भारत में क्रिप्टोकरेंसी के निवेशकों की संख्या 10 करोड़ है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई भी रेगुलेशन नहीं है। शीतकालीन सत्र में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल-2021" संसद में पेश करने की योजना थी। इस विधेयक में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी पर क़ानून को लेकर क्यों है उलझन? पर प्रतिबंध का प्रस्ताव है,परंतु यह विधेयक फिलहाल टला हुआ है।

निजी क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों ने लगभग 10 लाख करोड़ निवेश किया है। सरकार के समक्ष चुनौती है कि इन निवेशकों के निवेश को सुरक्षित कैसे किया जाए? साथ ही निजी क्रिप्टोकरेंसी में भविष्य में निवेश को हतोत्साहित कैसे किया जाए? बजटीय घोषणा से स्पष्ट है कि सरकार निजी क्रिप्टोकरेंसी को भले ही मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर रही है, परंतु निवेश के लिए स्वीकार करती नजर आ रही है।

रेटिंग: 4.14
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 317
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *