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लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

हॉंग कॉंग स्‍टॉक
खरीदें और बेचें

ग्‍लोबल ब्रांडों की कंपनी के शेयर खरीदें, बेचें और होल्‍ड करें

कुछ जाने-पहचाने सुप्रसिद्ध घरेलू नामों सहित सैकड़ों अमेरिकी शेयरों में इनवेस्‍ट करें

कुछ जाने-पहचाने सुप्रसिद्ध घरेलू नामों सहित सैकड़ों अमेरिकी और हांगकांग के शेयरों में निवेश करें। आप भिन्नात्मक शेयरों का भी ट्रेड कर सकते हैं, उदाहरण के लिए एक Apple शेयर का 0.3, जो बाद में CFD में बदल जाता है।‍टॉक ट्रेडिंग के बारे में यहां अधिक पढ़ें।

स्‍टॉक ट्रेडिंग से शुरू करें

हमारे सबसे लोकप्रिय अकाउंट प्रकार एडवांटेजपर स्टॉक ट्रेडिंग उपलब्‍ध है। शुरू होने में इसमें केवल कुछ मिनट लगते हैं!

आपका अकाउंट सत्यापित होते ही, दुनिया के चार में से तीन सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंजों - NYSE, NASDAQ और HKEX में सबसे अधिक ट्रेड होने वाले सैकड़ों शेयरों में आपको रियल समय मूल्य निर्धारण पर एक्‍सेस होगी।

यूएस या हांगकांग का स्टॉक जो सूचीबद्ध न हो लेकिन आपको ट्रेड करना हो, हमें कॉल करें आपके लिए हम उसे शामिल करेंगे!

स्‍टॉक ट्रेडिंग के मुख्‍य फायदे

  • समस्‍त यूएस स्टॉक पर जीरो कमीशन सहित असाधारण रूप से कम ट्रेडिंग लागत
  • लॉंग-टर्म इनवेस्टिंग की लाजवाब पसंद
  • CFD से कम जोखिमपूर्ण चूंकि आप लीवरेज से ट्रेडिंग नहीं कर रहे

स्‍टॉक ट्रेडिंग केसे काम करती है?

लाभ कमाने के उद्देश्य से कंपनी के शेयरों को खरीदना और बेचना स्टॉक ट्रेडिंग है। किसी कंपनी के शेयर खरीदने पर आपकी उस कंपनी के छोटे से हिस्से में हिस्‍सेदारी होती है और कंपनी के शेयर की कीमतों में उतार चढ़ाव से आपके निवेश का मूल्य में बदलाव होगा। FXTM की स्टॉक ट्रेडिंग सर्विस में, आप संभावित फायदा कमाने के लिए आप कोई भी होल्डिंग बेच सकते हैं लेकिन स्टॉक पर शॉर्ट (सेल) पोजीशन नहीं ओपन कर सकते।

इनवेस्‍टर यह फैसला करने के लिए कंपनी समाचार और घोषणाओं, कंपनी के परिणाम (कमाई), और तकनीकी विश्लेषण सहित सूचना का उपयोग करते हैं कि कौन सा स्टॉक खरीदा जाए और कब।

अपनी इनवेस्‍टमेंट खरीदने पर मॉनिटर करने के लिए आप लॉगिन कर नवीनतम समाचार और घोषणाएं देख सकते हैं। इनवेस्‍टमेंट रखने के समय की कोई सीमा नहीं, बेचने को तैयार होने पर लॉगिन कर तत्‍काल बेचने के लिए क्लिक करें। नई इनवेस्‍टमेंट करने या अपने बैंक अकाउंट में वापस करने के लिए आप उस नकदी का उपयोग कर सकते हैं।

स्‍टॉक के लिए ट्रेडिंग प्‍लेटफार्म

MetaTrader की पॉवर FXTM की पुरस्कार विजेता सर्विसेज से मिलाएं।

इंडस्‍ट्री के सर्वाधिक पॉवरफुल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म MetaTrader 5 हम आपके पीसी, मैक, मोबाइल या टैबलेट पर ऑफर करते हैं, जिससे आप दुनिया में कहीं से भी स्टॉक ट्रेड कर सकते हैं।

इस प्लेटफॉर्म में तकनीकी इंडीकेटरों की व्‍यापक रेंज, इंटरेक्टिव चार्ट और अनुकरणीय सुरक्षा प्रणाली सहित आपके स्टॉक ट्रेडिंग अनुभव का अधिकतम फायदे उठाने के जरूरी सभी टूल हैं।

ट्रेडिंग जोखिमपूर्ण है।. आपकी पूंजी जोखिम में है।.

ट्रेडिंग-प्‍लेटफार्म

कृपया ध्यान रहे अफगानिस्तान, बोस्निया और हर्जेगोविना, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, क्यूबा, कांगो, गुयाना, इस्लामी गणराज्य ईरान, इराक, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, लीबिया, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया, सोमालिया, सीरियाई अरब गणराज्य, युगांडा, वानुअतु, वेनेजुएला और यमन और कुछ अन्य क्षेत्र के निवासियों के लिए हमारी स्टॉक ट्रेडिंग सर्विस उपलब्ध नहीं है। अधिक जानकारी के लिए कृपया हमारी सपोर्ट टीम से संपर्क करें।

इस प्रोडक्‍ट की प्रचार सामग्री में उपयोग की जाने वाली स्टॉक ट्रेडिंग सर्विस के वीज्‍युल प्रतिनिधित्व केवल उदाहरण हैं, FXTM की रियल स्टॉक ट्रेडिंग सर्विस के स्वरूप या कार्यक्षमता नहीं दर्शाते।

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    जोखिम चेतावनी: फोरेक्‍स और लिवरेज किए गए वित्‍तीय इंस्‍ट्रूमेंट की लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान ट्रेडिंग में महत्‍वपूर्ण जोखिम हैं और इससे आपकी निवेश की गई पूंजी का नुकसान हो सकता है। आप जितनी हानि उठाने की क्षमता रखते हैं उससे अधिक का निवेश न करें और आपको इसमें शामिल जोखिम अच्‍छी तरह समझना सुनिश्चित करना चाहिए। लेवरिज्ड प्रोडक्‍ट की ट्रेडिंग सभी निवेशकों के लिए उपयुक्‍त नहीं हो सकती। ट्रेडिंग शुरु करने से पूर्व, कृपया अपने अनुभव का स्‍तर, निवेश उद्देश्‍य पर विचार करें और यदि आवश्‍यक हो तो स्‍वतंत्र वित्‍तीय सलाह प्राप्‍त करें। क्‍लायंट के निवास के देश में कानूनी अपेक्षाओं के आधार पर FXTM ब्रांड की सेवाओं का प्रयोग करने की अनुमति है अथवा नहीं, यह निर्धारित करना क्‍लायंट की स्‍वयं की जिम्‍मेदारी है। कृपया FXTM का पूरा जोखिम प्रकटीकरण पढ़ें.

    क्षेत्रीय सीमाएं: एफएक्सटीएम ब्रांड यूएसए, मॉरीशस, जापान, कनाडा, हैती, सूरीनाम, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कोरिया, प्यूर्टो रिको, ब्राज़िल, साइप्रस और हांगकांग के अधिकृत क्षेत्र के निवासियों को सेवाएं प्रदान नहीं करता है। हमारे बारंबार पूछे जाने वाले प्रश्‍न(FAQ) खंड विनियम में अधिक जानकारी पाएं।

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    जोखिम की चेतावनी: ट्रेडिंग जोखिम भरा है। आपकी पूंजी जोखिम में है। Exinity Limited FSC (मॉरीशस) द्वारा विनियमित है।

    जोखिम की चेतावनी: ट्रेडिंग जोखिम भरा है। आपकी पूंजी जोखिम में है। Exinity Limited FSC (मॉरीशस) द्वारा विनियमित है।

    Income Tax: शेयर बेचकर करते हैं कमाई तो इतना चुकाना होगा टैक्स, डिबेंचर का नियम भी समझ लीजिए

    साल 2018 के पहले इक्विटी शेयर की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में कोई टैक्स नहीं लगता था. लेकिन 2018 के बाद नियम बदल गया. अगर इक्विटी शेयर की बिक्री पर 1 लाख से ज्यादा कैपिटल गेन होता है तो इस नफा पर 10 परसेंट के हिसाह से टैक्स लगेगा.

    Income Tax: शेयर बेचकर करते हैं कमाई तो इतना चुकाना होगा टैक्स, डिबेंचर का नियम भी समझ लीजिए

    शेयर बेचकर कमाई करते हैं तो आपको इनकम टैक्स का रूल जान लेना चाहिए. आपको समझ लेना चाहिए कि कमाई पर किस दर से कितना टैक्स चुकाना होता है. इससे आप टैक्स डिपार्टमेंट के पचड़े से आसानी से बच जाएंगे. सैलरी, रेंटल इनकम और बिजनेस से होने वाली कमाई पर लगने वाले टैक्स को लेकर अधिकांश लोग वाकिफ होते हैं, लेकिन क्या शेयर पर दिए जाने वाले टैक्स की जानकारी है? अगर नहीं तो यहां जान सकते हैं कि शेयर बिक्री से होने वााली कमाई पर कितना टैक्स चुकाना होगा.

    शेयर के धंधे में आपको कमाई के साथ कभी घाटा भी हो सकता है. यह बात दिमाग में रखकर ही शेयर की खरीद-बिक्री करते हैं. इसी हिसाब से आपको शेयर या डिबेंचर पर टैक्स भी देना होता है. इक्विटी शेयर की बिक्री से नफा हो या नुकसान, इसे कैपिटल गेन्स के दर्जे में रखा जाता है.

    क्या है कैपिटल गेन का नियम

    अगर इक्विटी शेयर किसी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो और उसे खऱीद के 12 महीने के भीतर बेचा जाए तो निवेशक के हाथ में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा. हो सकता है यह शॉर्ट टर्म कैपिलट लॉस भी हो क्योंकि बेचने पर नफा या नुकसान दोनों ऑप्शन होते हैं. अगर निवेशक इक्विटी शेयर को खरीद कर 12 महीने बाद बेचता है तो उस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन या घाटा होने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस का नियम लगेगा.

    साल 2018 के पहले इक्विटी शेयर की बिक्री पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स में कोई टैक्स नहीं लगता था. लेकिन 2018 के बाद नियम बदल गया. अगर इक्विटी शेयर की बिक्री पर 1 लाख से ज्यादा कैपिटल गेन होता है तो इस नफा पर 10 परसेंट के हिसाह से टैक्स लगेगा. मान लें कि अमन ने 30 सितंबर 2017 को 100 रुपये के शेयर खरीदे और 31 दिसंबर 2018 को 120 रुपये में बेच दिए. 31 जनवरी 2018 को इस स्टॉक की कीमत 210 रुपये थी. इस हिसाब से अमन को 20 रुपये (120-100) का कैपिटल गेन हुआ जिसमें से 10 रुपये पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. बाकी के 10 रुपये पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का टैक्स लगेगा क्योंकि 12 महीने बाद उसे बेचा गया है. यह टैक्स 10 परसेंट के हिसाब से होगा.

    शॉर्ट टर्म पर कितना टैक्स

    शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15 परसेंट का टैक्स लगता है. आप भले ही 10, 20 या 30 परसेंट के स्लैब में आते हों, शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर स्पेशल रेट 15 परसेंट रखा गया है. शॉर्ट टर्म गेन को हटाकर आपकी कुल टैक्सेबल इनकम अगर 2.5 लाख से नीचे है तो इस कमी को शॉर्ट टर्म गेन के साथ भरपाई कर सकते हैं. बाकी बचे शॉर्ट टर्म गेन पर 15 परसेंट प्लस 4 परसेंट सेस के हिसाब से टैक्स देना होगा.

    अगर इक्विटी शेयर की बिक्री पर शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस होता है तो नियम के मुताबिक उसे किसी भी कैपिटल एसेट के लॉन्ग टर्म या शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के साथ सेटऑफ कर सकते हैं. अगर लॉस पूरी तरह से सेटऑफ नहीं हो रहा तो उसे कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं. लॉन्ग टर्म कैपिटल लॉस में हुए घाटे के कैरी फॉरवर्ड करने का नियम है.

    डिबेंचर का नियम

    मान लें किसी व्यक्ति ने 12 रुपये की दर से 1000 यूनिट खरीदे तो उसे 12000 रुपये खर्च करने होंगे. बाद में उसने 18 रुपये प्रति यूनिट की दर से डिबेंचर बेच दिए तो उसे 18000 रुपये की कमाई हुई. इस तरह बिक्री पर 6000 रुपये का फायदा हुआ. अगर निवेश लॉन्ग टर्म में था उस पर 20 परसेंट टैक्स लगेगा और 6000 का 20 परसेंट 1200 रुपये चुकाना होगा. अगर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन है तो वह टैक्स के जिस दायरे में आएगा, उसके हिसाब से 6000 पर टैक्स चुकाना होगा.

    जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

    Swing Trading: बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मदद करना होता है.

    • nupur praveen
    • Publish Date - August 31, 2021 / 12:52 PM IST

    जानिए क्या होती है स्विंग ट्रेडिंग? क्‍या हैं इसके फायदे

    म्युचुअल फंड निवेश के मामले में भले ही काफी लोगों को अट्रैक्टिव लगते हों, लेकिन पुरानी धारणाओं के कारण लोग उनसे दूर रहना पसंद करते हैं. अगर आपने भी शेयर बाजार में हाल ही में शुरुआत की है तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) उन ट्रेडिंग टेक्निक्स में से एक है, जिसमें ट्रेडर 24 घंटे से ज्यादा समय तक किसी पोजीशन को होल्ड कर सकता है. इसका उद्देश्य प्राइस ऑस्‍कीलेशन या स्विंग्स के जरिए लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान निवेशकों को पैसे बनाकर देना होता है. डे और ट्रेंड ट्रेडिंग में स्विंग ट्रेडर्स कम समय में अच्छा प्रॉफिट बनाने के लिए स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का विकल्प चुनता है. स्विंग ट्रेडिंग टेक्नीक में ट्रेडर अपनी पोजीशन एक दिन से लेकर कई हफ्तों तक रख सकता है.

    यहां पर स्विंग ट्रेडिंग के जरिये एक ट्रेडर का लक्ष्य छोटे-छोटे प्रॉफिट के साथ लॉन्गर टाइम फ्रेम में एक बड़ा प्रॉफिट बनाने का होता है. जहां लॉन्ग टर्म निवेशकों को मामूली 25% लाभ कमाने के लिए पांच महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है. वहीं स्विंग ट्रेडर हर हफ्ते 5% या इससे ज्यादा का भी प्रॉफिट बना सकते हैं बहुत ही आसानी से लॉन्ग टर्म निवेशकों को मात दे सकता है.

    स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में अंतर

    शुरुआत के दिनों में नए निवेशकों को स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) और डे ट्रेडिंग एक ही लग सकते हैं, लेकिन जो स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग को एक दूसरे से अलग बनाता है वो होता है टाइम पीरियड. जहां एक डे ट्रेडर अपनी पोजीशन चंन्द मिनटो से ले कर कुछ घंटो तक रखता है वहीं एक स्विंग ट्रेडर अपनी पोजीशन 24 घंटे के ऊपर से ले कर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. ऐसे मे बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी भी कम हो जाती है और प्रॉफिट बनाने की सम्भावना भी काफी अधिक होती है जिसके कारण ज्यादातर लोग डे ट्रेडिंग की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

    स्विंग ट्रेडिंग टेक्निकल इंडीकेटर्स पर निर्भर करती है. टेक्निकल इंडीकेटर्स का काम मार्किट में रिस्क फैक्टर को कम करना और बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद आपको स्टॉक या इंडेक्स की सही दिशा का पता लगवाने में मद्दत करना होता है. जब आप अपने निवेश को किसी विशेष ट्रेडिंग स्टाइल पर केंद्रित करते हैं तो यह आपको राहत भी देता है. और साथ ही साथ आपको मार्किट के रोज़ के उतार-चढ़ाव पर लगातार नजर रखने की भी जरुरत नही पड़ती है. आपको सिर्फ अपनी बनाई गई रणनीति को फॉलो करना होता है.

    स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े कुछ जरूरी टर्म्स

    स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में अक्सर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ शब्दों में एंट्री पोइंट, एग्जिट पॉइंट और स्टॉप लॉस शामिल हैं. जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अलग अलग टेक्निकल इंडिकेटर की सहायता से खरीदारी करते है उसे एंट्री प्‍वाइंट कहा जाता है. जबकि जिस प्‍वाइंट पर ट्रेडर अपनी ट्रेड पोजीशन को स्क्वायर ऑफ करते हैं. उसे एग्जिट प्‍वाइंट के रूप में जाना जाता है. वही स्टॉप लॉस जिसे एक निवेशक के नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. ऐसा प्‍वाइंट होता है जहाँ आप अपने रिस्क को सीमित कर देते है. उदाहरण के लिए जिस कीमत पर आपने स्टॉक खरीदा था. उसके 20% नीचे के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर सेट करना आपके नुकसान को 20% तक सीमित कर देता है.

    कितने टाइप के होते है स्विंग ट्रेडिंग पैटर्न

    स्विंग ट्रेडर्स अपनी निवेश रणनीति तैयार करने के लिए बोलिंगर बैंड, फिबोनाची रिट्रेसमेंट और मूविंग ऑसिलेटर्स जैसे ट्रेडिंग टूल्स का उपयोग करके अपने ट्रेड करने के तरीके बनाते हैं. स्विंग ट्रेडर्स उभरते बाजार के पैटर्न पर भी नजर रखते हैं जैसे

    – हेड एंड शोल्डर पैटर्न
    – फ्लैग पैटर्न
    – कप एंड हैंडल पैटर्न
    – ट्रेंगल पैटर्न
    – मूविंग एवरेज का क्रॉसओवर पैटर्न

    भारत में सबसे लोकप्रिय स्विंग ट्रेडिंग ब्रोकरों में एंजेल ब्रोकिंग, मोतीलाल ओसवाल, आईआईएफएल, ज़ेरोधा, अपस्टॉक्स और शेयरखान शामिल है.

    लॉन्ग टर्म में शेयर बाजार ऊपर जाने के बावजूद लोगों को नुकसान क्यों होता है? कारण जानिए

    share market in long term

    इतना ही नही सब कुछ जानकारी होते हुऐ भी लोग शेयर बाजार में नुकसान में रहते हैं। आइए जानते हैं कि इसके क्या कारण हैं?

    शेयर बाजार में नुकसान के कारण

    वैसे शेयर बाजार में नुकसान होने का कोई एक कारण नहीं है। इसके बहुत से कारण हो सकते हैं जिनमे से कुछ पर हम चर्चा करते हैं:-

    जानकारी का अभाव

    कुछ लोग शेयर मार्केट में आते हैं और बिना शेयर बाजार की बेसिक जानकारी प्राप्त किए ही ट्रेडिंग शुरु कर देते हैं।

    कुछ लोग तो सिर्फ रातों रात अमीर बनने के लिए ही शेयर बाजार में कदम रखते हैं।

    कुछ लोग उन लोगों को देख कर शेयर बाजार में उतरते हैं जो पहले से ही शेयर बाजार में काम कर रहे होते हैं और उससे पैसे कमा रहे होते हैं।

    इन सब वजह से लोग शेयर बाजार में आ तो जाते हैं फिर उसके बाद वह बिना अपनी समझ के दूसरों की सलाह पर या तो पेनी स्टॉक खरीद करने लगते हैं जो कि जाहिर सी बात है सस्ता रहता है या गलत शेयर में पैसा लगा लेते हैं और फिर यह उम्मीद करते हैं कि वह बढ़ जाए।

    शेयर बाजार जुए का खेल नहीं है जहां पर केवल आप भाग्य के भरोसे पैसा कमा का पाए| यहां आपकी सारी जमा पूंजी सिर एक दिन में ही स्वाहा हो सकती है।

    इसलिए शेयर बाजार में निवेश से पहले उसके बारे में अच्छे से जानकारी प्राप्त कर लें। इसके लिए आपको किसी विशेष कोर्स की तो मैं सलाह नही देता, आप यूट्यूब वीडियो के माध्यम से या zerodha varsity या मनी कंट्रोल की साइट का उपयोग भी कर सकते हैं।

    आप जितनी नॉलेज लेते जायेंगे आपका रिस्क उतना ही कम होता जायेगा और आपके लाभ की संभावना उतनी ही अधिक होती जायेगी।

    लालच भी शेयर बाजार में नुकसान का एक बहुत बड़ा कारण हैं। लोग एक दिन में ही लाखों रुपए कमाने का सपना देखते हैं।

    इस लालच के चक्कर में अक्सर लोग ऐसे शेयर में बहुत सारा निवेश करते हैं जो एक दिन में ही 10% से लेकर 50% तक ऊपर चले जाते हैं। अक्सर पैनी स्टॉक में ऐसा ही होता है।

    दरअसल यह कुछ पैसे वाले फंड मैनेजर या ऑपरेटर्स का जाल होता है जिसमें कई लोग फस जाते हैं।

    जैसे जब इस तरह के शेयर ऊपर जाते हैं तो इनमें कोई सेलर नही होता और आपका ऑर्डर नीचे के दामों में प्रोसेस ही नही हो पाता। जब ऊपर के दामों पर आपका ऑर्डर कंप्लीट हो जाता है तो फिर शेयर के दाम नीचे गिरने लगते हैं। अगर आप फिर शेयर बेचने का सोचते भी हो तो इसमें कोई buyer ही नही रहता।

    कई बार कोई कंपनी लगातार बहुत खराब प्रदर्शन करती जाती है जिससे उसका शेयर प्राइस नीचे आता जाता है और लोग नीचे के दामों पर उसको खरीदते जाते हैं इस लालच में की ज्यादा लाभ होगा जबकि ऐसा होता नही है।

    इसलिए अपने लालच को काबू में रखें और सही स्टॉक में ही पैसा लगाए।

    लालच की तरह डर भी शेयर मार्केट में नुकसान का कारण बनता है। किसी खबर के कारण बाजार में आई गिरावट में नुकसान पर ही अच्छे शेयर्स को बेच कर निकल जाते हैं।

    इसी डर के कारण लोग लाभ होने की स्थिति में शेयर को ज्यादा अवधि के लिए hold नही करते कि कही उनका लाभ न चला जाए और थोड़े से लाभ में ही शेयर बेच देते हैं।

    सब्र की कमी

    सब्र रखना शेयर लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान बाजार में पैसे कमाने के लिए बहुत जरुरी है।

    कुछ लोग जब बाजार ऊपर होता है तब उसके नीचे आने का सब्र नही रखते बल्कि ऊपर के दामों पर ही खरीददारी कर लेते हैं।

    इसके विपरीत, जब बाजार थोड़ा सा भी गिरता है तो होल्ड करने के लिए भी सब्र नही रखते और नुकसान में ही बेच देते हैं। और उनके बेचने के लॉंग टर्म ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान बाद ही शेयर के दाम ऊपर भाग जाते हैं।

    अनुशासन की कमी

    शेयर बाजार में भी अनुशासन की बहुत आवश्यकता होती है। कुछ लोग लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करते हैं और बीच में ही ट्रेडिंग करने लगते हैं। कुछ लोग लाभ होने पर भी और ज्यादा लाभ के लिए अपनी पूंजी से ज्यादा की ट्रेडिंग करने लगते हैं जिसे मार्जिन ट्रेडिंग कहा जाता है।

    कुछ लोग अच्छे स्टॉक्स की बजाय गलत स्टॉक्स में पैसा लगाने लगते हैं। कुछ पैसा लगाने से पहले बिल्कुल भी रिसर्च नही करते हैं।

    ये सब बहुत जरुरी बाते हैं जिनको ध्यान में रखकर बहुत ही अनुशासन के साथ आपको शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए। इसको आप शेयर बाजार में नुकसान से बचने के टिप्स के रूप में अपने अंदर बिठा लें।

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