सफलता की कहानी

रिटेल के अंदर

रिटेल के अंदर

Retail

में आपको ये बताने जा रहा हूँ की आप Retail में कैसे Entry ले सकते है इसके लिए आपको कम से कम 12th class pass होना जरुरी है। Retail में आप क्यों जाना चाहते हो ये बात आपके लिए बहुत मायने रखती है। क्यूँकि अक्सर जब लोग Retail में आ जाते है तो वो रिटेल को समज नहीं पाते है और अपना टाइम और अपनी Dream जॉब्स को भी वो peeche छोड़ चुके होते साथ साथ बहुत सी चीजे भी छूट जाती है।

what is a Retail? रिटेल क्या है।

रिटेल क्या हैं ,ये एक लाभ कमाने के उद्देश्य से वितरण के कई चैनलों के माध्यमो से कस्ट्मर उपभोक्ता को goods and Service देने की एक प्रक्रिया हैं। आज रिटेल इंडस्ट्री बहुत बढ़ चुकी इंडिया में ओर globaly ये day to day बढ़ रही है। इसमें इनोवेटिव भी हो रहा है।

Why are you Join in Retail?आप रिटेल क्यूँ join करना चाहते है।

अगर आप रिटेल जॉइन करना चाहते हैं तो आपके मन मे बहुत सारे सवाल जरूर होंगे।उन सब के जवाब आपको इस ब्लॉग में जरूर मिल जाएंगे।रिटेल जॉइन क्यों करे ,अगर अपकी selling skill अच्छी है और आप कॉन्फिडेंस (confidence) होकर customer से बात कर सकते हैं तो ये इंडस्ट्री आपको बहुत पैसे कमा कर दे सकती है और एक अच्छी position भी मिल जाती है।

रिटेल join करने से पहले आपको ये बाते जानना जरूरी हैं।
  • communication skill
  • english speaker
  • confidence leval
  • observation
  • leadership
  • time management
  • Patience
  • Marketing & advertisement
  • good behaviour.

ये सब quality अगर आपके में हैं तो आप इस इंडस्ट्री में बहुत ऊपर तक जा सकते है। लेकिन आप मे अगर ये Qauality अभी नई है तो कोई बात नई आप तब भी इस इंडस्ट्री में जॉब रिटेल के अंदर के लिए Enter हो सकते ओर फिर इन सारी skill को आप improve कर सकते हैं।

Which Format i should join ? आपको कोनसे फॉर्मेट या कंपनी को join करना चाहिए।

अगर आपको नही पता कि आपको कोनसी कंपनी या किस फॉर्मेट में join होना चाहिए शुरू में तो आपको ये बात जानना बहुत जरूरी हैं। अगर आप एक fresher (नोसिखिये) हो आपको नही मालूम कि रिटेल क्या होता हैं तो आपके लिए जरूरी है कि आप कोई अच्छी कंपनी या अच्छा फॉरमेट में रिटेल जॉब के लिए apply करे। वैसे तो आप किसी भी फॉर्मेट में कर सकते है लेकिन आप चाहते है कि आपको एक बहेतर knowledge मिले तो आपको एक अच्छा फॉर्मेट join करना होगा।

हम आपके लिए कुछ अच्छे फॉर्मेट की List पेश कर रहे हैं।
Good Formate For Fresher Candidate इंडिया के टॉप फॉर्मेट। Top Formate in india
  • Shopper Stop
  • Mark Spencer
  • Pantaloons
  • Lifestyle
  • Reilance Trends
  • Max
  • Smart Bazaar
  • Vmart
  • Vishal

ये india के top फॉरमेट में से हैं । वैसे तो ओर भी top ओर अच्छे फॉर्मेट हैं। लेकिन हम आपको बड़े फॉर्मेट के बारे में बता रहे है। इनमे से एक फॉरमेट ऐसा भी है जिसमे मैंने खुद 5 साल जॉब की हैं। उस फॉर्मेट का नाम pantaloons हैं ये एक ऐसा फॉर्मेट जिसे traing center के नाम से भी लोग कहते है।क्यूँकि यहाँ की training बहुत अच्छि होती हैं। यहाँ आपको display ,selling skill, cashier, product knowledge, etc.अच्छी knowledge दी जाती है

कोर्स और प्रेवेश संबंधी जानकारी।

Retail इंडस्ट्री में कई प्रकार के professional course होते हैं उन कोर्स के माध्यम से आप Entry ले सकते हैं। कोर्स जैसे : MBA, PG Diploma,Diploma,Certificate, आदि।भारत की पहेली Retail Association Of India हर साल एक common admission Retail Test भी करती हैं। ये एक अखिल भारती टेस्ट हैं।

किस तरह की जॉब रिटेल में होती हैं। Which Types Of Jobs in Retail?

रिटेल इंडस्ट्री में वैसे तो तामाम जॉब्स मौजूद हैं।हम आपको उन सब जॉब्स के बारे में जानकारी देंगे। स्टोर के अंदर की जॉब्स (In Store JoBs)

  • सेल्स पर्सन
  • टीम लीडर
  • डिपार्टमेंट मैनेजर
  • असिस्टेन्ट स्टोर मैनेजर
  • स्टोर मैनेजर
  • हैड केशियर
  • विसुअल मर्चेंडाइजेर
  • इलेक्ट्रीशियन
  • टेलर.
  • एडमिन.
  • हाउसकीपिंग.रिटेल के अंदर
  • सिक्योरिटी गार्ड
Other JoBs
  • Area business manager
  • Area HR.(Human Resourse)
  • Product category manager
  • Area visual merchandiser
  • Marketing manager.
  • Business Head.
  • COE.
  • COF.
  • Director.
वेतन (Salary)?

रिटेल इंडस्ट्री में सैलरी का ऐहम रोल होता हैं।वैसे तो किसी भी जॉब्स में सैलरी का रोल important होता हैं क्यूँकि इसी के लिए हम महेनत करते हैं। तो एक सेल्स पर्सन की सैलरी जो शुरू होती हैं इंडिया में वो 7200-10000 रुपया होता हैं। in hand (यानी PF Fund कटने के बाद employee के हाथ मे 7200 रुपए आते हैं) जबकि कॉलेज से MBA करके आने वालों को 22000-30000 रुपए दिए जाते हैं ,ओर वो college placement के जरिये आते हैं और Department manager की जॉब के लिए नियुक्त किये जायें हैं

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Incentive & Bonos क्या होता हैं ?

इंसेंटिव वो होता हैं जो कंपनी के द्वारा दिया गया टारगेट पूरा करने पर एक्स्ट्रा पैसा मिलता हैं। और bonos वो होता हैं जो इंडिया में दीवाली पर दिया जाता हैं।

Reliance Retail: ईशा अंबानी जल्द रिलायंस रिटेल की बन सकती हैं चेयरपर्सन, एक हफ्ते में हो सकता है रिलायंस ग्रुप में बड़ा बदलाव!

Reliance Retail: ईशा अंबानी जल्द रिलायंस रिटेल की बन सकती हैं चेयरपर्सन, एक हफ्ते में हो सकता है रिलायंस ग्रुप में बड़ा बदलाव!

Reliance Retail Chairperson: देश की बड़ी कंपनी रिलायंस ग्रुप में एक हफ्ते के अंदर ही दूसरी बार बदलाव होने जा रहा है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी रिलायंस रिटेल की चेयरपर्सन अपनी बेटी ईशा अंबानी को बना सकते हैं. कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिकजल्द ही इसका ऐलान भी कर दिया जाएगा. (PC: Instagram)

Reliance Retail: ईशा अंबानी जल्द रिलायंस रिटेल की बन सकती हैं चेयरपर्सन, एक हफ्ते में हो सकता है रिलायंस ग्रुप में बड़ा बदलाव!

हाल ही में मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो ( Reliance Jio) की जिम्मेदारी अपने बड़े बेटे आकाश अंबानी ( Akash Ambani) को सौंप दी है.(PC: Instagram)

Reliance Retail: ईशा अंबानी जल्द रिलायंस रिटेल की बन सकती हैं चेयरपर्सन, एक हफ्ते में हो सकता है रिलायंस ग्रुप में बड़ा बदलाव!

इसके बाद केवल एक हफ्ते के अंदर ही रिलायंस रिटेल में भी बड़े बदलाव के संकेत हैं. बता दें कि रिलायंस ग्रुप में मुकेश अंबानी अपने सक्सेशन प्लान को आगे बढ़ा रहे हैं.

Reliance Retail: ईशा अंबानी जल्द रिलायंस रिटेल की बन सकती हैं चेयरपर्सन, एक हफ्ते में हो सकता है रिलायंस ग्रुप में बड़ा बदलाव!

गौरतलब है कि अभी ईशा अंबानी Reliance Retail Ventures की डायरेक्टर हैं. इस कारोबार को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी ईशा अंबानी के पास है.(PC: Instagram)

Reliance Retail: ईशा अंबानी जल्द रिलायंस रिटेल की बन सकती हैं चेयरपर्सन, एक हफ्ते में हो सकता है रिलायंस ग्रुप में बड़ा बदलाव!

बता दें कि तीन भाई-बहन में ईशा अंबानी सबसे बड़ी हैं. उन्होंने अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से साइकोलॉजी से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. वहीं कैलीफोर्निया के स्टैनफोर्ड से बिजनेस की एमबीए की पढ़ाई की है.(PC: Instagram)

Reliance Retail: ईशा अंबानी जल्द रिलायंस रिटेल की बन सकती हैं चेयरपर्सन, एक हफ्ते में हो सकता है रिलायंस ग्रुप में बड़ा बदलाव!

बता दें साल 2018 में हेल्थकेयर बिजनेस ग्रुप पीरामल के मालिक अजय पिरामल के बेटे आनंद पिरामल से ईशा अंबानी ने शादी की थी. आनंद परिमल बड़े रियल एस्टेट बिजनेस टाइकून है. (PC: Instagram)

Tags: Mukesh Ambani nita ambani isha ambani reliance industries Akash Ambani Reliance Retail Reliance Industries Share हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

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50 लाख करोड़ के रिटेल मार्केट में ‘न्यू कॉमर्स’ के जरिए उतरेगी रिलायंस, अमेजन को टक्कर

मुकेश अंबानी ‘न्यू कॉमर्स’ नाम से ई-कॉमर्स रिटेल मार्केट में उतरेंगे। कंपनी इससे अमेजन समेत दूसरी बड़ी कंपनियों को टक्कर देगी। रिलायंस इंडस्ट्री देश में दुनिया का सबसे बड़ा ऑन लाइन टू ऑफ लाइन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लाने की योजना पर काम कर रही है। जिसे न्यू कॉमर्स के नाम से जाना जाएगा। इस हाई स्पीड डिजिटल और फिजिकल डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म से देश के 3 करोड़ व्यापारियों और किराना स्टोर को जोड़ा जाएगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कंपनी की 42वीं एजीएम में शेयरधारकों को यह जानकारी दी।

अंबानी ने कहा कि वर्तमान में देश का रिटेल बाजार 50 लाख करोड़ रुपए का है। इसका 90% असंगठित है। इतने बड़े बाजार में प्रवेश करना रिलायंस के लिए एक नया बिजनेस अवसर होगा। एमएसएमई को अपनी यूनिट में ऑटोमेशन से लेकर डेटा के इस्तेमाल, वीडियो कॉंफ्रेंसिंग जैसी चीजों के लिए महीने में 15 से 20 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं। जियो उन्हें मात्र 1500 रुपए प्रतिमाह पर यह सुविधा देगी। इससे देशभर के 20-50 लाख छोटे उद्यमियों को फायदा होगा।

पांच साल में रिलायंस रिटेल को टॉप-20 रिटेलर बनाने का लक्ष्य
रिलायंस रिटेल का टर्नओवर 1.3 लाख करोड़ रुपए पार कर गया है। कंपनी की नई सर्विस भारतीय रिटेल मार्केट में बड़ी हिस्सेदारी रखने वाले लाखों छोटे स्टोर को अपने से जोड़ेगी। मुकेश अंबानी ने कहा कि ‘न्यू कॉमर्स’ इनीशिएटिव के जरिए रिलायंस रिटेल को अगले पांच साल में दुनिया की टॉप 20 रिटेलर बनाने का लक्ष्य है। रिलायंस रिटेल और जियो का सामूहिक रूप से ईबीआईटीडीए में करीब 32% का योगदान हैं, जो पांच साल पहले तक 2 फीसदी था। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब योगदान 50% होगा। रिलायंस रिटेल ने पिछले साल हर 24 सेकेंड में 1 टेलीविजन और हर 2 सेकेंड में 1 फोन की बिक्री की है। पिछले 6 सालों में रिलायंस रिटेल का राजस्व 7 गुना और मुनाफा 14 गुना बढ़ा है। रिलायंस रिटेल स्टोर्स में हर घंटे 1 लाख से ज्यादा ग्राहकों को सेवा दी जाती है।

1. अरामको को ऑयल टू केमिकल का 20% हिस्सा 1.06 लाख करोड़ में बेचा।

रिलायंस काे कर्जमुक्त करने का लक्ष्य, कंपनी पर 1.54 लाख करोड़ का कर्ज
आरआईएल के 42वें एजीएम में मां कोकिला बेन और प|ी नीता अंबानी के साथ मुकेश।

ब्रिटिश कंपनी बीपी रिलायंस फ्यूल में 49% हिस्सेदारी खरीदेगी, 7,000 करोड़ रु. में हुई डील
बीपी इंक रिलायंस इंडस्ट्रीज के फ्यूल रिटेलिंग नेटवर्क के कारोबार की 49% हिस्सेदारी खरीदेगी। बीपी इंक और रिलायंस के बीच यह डील करीब 7,000 करोड़ रुपए में हुई। दोनों कंपनियों ने देशभर में नए पेट्रोल पंप खोलेगी और एयरलाइंस के लिए फ्यूल बिक्री का कामकाज देखेंगी। इसके लिए दोनों कंपनियों ने पिछले हफ्ते एक ज्वाइंट वेंचर तैयार किया था। इसमें बीपी के पास 49% हिस्सेदारी रहेगी, जबकि बाकी बचे 51% स्टॉक पर रिलायंस की हिस्सेदारी होगी। रिलायंस अगले पांच साल में देशभर में 5500 पेट्रोल पंप खोलेगी। यह रिलायंस और बीपी के बीच तीसरा ज्वाइंट वेंचर है।

14 लाख करोड़ रुपए के ऑनलाइन मार्केट पर नजर
रिलायंस की नजर देश में तेजी से बढ़ रही ऑनलाइन शॉपिंग मार्केट पर है। मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के मुताबिक 2028 तक देश का ऑनलाइन शॉपिंग मार्केट 14.20 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा। पिछले साल यह 1.42 लाख करोड़ रुपए का था। भारत में 2022 तक 82.9 करोड़ स्मार्टफोन होंगे। रिलायंस ने सितंबर में गीगाफाइबर भी लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। इसके परिणामस्वरुप भारत में ऑनलाइन सर्विस और प्रोडक्ट की मांग तेजी से बढ़ेगी।

2. बीपी काे फ्यूल रिटेल बिजनेस का 49% हिस्सा 7,000 करोड़ रुपए में बेचा।

भारत 2030 तक 10 लाख करोड़ की अर्थव्यवस्था होगा
रिलायंस के चेयरमैन और एमडी रिटेल के अंदर मुकेश अंबानी ने कहा कि साल 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार 10 ट्रिलियन डॉलर (10 लाख करोड़ डॉलर) तक पहुंच सकता है। मुकेश अंबानी ने कहा कि देश के कई सेक्टर में जो सुस्ती देखी जा रही है, वह अस्थाई है और अर्थव्यवस्था के बुनियादी कारकों में मजबूती है। कोई भी भारत की अर्थव्यवस्था की ग्रोथ को रोक नहीं सकता और साल 2030 तक यह 10 लाख करोड़ डॉलर का आंकड़ा छू लेगी।

3. 5 सितंबर से जियो गीगाफाइबर सर्विस लॉन्च करने की घोषणा की।

फोटो स्कैन करें और वीडियो देखें

अगले 18 महीने में कर्ज मुक्त हो जाएगी आरआईएल
मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को वादा करते हुए कहा है कि आने वाले 18 महीने के भीतर कंपनी पूरी तरह से कर्जमुक्त हो जाएगी। मुकेश ने कर्जमुक्त होने की योजना पेश करते हुए कहा कि इसके तहत कंपनी अपने तेल एवं रसायन कारोबार में सऊदी अरैमको और ईंधन खुदरा कारोबार में ब्रिटेन की बीपी को हिस्सेदारी बिक्री कर धन जुटाएगी। रिलायंस पर 1,54,478 करोड़ रुपए का कर्ज है।

प्रथम विश्व युद्ध में तेल की कमी से खुला अरामको का रास्ता, 87 साल में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी
प्रथम विश्व युद्ध के समय पर तेल की कमी के बीच अमेरिकन कंपनी स्टैंडर्ड ऑयल ऑफ कैलिफोर्निया (सोकल) दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में तेल की रिटेल के अंदर तलाश में थी। इस क्रम में 1932 में वो बहरीन पहुंची। 29 मई 1933 में सऊदी अरब सरकार और सोकल की मदद से कैलिफोर्निया-अरबियन स्टैंडर्ड ऑयल कंपनी के रूप में सऊदी आरामको कंपनी अस्तित्व में आई। 1944 में कंपनी का नाम बदलकर अरबियन अमेरिकन ऑयल कंपनी (आरामको) कर दिया गया। 1976 आते-आते कंपनी पूरी तरह से सऊदी सरकार के नेतृत्व में आ गई। 1988 में कंपनी का नाम तीसरी बार बदलकर सऊदी अरबियन ऑयल कंपनी (सऊदी अारामको) हो गया। कंपनी का हेडऑफिस सऊदी अरब के दहरान शहर में है।

दुनिया के कुल कार्बन उत्सर्जन का 4% अकेले अरामको फैलाती है
कार्बन उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण के खराब होने के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है। दुनिया में हर साल जितना कार्बन उत्सर्जन होता है, उसका करीब 4 फीसदी यही कंपनी करती है।

4. रिलायंस ‘न्यू कॉमर्स’ नाम से ई-कॉमर्स रिटेल मार्केट में उतरेगी।

पांच साल में रिलायंस रिटेल और जियो लिस्टेड होंगी
एजीएम में अंबानी ने घोषणा की कि आने वाली तिमाहियों में जियो और रिलायंस रिटेल वैश्विक कंपनियों के साथ साझेदारी करंेगी और आने वाले पांच सालों के अंदर इन दोनों कंपनियों को शेयर बाजार में लिस्ट कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय तक रिलायंस को शून्य ऋण वाली कंपनी बनाने में सक्षम हो जाएंगे। मुकेश अंबानी ने शेयर धारकों को विश्वास दिलाया कि उन्हें ऊंचा लाभांश, बोनस मिलता रहेगा।

5. भारत में डेटा सेंटर लगाने के लिए जियो और माइक्रोसॉफ्ट के बीच करार।

दमाम में 1938 में सऊदी अरामको का पहला व्यापारिक तेल कुआं।

2021 तक 85 लाख करोड़ का होगा रिटेल मार्केट
45.51

2019 के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। (नोट : आकड़े लाख करोड़ रुपए में)


गीगाफाइबर से ब्रॉडबैंड बिजनेस की तस्वीर बदलेगी
सोमवार को हुए रिलायंस एजीएम में कई महत्वपूर्ण फैसलों की जानकारी दी गई। रिलायंस ने बीपी को 7 हजार करोड़ में अपने फ्यूल रिटेल कारोबार की 49% हिस्सेदारी बेच दी। साथ ही सऊदी आरामको को पेट्रोकेमिकल कारोबार का 20% हिस्सा 10 लाख करोड़ रुपए में बेच दिया। इन दोनों फैसलों पर के.आर. चौकसे फर्म के एमडी देवेन चौकसे ने कहा कि रिलायंस द्वारा ऑयल और पेट्रोकेमिकल कारोबार की हिस्सेदारी बेंचना एक समझदारी भरा कदम है। इससे कंपनी को रणनीतिक निवेशक मिलेंगे। उदाहरण के तौर पर आरामको पेट्रोकेमिकल कारोबार के लिए कच्चा माल लाएगी, जिससे इनकी कीमतों के मामले में रिलायंस मजबूत होगी। आने वाले दिनों में देश के स्टॉक मार्केट पर कंपनी का साकारात्मक प्रभाव होगा। वहीं दूसरी तरफ तेल के खुदरा कारोबार और तेल कुंओं की खोज में बीपी निवेश करेगी। जिससे कंपनी का वितरण कारोबार मजबूत होगा। इस निवेश से तेल और पेट्रोलियम दोनों बिजनेस एक दूसरे के सहयोग से मजबूत होंगे।

इनवेस्टमेंट एडवाइजर एसपी तुलस्यान ने कहा कि रिलायंस का आरामको से सौदा सीधे शेयरों के माध्यम से हुआ है। अगले पांच साल में कंपनी आइपीओ लाने वाली है, जब वह पूरी तरह कर्ज मुक्त हो जाएगी। रिलायंस भविष्य में अपने पारंपरिक बिजनेस से बाहर आना चाहती है। परिणामस्वरुप रिलायंस आने वाले समय में स्टॉक मार्केट में नई ऊचाइयों पर पहंुच जाएगी। रिलायंस ने जियो गीगाफाइबर लॉन्च करने का तीसरा महत्वपूर्ण लिया है। देवेन चौकसे ने कहा कि जिस तरह रिलायंस ने जियों के माध्यम से पूरा टेलिकॉम बिजनेस को बदल दिया, उसी तरह गीगाफाइबर से पूरा ब्रॉडबैंड का बिजनेस बदल जाएगा। कंपनी गीगाफाइबर से जो नेट स्पीड और सुविधाएं देने की बात कर रही है, वह देश में किसी और कंपनी के पास नहीं है। रिलायंस ने अपने चौथे महत्वपूर्ण निर्णय में देश के रिटेल कारोबार में न्यू कॉमर्स के जरिए उतरने की घोषणा की है। रिलायंस की नजर देश के 50 लाख करोड़ के असंगठित खुदरा कारोबार पर है। 3 करोड़ व्यापारियों और किराना स्टोर को अपने साथ जोड़ कर रिलायंस इसे संगठित करना चाहती है।

रिलायंस आने से बच सकती है फ्यूचर रिटेल के 30 हजार से अधिक कर्मचारियों की नौकरी

आ

नई दिल्ली, 01 मार्च। बिग बाजार चलाने वाली फ्यूचर रिटेल के ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार समेटने के बाद नौकरी के संकट की चिंता में फंसे करीब पांच सौ स्टोर के हजारों कर्माचरियों को रिलायंस रिटेल में आशा की किरण दिख रही है।

घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों और कर्मचारियों ने बताया कि रिलायंस रिटेल के अंदर रिटेल ने फ्यूचर के जिन स्टोर का नियंत्रण अपने हाथों में ले रही है उनमें काम करने वाले करीब 30 हजार कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

एक सूत्र ने कहा, “रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर के पहले ही 200 खुदरा स्टोर अपने हाथ में लिए थे और अगले 15 दिन में उसके पास फ्यूचर रिटेल के कुल 500 स्टोर आ जाएंगे।

”फ्यूचर के देश भर में बिग बाजार , ईजीडे क्लब और हेरिटेज फ्रेस ब्रांड कुल छोटे बड़े 1700 से ज्यादा स्टोर हैं। फ्यूचर के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि रिलायंस रिटेल जिन स्टोर को ले रही है उनके रिब्रॉंडिंग (नाम बदल कर) कर उन्हें प्रस्तुत करने के साथ उनके कर्मचारियों को अपनी नौकरी पर रख रही है। लेकिन उनका कहना है कि फ्यूचर रिटेल के ऐसे कर्मचारियों के सामने अनिश्चितता है जो अभी ‘रिलायंस की छत्रछाया में नहीं आए हैं।’

गौरतलब है कि रविवार से फ्यूचर रिटेल के ज्यादातर स्टोर्स के शटर बंद हैं और इसकी ऑनलाइन कारोबार की वेबसाइट भी ठप्प है।

मुंबई के ठाणे इलाके में एक बिग बाजार में काम करने वाली मनीषा चाके ने रिलायंस रिटेल के पे-रोल पर लिए जाने की खबर से उत्साहित हैं। उनका कहना है कि उनके एचआर विभाग ने उन्हें भरोसा दिया है कि उनकी नौकरी चलती हरेगी। उन्होंने यूनीवार्ता से कहा, “कंपनी में संकट से हम लोग अपनी नौकरी को लेकर चिंतत थे। अब हमें एचआर से बताया गया है कि रिलायंस ने हमें और साथियों को कम पर बनाए रखेगा। हमें बड़ी राहत है”

इसी तरह देहरादून में राजपुर रोड पर फ्यूचर के एक स्टोर में काम करने वाले दीपक ने कहा कि “यह एक बड़ी राहत है। हम चिंता में थे। पर रिलायंस रिटेल के इस स्टोर्स का संचालन संभालने के बाद हमें भरोसा दिया गया है कि हम अब रिलायंस रिटले के रोजगार पर आ जाएंगे।” दीपक ने बताया कि उनके स्टोर में इमारत के रख रखाव व सफाई के काम पर लगे लोगों को छोड़ कर 80 से अधिक लोग काम करते थे।

गौरतलब है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे फयूचर समूह ने अपने खुदरा स्टोर और लाॅजिस्टिक्स जैसे कुछ कारोबार को रिलायंस समूह को बेचने का सौदा पहले ही कर रखा था। लेकिन अमेरिकी आनलाइन कंपनी फ्यूचर समूह की एक कंपनी में अपनी इक्विटी निवेश के समझौते को आधार बना कर इन दोनों भारतीय कंपिनयों के बीच करार को कानूनी चुनौती दे रही है।

रिलायंस आने से बच सकती है फ्यूचर रिटेल के 30 हजार से अधिक कर्मचारियों की नौकरी

आ

नई दिल्ली, 01 मार्च। बिग बाजार चलाने वाली फ्यूचर रिटेल के ऑनलाइन और ऑफलाइन कारोबार समेटने के बाद नौकरी के संकट की चिंता में फंसे करीब पांच सौ स्टोर के हजारों कर्माचरियों को रिलायंस रिटेल में आशा की किरण दिख रही है।

घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों और कर्मचारियों ने बताया कि रिलायंस रिटेल ने रिटेल के अंदर फ्यूचर के जिन स्टोर का नियंत्रण अपने हाथों में ले रही है उनमें काम करने वाले करीब 30 हजार कर्मचारी अपने भविष्य को लेकर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।

एक सूत्र ने कहा, “रिलायंस रिटेल ने फ्यूचर के पहले ही 200 खुदरा स्टोर अपने हाथ में लिए थे और अगले 15 दिन में उसके पास फ्यूचर रिटेल के कुल 500 स्टोर आ जाएंगे।

”फ्यूचर के देश भर में बिग बाजार , ईजीडे क्लब और हेरिटेज फ्रेस ब्रांड कुल छोटे बड़े 1700 से ज्यादा स्टोर हैं। फ्यूचर के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि रिलायंस रिटेल जिन स्टोर को ले रही है उनके रिब्रॉंडिंग (नाम बदल कर) कर उन्हें प्रस्तुत करने के साथ उनके कर्मचारियों को अपनी नौकरी पर रख रही है। लेकिन उनका कहना है कि फ्यूचर रिटेल के ऐसे कर्मचारियों के सामने अनिश्चितता है जो अभी ‘रिलायंस की छत्रछाया में नहीं आए हैं।’

गौरतलब है कि रविवार से फ्यूचर रिटेल के ज्यादातर स्टोर्स के शटर बंद हैं और इसकी ऑनलाइन कारोबार की वेबसाइट भी ठप्प है।

मुंबई के ठाणे इलाके में एक बिग बाजार में काम करने वाली मनीषा चाके ने रिलायंस रिटेल के पे-रोल पर लिए जाने की खबर से उत्साहित हैं। उनका कहना है कि उनके एचआर विभाग ने उन्हें भरोसा दिया है कि उनकी नौकरी चलती हरेगी। उन्होंने यूनीवार्ता से कहा, “कंपनी में संकट से हम लोग अपनी नौकरी को लेकर चिंतत थे। अब हमें एचआर से बताया गया है कि रिलायंस ने हमें और साथियों को कम पर बनाए रखेगा। हमें बड़ी राहत है”

इसी तरह देहरादून में राजपुर रोड पर फ्यूचर के एक स्टोर में काम करने वाले दीपक ने कहा कि “यह एक बड़ी राहत है। हम चिंता में थे। पर रिलायंस रिटेल के इस स्टोर्स का संचालन संभालने के बाद हमें भरोसा दिया गया है कि हम अब रिलायंस रिटले के रोजगार पर आ जाएंगे।” दीपक ने बताया कि उनके स्टोर में इमारत के रख रखाव व सफाई के काम पर लगे लोगों को छोड़ कर 80 से अधिक लोग काम करते थे।

गौरतलब है कि वित्तीय संकट से जूझ रहे फयूचर समूह ने अपने खुदरा स्टोर और लाॅजिस्टिक्स जैसे कुछ कारोबार को रिलायंस समूह को बेचने का सौदा पहले ही कर रखा था। लेकिन अमेरिकी आनलाइन कंपनी फ्यूचर समूह की एक कंपनी में अपनी इक्विटी निवेश के समझौते को आधार बना कर इन दोनों भारतीय कंपिनयों के बीच करार को कानूनी चुनौती दे रही है।

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