दलाल और उनकी शर्तें

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उर्मिला मातोंडकर ने बोला हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल पर हमला, ये है वजह
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 14 Feb 2021 11:24 PM (IST)
मुंबई: दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर पर पिछले दो महीनों से तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान बैठे हुए हैं. हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवान वाले किसानों के बारे दलाल और उनकी शर्तें में एक विवादित बयान दे दिया था. अब दलाल पर बॉलीवुड एक्ट्रेस और कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुकी उर्मिला उर्मिला मातोंडकर (Urmila Matondkar) ने हमला बोला है.
दरअसल जेपी दलाल ने शनिवार को कहा था कि वे (किसान) घर पर रहते तब भी उनकी मौत हो जाती. कथित तौर पर दो सौ किसानों की मौत के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में दलाल ने यह बयान दिया था. उनके इसी बयान को लेकर उर्मिला मातोंडकर ने एक ट्वीट किया है.
जिला महिला अस्पताल में दलाल राज
एक रुपये में इलाज मुहैया कराने की सरकारी कोशिशों पर दलाल भारी पड़ रहे हैं। मुमकिन है कि अस्पताल परिसर में आपके मोबाइल का नेटवर्क धोखा दे जाए लेकिन दलाल और उनकी शर्तें दलालों के नेटवर्क से आप शायद ही बच पाएं। इसमें फंसकर दलाल और उनकी शर्तें रोजाना कई मरीज ठगे जा रहे हैं। अस्पताल में लैब होने के बावजूद ये दलाल मरीजों को निजी लैब में ले जाकर उनका आर्थिक दोहन करते हैं। निजी लैब से जुड़े दलालों का अस्पताल के स्टाफ और ऊपर के लोगों से भी जबरदस्त साठगांठ है। इनकी पहुंच और हनक ओपीडी से लेकर वार्डो तक दलाल और उनकी शर्तें दिखती है। इसमें न सिर्फ मरीजों की जेब ढ़ीली हो रही है बल्कि अस्पताल प्रशासन और शासन की साख पर बट्टा भी लग रहा है। ऐसे में दलालों के संक्रमण से बीमार महिला अस्पताल को कड़वी दवा की दरकार है।
किसानों को बातचीत के लिए आगे आना चाहिए: दलाल
दलाल ने भिवानी में पार्टी की एक बैठक दलाल और उनकी शर्तें से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि किसानों को नये कृषि कानून वापस लेने की शर्त पर जोर नहीं देना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा है केंद्र उनकी शंकाओं को दूर करने के लिए किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार है।’’ दलाल ने कहा, ‘‘इसलिए, मेरी किसानों से अपील है कि वे आंदोलन को खत्म कर दें और बातचीत के लिए आगे आएं क्योंकि इस मुद्दे को हल करने का यही एकमात्र तरीका है और केंद्र इसे सुलझाने के लिए तैयार है।’’
इस बीच कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के एक समूह ने सभा स्थल तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे लहराये और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
Haryana: सरकार ने ई-नेम पोर्टल की शर्त वापस ली, आढ़तियों का आमरण अनशन खत्म, नहीं होगी प्रदेशव्यापी हड़ताल
हरियाणा में पिछले आठ दिनों से चल रही आढ़तियों की हड़ताल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने ई-नेम पोर्टल की शर्त को वापस ले लिया है। अब पुराने तरीके से ही मंडियों में खरीद हो सकेगी। आढ़ती एसोसिएशन ने सरकार का आभार जताया और कहा कि अब एक अक्तूबर से प्रदेश की सभी मंडियों में सुचारू रूप से फसलों की खरीद हो सकेगी।
हरियाणा सरकार ने इस साल खरीद सीजन से पहले शर्त लगाई थी कि एमएसपी के बिना वाली फसलों की खरीद ई-नेम पोर्टल के माध्यम से होगी। साथ ही मंडियों में ऐसी फसलों को लाने के लिए ई-नेम पोर्टल के माध्यम से ही गेट पास काटा जाएगा। इनमें बासमती धान भी शामिल है, क्योंकि सरकार पीआर (मोटा चावल) की ही एमएसपी पर खरीद करती है, जबकि अन्य किस्म के चावल को राइस मिलर्स या आढ़ती खरीद करते हैं।
विस्तार
हरियाणा में पिछले आठ दिनों से चल रही आढ़तियों की हड़ताल को देखते हुए हरियाणा सरकार ने ई-नेम पोर्टल की शर्त को वापस ले लिया है। अब पुराने तरीके से ही मंडियों में खरीद हो सकेगी। आढ़ती एसोसिएशन ने सरकार का आभार जताया और कहा कि अब एक अक्तूबर से प्रदेश की सभी मंडियों में सुचारू रूप से फसलों की खरीद हो सकेगी।
हरियाणा सरकार ने इस साल खरीद सीजन से पहले शर्त लगाई थी कि एमएसपी के बिना वाली फसलों की खरीद ई-नेम पोर्टल के माध्यम से होगी। साथ ही मंडियों में ऐसी फसलों को लाने के लिए ई-नेम पोर्टल के माध्यम से दलाल और उनकी शर्तें ही गेट पास काटा जाएगा। इनमें बासमती धान भी शामिल है, क्योंकि सरकार पीआर (मोटा चावल) की ही एमएसपी पर खरीद करती है, जबकि अन्य किस्म के चावल को राइस मिलर्स या आढ़ती खरीद करते हैं।
इस फैसले के विरोध में प्रदेशभर में आढ़तियों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। पिछले तीन दिन से आढ़ती आमरण अनशन पर बैठे थे। इस संबंध में शनिवार को आढ़तियों और प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल की बैठक भी हुई दलाल और उनकी शर्तें थी और कुछ चीजों को लेकर सहमति बनी थी। रविवार शाम को सरकार की ओर से ई-नेम पोर्टल की शर्त को वापस ले लिया गया। अब मंडियों में पहले की तरह ही खरीद होगी।
भावुक होकर निवेश न करें
राकेश झुनझुनवाला के अनुसार, नुकसान का एक निश्चित रास्ता भावनात्मक होकर निवेश करना है। एक उदाहरण मंदी के समय पर उस समय में घबराकर खरीदारी करना हो सकता है। दूसरा उस समय पर अत्यधिक खरीदारी करना हो सकता है, जब मार्केट को 'अच्छा' बताया जाता है
राकेश झुनझुनवाला के महत्वपूर्ण सुझावों दलाल और उनकी शर्तें में से एक रिसर्च करना है। चाहे आप स्टॉक में निवेश करते हैं या म्यूचुअल फंड्स में, राकेश झुनझुनवाला मानते हैं कि रिसर्च करना बेहद जरूरी है। उनकी स्टॉक संबंधी सलाह है कि मार्केट को जुए के रूप में नहीं मानना चाहिए।
ऐतिहासिक डाटा पर बहुत अधिक निर्भर होने से बचें
भले ही यह भारत की दलाल और उनकी शर्तें कंपनी हो या विदेशी, श्री झुनझुनवाला कहते हैं कि कभी भी केवल उसके ऐतिहासिक डेटा पर भरोसा न करें। निवेश का एक अच्छा निर्णय लेने के लिए, राकेश झुनझुनवाला कहते हैं कि मार्केट को पूरी तरह से और विस्तार से समझें।
झुनझुनवाला के स्टॉक के सुझावों को उचित तरीके से समझने के लिए, हमने उनके शीर्ष 10 पोर्टफोलियो की सूची दी है। इससे आपको उनकी स्टॉक संबंधी सलाह का अधिकतम लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
राकेश झुनझुनवाला की कुल संपत्ति 29,644 करोड़ रुपये है।
निष्कर्ष
राकेश झुनझुनवाला निवेश की दुनिया में एक आइकॉन हैं। उनकी सलाह बहुमूल्य है क्योंकि वास्तविक दुनिया में उनकी रणनीति समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं। उनकी स्टॉक सलाह का पालन करके, आप अपने निवेश से रिटर्न को बढ़ा सकते हैं।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य वित्तीय उद्देश्यों के लिए है। इसे आपको किसी भी कानूनी या कर निर्धारण या निवेश या इंश्योरेंस संबंधी सलाह के रूप में नहीं लेना चाहिए। वित्तीय निर्णय लेते समय आपको अलग से स्वतंत्र सलाह लेनी चाहिए।