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भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही

भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही

जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क

Cryptocurrency: बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी.

जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क

Cryptocurrency Bill In India: क्रिप्टो करेंसी पर लंबे समय से भारत सरकार और आरबीआई (RBI) की चिंताओं के बीच आखिरकार सरकार ने इस पर बिल लाने की घोषणा कर दी है. केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई बिल पेश करने वाली है जिसमें से एक क्रिप्टोकरेंसी पर भी विधेयक पेश हो सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो पर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी. पीटीआई के मुताबिक बैठक में क्रिप्टो के फायदे-नुकसान और रेगुलेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है.

इन खबरों के बाद मार्केट को तो जोरदार झटका पहुंचा ही है लेकिन क्रिप्टो के बाजार में पैसा लगाने वाले भी अब परेशानी में आ गए हैं. इस मसले से जुड़े सभी बड़े सवालों के जवाब हम आपको यहां देने की कोशिश कर रहे हैं.

किस उद्देश्य से लाया जा रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल?

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत में अब तक कोई नियम-कानून नहीं है. इसलिए सरकार इस पर एक विधेयक लाने की तैयारी में है. जिसका नाम होगा- क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशिय डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021). इसके तहत रिजिर्व बैंक ऑफ इंडिया एक आधाकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करेगी.

इस बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी और इस्तेमाल को लेकर कुछ अपवाद जरूर रखे जाएंगे.

सरकार की घोषणा के बाद भारत में क्रिप्टो मार्केट का क्या हाल है?

जैसे ही सरकार की तरफ से क्रिप्टो बिल को लेकर घोषणा हुई भारत में क्रिप्टो मार्केट धड़ाम से गिरा. लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. WazirX के डेटा के मुताबिक, रुपये के संदर्भ में देखे तो बिटकॉइन में 17 फीसदी की गिरावट आई, इथेरियम में 14 फीसदी, डॉजकोइन में 20 फीसदी से अधिक और पोलकाडॉट में 14 फीसदी की गिरावट आई और डॉलर-पेग्ड टोकन टीथर भी लगभग 17 प्रतिशत नीचे रहा.

सरकार के क्रिप्टो पर विधेयक लाने की घोषणा के बाद बाजार गिरा

विदेशों में क्रिप्टोकरेंसी की क्या स्थिति है?

क्रिप्टो करेंसी को कई देशों में मान्यता दी गई है तो वहीं अधिकतर देश इस करेंसी की खिलाफ हैं. हाल ही में चीन ने क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. इसके अलावा नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, कतर, बांग्लादेश, अल्जीरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम में भी इस करेंसी पर पाबंदी लगी है.

वहीं अधिकतर देश अभी भी असमंजस की स्थिति में है कि इस करेंसी पर बैन लगना चाहिए या इसे वैध बना देना चाहिए. मध्य अमेरिका का अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां क्रिप्टो करेंसी वैध है. रूस में क्रिप्टो करेंसी में निवेश तो कर सकते हैं लेकिन कुछ सामान खरीदने के लिए उसके इस्तेमाल पर पाबंदी है.

अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोप के कुछ देशों में इसे पूरी तरह मान्यता तो नहीं दी गई है लेकिन यहां इस पर कोई पाबंदी भी नहीं है.

क्रिप्टो करेंसी में कितने भारतीय कर चुके हैं निवेश?

क्रिप्टो करेंसी बहुत ही ज्यादा परिवर्तनशील (वोलेटाइल) करेंसी है. ब्रोकर डिस्कवरी और Brokerchooser के मुताबिक भारत में बिटकॉइन ओनर की संख्या 10.07 करोड़ है. इसके अलावा अमेरिका में 2.74 करोड़, रूस (1.74 करोड़) और नाइजीरिया में बैन के बावजूद (1.30 करोड़) लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.

भारत में क्रिप्टो बैन के खिलाफ और पक्ष में क्या तर्क?

मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार सरकार प्राइवेट क्रिप्टो (e.g: Zcash, Monero, etc) को बैन करने की तैयारी में है. वहीं बिटकॉइन, इथीरियम पब्लिक क्रिप्टो में शामिल है. अब तक बिल पेश नहीं हुआ है इसलिए प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो की बहस से बचना चाहिए.

न्यूज 18 से बातचीत में cashaa के संस्थापक और सीईओ कुमार गौरव ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध उचित नहीं होगा क्योंकि दुनिया इस दिशा में आगे बढ़ रही है. एक देश के रूप में अगर हम इसे नजरअंदाज करते हैं तो हम पीछे रह जाएंगे. हमें इसे उचित नियमों के साथ अपनाना चाहिए."

WazirX के फाउंडर और सीईओ ने कहा कि "सरकार का रुख पहले जैसा ही लगता है. हमें बिल में दी गई बातों को पढ़ना चाहिए. बिटकॉइन एक पब्लिक ब्लॉकचेन पर एक पब्लिक क्रिप्टो करेंसी है."

इंडिया टुडे से बातचीत में क्रिप्टो एजुकेशन प्लेटफॉर्म Bitnning के फाउंडर काशिफ रजा ने बताया कि सरकार का प्रस्ताव जो अब आज हमारे पास है वही पिछली बार भी सरकार द्वारा पेश किए गए बिल के समान है.''

केवल एक चीज जो क्रिप्टो निवेशकों को डरा रही है, वह है क्लॉज निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में. मूल रूप से अगर हम इसके द्वारा जाते हैं, तो केवल सरकार द्वारा समर्थित करेंसी को ही अनुमति दी जाएगी, बाकी को नहीं. लेकिन यह अंतिम नहीं है. हमें सावधानी बरतने की जरूरत है और पूरे बिल के आने का इंतजार करना चाहिए".

Unocoin के फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ का मानना है-"प्राइवेट क्रिप्टो की परिभाषा कहीं भी उपलब्ध नहीं है, चाहे हम इसे पढ़ने का प्रयास करें. साथ ही सरकार की ओर से आज जो कुछ बातें हमारे पास हैं, उनके बारे में भी यह वही है जो उन्होंने पहले पेश किया था. लगता है कुछ भी नहीं बदला है. हमें इससे संभलकर चलना होगा. यह भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही एक बहुत ही मनमाना शीर्षक है जो पिछली बार था, अब भी वही है. आज जो तीन, चार बातें निकली हैं, उन पर नजर डालें तो ऐसा लग सकता है कि कोई नया बिल नहीं है, यह पुराने जैसा ही है. फिलहाल, हम अभी इसका कोई मतलब नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन हां, निवेशक निश्चित रूप से आशंकित हैं."

Is CryptoCurrency Legal in India and Where can I buy valid Crypto Currency read in Hindi

हमारे मन में पहले दिन से ही कुछ असमंजस भरे प्रश्न घर कर चुके थे कि क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में वैध / लीगल है? कहीं ये बंद तो नहीं हो जायेगी? और मैं वैध क्रिप्टोकरेंसी कहाँ से खरीद सकता हूं? इन सभी दुविधा भरे प्रश्नो का उत्तर इस जानकारी भरे लेख में पढ़िए और अपने ज्ञान द्वारा आत्मनिर्भर हो कर निर्णय लें।

CryptoCurrencies

हाल ही में केंद्रीय मंत्री भागवत कराड ने कहा है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी नहीं है और भविष्य में इस सेगमेंट में क्या हो सकता है, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी प्रकार की मान्यता नहीं दी है और इसलिए, वे अभी देश में कानूनी नहीं हैं।

फिर भी अच्छी खबर यह है कि हाल ही में बजट 2022 में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोक्यूरेंसी हस्तांतरण पर 30% कर की शुरुआत की। जिसका अर्थ है कि हालांकि क्रिप्टो भारत में कानूनी नहीं है लेकिन आप क्रिप्टो में 30% कर का भुगतान करके आसानी से व्यापार कर सकते हैं, और सकारात्मक पक्ष यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को अब भारत में प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। यह एक कानूनी निविदा नहीं होगी या कानूनी मुद्रा की तरह उपयोग नहीं किया जा सकता है, फिर भी आप 30% कर का भुगतान करके बिना प्रतिबंध के क्रिप्टो खरीद एवं बेच सकते हैं।

क्रिप्टो फर्मों के संस्थापक ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर भारी कर एकमुश्त प्रतिबंध से बेहतर है, जबकि एक भारी कर आदर्श नहीं है, यह एकमुश्त प्रतिबंधित लेनदेन से बेहतर है जो भारत की एक बड़ी आबादी को लाभान्वित कर सकता है जिन्होंने CryptoCurrency में निवेश किया हुआ है।

यहां हम सभी को क्रिप्टो करेंसी के बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी पता होनी चाहिए कि मध्य अमेरिका के एक देश अल सल्वाडोर (El Salvador a country in Central America) ने पिछले साल इतिहास रचा था, जब वह बिटकॉइन को कानूनी निविदा / मुद्रा के रूप में अपनाने वाला पहला देश बना था। हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस देश के इस फैसले के परिणामों के आधार पर अन्य देश भविष्य में क्रिप्टो को कानूनी निविदा / मुद्रा के रूप में अपना सकते हैं।

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Where can I buy valid Crypto Currency?
मैं वैध क्रिप्टोकरेंसी कहाँ से खरीद सकता हूं?

अभी के लिए, आपको बिटकॉइन या अन्य डिजिटल मुद्राओं के लिए अपने यू.एस. डॉलर का आदान-प्रदान करने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (CryptoCurrency Trading Platform) से गुजरना होगा। सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं जिनका उपयोग आप ऑनलाइन क्रिप्टो खरीदने के लिए कर सकते हैं, लेकिन कुछ अधिक लोकप्रिय कॉइनबेस, जेमिनी और क्रैकेन हैं। ये एक्सचेंज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जहां आप क्रिप्टो करेंसी खरीद और बेच सकते हैं |

बिटकॉइन निवेशकों के लिए गोपनीयता और सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। बिटकॉइन ब्लॉकचैन पर सार्वजनिक पते की निजी कुंजी हासिल करने वाला कोई भी व्यक्ति लेनदेन को अधिकृत कर सकता है। 1 निजी कुंजी को गुप्त रखा जाना चाहिए-यदि वे बड़ी होल्डिंग के बारे में सीखते हैं तो अपराधी उन्हें चोरी करने का प्रयास कर सकते हैं।

हमारी CryptoCurrency News श्रृंखला में आप सबसे प्रसिद्ध रूपों, बिटकॉइन और एथेरियम से परिचित हो सकते हैं, हालांकि उपयोग के लिए 5,000 से अधिक विभिन्न डिजिटल मुद्राएं उपलब्ध हैं।

ध्यान रखें कि आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सार्वजनिक पते का संतुलन कोई भी देख सकता है। इस सार्वजनिक जानकारी का दूसरा पहलू यह है कि एक व्यक्ति अपने लिए कई सार्वजनिक पते बना सकता है। इस प्रकार, वे कई पतों पर बिटकॉइन के अपने भंडार को वितरित कर सकते हैं। एक अच्छी रणनीति सार्वजनिक पतों पर महत्वपूर्ण निवेश रखना है जो लेनदेन में उपयोग किए जाने वाले लोगों से सीधे जुड़े नहीं हैं। कोई भी व्यक्ति ब्लॉकचेन पर किए गए लेन-देन का हिस्ट्री देख सकता है, यहां तक ​​कि आप भी।

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हालांकि लेन-देन सार्वजनिक रूप से ब्लॉकचेन पर दर्ज किए जाते हैं, लेकिन उपयोगकर्ता की जानकारी की पहचान नहीं होती है। बिटकॉइन ब्लॉकचेन पर, लेन-देन के बगल में केवल एक उपयोगकर्ता की सार्वजनिक कुंजी दिखाई देती है - लेनदेन को गोपनीय बनाई जाती है । उस अर्थ में, बिटकॉइन लेनदेन नकदी की तुलना में अधिक पारदर्शी और पता लगाने योग्य है क्योंकि ये सभी निजी नकद लेनदेन के विपरीत, सार्वजनिक दृश्य के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन बिटकॉइन लेनदेन में उनके डिजाइन में गुमनामी का एक तत्व भी शामिल है। क्रिप्टो करेंसी के ब्लॉकचैन पर लेनदेन करने वाले दलों-यानी, बिटकॉइन के प्रेषक और प्राप्तकर्ता-का पता लगाना बहुत मुश्किल है।

दिल्ली कोर्ट ने रेगुलेटरी अप्रूवल के बिना क्रिप्टोकरेंसी में फॉरवर्ड ट्रेडिंग करने के व्यवसाय के खिलाफ समन जारी किया

दिल्ली कोर्ट ने रेगुलेटरी अप्रूवल के बिना क्रिप्टोकरेंसी में फॉरवर्ड ट्रेडिंग करने के व्यवसाय के खिलाफ समन जारी किया

साकेत कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश गीतांजलि एक विद्युत कायारकर द्वारा ओलंप ट्रेड नामक एक वेबसाइट के खिलाफ दायर एक मुकदमे से निपट रहे थे। इसे सालेडो ग्लोबल एलएलसी द्वारा संचालित किया गया है। मामले में कोर्ट में एक दिशा की मांग की गई कि क्रिप्टोक्यूर्यूशंस में आगे व्यापार करने का ऐसा व्यवसाय भारत की नीति के खिलाफ है। साथ ही और इस आशय का कोई भी समझौता भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 23 के तहत वर्जित होगा। धारा 23 एक समझौते के वैध विचार/उद्देश्य को निर्धारित करती है।

अधिवक्ता निपुण सक्सेना के माध्यम से दायर किए गए मुकदमे में उक्त प्रतिवादी के खिलाफ एक स्थायी निषेधाज्ञा की भी मांग की गई है। इससे इसे ओलंप ट्रेड या किसी अन्य वेबसाइट मिरर लिंक और मोबाइल एप्लिकेशन "ओलम्प्ट्रेड" के माध्यम से देश में अपना व्यवसाय संचालित करने से रोका जा सके।

वाद के अनुसार उक्त प्रतिवादी द्वारा कथित व्यापार के रूप में "ओलंप ट्रेड" के नाम से अपनी वेबसाइट और मोबाइल एप्लिकेशन पर विभिन्न लेनदेन किए जा रहे हैं।

वादी का मामला यह भी है कि "ओलंप ट्रेड" वेबसाइट झूठे और गलत दावे करती है कि उसका ग्राहक लाभ कमा सकता है। केवल 10 यूएस डॉलर के शुरुआती निवेश पर 55300 यूएस डॉलर तक निकाल सकता है।

सुनवाई के दौरान, एडवोकेट सक्सेना ने अदालत के समक्ष तर्क दिया कि एक वैध अनुबंध के समापन के लिए माल की फिजिकल डिलीवरी एक अनिवार्य शर्त है और माल की वास्तविक डिलीवरी नहीं होने की स्थिति में पूरा समझौता एक शर्त अनुबंध बन जाता है।

इसके लिए उन्होंने तर्क दिया कि भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 30 (दांव के माध्यम से समझौते शून्य हैं) की चपेट में आने के कारण समझौते शून्य हो जाते हैं।

आगे तर्क दिया गया कि डेरिवेटिव में व्यापार देश में कानूनी है, बशर्ते यह किसी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज या किसी मान्यता प्राप्त बाजार संघ पर किया जाता है। यह एक इकाई द्वारा किया जाता है जो भारत में पंजीकृत और निगमित है। हालांकि, वहां माल की वास्तविक फिजिकल डिलीवरी होनी है।

उन्होंने यह तर्क देने के लिए विभिन्न क्लिक रैप सेवा समझौतों पर भी भरोसा किया कि अंतर के अनुबंध भारत में अवैध हैं। इस प्रकार भारतीय अनुबंध अधिनियम, 1872 की धारा 30 के तहत दांव लगाने के अनुबंधों के समान होंगे।

दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश दिया:

"24.02.2022 के लिए अंतरिम आवेदन की सूचना के साथ प्रतिवादी नंबर एक को मुद्दों के निपटारे के लिए समन जारी किया जाए।"

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा 2022

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क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा 2022 ?

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा

क्रिप्टो की लगातार गिरती मार्केट से पूरे विश्व में डिजिटल एसेट्स को लेकर जहां क्रिप्टोकरंसी रखने वालों मेें भय का माहौल बना हुआ है, वहीं रूस ने क्रिप्टो के हक में नरमी बरतने का रूख दिखाया है। अब लोगों में चर्चा है कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा?

क्या है क्रिप्टोकंरसी ?

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल करेंसी है और यह माइनिंग से उत्पन्न होती है। दुनिया में बिटकॉइन, इथर, डोजक्वाइन समेत कई क्रिप्टोकरंसी हैं। कुछ देश ही हैं जो कि क्रिप्टोकरंसी को लीगल मान रहे हैं। भारत में अभी तक क्रिप्टोकरंसी को अवैध माना गया है.

पिछले दिनों भारत की वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीता रमण ने क्रिप्टोकरंसी के लेन-देन पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने की बात अवश्य कही है परंतु लीगल बिल्कुल भी नहीं किया है। भारत की तरह विभिन्न देश क्रिप्टोकरंसी को वैध नहीं मान रहे हैं, ऐसे में क्या रूस क्रिप्टो को दर्जा देगा ?

क्या बोले हैं रूस के इंडस्ट्री मिनिस्टर डेनिस मन्तुरोव ?

जी, हां। रूस के रूस के इंडस्ट्री और ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov ने इशारा किया है कि वहां की सरकार और सेंट्रल बैंक के बीच इस मुद्दे पर मतभेद जल्द समाप्त हो सकते हैं

यूक्रेन के साथ युद्ध में उलझे रूस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसे में क्या रूस क्रिप्टो को पेमेंट के विकल्प के तौर पर कानूनी दर्जा देगा? इस बात में कुछ लोग शंका भी जाहिर कर रहे हैं कि रूस में क्रिप्टोकरंसी को पेमेंट के एक जरिए के तौर पर कानूनी दर्जा दिया जाएगा।

रूस के इंडस्ट्री और ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov के अनुसार रूस सरकार और वहां के बड़े बैंक सेंट्रल बैंक के बीच इस मामले में मतभेद जल्द खत्म हो सकते हैं।

बताया जाता है कि यूक्रेन पर हमला करने के बाद रूस की फाइनेंस मिनिस्ट्री ने क्रिप्टोकरंसी के मुद्दे पर कानून से जुड़े कई प्रस्ताव दिए थे, परंतु क्रिप्टोकरंसी प्रस्ताव सेंट्रल बैंक के क्रिप्टोकरंसी पर पूरी तरह बैन लगाने की मांग के खिलाफ थे।

तभी तो लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

क्या रूस अपना डिजिटल रूबल जारी करेगा ?

ट्रेड मिनिस्टर Denis Manturov ने क्रिप्टोकरंसी को पेमेंट के जरिए के तौर पर कानूनी दर्जा देने के बारे में पूछने पर कहा, ‘प्रश्न यह है कि ऐसा कब होगा और इसे कैसे रेगुलेट किया जाएगा। सरकार और सेंट्रल बैंक इस पर तेजी से काम कर रहे हैं, इसे लागू किया जाएगा’।

बताया जाता है कि रूस की सरकार अपना डिजिटल रूबल जारी चाहती है, उसनेे पिछले कुछ महीनों से क्रिप्टोकरंसी को समर्थन देना शुरू किया है। अब रूस के क्रिप्टोकरंसी को लेकर बोल बदल गए हैं, वरना इससे पहले रूस की सरकार यह कहती रही थी कि क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंडिंग में हो सकता है।

लोग अब सवाल तो करेंगे ही, क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

क्या कहती हैं रूस के सेंट्रल बैंक की गर्वनर ?

आपको बता दें कि इससे पहले रूस के सेंट्रल बैंक की गवर्नर Elvira Nabiullina ने भी कहा था कि सेंट्रल बैंक क्रिप्टोकरंसी में इनवेस्टमेंट की अनुमति नहीं देगा। सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरंसी की माइनिंग और ट्रेडिंग पर पूरी तरह रोक लगाने का प्रस्ताव दिया था। उन्होंने बताया कि रूस के लोग प्रति वर्ष लगभग 5 अरब डॉलर की क्रिप्टोकरंसी से जुड़ी ट्रांजैक्शंस करते हैं। Denis Manturov ने अब नए सिरे भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही से कहा है कि क्रिप्टोकरंसी के इस्तेमाल से जुड़े रेगुलेशंस को सेंट्रल बैंक बनाएगा और इसके बाद सरकार की ओर से इन्हें स्वीकृति दी जाएगी। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

बोल क्यों बदल गए रूस के सेंट्रल बैंक के ?

याद होगा कि गत वर्ष सेंट्रल बैंक ने क्रिप्टोकरंसी ट्रांजैक्शंस बढऩे के कारण फाइनेंशियल सिस्टम के कमजोर होने की आशंका जताई थी। उस वक्त सेंट्रल बैंक के अधिकारियों का कहना था कि रूस के फाइनेंशियल मार्केट में क्रिप्टोकरंसी का इस्तेमाल होने की गुंजाइश न के बराबर है। ऐसे में लोगों का यह पूछना वाजिब है कि क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

कौन-कौन से देश क्रिप्टोकरंसी के लिए बना रहे हैं कानून ? क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा

रूस के अलावा कई अन्य देश भी क्रिप्टोकरंसी को लेकर कानून बनाने की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका में हाल ही में इस सेगमेंट से जुड़ा एक एग्जिक्यूटिव ऑर्डर जारी हुआ था। आपको पता होगा कि इसमें फेडरल रिजर्व से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की संभावना पर विचार करने के लिए भी कहा गया था। कमाल की बात तो यह है कि तकनीक के क्षेत्र में आगे कहे जाने वाले देश अमेरिका में पिछले कुछ महीनों में क्रिप्टोकरंसी से जुड़े फ्रॉड के मामले बढ़े हैं। इस वजह से रेगुलेटर्स से इस सेगमेंट की स्क्रूटनी को सख्त करने पर जोर दिया है। अब आपको क्या लगता है कि :- क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

किन देशों में लीगल है क्रिप्टोकरंसी ?

कुछ देशों में क्रिप्टोकरंसी की वैधता को लेकर बहस छिड़ी हुई है। आपको बता दें कि फिलीपिंस, वियतनाम, कनाडा, मध्य अमेरिका के देश अल-सल्वाडोर ने क्रिप्टोकरंसी को अपना लिया है। यही नहीं कुछ कंपनियों ने क्रिप्टोकरंसी को एक्सेप्ट करना आरंभ कर दिया है। इन कंपनियों में बंगलोर के इंदिरानगर और वाइटफील्ड एरिया में सूर्यवंशी रेस्टोरेंट, यूनोकॉइन, साफ्टवेयर की दुनिया का बादशाह कही जाने वाली कंपनी माइक्रोसॉफ्ट, एएमसी थियेटर तथा शॉपिफाई जैसी मल्टीनेशनल ई-कॉमर्स कंपनी शामिल हैं। ऐसे में रूस भी क्रिप्टोकरेंसी को वैध करार कर दे तो अतिश्योक्ति नहीं होगा, लेकिन फिर भी लोग जानने को उत्सुक हैं कि : –क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

भारत में भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही क्या गाइडलाइंस हैं 2022 क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ?

आपको पता है कि भारत सरकार ने अभी तक cryptocurrency को लीगल नही किया है। फरवरी 2022 में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में भी इस करंसी के लेन-देन पर टैक्स लगाने की बात कही गई है। हालांकि टीवी और दूसरे चैनलों पर पिछले कुछ दिनों से cryptocurrency के काफी विज्ञापन दिखाए जा रहे हैं, लेकिन अब भारत सरकार ने इन विज्ञापनों के प्रसारण के लिए भी कुछ दिशा-निर्देश अथवा गाइडलाइंस तय कर दी हैं। इसमें बताया है कि भारत में क्रिप्टो को लेकर क्या हैं नई गाइडलाइन्स ?

Advertising standards council of India (ASCI) ने Crypto जैसी वर्चुअल डिजिटल संपत्तियों पर जो नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं उनसे भारत मे cryptocurrency के लेन-देन पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी ? भारत जैसे कई देशों ने अभी तक डिजिटल एसेटस को वैधता नहीं दी है तो अब यूक्रेन के साथ युद्घ के हालातों में क्या रूस क्रिप्टो को कानूनी दर्जा देगा ?

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