सफलता की कहानी

जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग

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स्ट्रार्टअप की शेयर बाजार मे लिस्टिंग को लेकर सख्त हुआ सेवी, बनाये कड़े नियम

बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि अपने शेयरों की सूचीबद्धता की तैयारी में जुटीं घाटे वाली नए दौर की प्रौद्योगिकी कंपनियों को पेशकश दस्तावेज में निर्गम के आधार मूल्य तक पहुंचने से जुड़े प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों का खुलासा करना चाहिए। बता दें कि 2021 में Paytm, Zomato जैसी Fintech कंपनियों और दूसरी प्रौद्योगिकी कंपनियों के IPO आए थे। शेयरों की इन पेशकश ने निवेशकों को खास रिटर्न नहीं दिया। लिस्टिंग के बाद से इन कंपनियों के शेयरों की हालत पतली है। इसलिए Sebi ने IPO के नियम सख्‍त किए हैं।

IPO से आवेदन के पहले यह करना होगा कंपनियों को

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परामर्श पत्र में कहा कि ऐसी कंपनियों को आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की मंजूरी के लिए आवेदन करते समय नए शेयरों के निर्गम और पिछले 18 महीनों में अधिग्रहण किये गये शेयरों के आधार पर अपने मूल्यांकन से जुड़े खुलासे भी करने चाहिए।

पूंजी जुटाने के लिए लाती हैं IPO

सेबी का यह कदम पिछले कुछ महीनों में नई प्रौद्योगिकी कंपनियों की तरफ से वित्त जुटाने के लिए आईपीओ लाने के संदर्भ में उठाया गया है। इनमें से कई प्रौद्योगिकी कंपनियों के पास निर्गम लाने से पहले के तीन वर्षों में परिचालन लाभ का कोई ट्रैक रिकॉर्ड भी नहीं रहा था।

कंपनियां लाभ कमाने के बजाय कारोबार विस्तार पर जोर देती हैं

ऐसी कंपनियां अमूमन लंबे समय तक लाभ कमा पाने की स्थिति में नहीं पहुंच पाती हैं। इसकी वजह यह है कि ‘न नफा न नुकसान’ की स्थिति में पहुंचने के पहले भी ये कंपनियां शुरुआती वर्षों में लाभ कमाने के बजाय अपने कारोबार के विस्तार पर जोर देती हैं।

पांच मार्च तक इस बारे में टिप्पणियां और सुझाव भेजें

सेबी ने घाटे में चल रहीं कंपनियों के आईपीओ से संबंधित खुलासा प्रावधानों के लिए यह परामर्श जारी करते हुए कहा है कि पांच मार्च तक इस बारे में टिप्पणियां एवं सुझाव भेजे जा सकते हैं।

Cryptocurrency को लेकर RBI गवर्नर ने दी चेतावनी, निवेशक हो जाए सावधान!

Cryptocurrency को लेकर RBI गवर्नर ने दी चेतावनी, निवेशक हो जाए सावधान!

Rbi- India TV Paisa

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Highlights

  • आरबीआई गवर्नर ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई आधार नहीं है
  • क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया गया है
  • क्रिप्टोकरेंसी भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपना रुख एक बार फिर साफ किया है। आरबीआई की मौद्रिक पॉलिसी समीक्षा गुरुवार को पेश करते हुए शक्तिकांत दास ने फिर दोहराया कि क्रिप्टोकरेंसी भारत की आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा है। उन्‍होंने साफ किया कि निजी क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा हैं, और दोनों मोर्चों पर चुनौतियों से निपटने की इसकी क्षमता को कमजोर करते हैं। उन्‍होंने कहा कि RBI को इस भारी उतार-चढ़ाव वाली मुद्रा को लेकर बड़ी चिंता हैं।

निवेशकों को फिर किया अगाह

क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों को आगाह करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि ऐसी संपत्तियों का कोई आधार नहीं है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि आगे भी किप्टोकरेंसी पर भारत सरकार और आरबीआई का रुख सख्त रहने वाला है। गौरतलब है कि केंद्रीय बजट में क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाया गया है। इसके अलावा वर्चुअली डिजिटली एसेट्स को ट्रांसफर करने पर 1% TDS भी देना होगा।

सरकार बिल लाने की तैयारी में

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार बिल लाने की तैयारी में है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में कहा था कि बिल पर चर्चा हो रही है। इसके बाद सरकार इसे संसद में पेश करेगी। माना जा रहा है कि बिल में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्थिति साफ होगी। दुनिया के कई देश पहले ही इसपर प्रतिबंध लगा चुके हैं। ऐसे में भारत में और सख्ती बढ़ने की आशंका है।

आरबीआई ला रहा डिजिटल करेंसी

आरबीआई द्वारा पेश​ किए जाने वाले डिजिटल करेंसी पर पूछे गए सवाल के जवाब में आरबीआई ने कहा कि हम करीब डेढ़ साल से सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) पर काम कर रहे हैं। इस बार के बजट में प्रस्ताव है कि डिजिटल करेंसी के लिए आरबीआई एक्ट में बदलाव किया जाएगा। हालांकि, ये कब तक लॉन्च होगा, इस सवाल के जवाब में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम कोई टाइमलाइन नहीं देना चाहते हैं। हम जल्दाबाजी में नहीं हैं, इसे पूरी जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग तरह से सुरक्षित और सावधानी से इसे लॉन्च करेंगे।

सेहत के लिए जरूरी है अच्छी नींद, सोने का तरीका खोलता है आपके पर्सनालिटी के छिपे राज

अच्छे स्वास्थ्य (Good Health) के लिए रोगों से बचाव और पौष्टिक भोजन के साथ ही रोज अच्छी नींद (Sleep) आना भी जरूरी है। ऐसा न होने पर कई तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए सजग होना जरूरी है। हमें नींद आना, हमारी शारीरिक.

सेहत के लिए जरूरी है अच्छी नींद, सोने का तरीका खोलता है आपके पर्सनालिटी के छिपे राज

सेहत के लिए जरूरी है अच्छी नींद

सेहत के लिए जरूरी है अच्छी नींद

अच्छे स्वास्थ्य (Good Health) के लिए रोगों से बचाव और पौष्टिक भोजन के साथ ही रोज अच्छी नींद (Sleep) आना भी जरूरी है। ऐसा न होने पर कई तरह के दुष्प्रभाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसा आपके साथ न हो, इसके लिए सजग होना जरूरी है। हमें नींद आना, हमारी शारीरिक और मानसिक सक्रियता पर निर्भर करता है। यह जैविक घड़ी से निर्धारित होता है। दरअसल, हमारे शरीर में आंतरिक जैविक प्रक्रिया वाली एक घड़ी होती है। यह जैविक घड़ी हजारों तंत्रिका कोशिकाओं से बनी होती है और यह दिमाग के हाइपोथैलेमस हिस्से में मौजूद होती है।

हाइपोथैलेमस अनेक तरह के शारीरिक कार्यों मसलन, हार्मोन स्रावण के साथ ही शरीर के तापमान और पानी की मात्रा को नियमित करता है। यह आंतरिक घड़ी हर रोज रोशनी के आधार पर खुद को सेट करती है। आपको यह लग सकता है एक दिन में अगर 24 घंटे ही होते हैं तो सभी के शरीर की घड़ियां एक जैसी ही चलनी चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं होता, इसी वजह से किसी को जल्दी नींद आती है तो कोई देर तक जगा रहता है। हमारी जैविक घड़ी जीवन भर निर्धारित नहीं रहती है। उम्र के अनुसार बदलती रहती है इसीलिए छोटे बच्चे और बुजुर्ग व्यक्ति आमतौर पर सुबह जल्दी उठ जाते हैं।

असामान्य नींद के दुष्प्रभाव: नींद रोग विशेषज्ञों का मानना है कि उम्र के अनुसार समुचित नींद लेने से शरीर को पोषण मिलता है और बल, जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग बुद्धि, पौरुष में वृद्धि होती है। इससे ज्ञानेंद्रियों की भी क्षमता बढ़ती है। सामान्य से अधिक निद्रा या कम निद्रा से तन और मन में रोग पैदा होते हैं। नींद पूरी न जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग लेने से शरीर और मन बीमार हो जाता है। जिन लोगों को ठीक से नींद नहीं आती, उनमें कब्ज, गैस, भूख न लगना, अपच, एसिडिटी आदि रोग हो जाते हैं, शरीर का वजन घटने या बढ़ने लगता है, हार्मोनल इंबैलेंस होने लगता है। कुछ लोग रात को काम करते हैं और दिन में सोते हैं। ऐसा करना प्रकृति के नियम के विरुद्ध होता है। इससे भी आप कम उम्र में ही वृद्ध और रोगी हो जाते हैं।

तब आएगी अच्छी नींद: विशेषज्ञों के अनुसार गहरी नींद के लिए रात को सोने से लगभग दो घंटे पहले भोजन कर लें। सोने का समय और स्थान निश्चित करें। रात को यथासंभव जल्दी सो जाएं। सोते समय उत्तर दिशा में सिर न रखें। रात के भोजन के बाद मन को शांत रखें। बिस्तर पर लेटने के बाद किसी गंभीर मुद्दे के बारे में सोचें नहीं। सोने से पहले गहरा श्वांस-प्रश्वांस करें। भ्रामरी प्राणायाम और ॐ का जाप करना काफी फायदेमंद है, क्योंकि ऐसा करने से मन ठहर जाता है और ठहरा मन गहरी नींद देगा। हमारे द्वारा दिनभर किए गए कार्यों का असर रात को नींद पर पड़ता है, अतः दिनभर प्रसन्न और उत्साही रहें। दिन में शारीरिक श्रम या व्यायाम जरूर करें और मन को तनाव मुक्त रखें। गहरी नींद के लिए शरीर का थकना और मन का तनाव मुक्त रहना जरूरी है।

सोने का तरीका है महत्वपूर्ण

ब्रिटेन के कुछ बॉडी लैंग्वेज विशेषज्ञों के मुताबिक सोने के तरीके से व्यक्तित्व की पहचान की जा सकती है। ब्रिटेन में हुए इस शोध में लोगों के सोने के तरीकों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। पहली श्रेणी में पांव सिकोड़कर सोने वालों को शामिल किया गया है, जिन्हें परेशान कहा गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक ब्रिटेन में 58 फीसद लोग पांव सिकोड़कर सोते हैं। शोध विशेषज्ञ रॉबर्ट फिप्स के मुताबिक घुटने मोड़कर और सिर नीचे करके सोने वाले लोगों की इच्छा आरामदायक स्थिति में पहुंचने की होती है। दूसरी श्रेणी, सीधे सोने वालों की है। ब्रिटेन में तकरीबन 28 फीसद लोग लगभग बिल्कुल सीधे सोते हैं। ऐसे लोगों को दृढ़ इच्छाशक्ति का मालिक बताया गया है। ये लोग अक्खड़ होते हैं और अपने ऊपर आदेश पसंद नहीं करते हैं। हाथ सामने रखकर सोने वाले लोगों को पलायनवादी की संज्ञा दी गई है। लेकिन इनके बारे में दो तरह की टिप्पणियां की गई हैं। पहली, वे लोग अपने ख्वाबों और सपनों को पूरा करने का प्रयास करते हैं। दूसरी, ऐसे लोगों को लगता है कि उनका कोई पीछा कर रहा है। चौथी श्रेणी, पेट के बल सोने वाले लोगों की है। ऐसे लोगों को लगता है कि उनका अपने पर नियंत्रण कम है।

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नारद मुनि

मुश्ताक अली ट्रॉफी: अजहरुद्दीन के तूफानी शतक ने रचा इतिहास, याद आए रोहित और ऋषभ पंत

सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (Syed Mushtaq Ali Trophy) में शानदार बैटिंग का सिलसिला जारी है. इस बार मोहम्मद अजहरुद्दीन (Mohammed Azharuddeen) की तूफानी बैटिंग ने ध्यान खींचा है. उनकी इसी पारी की बदौलत केरल ने मुंबई पर आसान जीत दर्ज की. अजहरुद्दीन ने 20 गेंद पर फिफ्टी जमाई और फिर 37वें गेंद पर शतक पूरा किया. यह मुश्ताक अली ट्रॉफी टी20 टूर्नामेंट में दूसरा सबसे तेज शतक है. सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड ऋषभ पंत के नाम है.

मुश्ताक अली ट्रॉफी (Mushtaq Ali Trophy) में बुधवार को केरल का मुकाबला मुंबई से हुआ. वानखेड़े में खेले गए मुकाबले में मुंबई ने पहले खेलते हुए 7 विकेट पर 196 रन का लक्ष्य दिया

था. केरल ने 16 ओवर से पहले ही 2 विकेट पर हासिल कर लिया. मुंबई को लगातार दूसरे मैच में हार का सामना करना पड़ा है.

बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए केरल को अच्छी शुरूआत की जरूरत थी. हुआ भी यही. केरल की ओर से ओपन करने आए मोहम्मद अजहरुद्दीन और रॉबिन उथप्पा ने मुंबई के गेंदबाजों की कुटाई बड़ी ही क्रूरता वाले अंदाज में की. इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पहले विकेट के लिए दोनों ने 9.3 ओवर में ही 129 रन जोड़ दिए. उथप्पा 33 रन बनाकर आउट हुए.

अजहरूद्दीन ने 11 छक्के लगाए

दूसरी ओर, अजहरुद्दीन मैच के आखिर तक डटे रहे. अजहरुद्दीन ने मैच खत्म होने तक 54 गेंद पर नाबाद 137 रन की तूफानी पारी खेली. उन्होंने अपनी पारी में 11 छक्के लगाए. संजू सैमसन ने 12 गेंद पर 22 रन की पारी खेली.

ऋषभ पंत और रोहित के बाद अजहरुद्दीन…

यह मुश्ताक अली ट्रॉफी का संयुक्त रूप से दूसरा और किसी भी भारतीय द्वारा बनाया गया तीसरा सबसे तेज शतक है. ऋषभ पंत के नाम सबसे तेजी से शतक बनाने का भारतीय रिकॉर्ड है. वे मुश्ताक अली ट्रॉफी में 32 गेंद पर शतक जमा चुके हैं. रोहित शर्मा श्रीलंका के नाम 35 गेंद पर शतक मार चुके हैं. अब मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 37 गेंद में शतक जमाया है. यूसुफ पठान आईपीएल में 37 गेंद पर ही शतक बना चुके हैं.

यशस्वी, सूर्यकुमार चमके

इससे पहले मुंबई ने टॉस जीतकर पहले बल्‍लेबाजी का फैसला लिया. सलामी बल्‍लेबाज यशस्‍वी जायसवाल और आदित्‍य तारे में 88 रन की साझेदारी कर मुंबई को बेहतरीन शुरुआत दिलाई. यशस्वी ने 40, अदित्य तारे ने 42 और सूर्य कुमार यादव ने ताबड़तोड़ 38 रनों की पारी खेली, अंत में शिवम दुबे ने 12 गेंद पर 2 छक्कों की मदद से 26 रन बनाए.

मुश्किल में मुंबई

मुंबई की टीम टूर्नामेंट में लगातार दूसरी हार से अब मुश्किल में आ गई है. मुंबई अपने ग्रुप में सबसे निचले स्थान पर पहुंच गई है. साथ ही प्वाइंट में भी मुंबई की हालत खराब ही दिख रही है. अब यहां से मुंबई को चमत्कारी खेल दिखाना होगा. बता दें की पहले मैच में मुंबई को दिल्ली ने हराया था.

Gold Silver Price: सोने-चांदी की वायदा कीमत में तेज गिरावट, जानिए कितना हुआ दाम

Gold Silver Price: सोने-चांदी की वायदा कीमत में तेज गिरावट, जानिए कितना हुआ दाम

आज भारतीय बाजारों में सोने और चांदी की वायदा कीमत में तेज गिरावट आई। एमसीएक्स पर फरवरी का सोना वायदा 49,000 के स्तर से नीचे आ गया। सोने में आज 0.9 फीसदी यानी 450 रुपये की गिरावट आई और यह 48,860 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जबकि चांदी वायदा 1.4 फीसदी यानी जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग 900 रुपये गिरकर 65,127 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। कीमती धातु अगस्त के 56,200 रुपये की रिकॉर्ड ऊंचाई से 7500 रुपये नीचे है।

वैश्विक बाजारों में 0.3 फीसदी नीचे जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग आया सोना
वैश्विक बाजारों में आज मजबूत डॉलर के बीच सोने की कीमतें कम रहीं। सोना 0.3 फीसदी नीचे 1,840 डॉलर प्रति औंस पर था। बॉन्ड यील्ड और डॉलर में आई बढ़ोतरी के बाद एक रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन लगभग 20 खरब के एक कोविड-19 राहत पैकेज की योजना बना रहे हैं। डॉलर इंडेक्स 0.05% फीसदी बढ़कर 90.377 पर था।

सोने के व्यापारियों को फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल की टिप्पणियों का इंतजार है। पॉवेल आज एक वेबिनार में भाग लेने वाले हैं। बाइडन भी पर्याप्त आर्थिक सहायता के लिए अपनी योजनाओं की घोषणा कर सकते हैं। बाइडन का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को होगा। आज अमेरिका के शुरुआती बेरोजगारी दावे का डाटा भी जारी होगा होगा, जबकि अमेरिकी खुदरा बिक्री, औद्योगिक उत्पादन, व्यापार सूची और उपभोक्ता भावना के आंकड़े शुक्रवार को आएंगे।

कमजोर निवेशक रुचि को दर्शाता है ईटीएफ का प्रवाह
दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या गोल्ड ईटीएफ, एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग्स बुधवार को 0.9 फीसदी गिरकर 1,171.21 टन हो गई। स्वर्ण ईटीएफ सोने की कीमतों पर आधारित होते हैं और उसके दाम में आने वाली घट-बढ़ पर ही इसका दाम भी घटता बढ़ता है। मालूम हो कि ईटीएफ का प्रवाह सोने में कमजोर निवेशक रुचि को दर्शाता है। एक मजबूत डॉलर अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोने को अधिक महंगा बनाता है।

निवेशकों के लिए खुली है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना
निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) योजना के तहत बाजार मूल्य से काफी कम दाम में सोना खरीद सकते हैं। यह योजना सिर्फ पांच दिन के लिए खुली है (11 जनवरी 2021 से 15 जनवरी 2021 तक)। योजना के तहत आप 5,104 रुपये प्रति ग्राम पर सोना खरीद सकते हैं। यानी अगर आप 10 ग्राम सोने खरीदते है तो उसकी कीमत 51,040 रुपये बैठती है और गोल्ड बॉन्ड की खरीद ऑनलाइन तरीके से की जाती है तो सरकार ऐसे निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट देती है। इसमें आवेदनों के लिए भुगतान ‘डिजिटल मोड’ के माध्यम से किया जाना है।

67 साल बाद जानिए निवेशकों को क्यों रहना है सजग अमेरिका में किसी महिला कैदी को दी गई मौत, जुर्म जानकर रह जाएंगे दंग

67 साल बाद अमेरिका में किसी महिला कैदी को दी गई मौत, जुर्म जानकर रह जाएंगे दंग

अमेरिका में इंसानियत को शर्मसार करने वाले अपराध की दोषी महिला कैदी को मत्युदंड दे दिया गया है। अमेरिका के इतिहास में 67 साल बाद यह पहला मौका है जब किसी महिला कैदी को मौत की सजा दी गई है। इस महिला को जो बाइडन के राष्ट्रपति बनने के आठ दिन पहले ही मृत्युदंड दिया गया है। बता दें कि बाइडन शुरू से ही मौत की सजा के खिलाफ रहे हैं।

जहर का इंजेक्शन लगाकर दी गई मौत की सजा

52 साल की लीसा मोंटगोमेरी को इंडियाना प्रांत के टेरे हौटे के संघीय जेल परिसर में जहरीला इंजेक्शन लगाए जाने के बाद रात 1:31 बजे मृत घोषत कर दिया गया। मौत की सजा पर तामील होने की प्रक्रिया के दौरान मोंटगोमेरी के के पास खड़ी महिला ने झुक कर उसके चेहरे से मास्क हटाया और पूछा कि क्या उसे अंतिम बार कुछ कहना है। इस पर दोषी महिला ने कहा, ‘नहीं।’ जिसके बाद उस महिला को जहर वाला इंजेक्शन लगा दिया गया। महिला के वकील केली हेनरे ने कहा कि लीसा को मौत की सजा देने की प्रक्रिया में शामिल लोगों को शर्म आनी चाहिए।

कोर्ट ने सुनाई थी मौत की सजा

अमेरिकी राज्य कैंसास की रहने वाली लीजा मोंटगोमेरी महिला ने एक गर्भवती महिला की हत्या कर उसके गर्भ से बच्ची को निकालकर फरार हो गई थी। पकड़े जाने के बाद लंबी चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे दोषी करार दिया था। कोर्ट ने महिला के अपराध को जघन्य बताते हुए मौत की सजा सुनाई थी। इस महिला को मोंटगोमेरी को इंडियाना के तेर्रे हाउते में एक केन्द्रीय कारागार में मृत्युदंड दिया गया।

यह था पूरा मामला

यह मामला 16 साल पुराना है। 16 दिसंबर 2004 को मोंटगोमेरी एक कुत्ते को गोद लेने के लिये कैनसास के मेलवर्न में स्थित अपने घर से लगभग 170 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिमी मिसूर कस्बे के स्किडमोर में 23 वर्षीय कुत्ता विक्रेता बॉबी जो स्टिनेट के घर गई। जहां उसने रस्सी से गला दबाकर कुत्ता विक्रेता जो स्टिनेट की हत्या कर दी।

शरीर को मिल रहे हों ये संकेत तो समझिए आपका कोलेस्ट्रॉल खतरनाक स्थिति पर पहुंच रहा है !

आजकल दुनियाभर में हृदय रोगों के मरीज काफी बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञों की मानें तो हृदय रोगों की बड़ी वजह (Cholesterol) को माना जाता है. कोलेस्ट्राल एक वसायुक्त पदार्थ है, जिसका निर्माण हमारा लिवर करता है. विशेषज्ञों की मानें तो कोलेस्ट्रॉल भी दो तरह के होते हैं. गुड कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल और बैड कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल. एचडीएल हमारी सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है. ये कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के खतरे को कम करने का काम करता है. लेकिन एलडीएल (LDL) हृदय रोगों की वजह बनता है. ये धमनियों में प्लाक के निर्माण और रुकावट का कारण बन सकता है. इसके कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक और कार्डिएक अरेस्ट का रिस्क काफी बढ़ जाता है.

आमतौर पर एलडीएल यानी बैड कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को लोग समझ नहीं पाते. इसलिए यहां हम आपको बताने जा रहे हैं, शरीर के कुछ ऐसे संकेत जो अगर आपको लगातार मिल रहे हैं, तो आपको सजग हो जाना चाहिए और अपनी कोलेस्ट्रॉल की जांच फौरन करानी चाहिए, ताकि आने वाले खतरे से बच सकें.

ब्लड प्रेशर बढ़ना

अगर आपका ब्लड प्रेशर सामान्य रहता आया है, और कुछ समय से लगातार काफी बढ़ने लगा है, तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए. ब्लड प्रेशर का बढ़ना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का भी संकेत है. इसलिए फौरन अपनी जांच कराएं.

सांस फूलना

कोलेस्ट्रॉल धमनियों में फैट को जमा देता है, इसके कारण वे संकरी हो जाती हैं. ऐसे में ब्लड सर्कुलेशन में हार्ट को काफी मेहनत करनी पड़ती है. इसके कारण कई बार सांस फूलने की समस्या हो जाती है, साथ ही सीने में भी दर्द होता है.

स्किन पर निशान

हाथाें, पैराें या त्वचा पर किसी अन्य जगह पर संतरी, पीले रंग के निशान देखने को मिलें तो ये हाई कोलेस्ट्रॉल का संकेत हो सकता है. इसे हल्के में न लें और फौरन अपनी जांच करवाएं.

आंखों के आसपास चकत्ते

अगर आपके आंखाें के ऊपर पीले चकत्ते या पपड़ी दिखाई दे, या पलकाें पर पीले रंग की ग्राेथ हाेने, तो इन लक्षणों को नजरअंदाज न करें. ये शरीर में काेलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकते हैं. ऐसे में फौरन जांच करवा लेनी चाहिए.

पैरों में अक्सर दर्द रहना

जब आपके पैरों की आर्टरीज ब्लॉक होती हैं तो पैरों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन रिच ब्लड नहीं पहुंच पाता. इससे पैरों में दर्द, सूजन और ऐंठन आदि की समस्या हो सकती है. ऐसे में आपको विशेषज्ञ से परामर्श करना चाहिए.

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