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शेयर बाजार के इतिहास

शेयर बाजार के इतिहास
पिछले 15 साल में जुलाई में सेंसेक्स ने 11 बार पॉजिटिव रिटर्न दिया है।

Bazaar Agle Hafte: सोमवार के शेयर बाजार पर जानिए अनिल सिंघवी की दमदार स्ट्रैटेजी

सोमवार को Nifty 17,200 से 17,300 के बीच सपोर्ट करेगा और ऊपरी स्तरों पर 17,800 से 18,000 के बीच रुकावट करेगा. Bank Nifty 40,200 से 40,400 के बीच सपोर्ट करेगा और ऊपरी स्तरों पर 41,200 से 41,400 के बीच रुकावट करेगा. ग्लोबल बाजार तय करेंगे भारतीय बाजारों का मूड: अनिल सिंघवी

शेयर बाजार ने रचा इतिहास, आज सेंसेक्स पहली बार 49,000 से पहुंचा पार, निफ्टी में भी बढ़त

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। भारतीय शेयर बाजार (Share Market) ने आज इतिहास रच दिया है, जो बेहद शानदार है। आज घरेलू शेयर बाजार ऐतिहासिक ऊंचाई पर जा पहुंचा है और सेंसेक्स (Sensex) ने पहली बार 49,000 का स्तर पार कर लिया है। सकारात्मक वैश्विक रुझानों और भारी एफपीआई आवक के चलते प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स सोमवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 400 अंक से अधिक बढ़कर पहली बार 49,000 के स्तर को पार कर गया।

इस दौरान सेंसेक्स ने आईटी शेयरों में तेजी के बल पर 49,260.21 के सर्वकालीन उच्च स्तर को छुआ और अब तक 405.45 अंक या 0.83 प्रतिशत बढ़कर 49,187.96 पर कारोबार कर रहा, इसी तरह एनएसई निफ्टी 112.45 अंक या 0.78 प्रतिशत उछलकर 14,459.70 पर था।

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सेंसेक्स में वृद्धि
वहीं सुबह 9 बजकर 41 शेयर बाजार के इतिहास शेयर बाजार के इतिहास मिनट पर सेंसेक्स 398.66 अंक यानी 0.82 फीसदी की उछाल के साथ 49,181.17 पर कारोबार कर रहा है, जबकि आज सुबह 9 बजकर 54 मिनट पर एनएसई का निफ्टी 209.90 अंक यानी 1.48 फीसदी की उछाल के साथ 14,347.25 पर कारोबार कर रहा है. निफ्टी जल्द ही 14500 के स्तर को छूने वाला है जो कि रिकॉर्ड होगा।

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रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट
सेंसेक्स में चार प्रतिशत की बढ़त के साथ इंफोसिस शीर्ष पर रही, जबकि एचसीएल टेक, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, एचयूएल और टीसीएस भी बढऩे वाले शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर एक्सिस बैंक, मारुति, ओएनजीसी, बजाज फाइनेंस और रिलायंस इंडस्ट्रीज में गिरावट हुई। पिछले सत्र में सेंसेक्स 689.19 अंक या 1.43 प्रतिशत बढ़कर 48,782.51 पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 209.90 अंक या 1.48 प्रतिशत की तेजी के साथ 14,347.55 के रिकॉर्ड स्तर पर बंद शेयर बाजार के इतिहास हुआ था।

शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने शुक्रवार को सकल आधार पर 6,029.83 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड 1.29 प्रतिशत की गिरावट के साथ 55.27 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

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शुक्रवार को शेयर बाजार हरे निशान पर खुला
बता दें कि सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को शेयर बाजार हरे निशान पर खुला। शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स में 300 अंकों से अधिक की तेजी हुई और इस दौरान इंफोसिस, टीसीएस और एचडीएफसी बैंक जैसे बड़े शेयरों में तेजी और सकारात्मक वैश्विक संकेतों के चलते बाजार को मजबूती मिली। वहीं निफ्टी 14,200 के पार कारोबार कर रहा था।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 328.75 अंक या 0.68 प्रतिशत बढ़कर 48,422.07 पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 101.15 अंक या 0.72 प्रतिशत चढ़कर 14,238.50 पर पहुंच गया।

शेयर बाजार बनाएगा र‍िकॉर्ड! 10 साल के इत‍िहास से जानें कैसी रहेगी बाजार की चाल?

ऐसे में बड़ा सवाल यह है क‍ि आज शेयर बाजार का क्‍या रुख रहेगा. आइए जानते हैं प‍िछले 10 सालों का इत‍िहास.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Budget 2022 : सरकार की तरफ से सोमवार को संसद में पेश क‍िए गए आर्थ‍िक सर्वे ने शेयर बाजार में जान फूंक दी. इकोनॉम‍िक सर्वे से म‍िले सकारात्‍मक संकेतों से सेंसेक्‍स 800 से ज्‍यादा अंक की तेजी के साथ 58,014.17 बंद हुआ था. ल‍िवाली के रुख से निफ्टी भी 17,339 पर पहुंच गया. बजट पेश होने में कुछ घंटे रह गए हैं, ऐसे में बड़ा सवाल यह है क‍ि आज शेयर बाजार का क्‍या रुख रहेगा. आइए जानते हैं प‍िछले 10 सालों का इत‍िहास.

बजट 2021 वाले दिन सेंसेक्स में 5 प्रतशित का उछाल देखा गया था. तेजी का यह सिलसिला अगले छह दिनों तक चला था. उसके बाद बाजार में करेक्शन का दौर शुरू हुआ और यह 22 फरवरी 2021 तक बहुत हद तक करेक्ट हो गया था.

साल 2020 में बजट वाले दिन सेंसेक्‍स में 2.42 फीसदी की गिरावट आई थी. हालांकि बजट के बाद अगले एक हफ्ते में बाजार में 3.53 फीसदी का करेक्शन देखा गया. कुल मिलाकर बाजार में यद‍ि गिरावट आती है तो जल्दी रिकवर हो जाता है

1 फरवरी, 2019 को तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने पीएम मोदी के पहले कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया था. उस दौरान कारोबारी सत्र की समाप्‍त‍ि पर सेंसेक्‍स में 0.59 प्रतिशत की उछाल आई थी. बजट के बाद अगले तीन दिन तक बाजार में तेजी का माहौल रहा था.

इस बार तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपना अंतिम यून‍ियन बजट पेश किया था. इस बजट के बाद बाजार में गिरावट का दौर रहा था. बजट वाले दिन कारोबार में 1.29 प्रतिशत की गिरावट आई थी. बजट के अगले तीन द‍िन तक भी बजट में ग‍िरावट का दौर रहा था.

1 फरवरी, 2017 को, तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली के बजट का शेयर बाजार के इतिहास बाजार ने स्वागत किया था. बजट के दौरान सेंसेक्स में 1.76 प्रतिशत की उछाल आई थी. सत्र समाप्त होने पर सेंसेक्स 1.82 प्रतिशत चढ़ गया था.

29 फरवरी, 2016 को संसद में बजट पेश होने के बाद सेंसेक्स में 2.85 प्रतिशत की ग‍िरावट आई थी. तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली की तरफ से पेश क‍िए गए बजट के बाद न‍िफ्टी भी ग‍िरा था. हालांकि बाद के छह सत्रों में बाजार में तेजी आयी थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का यह पहला पूर्ण बजट था. बजट पेश होने के बाद सेंसेक्स में 0.48 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई थी. बजट के अगले दो दिनों तक बाजार में तेजी रही थी.

17 फरवरी 2017 को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अंतरिम बजट पेश किया गया था. चुनाव से पहले आए इस बजट के द‍िन शेयर मार्केट में तेजी देखने को मिली थी. बजट के दो दिन बाद तक शेयर मार्केट में उछाल रहा था.

बजट 2013-14 को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पेश क‍िया था. बजट पेश होने के बाद बाजार में 1.87 प्रत‍िशत की गिरावट आई थी. बाद में दिन के कारोबार में हल्‍का सुधार देखने को मिला था. कारोबार सत्र के अंत में सेंसेक्‍स में 1.52 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई थी.

साल 2012 में वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने अपने करियर का सातवां केंद्रीय बजट पेश किया था. बजट के दिन कारोबार में गिरावट हुई थी और सेंसेक्स बेंचमार्क इंडेक्स 1.19 प्रतिशत गिर गया था. बजट के अगले दिन भी सेंसेक्स में 1.1 प्रतिशत की गिरावट हुई थी.

Share market news: जून में 14 लाख करोड़ डूबे लेकिन जुलाई में होगी नोटों की बरसात! जानिए क्या कहता है सेंसेक्स का 15 साल का इतिहास

जून का महीना शेयर मार्केट के निवेशकों (Stock Market Investors) के लिए भारी निराशा लेकर आया। इस दौरान सेंसेक्स (BSE Sensex) में 2,300 अंक से अधिक की गिरावट आई और निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपये डूब गए। लेकिन जुलाई में उन्हें राहत मिल सकती है। कम से कम इतिहास तो यही कहता है। जानिए पिछले 15 साल में कैसी रही है सेंसेक्स (शेयर बाजार के इतिहास Sensex) की चाल..

हाइलाइट्स

  • जून में निवेशकों ने गंवाए 14 लाख करोड़ रुपये
  • लेकिन जुलाई में उन्हें बंपर रिटर्न मिल सकता है
  • पिछले 15 साल में सेंसेक्स ने 11 बार पॉजिटिव रिटर्न दिया

share market

पिछले 15 साल में जुलाई में सेंसेक्स ने 11 बार पॉजिटिव रिटर्न दिया है।

नई दिल्ली: जून में शेयर मार्केट के निवेशकों (Share Investors) को भारी नुकसान हुआ। बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स (Sensex) में गिरावट से एक महीने में निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। लेकिन जुलाई में उनके जख्मों पर मलहम लग सकता है। अगर इतिहास को देखें तो जुलाई में सेंसेक्स सॉलिड रिटर्न (Return) दे सकता है। कॉरपोरेट डेटाबेस AceEquity द्वारा कंपाइल्ड किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 15 साल में सेंसेक्स में कम से कम छह बार जुलाई में पांच फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है। इस दौरान इंडेक्स ने नौ बार एक फीसदी से अधिक रिटर्न दिया है जबकि 11 बार पॉजिटिव रिटर्न दिया है। पिछले 15 साल में कभी भी जुलाई में सेंसेक्स में पांच फीसदी से अधिक गिरावट नहीं आई है। जुलाई 2019 में सेंसेक्स में सबसे ज्यादा 4.86 फीसदी की गिरावट आई थी। इस दौरान सेंसेक्स में जुलाई 2009 में सबसे ज्यादा 8.12 फीसदी की तेजी आई थी।

जुलाई में कंपनियां जून तिमाही के नतीजे घोषित करना शुरू करेंगी। इसमें महंगाई का असर दिख सकता है। साथ ही जुलाई में अमेरिका के फेड रिजर्व (Federal Reserve) का पॉलिसी रिव्यू होना है। माना जा रहा है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक सुस्त होती इकॉनमी के बजाय महंगाई रोकने पर फोकस कर सकता है। यानी नीतिगत दरों (Policy Rates) में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही घरेलू स्तर पर निवेशकों की नजर मॉनसून की प्रगति पर भी रहेगी। पिछले साल जुलाई में सेंसेक्स में 0.20 फीसदी की तेजी आई थी। जुलाई 2020 में यह 7.71 फीसदी और जुलाई 2018 में 6.16 फीसदी उछला था।

sensex history

निफ्टी का हाल
आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Securities) ने अपनी लेटेस्ट स्टडी में कहा है कि बाजार दिशा के लिए संघर्ष कर रहा है। कैश मार्केट (Cash Market) में घटता वॉल्यूम भी इसकी तस्दीक कर रहा है। एनएसई (NSE) और बीएसई (BSE) में जून में कुल कैश टर्नओवर 23 फीसदी कम रहा। निफ्टी 15,200 से 16,200 के बीच रह सकता शेयर बाजार के इतिहास है। इतिहास को देखें तो निफ्टी कभी भी लगातार तीन से अधिक निगेटिव रिटर्न में नहीं रहा है।

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