Moving Average इंडिकेटर क्या होता है

Moving Average इंडिकेटर क्या होता है
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Mutual Fund क्या होता है ?
Mutual Fund का साधारण सा मतलब है कई निवेशकों का पैसा, जो एक फंड मैनेजर के द्वारा चुने हुए और
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Dividend कम्पनी Moving Average इंडिकेटर क्या होता है का जो भी नेट प्रॉफिट हुआ है, उसमे से शेअर होल्डर्स को देना | यानी कम्पनी के ग्रॉस
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Share Market यानी शेअर खरीदने और बेचने का मार्केट | कम्पनियाँ यहाँ पर अपने शेअर्स बेचने के लिए आती हैं,
IPO क्या होता है ?
IPO का मतलब है, अगर कोई प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी पब्लिक (आम जनता) को अपने कम्पनी में हिस्सेदार बनाना चाहती है
Fundamental Analysis
Currency trading : होता क्या है ?
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RSI क्या है,
4. RSI से OVER BOUGHT का पता चलता है, और ऐसा माना जाता है कि OVER BOUGHT के बाद ट्रेंड में REVERSAL आ सकता है, और इसलिए OVER BOUGHT की सिचुएशन के बाद मार्केट में TREND बदलने से स्टॉक BEARISH हो सकता है, और इसलिए ट्रेडर ऐसी सिचुएशन में SHORT SELLING के मौके की तलाश करता है,
5. RSI से OVER SOLD का पता चलता है, और ऐसा माना जाता है कि OVER SOLD के बाद ट्रेंड में REVERSAL आ सकता है, और इसलिए OVER SOLD की सिचुएशन के बाद मार्केट में TREND बदलने से स्टॉक BULLISH हो सकता है, और इसलिए ट्रेडर ऐसी सिचुएशन में अपनी पोजीशन को LONG रखना चाहिए,
RSI को कैसे कैलकुलेट किया जाता है ?
RSI को कैलकुलेट करने का फार्मूला है
RSI Calculation formula Hindi
ऊपर दिए गए फोर्मुले में Average Gain और Average Loss को निकालने का नियम इस प्रकार है –
Average Gain : जितने दिन का RSI निकालना है, उसमे पिछले दिन के बाद, स्टॉक के भाव में ऊपर की तरफ होने वाला बदलाव का औसत
Average Profit: जितने दिन का RSI निकालना है, उसमे पिछले दिन के बाद, स्टॉक का जितने दिन कम हुआ, तो कम हुए भाव के पॉइंट्स का औसत,
जैसे – अगर किसी स्टॉक का भाव 85 है, और अगले 14 दिन का भाव कुछ इस प्रकार है तो हम मैन्युअली RSI निकाल कर देखते है –
RS CALCULATION SHEET
इस तरह Average Gain = 29/14=2.07
और Average Loss= 10/4 =0.714
इस तरह RS = 2.07/0.714 =2.8991
इसलिए अब RSI = 100- 100/100+2.8991
= 74.3531
RSI का AUTOMATIC कैलकुलेशन
RSI को हम टेक्निकल एनालिसिस के सॉफ्टवेयर की हेल्प से दो सेकंड में कैलकुलेशन कर सकते है,
सिर्फ हमें RSI (INDICATOR TOOL) को सेलेक्ट करना है, और INPUT में सॉफ्टवेयर को दिनों की संख्या के बारे में बताना है, कि हम कितने दिन का RSI निकालना चाहते है,
जैसे- अगर 14 दिन का RSI निकलना चाहते है तो हमें 14 इनपुट करना है,
और सॉफ्टवेयर तुरंत चार्ट पर एक RSI इंडिकेटर की लाइन खीच देगा, जो 0 से 100 के बीच कुछ भी हो सकता है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) के नियम और इसका इस्तेमाल
1. RSI एक 0 से 100 के बीच BAND में घूमता है, RSI न तो 0 से नीचे जा सकता है और न ही 100 से ऊपर,
2. जब RSI 70 से उपर जाता है, तो ये हमें OVERBOUGHT के बारे में बताता है, और स्टॉक में STRONG POSITIVE MOMENTUM के टॉप का पता चलता है, जहा से आगे CORRECTION या मार्केट नीचे आने की संम्भावना की जा सकती है,
और ये हो सकता है कि जब CORRECTION तो भाव नीचे आएगा और ऐसे में कुछ ट्रेडर SHORT SELLING या अपनी पोजीशन को SQUARE OFF करने का सोच सकते है,
3. जब RSI 30 से नीचे जाता है, तो ये हमें OVERSOLD के बारे में बताता है, और स्टॉक में STRONG NEGATIVE MOMENTUM के टॉप का पता चलता है, जहा से आगे CORRECTION या मार्केट के ऊपर की संम्भावना की जा सकती है,
ऐसी सिचुएशन में कुछ ट्रेडर खरीददारी का मौका तलाश कर सकते है, और अपनी पोजीशन को लॉन्ग बनाने की कोशिश कर सकते है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) नियम के अपवाद और सावधानिया
1. अगर कोइ स्टॉक बहुत समय से UPTREND में है, तो चार्ट पर उसका RSI भी 70 से ऊपर हो सकता है, और ऐसे में ये जरुरी नहीं कि तुरंत कोई करेक्शन आने वाला है,
क्योकि RSI 100 से ऊपर नहीं जाता है, और स्टॉक जब तक UP TREND में तब तक RSI 70 या उस से ऊपर ही बताएगा,
और ऐसे में अगर आपने स्टॉक में अपनी पोजीशन बनाई हुई है, तो जब तक कोई ट्रेंड् REVERSAL नहीं आता, तब तक सिर्फ RSI के आधार पर मार्केट के करेक्शन की संभवना सही नहीं मानी जाएगी,
2. इसी तरह, अगर कोइ स्टॉक बहुत समय से DOWN TREND में है, तो चार्ट पर उसका RSI भी 30 के आस पास या उस नीचे हो सकता है, और ऐसे में ये जरुरी नहीं कि तुरंत कोई करेक्शन आने वाला है, क्योकि हो सकता है स्टॉक में लम्बे समय का डाउन ट्रेंड बना रहने वाला हो,
ध्यान देने वाली बात है कि क्योकि RSI 0 से नीचे नहीं जाता है, और इसलिए स्टॉक जब तक DOWN TREND में तब तक RSI 30 या उस से नीचे ही बताएगा,
और ऐसे में अगर आपने स्टॉक में अपनी पोजीशन को लेकर सावधान रहना चाहिए, और ट्रेंड के खिलाफ RSI के भरोसे किसी Moving Average इंडिकेटर क्या होता है तरह का ट्रेड नहीं लेना चाहिए,
3. अगर एक लम्बे समय के बाद RSI 0 से 30 से ऊपर जाने लगे यानी OVERSOLD से बाहर निकलने के संकेत मिले तो ये एक ट्रेंड रेवेर्सल सूचक हो सकता है और ऐसे में कुछ अन्य टूल्स की मदद से कन्फर्मेशन लेते हुए अपनी लॉन्ग पोजीशन बना सकते है,
4. और इस तरह अगर एक लम्बे समय के बाद RSI 70 से नीचे जाने लगे यानी OVERBOUGHT से बाहर निकलने के संकेत मिले तो ये एक ट्रेंड रेवेर्सल सूचक हो सकता है और ऐसे में कुछ अन्य टूल्स की मदद से कन्फर्मेशन लेते हुए अपनी पोजीशन को क्लोज कर सकते है या short selling कर मौका बना सकते है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) : SUMMARY
RELATIVE STRENGTH INDEX हमें बताता है –
अगर RSI 0 से 20 के बीच है तो OVERSOLD सिचुएशन है, इसलिए BUY करो
अगर RSI 80 से 100 के बीच है तो OVERBOUGHT सिचुएशन है, इसलिए SELL करो
RSI का बेस्ट तरीके से इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी है –
1. कोई भी टेक्निकल एनालिसिस टूल 100 % सही सही नहीं बता सकता , इस बात को ध्यान में रखना चाहिए, और इसी लिए RSI भी हमेशा सही नहीं हो सकता, ये सिर्फ एक सम्भावना को बताने की कोशिस करता है,
2. सिर्फ RSI के भरोसे कभी भी TRADE न ले, आपको इसके साथ टेक्निकल एनालिसिस के अन्य tools और इंडीकेटर्स को भी जरुर इस्तेमाल करे, जैसे – VOLUME, कैंडलस्टिक पैटर्न, सपोर्ट and रेजिस्टेंस, मूविंग एवरेज,
3. टेक्निकल एनालिसिस के नियमो के साथ फ्लेक्सिबल रहो, और थोड़े बहुत बदलाव के साथ अपना खुद का पॉइंट ऑफ़ व्यू बनाने की कोशिश करो,
आशा करता हु कि TECHNICAL ANALYSIS के ये टॉपिक, आपको जरुर पसंद आया होगा, और आपसे REQUEST कि आप अपने सुझाव, सवाल और कमेंट को निचे जरुर लिखिए,
Technical analysis in hindi | Technical analysis क्या होता है?
Technical analysis
technical analysis का उपयोग financial market की चाल को समझने के लिए किया जाता है यह price के इतिहास और वर्तमान के आंकड़ों के आधार पर financial market की दिशा का अनुमान लगाने का एक तरीका है। technical analysis का उपयोग ज्यादातर कम टाइम या शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए किया जाता है ट्रेडिंग में इसका अपयोग सबसे ज्यादा होता है इसमे पुराने इतिहास के आँकड़ों के आधार पर शेयर की भविष्य की चाल को समझ कर ट्रेडर ट्रेड करते हैं। यदि किसी ट्रेडर को पिछले बाजार के पैटर्न की पहचान होती है तो वह भविष्य के बाजार की सटीक भविष्यवाणी कर सकता है।
How to use technical analysis | तकनीकी विश्लेषण का उपयोग कैसे करें
एक technical analyst के पास technical analysis करने के कई तरीके होते हैं । जैसे की moving average ,support and resistant level ,candlesticks, chart pattern ,volume और इंडिकेटर इत्यादि इन सब तरीकों से एक एनालिस्ट चाट की मूवमेंट और मार्केट का ट्रेंड आसानी से समझने की कोशिश करता है।
टेक्निकल एनालिस्ट के लिए कुछ इंडीकेटर्स जरुरी होते है
जब भी कोई ट्रेडर शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करता है तो वह शेयर प्राइस के आधार पर शेयर खरीदता है और कम समय में ज्यादा प्रॉफिट कमाना चाहता है। लेकिन शार्ट टर्म में शेयर की प्राइस बहुत तेजी से चेंज होती है तो निवेशक को कैसे पता रहेगा कि किस प्राइस पर शेयर खरीदना है और किस प्राइस पर शेयर बेचना है इस समस्या को सुलझाने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का यूज किया जाता है।
Basic assumptions of technical analysis
1. market action discounts everything
किसी कंपनी के मौजूदा शेयर प्राइस में उस कंपनी की फंडामेंटल फैक्टर्स ग्रोथ इनकम सभी इंक्लूड होता है उसको अलग से चेक करने की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि जो अभी शेयर का मौजूदा प्राइज है उसमें यह सारी बातें इंक्लूड है।
2. prices move in trends.
यहां पर हर शेयर की प्राइस एक ट्रेंड में बढ़ती या घटती रहती है यह माना जाता है कि शेयर प्राइस जिस ट्रेन में अभी चल रहा है फ्यूचर में भी वैसे ही चलने की संभावना ज्यादा होती है ट्रेंड तीन टाइप के होते हैं शॉर्ट टर्म मीडियम टर्म और लांग टर्म।
प्राइस ट्रेंड 3 तरीके से ट्रेंड करती है
up trand में शेयर की price 1 पैटर्न में बढ़ती रहती है और down trand में शेयर की price एक पैटर्न में गिरती रहती है और sideways trand में share की प्राइस 1 फिक्स इंटरवल में ट्रेंड करती है।
3. History repeats itself
शेयर मार्केट में हमेशा हिस्ट्री रिपीट होती है पास्ट में किसी वजह से यदि कोई प्राइज में चेंज आया था तो भविष्य में भी उसी वजह से उस शेयर की प्राइस में चेंज आएगा। शेयर मार्किट में प्राइस हमेशा इन्वेस्टर के इमोशंस पर चलती है।
टेक्निकल एनालिसिस की शुरुआत 1755 में जापान के एक चावल व्यापारी Homma munehisa ने की थी।
1755 में Homma munehisa की book The fountain of gold पब्लिक हुई थी जिससे कि टेक्निकल एनालिसिस की शुरुआत हुई उन्होंने बताया कि राइस की प्राइस कैसे राइस के वॉल्यूम और मौसम पर निर्भर करती है इसको समझ कर आप फ्यूचर मैं राइस की प्राइस को समझ सकते हैं
Dow theory
Technical analysis
आज हम किस मॉडर्न technical analysis की theory को जानते हैं और यूज़ करते हैं वो बेस्ड है dow theory पर।
इस थ्योरी को वॉल स्ट्रीट Dow Jones Industrial Average (DJIA) के फाउंडर Charles Henry Dow द्वारा लिखी 255 Wall Street Journal Editorial Article पर आधारित है। और इस article को William Peter Hamilton, Robert Rhea and E. George Schaefer ने रीऑर्गेनाइज करके पब्लिश किया और आज इस थ्योरी को टेक्निकल एनालिसिस मैं बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।
मैं Technical Analysis कैसे सीख सकता हूँ?
Technical Analysis सीखने के लिए सबसे पहले निवेश, स्टॉक, Moving Average इंडिकेटर क्या होता है बाजार, और वित्तीय की मूल बातें सीखना होगा। यह सब books, online courses, online material, and classes के माध्यम से किया जा सकता है। एक बार मूल Moving Average इंडिकेटर क्या होता है बातें समझ जाने के बाद, आप उसी प्रकार की सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन वे जो विशेष रूप से Technical Analysis पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
BEST EIGLE STOCKS कैसे FIND करे
अधिकांश लोग PENNY STOCKS में अपना पैसा निवेश कर देते है क्यूंकि उनका भाव सस्ता होता है और एक व्यक्ति उसमे अधिक शेयर की मात्रा भी खरीद सकता है लेकिन अधिकांश लोगो को PENNY STOCKS में मुनाफे की जगह नुकसान ही हुआ है । कुछ लोग BLUECHIP STOCKS व GROWTH STOCKS में भी निवेश करते है हालाँकि इन स्टॉक्स में निवेश करने से नुकसान बहुत ही कम होता है लेकिन इनमे हमे लम्बी अवधि के लिए निवेश करना पड़ता है।
आखिरकार प्रश्न ये उठता है की किन शेयर में निवेश करे ताकि कम समय में अधिक मुनाफा कमाया जा सके इसके लिए लोग विभ्भिन प्रश्न पूछते है जैसे शेयर बाजार में किस स्टॉक में ट्रेड करे शेयर बाजार में मुनाफा कमाने की रणनीति क्या है आदि
शेयर बाजार में EIGLE STOCKS FIND करने की प्रकिया
1. PRICE ACTION
किसी भी शेयर में PRICE ACTION देखना बहुत ही जरूरी है। एक शेयर में होने वाली मंदी और तेजी को PRICE के माध्यम से आसानी से देखा जा सकता है शेयर बाजार में अधिकांश लोग प्राइस एक्शन के माध्यम से ही शेयर में ट्रेड लेते है PRICE ACTION शेयर बाजार का एक बहुत ही बड़ा विषय है
एक शेयर में हम निम्न तरीको से प्राइस एक्शन को देख सकते है
1. PREVIOUS DAY BREAKOUT
प्रीवियस डे ब्रेकआउट इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बहुत ही उपयोगी है अगर कोई शेयर अपने प्रीवियस डे के प्राइस को ब्रेक आउट कर नए प्राइस पर क्लोजिंग करता है तो हम इस क्लोजिंग की गतिविधि के आधार पर ट्रेड ले सकते है
2. WEEKLY / MONTHLY BREAKOUT
शार्ट टर्म ट्रेडिंग के लिए वीकली व मंथली प्राइस ब्रेक आउट बहुत ही महत्वपूर्ण है वीकली ब्रेक आउट में शेयर अपने पिछले पिछले सप्ताह के प्राइस को ब्रेक आउट कर नई प्राइस पर क्लोजिंग करता है जबकि मंथली ब्रेकऑउट में शेयर अपने पिछले महीने के प्राइस को ब्रेकऑउट कर नई प्राइस पर क्लोजिंग करता है।
3. 52 WEEK BREAKOUT
प्राइस एक्शन में 52 WEEK ब्रेक आउट एक महत्वपूर्ण ब्रेक आउट है ये दो प्रकार का होता है 52 WEEK HIGH ब्रेक आउट और दूसरा 52 WEEK LOW ब्रेकआउट। अगर एक शेयर 52 WEEK HIGH से ब्रेकआउट देता है तो शेयर में तेजी आने के संकेत है लेकिन अगर शेयर 52 WEEK LOW से ब्रेकआउट देता है तो शेयर में मंदी आने के संकेत है।
4. 2 YEARS AND 5 YEAR BREAKOUT
अगर एक शेयर 2 YEARS HIGH या 5 YEARS HIGH से ब्रेक आउट दे रहा है तो शेयर में लम्बी अवधि तक तेजी आने के संकेत है 2 YEARS HIGH व 5 YEARS HIGH ब्रेकआउट प्राइस एक्शन में सबसे अधिक महत्व पूर्ण है।
2. VOLUME AND DELIVERY
VOLUME AND DELIVERY के आधार पर किसी भी शेयर में ट्रेड लिया जा सकता है एक शेयर में किसी बड़े निवेशक के प्रवेश को केवल वॉल्यूम के माध्यम से ही देखा जा सकता है अगर लगातार किसी शेयर में वॉल्यूम और डेलिवेरी बढ़ रही है तो शेयर शेयर में तेजी आने के संकेत है।
जब भी किसी शेयर में ब्रेकआउट होता है व ब्रेकआउट वॉल्यूम और डिलीवरी के साथ होता है तो ऐसा ब्रेकआउट ट्रू ब्रेकआउट माना जाता है।
अगर शेयर के प्राइस को वॉल्यूम व डिलीवरी के साथ देखा जाये तो शेयर के चलन को आसानी से समझा जा सकता है।
3. MOMENTUM INDICATORS
मोमेंटम इंडियकटर्स के माध्यम से शेयर में होने वाले मोमेंट पता लगाया जा सकता है शेयर बाजार में मुनाफा कमाने के लिए ऐसा ही शेयर निवेश करना आव्सय्क है जिनमे मोमेंट हो। अगर किसी शेयर में मोमेंट नहीं है तो उसमे समय और पैसा निवेश करने का कोई अर्थ नहीं है।
मोमेंटम इंडीकेटर्स के दो प्रकार है -
1. RELATIVE STRENGTH INDEX ( RSI )
रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स इंडिकेटर का उपयोग टेक्निकल एनालिसिस में अधिक किया जाता है RSI किसी भी शेयर की प्राइस मॉवेन्ट के आधार पर शेयर शेयर की गति और परिवतर्न को दर्शाता है शेयर की स्ट्रेंथ को दर्शाने के लिए RSI 0 -100 की रेंज के मध्य औसीलेट करता है। अगर RSI 70 से ऊपर है तो शेयर को ओवरबॉट माना जाएगा और अगर 30 के नीचे है तो शेयर में ओवरसोल्ड की स्थिति मानी जाएगी।
RSI अगर लंबे समय से 70 से ऊपर है तो ये शेयर में खरीदारी की स्थिति को दर्शाता है। अगर RSI 70 तक आता है एवम पुने ऊपर चला जाता है तो ये किसी भी शेयर के बुलिश होने का संकेत देता है जबकि RSI 70 क्रॉस करके लगातार नीचे आता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो गया है।
जबकि RSI अगर लंबे समय से 30 के नीचे है तो ये शेयर में बिकवाली की स्थिति को दर्शाता है। अगर RSI 30 तक आता है एवम पुने निचे चला जाता है तो ये किसी भी शेयर के बेयरिश होने का संकेत देता है जबकि RSI 30 क्रॉस करके लगातार ऊपर आता है तो इसका अर्थ है शेयर में ट्रेंड रिवर्स हो गया है।
अलग अलग टाइम फ्रेम के अनुसार RSI भी अलग अलग होता है RSI को किसी भी टाइम फ्रेम मे देखा जा सकता है अगर RSI दीर्घकालीन स्तिथि में 70 से ऊपर है तो ये शेयर के लम्बी समय तक बुलिश रहने की स्तिथि को दर्शाता है।
2. MACD ( MOVING AVERAGE CONVERGENCE DIVERGENCE )
MACD ( एमएसीडी ) इंडिकेटर एक ट्रेंडफोलोविंग और मोमेंटम इंडिकेटर है जिसका इन्वेंशन 1979 में Gerald Appel ने किया था, MACD ( एमएसीडी ) का फुल फॉर्म Moving Average Convergence Divergence है। MACD ( एमएसीडी ) आज भी एक विश्वशनीय इंडिकेटर है जो इंट्राडे ट्रेडर्स को ट्रडिंगे डिसीजन लेने में काफी मदद करता है।
MACD ( एमएसीडी ) एक प्राइस बेस्ड इंडिकेटर है। जो शेयर की कीमतों में हुए परिवर्तन को मूविंग एवरेज की सहायता से प्रदर्शित करता है।