घाटे का सौदा

नौकरी छोड़ने के बाद भी पीएफ पर मिलता है ब्याज
एक्सपर्ट के मुताबिक अगर कर्मचारी नौकरी छोड़ते हैं या उन्हें किसी वजह से नौकरी घाटे का सौदा से निकाला जाता है, तो भी आप अपना पीएफ कुछ साल के लिए छोड़ सकते हैं. अगर आपको पीएफ के पैसे की जरूरत नहीं है तो इसे तुरंत न निकालें. नौकरी छोड़ने के बाद भी पीएफ पर ब्याज मिलता रहता है और नया रोजगार मिलने के साथ ही उसे नई कंपनी में ट्रांसफर किया जा सकता है. नई कंपनी में PF को मर्ज किया जा सकता.
निंदा करना कितना घाटे का सौदा है
लेकिन उस दिन वह लड़की बहुत देर तक सिमरन पर बैठी रही। जब लड़की सिमरन से उठी तो उसके भाई ने कहा की बहन तू इतना लेट उठी है ,अपने घर मुसाफिर आया हुआ है। इसने नाश्ता करके दूर जाना है। तुझे सिमरन से जल्दी उठना चाहिए था।
तो लड़की ने जवाब दिया कि भैया ऊपर घाटे का सौदा एक ऐसा मामला उलझा हुआ था। धर्मराज को किसी उलझन भरी स्थिति पर कोई फैसला लेना था और मैं वो फैसला सुनने के लिए रुक गयी थी, इस लिए देर तक बैठी रही सिमरन पर।
तो उसके भाई ने पूछा ऐसी क्या बात थी। तो लड़की ने बताया कि फलां राज्य का राजा अंधे व्यक्तियों को खीर खिलाया करता था। लेकिन सांप के दूध में विष डालने से 100 अंधे व्यक्ति मर गए। अब धर्मराज को समझ नहीं आ रही कि अंधे व्यक्तियों की मौत का पाप राजा को लगे , सांप को लगे या दूध नंगा छोड़ने वाले रसोईए को लगे।
घाटे का सौदा साबित हो रही है खेती: डीजल की बढ़ती महंगाई से किसानों की टूटी रही कमर, 5 साल में डेढ़ से दोगुनी महंगी हुई किसानी
बिहार के गोपालगंज जिले में कृषि संसाधनों के मूल्यों में लगातार हो रही घाटे का सौदा वृद्धि से खेती की लागत लगातार बढ़ रही है। पिछले पांच वर्षों में डीजल, खाद, बीज, मजदूरी की दर व परिवहन खर्च में चालीस से पचास फीसदी तक इजाफा हुआ है। लेकिन, किसानों की मेहनत व पूंजी के लिहाज उत्पादित अनाज का लाभकारी मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
इस पर तुर्रा यह कि बाढ़, ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से फसलों के बर्बाद होने से किसानों की पूंजी भी डूब जा रही है। पिछले पांच वर्षों में मौसम की अनियमितता व प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से जिले के किसान परेशान हैं।
पांच वर्षों में डीजल की कीमत में प्रति लीटर 40 रुपए का इजाफा : पिछले पांच वर्षों के दौरान डीजल के दाम में प्रति लीटर चालीस रुपए की वृद्धि हुई है। वर्ष 2017 में डीजल की कीमत 62.77 रुपए प्रति लीटर थी। फिलहाल 102.52 रुपए प्रति लीटर डीजल बिकने से किसानों के लिए खेत की जुताई,पंप सेट से सिंचाई,थ्रेसिंग व खेत से खलिहान व घर तक अनाज की ढुलाई खर्च भी काफी बढ़ गया है।
कृषि आज घाटे घाटे का सौदा का सौदा है, 70 वर्षों के बाद आज भी कृषकों की हालत में कोई बड़ा सुधार देखने को क्यों नहीं मिला
कृषि आज घाटे का सौदा बन चुकी है यही कारण है है कि इंजीनियर का बेटा इंजीनियर डॉक्टर का बेटा डॉक्टर और नौकरशाह का वेटा नौकरशाह बनना चाहता है पर आज एक किसान का बेटा किसान बनना नहीं चाहता। शायद इसलिए अब महसूस किया गया कि इस ओर कुछ नवाचार युक्त और अभूतपूर्व कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसी क्रम में सरकार ने कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दे दी देश की इस पहली कृषि निर्यात नीति में 2022 तक कृषि उत्पादों के निर्यात को वर्तमान 38 अरब डालर से बढ़ाकर 60 अरब डालर करने का लक्ष्य रखा गया है। जिससे न केवल देश की आर्थिक विकास दर को गति मिलेगी बल्कि कृषकों की आय दुगनी करने में भी यह नीति सहायक सिद्ध होगी।
इस नीति में विशेष रूप से चाय,कॉफी,चावल के निर्यात को बढ़ाने की घाटे का सौदा बात की गयी है। सच कहें तो यह तीनों ही जिंसें किसी प्रदेश विशेष का उत्पादन है यथा असम की चाय, बंगाल तमिलनाडु के चावल और कर्नाटक की कॉफी अतः इन उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन न केवल भारत बल्कि इनके समूचे क्षेत्र के किसानों की आर्थिक सामाजिक स्थिति को सुधारने में सहायक हो सकता है। यदि यह नीति सफल होती है तो आगामी वर्षों में कुछ अन्य प्रदेशों के उत्पादों को भी प्रोत्साहन दिया जाना लाभप्रद होगा उदाहरण स्वरुप मध्यप्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन होता है चीन सोयाबीन का बड़ा आयातक है इसलिए सोयाबीन का निर्यात प्रोत्साहन कृषकों को तो फायदा दिलाएंगा ही बल्कि भारत चीन के मध्य उत्पन्न व्यापार घाटे को पाटने में भी सहायक होगा। इसके अलावा इस नीति से रोजगार के क्षेत्र में नए अवसर सृजन का रास्ता प्रशस्त हुआ है। चूंकि निर्यात में सहूलियतें होंगी तो जाहिर सी बात है कि उत्पादन बढ़ेगा तथा खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों कि संख्या भी बढ़ेगी और जिंस के खेत से विदेश तक की राह में तमाम क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। लिहाजा हम सकते हैं कि यह कृषि नीति एग्रीकल्चर सेक्टर और आर्थिक विकास को नई दिशा देगी।
कृषि आज घाटे का सौदा है, 70 वर्षों के बाद आज भी कृषकों की हालत में कोई बड़ा सुधार देखने को क्यों नहीं मिला
कृषि आज घाटे का सौदा बन चुकी है यही कारण है है कि इंजीनियर का बेटा इंजीनियर डॉक्टर का बेटा डॉक्टर और नौकरशाह का वेटा नौकरशाह बनना चाहता है पर आज एक किसान का बेटा किसान बनना नहीं चाहता। शायद इसलिए अब महसूस किया गया कि इस ओर कुछ नवाचार युक्त और अभूतपूर्व कदम उठाने की आवश्यकता है।
इसी क्रम में सरकार ने कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दे दी देश की इस पहली कृषि निर्यात नीति में 2022 तक कृषि उत्पादों के निर्यात को वर्तमान 38 अरब डालर से बढ़ाकर 60 अरब डालर करने का लक्ष्य रखा घाटे का सौदा गया है। जिससे न केवल देश की आर्थिक विकास दर को गति मिलेगी घाटे का सौदा बल्कि कृषकों की आय दुगनी करने में भी यह नीति सहायक सिद्ध होगी।
इस नीति में विशेष रूप से चाय,कॉफी,चावल के निर्यात को बढ़ाने की बात की गयी है। सच कहें तो यह तीनों ही जिंसें किसी प्रदेश विशेष का उत्पादन है यथा असम की चाय, बंगाल तमिलनाडु के चावल और कर्नाटक की कॉफी अतः इन उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहन न केवल भारत बल्कि इनके समूचे क्षेत्र के किसानों की आर्थिक सामाजिक स्थिति को सुधारने में सहायक हो सकता है। यदि यह नीति सफल होती है तो आगामी वर्षों में कुछ अन्य प्रदेशों के उत्पादों को भी प्रोत्साहन दिया जाना लाभप्रद होगा उदाहरण स्वरुप मध्यप्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन होता है चीन सोयाबीन का बड़ा आयातक है इसलिए सोयाबीन का निर्यात प्रोत्साहन कृषकों को तो फायदा दिलाएंगा ही बल्कि भारत चीन के मध्य उत्पन्न व्यापार घाटे को पाटने में भी सहायक होगा। इसके अलावा इस नीति से रोजगार के क्षेत्र में नए अवसर सृजन का रास्ता प्रशस्त हुआ है। चूंकि निर्यात में सहूलियतें होंगी तो जाहिर सी बात है कि उत्पादन बढ़ेगा तथा खाद्य प्रसंस्करण इकाईयों कि संख्या भी बढ़ेगी और जिंस के खेत से विदेश तक की राह में तमाम क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। लिहाजा हम सकते हैं कि यह कृषि नीति एग्रीकल्चर सेक्टर और आर्थिक विकास को नई दिशा देगी।
नौकरी बदलने पर तुरंत PF निकालना है घाटे का सौदा, बैलेंस पर मिलता है 3 साल तक ब्याज- जानिए सबकुछ
- News18Hindi
- Last Updated : October 21, 2021, 05:00 IST
नई दिल्ली. नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ अकाउंट (PF Account) का पूरा पैसा निकालना आपके लिए घाटे का सौदा हो सकता है. इससे आपके भविष्य के लिए बन रहा बड़ा फंड और बचत खत्म हो जाती है. साथ ही पेंशन की निरंतरता नहीं रहती. बेहतर होगा कि नई कंपनी ज्वाइन करने पीफ को पुराने के साथ जोड़ दें या मर्ज कर दें. रिटायरमेंट के घाटे का सौदा बाद भी अगर आपको पैसे की जरूरत नहीं है तो कुछ साल के लिए पीएफ छोड़ सकते हैं.
आइए जानते हैं कि नौकरी छोड़ने के बाद आपके पीएफ अकाउंट (PF Account) और उसमें जमा रकम का क्या होता है.