अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें

सेक्टोरल और थीमैटिक फंड
इस तरह के फंड अपने एसेट या संपत्ति का 80 फीसदी हिस्सा किसी विशेष सेक्टर और थीम में निवेश करते हैं।
'Mutual fund'
सेबी का ताजा फैसला फ्रैंकलिन टेम्पलटन मामले के बाद आया है, अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें जिसमें फंड हाउस के कुछ अधिकारियों पर यह आरोप है कि उन्होंने छह ऋण योजनाओं पर रोक लगाए जाने से पहले उन योजनाओं में अपनी हिस्सेदारी को रिडीम किया था.
Delhi | Reported by: प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया, Translated by: अंजलि कर्मकार |गुरुवार अक्टूबर 20, 2022 04:45 PM IST
बीएल आहूजा ने पुलिस को बताया कि वह बैंक कर्मचारी माहेश्वरी को 2013 से जानते थे, जब वह ICICI बैंक में काम करता था. आहूजा ने कहा कि माहेश्वरी ने उन्हें सलाह अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें दी कि वह पैसे बैंक में रखने के बजाय म्यूचुअल फंड में लगाएं. आहूजा ने 2018 में उन्हें 1 करोड़ रुपये के दो चेक दिए.
निवेशक दीर्घकाल में निवेश में वृद्धि को लेकर म्यूचुअल फंड में नियमित तौर पर राशि जमा अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें करने की योजना (Systematic Investment Plan) पर भरोसा कर रहे हैं
Pan Aadhaar Link.सीबीडीटी ने एक अधिसूचना में कहा कि आधार की देरी से सूचना देने पर 500 रुपये का विलंब शुल्क लगेगा. यह जुर्माना शुल्क अगले तीन माह यानी 30 जून, 2022 तक के लिए होगा. उसके बाद करदाताओं को अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें 1,000 रुपये का जुर्माना चुकाना होगा.
सेबी ने दी अनुमति, म्युचुअल फंड अंतरराष्ट्रीय शेयरों में फिर से शुरू कर सकते हैं निवेश
Updated: June 21, 2022 3:09 PM IST
Mutual Fund Investment in International Shares: पूंजी बाजार नियामक सेबी (Sebi) ने म्यूचुअल फंडों को फिर से विदेशी शेयरों में निवेश करने की अनुमति दी है. यह निवेश उद्योग के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की कुल अनिवार्य सीमा के भीतर किया जा सकेगा. यह फैसला अंतरराष्ट्रीय शेयरों का मूल्यांकन नीचे आने के मद्देनजर किया गया.
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सेबी ने जनवरी में म्यूचुअल फंड घरानों से कहा था कि वे विदेशी शेयरों में निवेश करने वाली योजनाओं में नये ग्राहक बनाना बंद कर दें.
ग्राहक बनाने पर रोक का निर्देश मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड उद्योग द्वारा विदेशी निवेश के लिए तय सात अरब अमेरिकी डॉलर की अनिवार्य सीमा को पार करने के कारण जारी किया गया था.
वैश्विक शेयरों में हालिया मंदी ने सभी म्यूचुअल फंड घरानों द्वारा एक साथ किए गए निवेश के संचयी मूल्य को कम कर दिया.
सेबी ने शुक्रवार को एम्फी को भेजे एक संचार में कहा, ‘‘म्यूचुअल फंड योजनाएं एक फरवरी 2022 को म्यूचुअल फंड स्तर पर विदेशी निवेश के लिए तय सीमा का उल्लंघन किए बिना सब्सक्रिप्शन फिर से शुरू कर सकती हैं और विदेशी फंड/प्रतिभूतियों में निवेश कर सकती हैं.’’
नियामक ने साथ ही भारतीय म्यूचुअल फंड संघ (AMFI) से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि प्रत्येक एएमसी या अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें म्यूचुअल फंड द्वारा विदेशी निवेश फरवरी के स्तर तक सीमित अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें रहे.
SBI म्युचूअल फंड ने लॉन्च किया इंटरनेशनल फंड, मिलेगा शानदार रिटर्न
SBI Mutual Fund: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने म्युचूअल फंड ने पहला इंटरनेशनल फंड लॉन्च किया है. इस स्कीम के तहत आप अमेरिकी स्टॉक मार्केट में पैसा लगाकर रिटर्न कमा सकते हैं. इस फंड का नाम SBI इंटरनेशनल एक्सेस - यूएस इक्विटी एफओएफ (SBI International Access - US Equity FOF) है.
एसबीआई की कुछ घरेलू स्कीम्स जैसे कि एसबीआई फोकस्ड इक्विटी (SBI Focused Equity)पहले से ही अपने पोर्टफोलियो का एक हिस्सा अंतरराष्ट्रीय शेयरों में निवेश करती हैं. नई योजना Amundi Funds - US Pioneer Fund में जाएगी.
इंटरनेशनल फंड में कम जोखिम
एसबीआई म्यूचुअल फंड के बिजनेस ऑफिसर डीपी सिंह ने कहा कि आम तौर पर भारतीय निवेशकों के अधिकांश निवेश भारतीय शेयरों (Indian stocks)में होते हैं. वैश्विक निवेश (Global investment) मजबूत लाभ प्रदान करेगा. इंटरनेशनल म्यूचुअल फंडों के जरिए निवेशक भारत से कई गुना बाजार का फायदा उठा सकते हैं.
वैश्विक निवेश से किसी भी निवेशक का पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई हो जाता है, जिससे जेखिम कम करने में मदद मिलती है. underlying fund में आज की सबसे तेजी से बढ़ती अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें टेक कंपनियां हैं जो कि Environmental Social Governance (ESG)की फिलॉसपी का अनुसरण करती है.
बता दें कि कई बार अगर घरेलू करंसी में गिरावट हो तो एक हेज के रूप में काम करते हैं. पिछले 5 साल की बात करें तो इंटरनेशनल म्यूचुअल फंडों ने 32 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है. इसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश का आकर्षण अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें बढ़ रहा है.
इंटरनेशनल फंड क्या
इंटरनेशनल फंड या ओवरसीज फंड अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करते हैं. इन फंडों का निवेश इक्विटी या डेट में हो सकता है. ये अन्य एसेट क्लास में मसलन कमोडिटीज, रियल एस्टेट आदि में भी निवेश करते हैं. सेबी के नियमों के अनुसार जो म्यूचुअल फंड दूसरे देशों की इक्विटी या इक्विटी रिलेटेड इक्यूपमेंट में 80 प्रतिशत से अधिक निवेश करते हैं, वह इंटरनेशनल फंड की कटेगिरी में आते हैं.
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निवेश के मंत्र 51: क्या हैं इक्विटी म्यूचुअल फंड, निवेश के लिए क्यों है बेहतर विकल्प?
इक्विटी म्यूचुअल फंड ज्यादातर इक्विटी या स्टॉक्स में अपना पैसा लगाते हैं। भारत में एक म्यूचुअल फंड स्कीम अपने कॉर्पस का 65 फीसदी हिस्सा इक्विटी, भारतीय स्टॉक्स, टैक्सेशन के लक्ष्य से अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें इक्विटी म्यूचुअल फंड से संबंधित निवेश में लगाती है। यही कारण है कि अंतरराष्ट्रीय फंड के स्टॉक में पैसा लगाने के बाद भी उन्हें इक्विटी की श्रेणी में नहीं रखा जाता है।
अंतरराष्ट्रीय फंड भारतीय स्टॉक में निवेश नहीं करते हैं, इसलिए उन्हें डेट स्कीम की तरह पेश किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय म्युचुअल फंड में निवेश क्यों करें भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के नियमों के मुताबिक देश में इक्विटी म्यूचुअल फंड को दस श्रेणी में बांटा गया है, जो इस तरह हैं.
MF: अपने Equity पोर्टफोलियो में दिग्गज ग्लोबल स्टॉक क्यों जोड़ रहे हैं म्यूचुअल फंड
MF: अपने Equity पोर्टफोलियो में दिग्गज ग्लोबल स्टॉक क्यों जोड़ रहे हैं म्यूचुअल फंड
- MF बेहतर रिटर्न कमाने के लिए अब इंटरनेशनल फ्लेवर डाल रहे हैं।
- ग्लोबल स्टॉक (Global Stock) पोर्टफोलियो में शामिल करने से रिटर्न बढ़ता है।
- विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश करने का ट्रेंड बढ़ा है।
कम से कम 6 इक्विटी फंड (Equity Fund) ने अपनी होल्डिंग में ग्लोबल कंपनियों के शेयर जोड़े हैं। पिछले एक साल में डायरेक्ट स्टॉक एलोकेशन के जरिए यह शेयर म्यूचल फंड पोर्टफोलियो में शामिल किए गए हैं।