सफलता की कहानी

आय के कई स्रोतों के प्रकार

आय के कई स्रोतों के प्रकार
सरकार द्वारा महसूल का इस्तेमाल उन वस्तुओं के उपभोग पर किया जाता है जिनके उपभोग से सामाजिक बुराइयों को बल मिलता है, अनैतिकता बढ़ती है, स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ता है एवं कुशलता मे कमी आती है। महसूल लगाने से ऐसी वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाती है जिसके कारण उपभोग मे कमी आती है। ऐसी वस्तुओं मे आय के कई स्रोतों के प्रकार मादक वस्तुएं शामिल है।

SOURCES OF REVENUE

भारत सरकार की आय और व्यय के स्रोत क्या हैं

भारत सरकार ने 2017-18 के बजट में बताया था सरकार की कुल आय 2146735 करोड़ थी जबकि वित्तीय घाटा 5,46,532 करोड़ , राजस्व घाटा 3,21,163 करोड़ और प्राथमिक घाटा 23,544 करोड़ रुपये था l इन तीनों घाटों से स्पष्ट है कि सरकार की आय उसके व्यय से कम थी| सरकार इस घाटे को पूरा करने के लिए हीनार्थ प्रबंधन (Deficit Financing) का सहारा लेती है|

हम सभी को पता है कि भारत एक लोकतान्त्रिक देश है और यहाँ की सरकार लोगों के कल्याण को अधिकत्तम करने के लिए काम करती है न कि लाभ को अधिकत्तम करने के लिए | इसी कारण सरकार को कई ऐसी योजनाओं को शुरू करना पड़ता है जो कि धन अर्जन के हिसाब से तो बहुत ही फिसड्डी साबित होती हैं लेकिन जन कल्याण के मामले में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं| इन जन कल्याणकारी योजनाओं के कारण ही सरकार के वित्तीय घाटे में कोई कमी नही आ रही हैl सरकार ने सन 2017-18 के बजट में वित्तीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3.2% पर रखने का लक्ष्य रखा है जबकि 2018-19 में इसे 3% के स्तर पर लाने का लक्ष्य रखा गया है l

आय के मुख्य स्रोत के रूप में व्यापार

Can You Make Money on Forex Trading

कर सकते हैं विदेशी मुद्रा में व्यापार या स्टॉक एक्सचेंज बाजार में मुख्य और आय के स्थायी स्रोत हो? वास्तव में, यह सवाल हर नौसिखिया व्यापारी हितों, लेकिन वहाँ कोई नहीं है जो एक निश्चित उत्तर नहीं दे सकते हैं। गतिविधि के इस क्षेत्र में सफलता विभिन्न कारकों पर निर्भर करता है: धैर्य और संतुलन, जल्दी तर्कसंगत निर्णय, एक विकसित अंतर्ज्ञान और किस्मत का एक छोटा सा है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण कारक बनाने की क्षमता माना जाता है ज्ञान हो और अनुभव करने के लिए।

इसके अलावा, सीखने की प्रक्रिया में पूरी गतिविधि दण्डित की जा सकती करना चाहिए। जब आप नहीं है एक सुपरवाइजर और एक सख्त काम अनुसूची, मुख से आजादी के कारण, कई नौसिखिए व्यापारियों है कि यह सबसे जोखिम भरा है और जिम्मेदार व्यवसायों में से एक है भूल जाओ।

आय कर से छूट

कर से छूट प्राप्त आय में ट्रेजरी प्रतिभूतियों, नगरपालिका से आय शामिल हैबांड.

कम दरों पर कर की जाने आय के कई स्रोतों के प्रकार वाली आय में योग्य लाभांश शामिल हैं,पूंजीगत लाभ जो दीर्घकालिक, सामाजिक सुरक्षा आय आदि हैं। हालांकि, ध्यान दें कि सामाजिक सुरक्षा आय कई बार कर योग्य होती है जो कि एक वर्ष के दौरान आपको प्राप्त होने वाली अन्य आय की राशि पर निर्भर करती है।

आय के कई स्रोतों के प्रकार प्रयोज्य आय

डिस्पोजेबल आय से तात्पर्य उस राशि से है जो आपने अपने करों का भुगतान करने के बाद छोड़ी है। इस आय को तब आवश्यकताओं की खरीद पर खर्च किया जाता है।

You Might Also Like

Get it on Google Play

AMFI Registration No. 112358 | CIN: U74999MH2016PTC282153

Mutual fund investments are subject to market risks. Please read the scheme information and other related documents carefully before investing. Past performance is not indicative of future returns. Please consider your specific investment requirements before choosing a fund, or designing a portfolio that suits your needs.

Shepard Technologies Pvt. Ltd. (with ARN code 112358) makes no warranties or representations, express or implied, on products offered through the platform. It accepts no liability for any damages or losses, however caused, in connection with the use of, or on the reliance of its product or related services. Terms and conditions of the website are applicable.

सार्वजनिक आय के स्रोत

sarvajanik aay आय के कई स्रोतों के प्रकार ke srot;सरकार के द्वारा विभिन्न प्रकार के किये जाने वाले कार्यों मे दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है। इन कार्यों को संपन्न करने के लिये अत्यधिक मात्रा मे धन की आवश्यकता होती है, जिसे आय के कई स्रोतों के प्रकार सरकार विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त करती है, इन्ही स्त्रोतों को सार्वजनिक आय का स्त्रोत कहा जाता है।

सार्वजनिक आय के स्रोतों को मोटे रूप मे दो भागों मे विभाजित किया जा सकता है--

(अ) कर आय

कर सार्वजनिक आय का सबसे प्राचीनतम स्त्रोत है। आज भी सार्वजनिक आय का आय के कई स्रोतों के प्रकार अधिकांश भाग करों के रूप मे ही प्राप्त किया जाता है। कर राज्य की अनिर्वाय रूप से चुकायी जाने वाली राशि है। सरकार करों से प्राप्त इस राशि को जन कल्याण संबंधी कार्यों पर व्यय कर देती है।

सामान्यतया कर दो प्रकार के होते है--

1. प्रत्यक्ष कर

प्रत्यक्ष कर वह होता है, जिसका भार वही व्यक्ति वहन करता है जिस पर वह लगाया जाता है, अर्थात् कराघात व करापात एक आय के कई स्रोतों के प्रकार ही व्यक्ति पर होता है। ऐसे करों मे आय कर मूल्य कर, संपत्ति कर, उपहार कर, व्यय कर आदि शामिल है।

2. अप्रत्यक्ष कर

अप्रत्यक्ष या परोक्ष कर वह होता है जिसका भुगतान एक व्यक्ति द्वारा किया जाता है, पर भार किसी अन्य व्यक्ति द्वारा वहन किया जाता है। इस तरह के करों मे बिक्री कर तथा उत्पादन कर शामिल है। इस कर को विक्रेता तथा उत्पादक से वसूल किया जाता है, पर वे इसे ग्राहक तथा उपभोक्ता से वसूल कर लेते है।

(ब) गैर-कर आय

वे समस्त आय के स्रोत जो कर की श्रेणी मे नही आते उन्हे गैर-कर आय मे शामिल किया जाता है। राज्य के कार्य क्षेत्र मे विस्तार के साथ-साथ आय के गैर-कर स्त्रोतों आय के कई स्रोतों के प्रकार मे भी वृद्धि हुई है। सरकार के गैर-कर आय के स्रोतों का आय के कई स्रोतों के प्रकार वर्मन इस प्रकार है--

1. शुल्क अथवा फीस

राज्य समाज को कुछ सेवाएं प्रदान करता है, जिसके बदले वह पूर्ण अथवा आंशिक लागत प्राप्त करता है। इसे शुल्क कहा जाता है। इस प्रकार के भुगतान अनिर्वाय होते है। जैसे काॅलेजों मे ली जाने वाली फीस, कोर्ट फीस, रजिस्टेशन आय के कई स्रोतों के प्रकार फीस आदि।

कर और शुल्क मे अंतर है। कर व्यक्तियों से बिना सुविधा के भी वसूल किये जाते है, जबकि शुल्क सुविधाओं का पारिश्रमिक होता है।

2. लाइसेन्स शुल्क

शुल्क का भुगतान उस समय किया जाता है जबकि व्यक्ति शासकीय सेवाओं का उपयोग करता है, परन्तु लाइसेन्स शुल्क तब देना होता है, जब किसी कार्य को सरकार स्वयं न करके अपने कार्य का संपादन किसी व्यक्ति अथवा संस्था को सौंप देती है। ऐसी दशा मे कार्य करने वाले व्यक्ति से लाइसेंस शुल्क वसूल किया जाता है।

इनकम टैक्‍स के मामले में 'अन्‍य स्रोतों से आय' क्‍या है?

photo2

टैक्‍स लगाने के मकसद से इनकम को कई मदों में बांटा गया है. 'अन्‍य स्रोतों से आय' भी उन्‍हीं में से एक है.

2. कंपनियों या दूसरे माध्‍यमों से प्राप्‍त सभी डिविडेंड अन्‍य स्रोतों से आय के तहत आते हैं. इन पर इसी मद के अंतर्गत टैक्‍स लगाया जाता है.

3. डिपॉजिट और बॉन्‍ड से मिला ब्‍याज भी अन्‍य स्रोतों से आय के तहत आता है.

4. लॉटरी, घुड़ दौड़, जुआ, बेटिंग, कार्ड गेम्‍स से होने वाली वन-टाइम इनकम भी अन्‍य स्रोतों से आय में आती है.

5. गिफ्ट के रूप में मिला पैसा, चल या अचल संपत्ति से अर्जित कमाई को भी टैक्‍स लगाने के लिए अन्‍य स्रोतों से आय में रखा जाता है.

रेटिंग: 4.87
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 244
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *