जमा और निकासी

- कम से कम 500 रुपये के साथ खाता खुलवाया जा सकता है.
जमा और निकासी
India जमा और निकासी Post Payments Bank: इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (IPPB) के ग्राहकों के लिए अगले महीने से थोड़ा दिक्कतों का जमा और निकासी सामना करना होगा। इस बैंक के खाताधारकों को 10,000 रुपये की राशि जमा करने और निकालने के लिए शुल्क देना होगा।
नया नियम एक जनवरी 2022 से लागू जमा और निकासी होगा। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों के लिए तीन प्रकार के बचत खाते हैं: (ए) मूल बचत खाता, (बी) बचत (मूल एसए के अलावा) और चालू खाते, और (सी) बचत (मूल एसए के अलावा) और चालू खाते।
आईपीपीबी ने सभी संबंधितों को सूचित किया है कि नीचे उल्लिखित नकद जमा और नकद निकासी लेनदेन पर शुल्क 01 जनवरी, 2022 से नीचे उल्लिखित दरों पर प्रभावी जमा और निकासी होगा।
क्या आप जानते हैं? अपने ही बैंक के दूसरे जमा और निकासी ब्रांच से जमा-निकासी पर लगता है चार्ज
अगर आप अपने ही बैंक के किसी दूसरे ब्रांच से पैसा निकालते हैं या जमा करते हैं तो आपको इसकी फीस चुकानी पड़ती है। एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई जैसे बड़े बैंक अपने-अपने हिसाब से यह शुल्क ग्राहकों से वसूलते हैं।
बैंक की जिस शाखा में आप अपना अकाउंट खुलवाते हैं, उसे होम ब्रांच कहते हैं। होम ब्रांच में ही ग्राहक का खाता मेंटेन होता है। होम ब्रांच में जो सुविधाएं ग्राहक को दी जाती हैं, उनमें से अधिकतर बैंक की दूसरी शाखाओं या यूं कहें नॉन-होम ब्रांच में भी ग्राहकों को मिलती हैं। अगर आप नॉन-होम ब्रांच में कैश जमा करते हैं या वहां से निकालते हैं, तो निकासी-जमा पर बैंक आपको चार्ज करता है। यह शुल्क अलग-अलग बैंकों में अलग-अलग होता है।
बैंक खाते में पैसा जमा करने और निकालने पर भी देना होगा चार्ज, इस बैंक ने बदले नियम
बैंकों में अब अपना पैसा जमा करने और निकालने के लिए भी फीस देना पड़ेगी। बॉब ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। अगले महीने से तय सीमा से ज्यादा जमा और निकासी बैंकिंग करने पर अलग से शुल्क लगेगा। इस पर बैंक ऑफ इंडिया, पीएनबी, एक्सिस और सेंट्रल बैंक भी जल्द फैसला लेंगे।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने चालू खाते, कैश क्रेडिट लिमिट और ओवरड्राफ्ट अकाउंट से जमा-निकासी के अलग और बचत खाते से जमा-निकासी के अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए हैं। लोन अकाउंट के लिए महीने में तीन बार के बाद जितनी बार ज्यादा पैसा निकालेंगे, 150 रुपये हर बार देने पड़ेंगे। बचत खाते में तीन बार तक जमा करना मुफ्त मगर चौथी बार जमा किया तो 40 रुपये देने होंगे। वरिष्ठ नागरिकों को भी बैंकों ने कोई राहत नहीं दी है।
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बचत खाता ग्राहकों के लिए
1-तीन बार तक जमा - निशुल्क
2-चौथी बार से देना होगा - 40 रुपये हर बार
3-महीने में तीन बार खाते से पैसा निकालने पर- कोई शुल्क नहीं
4-चौथी बार से पैसा निकालने पर देना होगा- 100 रुपये हर बार
5-वरिष्ठ नागरिकों को कोई छूट नहीं मिलेगी। उन्हें भी शुल्क देना होगा
6-जनधन खाताधारकों को जमा करने पर कोई शुल्क नहीं देगा होगा लेकिन निकालने पर 100 रुपये देना होंगे
बैंकों ने चुपके से लगा दिए ऐसे-ऐसे शुल्क
बैंकों ने घाटे की भरपाई के लिए ग्राहकों पर ऐसे-एसे शुल्क लगा दिए हैं जिन्हें पहली कभी नहीं लिया गया। फोलियो चार्ज के नाम पर बैंकों को मोटी कमाई होती है। 25-30 साल पहले ग्राहकों के लेनदेन का ब्योरा बैंक रजिस्टर में दर्ज करते थे, जिसे फोलियो कहा जाता था। उस दौर में, जब हाथ से फोलियो पर एक-एक राशि चढ़ाई जाती थी, तब बैंक इसका कोई शुल्क ग्राहकों से नहीं लेते थे। आज डिजिटल दौर में सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक फोलियो बनाता है, तब बैंक ग्राहकों से फोलियो चार्ज वसूल रहे हैं। वहीं, चाहे रिजेक्ट भी हो जाए तो भी बैंक को प्रोसेसिंग चार्ज के नाम पर कुछ राशि काट लेते हैं।
पोस्ट ऑफिस में पीपीएफ, बचत खाता है? जानिए जमा और निकासी के नियमों में क्या हुआ है बदलाव
इंडिया पोस्ट ने कैश डिपॉजिट और विदड्रॉल के नियमों में कई बदलाव किए हैं. इनके बारे में जान लेना जरूरी है.
- सीमा से अधिक कैश डिपॉजिट पर बंदिश
ग्राहक किसी एक दिन खाते में 50,000 रुपये से अधिक कैश डिपॉजिट नहीं कर सकते हैं. ब्रांच के पोस्टमास्टर इसे स्वीकार नहीं करेंगे. इसके लिए उन्हें सख्त हिदायत दी गई है. इसके अलावा जब तक पीपीएफ (पब्लिक प्रोविडेंट फंड), एससीएसएस (सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम), एमआईएस (मंथली इनकम स्कीम), केवीपी (किसान विकास पत्र), एनएससी (नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट) स्कीमों को आरआईसीटी सीबीएस एप पर नहीं उपलब्ध करा दिया जाता है, तब तक इन खातों में सिर्फ विदड्रॉल फॉर्म या चेक से डिपॉजिट स्वीकार किया जाएगा.
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अभी तक कोई सीमा नहीं थी
वैसे अभी तक साल में नकदी जमा करने या निकालने के लिए सीमा तय नहीं थी। जिस पर पैन या आधार की जरूरत हो। इससे बड़े पैमाने पर नकदी को इधर से उधर किया जाता था। हालांकि एक दिन में 50 हजार रुपये की निकासी या जमा पर यह नियम जरूर लागू था।
नकदी के लेन-देन को पता करने की योजना
इसके पीछे सरकार का मकसद नकदी के लेन-देन का पता करना है। यह नियम केवल बैंकों या डाकघर के लिए ही नहीं होगा, बल्कि सहकारी सोसाइटियों पर भी लागू होगा। इसी के साथ अगर आप नया चालू खाता खोलते हैं तो उसके लिए भी पैन जरूरी कर दिया गया है।
जानकारों का मानना है कि इस नए नियम के तहत सरकार अर्थव्यवस्था में नकदी को रोकने की कोशिश करेगी। सालाना विवरण (एआईएस) और टीडीएस के सेक्शन 194 एन के जरिये सरकार पहले से ही इसे ट्रैक कर रही है। पर अब बहुत ही आसानी से नकदी के लेन-देन का पता लगाया जा सकेगा।