गतिशील सीमा

West Singhbhum
1990 में पुराने सिंहभूम जिले के विभाजन के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला अस्तित्व में आया था। 9 सामुदायिक विकास प्रखण्डों के साथ पूर्वी भाग पूर्वी सिंहभूम साथ ही जमशेदपुर मुख्यालय बना और 23 प्रखण्डों के साथ पश्चिमी सिंहभूम बन गया। पुनः 2001 में पश्चिमी सिंहभूम दो भागों में विभाजित हो गया। 8 प्रखण्डों के साथ सरायकेला-खरसावाँ जिला गतिशील सीमा अस्तित्व में आया।
ब्रेन साइज़ - यह इंटेलिजेंस से कैसे संबंधित है?
लोगों और विभिन्न प्रजातियों के बीच खुफिया और मस्तिष्क के आकार के बीच संबंध कभी भी अच्छी तरह से परिभाषित नहीं किया गया है. लोग अक्सर मानते हैं कि उनकी उत्कृष्ट मनोवैज्ञानिक क्षमताओं का अर्थ यह होना चाहिए कि वे सभी जानवरों से बेहतर हैं, जहां तक मस्तिष्क के आकार का संबंध है. हालांकि, यह सच नहीं है क्योंकि व्हेल और हाथियों के मनुष्यों की तुलना में बहुत अधिक दिमाग होते हैं और मनुष्यों के पास मस्तिष्क के रूप में समान मस्तिष्क-से-शरीर द्रव्यमान अनुपात होता है.
Dynamic Range Meaning In Hindi
सरल उदाहरणों और परिभाषाओं के साथ Dynamic Range का गतिशील सीमा वास्तविक अर्थ जानें।.
गतिशील सीमा
संज्ञा
Dynamic Range
परिभाषाएं
Definitions
1 . संगीत या प्रदर्शन के दौरान होने वाली स्वीकार्य या संभावित ध्वनि मात्रा की सीमा।
1 . the range of acceptable or possible volumes of sound occurring in the course of गतिशील सीमा a piece of music or a performance.
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राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान (विद्युत क्षेत्र में प्रशिक्षण हेतु एक राष्ट्रीय शीर्षस्थ निकाय)
3 जुलाई, 1993 के भारत के राजपत्र के माध्यम से स्थापित
(आईएसओ 9001:2015 और 14001:2015 की )
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार
विद्युत नेटवर्क का विस्तार गतिशील सीमा एवं स्रोतों के नेटवर्क के जुड़ने के कारण विशाल विद्युत प्रणालियों की परिचालन जटिलताएं बढ़ रही हैं । ऐसे गतिशील तेजी से बढ़ने वाले नेटवर्क में वोल्टेज और आवृत्ति का एक निश्चित सीमा में रहना जो कि केन्द्रीय विनियामक आयोग के रेगुलेशन के हिसाब से है, अति आवश्यक है । हालांकि संपूर्ण बिजली तंत्र का विकास एक सतत प्रक्रियाहै, यह और भी मजबूती से नवीकरणीय ऊर्जा के ग्रिड से एकीकरण के बाद से आगे बढ़ रही है । बिजली के बाजार संबंधी प्रावधानों के मद्देनजर रखते हुए ग्रिड पैरामीटर का रख -रखाव ग्रिड सुरक्षा के लिए चुनौती बन गया है । वर्तमान में विश्वस्तर पर 31 दिसम्बर , 2013 से भारतीय गतिशील सीमा विद्युत विद्युत नेटवर्क ‘’एक देश एक आवृत्ति‘’ पर काम रहा है । स्थानीय स्तर पर किसी भी मामूली बदलाव के प्रति संवदेनशीलता सर्वत्र नेटवर्क में बड़े पैमाने पर है । हाल ही में विकसित गतिशील सीमा समार्ट ग्रिड अवधारणा समग्र प्रणाली की कार्यक्षमता को समझने हेतु अत्यंत कारगर है । नेटवर्क के प्रभावी रियल टाइम नियंत्रण के लिए वोल्टेज करंट एंगल, फ्रीक्वेंसी जैसे निकाय मानकों को प्राप्त करना जरूरी है । समग्र नेटवर्क के रणनैतिक स्थानों पर (पीए सयू ) जैसे संवेदी उपकरणों को लगाकर ग्रिड का सुनिश्चित परिचालन किया जाता है । आज की तारीख में अधिकतम यूटिलिटीज और निर्णय के लिए पीएमयू द्वारा दी गई जानकारी का प्रयोग करती है हालांकि पीएमयू द्वारा प्राप्त किए गए सिगनल का उपयोग करके प्रणाली रियल टाइम नियंत्रण उत्पत्ति मांगता है ।
नेटवर्क प्रदर्शन के लिए स्वाभाविक विकल्प हो सकता है । प्रणालियों की बदलती गतिकि के अंतर्गत ग्रिड मानकों सहित स्मार्ट ग्रिड मूल बातें विकसत की जाती हैं । नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की परिवर्तनशीलता और अंतर्विराम गतिशील सीमा के कारण विशाल विद्युत नेटवर्क में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का एकीकरण एक और बड़ी चुनौती है । इस कारणवश मौजूदा ग्रिड ढांचे से कतरे समय ग्रिड संचालकों के लिए गंभीर चिंता का विषय है । ग्रिड तकनीक सहित नियंत्रण अनुसंधान का एक और विषय है और इसमें सावधानी से हुआ ग्रिड वास्तुकला आवश्यक है। पारंपरिक स्रोतों का विद्युत इंजेक्शन बदलता है तब मौजूदा विद्युत प्रणाली का नियंत्रण और कार्य विधि एक चुनौती बन जाता है । गतिशील सीमा गतिशील सीमा परिचालन प्रतिकूलता को असर करे बिना स्मार्ट ग्रिड वास्तुकला विद्युत जंक्शन संकल्पना से नियंत्रण मॉडयूलेशन और आरईएस की एकीकरण के मुद्दों से निपटने के लिए सक्षम होनी चाहिए । कुशल प्रणाली नियंत्रण के लिए गतिशील सीमा स्मार्ट विद्युत प्रवाह नियंत्रकों सहित स्मार्ट ग्रिड की संकल्पना को विकसित करने की आवश्यकता है । यह अनुसंधान विशाल विद्युत प्रणाली की परिनियोजन जटिलताओं और स्मार्ट ग्रिड फ्रेमवर्क में एसपीएफसी की प्रयोज्यता को समझाना सुगम करेगा जिसके परिणामस्वरूप ग्रिड को सुरक्षा मिलेगी । निर्विघ्न विद्युत निकास और समग्र प्रणाली की स्थिरता के लिए विशाल ग्रिड में आरईसी के इंटरफेस मुद्दों को नए समाधान के साथ पता लगाना अनिवार्य गतिशील सीमा है। अगले दशक में विशाल विद्युत नेटवर्क को पीएमयू सहित अपेक्षाकृत सुरक्षित मोड में चलाने के लिए इंटेलीजेंट नियंत्रकों के रूप में विद्युत प्रणाली बड़े प्रौद्योगिकी एकीकरण और नए नियंत्रकों को अपनाने का कार्य गतिशील सीमा करेगी
West Singhbhum
1990 में पुराने सिंहभूम जिले के विभाजन के बाद पश्चिमी सिंहभूम जिला अस्तित्व में आया था। 9 सामुदायिक विकास प्रखण्डों के साथ पूर्वी भाग पूर्वी सिंहभूम साथ ही जमशेदपुर मुख्यालय बना और 23 प्रखण्डों के साथ पश्चिमी सिंहभूम बन गया। पुनः 2001 में पश्चिमी सिंहभूम दो भागों में विभाजित हो गया। 8 प्रखण्डों के साथ सरायकेला-खरसावाँ जिला अस्तित्व में आया।