क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए

अपना पहला Cryptocurrency Buy करने से पहले, इन 6 बातों के बारे में जान ले!
और यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि उनकी संख्या 2013 में 66 से बढ़कर अक्टूबर में 6,800 से अधिक हो गई, Statista के अनुसार.
क्रिप्टोकरेंसी उद्योग में ग्राहकों के साथ काम करने से मुझे डिजिटल मुद्राओं में अंतर्दृष्टि मिली है.
मान लें कि आप क्रिप्टोकरेंसी के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, लेकिन कुछ खरीदने के लिए लुभाते हैं.
चूंकि क्रिप्टोकरेंसी अभी भी अपेक्षाकृत नई और अनियमित है, इसलिए इसके जोखिम अधिक हैं.
इसलिए, अपने पहले क्रिप्टो सिक्कों को खरीदने से पहले, इन 6 चीजों के बारे में सोचें.
1. आप क्या खरीद रहे हैं?
एक क्रिप्टोकरेंसी डिजिटल-केवल धन का एक रूप है जो विकेंद्रीकृत है, जिसका अर्थ है कि यह एक केंद्रीकृत इकाई द्वारा नियंत्रित नहीं है, जैसे कि सरकार या बैंक.
क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करके चीजों को खरीदने के लिए, आपको एक क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट की आवश्यकता होगी.
लेनदेन सहकर्मी से सहकर्मी हैं, इसलिए आपके और रिसीवर के बीच कोई बिचौलिया नहीं है और आपके लेनदेन को ब्लॉकचेन पर दर्ज किया जाएगा.
क्रिप्टोकरेंसी के मुख्य विक्रय बिंदुओं में से एक उनकी निवेश क्षमता है.
बाजार की उच्च अस्थिरता के कारण, कई लोग त्वरित लाभ प्राप्त करने के लिए क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं.
लेकिन सफल क्रिप्टो निवेश इतना आसान नहीं है: यह बाजार अटकलों का शिकार है.
सिक्कों की कीमत आपूर्ति और मांग सिद्धांत पर निर्भर करती है, क्योंकि अधिकांश सिक्के किसी भी एनालॉग द्वारा समर्थित नहीं हैं.
और, क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी एक अपेक्षाकृत नई घटना है, स्कैमर्स क्रिप्टो से जुड़ी प्रक्रियाओं के बारे में लोगों की शिक्षा की कमी को दूर करते हैं ताकि वे जल्दी पैसा कमा सकें.
अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग के अनुसार, अक्टूबर 2020 से मई 2021 तक, क्रिप्टो धोखेबाजों ने उपभोक्ताओं को $ 80 मिलियन से अधिक का घोटाला किया.
यही कारण है कि इसे खरीदने से पहले किसी भी क्रिप्टोकरेंसी की जांच करना महत्वपूर्ण है. अपने वित्तीय सलाहकार से बात करें.
2. क्या क्रिप्टोकरेंसी आपके लिए एक अच्छा विकल्प है?
संस्थागत और खुदरा निवेशकों से ब्याज की बदौलत क्रिप्टोकरेंसी बढ़ रही है.
लेकिन आपके लिए क्रिप्टो सही है? कई वित्त विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आप क्रिप्टो में निवेश करने वाले अपने सभी पैसे खो सकते हैं.
ऐसा होता है या नहीं, यह कई कारकों पर निर्भर करता है, लेकिन इन बाजारों में अपनी मेहनत की कमाई डालने से पहले उस संभावना पर गंभीरता से विचार करें.
3. यदि आप क्रिप्टोकरेंसी खरीदने का फैसला करते हैं, तो आप घोटालों से वैध क्रिप्टोकरेंसी कैसे खोज सकते हैं?
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, हजारों क्रिप्टोकरेंसी हैं.
आप यह कैसे निर्धारित करते हैं कि कौन से वैध हैं, जैसे कि बिटकॉइन?
इसे सीधे शब्दों में कहें, तो वे एक क्रिप्टोकरेंसी बनाते हैं और इसे बड़े पैमाने पर प्रचारित करते हैं, महान शब्दों का वादा करते हैं और इसके पीछे एक पेचीदा कहानी बेचते हैं.
एक बार जब वे पर्याप्त निवेशक प्राप्त कर लेते हैं, तो ये निर्माता सिक्के की तरलता पूल को सूखा लेते हैं, जिससे क्रिप्टोकरेंसी की कीमत शून्य हो जाती है.
आप ऐसे घोटालों से कैसे बचते हैं? खैर, अगर कुछ सच होने के लिए बहुत अच्छा लगता है, तो यह संभावना है.
आप जो भी क्रिप्टोकरेंसी देख सकते हैं, उसके बारे में सब कुछ जानें.
बेहतर अभी तक: एक पेशेवर से मदद लें।. और मूल रूप से खरीदार से सावधान रहना चाहिए.
4. याद रखें कि अधिकांश क्रिप्टोकरेंसी विनियमित नहीं है
जब आप क्रिप्टोकरेंसी खरीद रहे हों तो सतर्क रहें.
निश्चित रूप से, क्रिप्टोकरेंसी खरीदना आसान हो सकता है, लेकिन इसके साथ पैसा खोना भी आसान है.
और यदि आप अपना पैसा खो देते हैं, तो क्या आपने उस क्रिप्टो को किसी ऐसी चीज पर खरीदा है जो विनियमित है?
एक अच्छा उदाहरण Mt. Gox, एक जापानी एक्सचेंज जो 2014 में ढह गया था.
उस समय, यह दुनिया में बिटकॉइन के लिए सबसे बड़ा एक्सचेंज था, और फिर भी हैकर्स ने इससे $ 460 मिलियन चुराए.
इस तरह के मामले हैं कि विनियमन इतना महत्वपूर्ण क्यों है.
सुनिश्चित करें कि आप अपने क्रिप्टो वॉलेट का बैकअप लेते हैं ताकि बाद में इसे बहाल करने की संभावना हो अगर कुछ गलत हो जाता है.
5. याद रखें कि क्रिप्टोकरेंसी को आमतौर पर legal tender के रूप में मान्यता नहीं दी है
राष्ट्रीय मुद्राएँ – रुपये,डॉलर, युआन, आदि।. – सरकारों द्वारा बनाए गए हैं और उनके द्वारा समर्थित हैं.
यह मुद्दा कुछ लोगों के पास पैसे के साथ है.
वे सरकार की भागीदारी के बिना पैसा चाहते हैं.
बैंकिंग को सरकारों द्वारा यह साबित करने के लिए विनियमित किया जाता है कि आपके द्वारा दावा किया गया धन वास्तविक है.
यदि सरकार आपके पास मुद्रा के रूप को नहीं पहचानती है, तो यह “वास्तविक” नहीं है.
6. धैर्य रखें
क्रिप्टोकरेंसी बाजार बढ़ रहा है, लेकिन इसलिए क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित धोखाधड़ी और जोखिम हैं.
आपने संभवतः उन लोगों की सफलता की कहानियां सुनी हैं जो क्रिप्टो से समृद्ध हैं.
लेकिन सफलता के सपनों को अपनी दृष्टि को धुंधला न होने दें.
बहुत सारे प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी हैं, इसलिए आपको कमिट करने से पहले बड़े पैमाने पर तैयार करने की आवश्यकता है यदि आप सिर्फ मौके नहीं लेना चाहते हैं.
बाजार और क्रिप्टोकरेंसी की जांच करें, जिसमें आप रुचि रखते हैं, उनके रचनाकारों के बारे में जानें, व्यापार मैट्रिक्स का निरीक्षण करें और चिह्नित करें, और विशेषज्ञों से परामर्श करें.
क्रिप्टोकरेंसी बाजार के विस्तार के साथ, बहुत कुछ बदल सकता है.
कौन जानता है, यह स्थिर हो सकता है, और भविष्य में विनियमन के तहत भी गिर सकता है.
क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत
Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.
Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
क्रिप्टो पर क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए कन्फ्यूजन फैला क्यों?
वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
कब से लगेगा नया टैक्स?
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत
Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.
Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
ट्रांजैक्शन पर TDS क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए भी वसूलेगी सरकार
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?
वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये क्या मुझे क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करना चाहिए करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
कब से लगेगा नया टैक्स?
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
व्हाट्स एप न्यूज : अंजान कॉल से रहे सावधान, कॉल रिसीव करने पर हो सकते हैं ब्लैकमेलिंग का शिकार
व्हाट्स एप न्यूज : यदि आपके पास व्हाट्स एप या फिर किसी अन्य सोशल नेटवर्किंग साइट पर किसी अंजान लड़की, खूबसूरत महिला या फिर अंजान नंबर से कॉल आए तो इसे गलती से भी न रिसीव न करें। ऐसा करने पर सामने वाला कभी भी आपकी अश्लील वीडियो बना सकता है और फिर वह वीडियो आपको ही भेज कर ब्लैकमेल कर सकता है। ऐसे होने पर तुरंत उस नंबर को ब्लॉक कर दें या फिर आईडी है तो उस पर से भी ब्लॉक कर दें। इसके अलावा साइबर थाना या फिर संबंधित थाना पुलिस को शिकायत दें ताकि इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सके। जींद में दो-तीन मामले ऐसे ही आ चुके हैं। जिनकी शिकायतें साइबर थाना पुलिस से की गई हैं और साइबर थाना पुलिस लगातार ऐसे मामलों पर कार्रवाई कर रही हैं।
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ऐसे करते हैं शिकार
व्हाट्स एप न्यूज : साइबर अपराधी लड़कियों के नाम से व्हाट्सएप पर प्रोफाइल बनाते हैं और फिर फ्रेंडशिप का संदेश भेजते हैं। इसके बाद लड़की के माध्यम से न्यूड वीडियो कॉल कराते हैं। इस दौरान लोगों को भी झांसे में लेकर न्यूड करा लेते हैं। इसका वीडियो स्क्रीन रिकॉर्डिंग के माध्यम से रिकॉर्ड कर लेते हैं और बाद में वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपयों की मांग करते हैं। जींद में ही ऐसा एक प्रतिष्ठित भाजपा नेता व उचाना ेमें कनाडा से आए एक युवक के साथ हो चुका है। फिर ब्लैकमेलिंग का दौर शुरू होता है। ब्लैकमेलरों द्वारा फंसाने के लिए अंजान नंबर से भी वीडियो कॉल की जाती है और अगर कोई व्यक्ति गलती से भी वीडियो कॉल उठा लेता है तो वो ठगी का शिकार हो जाता है। ऐसे में यदि आपके नंबर पर भी इस तरह के अंजान नंबर से कॉल आए तो उसे नहीं उठाना चाहिए।
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वीडियो वायरल करने की धमकी दे वसूलते हैं मोटी रकम
व्हाट्स एप न्यूज : व्हाट्सअप या फिर अन्य सोशल साइट्स पर अश्लील वीडियो बना कर फोटो वायरल करने की धमकी दी जाने लगी है। उसके बाद उनसे मोटी रकम की वसूली करती हैं। सामाजिक व इज्जत के भय से फंसा हुआ व्यक्ति इन ब्लैकमेलरों को रुपये देने लगता है। जब वो पैसा देने में असमर्थ हो जाते हैं तब पुलिस को शिकायत करते हैं।
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किसी भी अनजान की रिक्वेस्ट और वीडियो कॉल न सुनें
व्हाट्स एप न्यूज : यदि आपके सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम पर किसी अंजान लड़की का रिक्वेस्ट आए तो पहले उसकी आईडी की अच्छी से जांच कर लें। यदि उसमें कोई आपका म्यूचल फ्रेंड है तो उससे इस बारे में जानकारी लें। यदि उसके बारे में कोई जानकारी न मिले तो सबसे बेहतर उपाय है, उस आईडी को ब्लॉक कर दें। यदि आपके नंबर पर किसी अंजान लड़की का मैसेज आता है और आपसे दोस्ती करने की बात कर रही तो आप सावधान हो जाएं और उससे दोस्ती कदापि न करें और न तो उसका वीडियो कॉल अटैंड करें।
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ऐसे बचें साइबर अपराधियों से
1. यदि अपरिचित नंबर के कॉल आती है तो उसे रिसीव नहीं करें। व्हाट्सएप पर अगर अपरिचित नंबर से चैटिंग के लिए मैसेज आता है तो उसका कभी भी जवाब नहीं देना चाहिए।
2. आपके पास अनजान नंबर से वीडियो कॉल आए तो तुरंत अपना कैमरा ऑन न करें।
3. व्हाट्सएप प्राइवेसी में अपना अकाउंट सिर्फ कान्टेक्ट करके रखें ताकि जो आपके कान्टेक्स में हो वही आपसे कान्टेक्ट रख सके।
4. यदि वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर ब्लैकमेल किया जाए तो तुरंत इसकी शिकायत पुलिस से करें।
साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी
साइबर सेल नोडल अधिकारी एवं एएसपी अर्ष कुमार ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। आमजन को चाहिए कि अनजान नंबरों से कॉल पिकअप न करें। अपनी निजी जानकारी किसी से भी सांझा न करें। यदि गलती से कॉल रिसीव हो और सामने वाला ब्लैकमेल करने लगे तो इसकी जानकारी तुरंत प्रभाव से साइबर थाना पुलिस को जानकारी दें