ऑनलाइन निवेश

Updated Sat, 19 Nov 2022 08:00 AM IST
ऑनलाइन निवेश
अस्वीकरण :
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शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज
How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.
Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
क्या होता है डीमैट खाता
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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
जरूरी शर्तें
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.
UP का निवेश ऑनलाइन निवेश ऑनलाइन निवेश मित्र पोर्टल देश के चुनिंदा सिंगल विंडो ऑनलाइन सिस्टम में शामिल, 21 नई सेवाएं जुड़ीं
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। उत्तर प्रदेश में उद्यमियों को ऑनलाइन सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए निवेश मित्र पोर्टल पर सेवाओं का दायरा औद्योगिक विकास विभाग ने बढ़ा दिया है। इसमें उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की 21 नई सेवाएं जोड़ी गई हैं। अब 146 ऑनलाइन सेवाओं के साथ यह देश के चुनिंदा सिंगल विंडो पोर्टल में शामिल हो गया है।
निवेश मित्र पोर्टल पर 21 नई सेवाओं की शुरुआत औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने सोमवार को विधानभवन स्थित अपने कार्यालय से की। कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज (सीआईआई) के लगभग 80 उद्यमी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। महाना ने कहा कि कोविड-19 की चुनौतियों और लॉकडाउन के बीच प्रदेश सरकार ने औद्योगिक इकाइयों को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।
वहीं, नए उद्योगों की स्थापना के लिए निवेश आकर्षण के उद्देश्य से राज्य में उद्यमों को विभिन्न स्वीकृतियां जारी करने में मानव हस्तक्षेप कम करना है। उन्होंने सेवाओं की विशेषता उद्यमियों को बताईं और उनकी जिज्ञासाओं को भी शांत किया। बताया कि नई ऑनलाइन शिकायत निवारण सुविधा जल्द निवेश मित्र पोर्टल से जोड़ी ऑनलाइन निवेश जाएगी।
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टंडन ने कहा कि इससे राज्य में नए आर्थिक अवसर सृजित होंगे। प्रदेश के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) को गति मिलेगी। प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने बताया कि निवेश मित्र देश की सबसे बड़ी और व्यापक सिंगल विंडो प्रणालियों में से एक बन गई है।
पोर्टल से 2500 उद्यमियों को भूमि आवंटन
यूपीसीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अनिल गर्ग ने बताया कि यूपीसीडा ऑनलाइन निवेश द्वारा अब तक निवेश मित्र के माध्यम से 2500 उद्योगपतियों को भूमि आवंटन और भवन योजना से संबंधित स्वीकृतियां दी गई हैं। इसके लिए उद्यमियों एक बार भी प्राधिकरण कार्यालय नहीं आना पड़ा। उद्योग बंधु की अधिशासी निदेशक नीना शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने फरवरी 2018 में निवेश मित्र के उन्नत संस्करण का शुभारंभ किया। पोर्टल के माध्यम से कुल 126191 स्वीकृतियां जारी की गई हैं।
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सोशल ट्रेडिंग युवाओं की जान के ऑनलाइन निवेश लिए बन रहा नासूर
गाजियाबाद ब्यूरो
Updated Sat, 19 Nov 2022 08:00 AM IST
सोशल ट्रेडिंग युवाओं की जान के लिए बन रहा नासूर
गाजियाबाद। सोशल ट्रेडिंग व निवेश युवाओं की जान के लिए नासूर बनता जा रहा है। शातिर सोशल मीडिया पर कुछ रुपये निवेश करने पर रकम दोगुनी करने का झांसा देने की स्कीम देकर युवाओं को जाल में फंसा रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें युवा शातिरों के जाल में फंसकर लाखों रुपये गवां चुके हैं और रुपये वापस न मिलने पर परिजनों को इसका पता चलने के डर से अपनी जान दे रहे हैं। इसी माह ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं।
एक नवंबर को बीटेक की छात्रा साक्षी ने 12वीं मंजिल से कूदकर जान दी थी। वहीं तीन नवंबर को बीटेक के छात्र हार्दिक की 19वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। दोनों मामलों में पुलिस जांच में पता चला कि दोनों छात्र ने मौत से पहले लाखों रपये की ट्रांजेक्शन की थी। छात्रा साक्षी ने अपने पिता, बहन और बहन के खाते के अलावा दोस्तों से भी रुपये उधार लेकर ब्लैकमेलिंग के जाल में फंसकर करीब दो लाख रुपये भेजे। वहीं छात्र हार्दिक ने भी मौत से पहले टेलीग्राम ग्रुप पर आत्महत्या करने जाने की बात लिखी थी और 25 हजार रुपये किसी को भेजे थे।
चीन और जापान के आईपी एड्रेस
पुलिस को जांच में पता चला कि दोनों मामलों में छात्रों ने जिसे रुपये ट्रांसफर किए थे। उनमें चीन व जापान के आईपी एड्रेस ट्रेस हुए हैं। साइबर सेल पुलिस का कहना है कि मामले में शातिरों को भी ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।
नाइजीरियंस ने बिछा रखा है जाल
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा ने बताया कि यह गिरोह नाइजीरियंस का है जो सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर अच्छे मुनाफे की स्कीम का झांसा देकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। ग्रुप के जरिये वह युवाओं को जाल में फंसा रहे हैं। इससे सावधान रहें।
ऐसे दे रहे झांसा
शातिर पहले घर बैठे कमाई का झांसा देते हैं।
सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर रुपये निवेश करने पर तय समय में अच्छे मुनाफे का झांसा देते हैं।
ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने का टास्क देकर निवेश कराकर कमीशन देने की बात कहते हैं।
वेबसाइट का निजी लॉगइन आईडी-पासवर्ड बनाकर वॉलेट में निवेश व कमीशन के रुपये दिखाते हैं।
आप रुपये निकालने को कहते हैं तो शातिर नियम शर्तों के तहत रुपये नहीं निकालने देते।
शातिर रकम निवेश करने के बाद ही वॉलेट में आई रकम को निकालने का देते हैं झांसा।
ऐसे करके आप शातिरों के जाल में फंसते चले जाते हैं।
ऐसे बचें
- किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
- किसी भी अनाधिकारिक वेबसाइट व एप में निवेश न करें।
- डिजिलटल करेंसी के निवेश के लिए आधिकारिक वेबसाइट से ही निवेश करें।
- डिजिटल करेंसी का उतार-चढ़ाव इंटरनेट पर आसानी से देख सकते हैं। किसी के झांसा में न आएं।
- डिजिटल करेंसी का उतार-चढ़ाव ब्लॉकचेन वेबसाइट पर देख सकते हैं जो आधिकारिक है।
- किसी भी ग्रुप पर भेजे गए लिंक व एप को डाउनलोड न करें।
(ऐसा साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा ने बताया)
गाजियाबाद। सोशल ट्रेडिंग व निवेश युवाओं की जान के लिए नासूर बनता जा रहा है। शातिर सोशल मीडिया पर कुछ रुपये निवेश करने पर रकम दोगुनी करने का झांसा देने की स्कीम देकर युवाओं को जाल में फंसा रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जिनमें युवा शातिरों के जाल में फंसकर लाखों रुपये गवां चुके हैं और रुपये वापस न मिलने पर परिजनों को इसका पता चलने के डर से अपनी जान दे रहे हैं। इसी माह ऐसे ऑनलाइन निवेश दो मामले सामने आ चुके हैं।
एक नवंबर को बीटेक की छात्रा साक्षी ने 12वीं मंजिल से कूदकर जान दी थी। वहीं तीन नवंबर को बीटेक के छात्र हार्दिक की 19वीं मंजिल से गिरकर मौत हो गई थी। दोनों मामलों में पुलिस जांच में पता चला कि दोनों छात्र ने मौत से पहले लाखों रपये की ट्रांजेक्शन की थी। छात्रा साक्षी ने अपने पिता, बहन और बहन के खाते के अलावा दोस्तों से भी रुपये उधार लेकर ब्लैकमेलिंग के जाल में फंसकर करीब दो लाख रुपये भेजे। वहीं छात्र हार्दिक ने भी मौत से पहले टेलीग्राम ग्रुप पर आत्महत्या करने जाने की बात लिखी थी और 25 हजार रुपये किसी को भेजे थे।
चीन और जापान के आईपी एड्रेस
पुलिस को जांच में पता चला कि दोनों मामलों में छात्रों ने जिसे रुपये ट्रांसफर किए थे। उनमें चीन व जापान के आईपी एड्रेस ट्रेस हुए हैं। साइबर सेल पुलिस का कहना है कि मामले में शातिरों को भी ट्रेस करने का प्रयास किया जा रहा है।
नाइजीरियंस ने बिछा रखा है जाल
साइबर एक्सपर्ट ईशान सिन्हा ने बताया कि यह गिरोह नाइजीरियंस का है जो सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर अच्छे मुनाफे की स्कीम का झांसा देकर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। ग्रुप के जरिये वह युवाओं को जाल में फंसा रहे हैं। इससे सावधान रहें।
ऐसे दे रहे झांसा
शातिर पहले घर बैठे कमाई का झांसा देते हैं।
सोशल मीडिया पर ग्रुप बनाकर रुपये निवेश करने पर तय समय में अच्छे मुनाफे का झांसा देते हैं।
ऑनलाइन प्रोडक्ट बेचने का टास्क देकर निवेश कराकर कमीशन देने की बात कहते हैं।
वेबसाइट का निजी लॉगइन आईडी-पासवर्ड बनाकर वॉलेट में निवेश व कमीशन के रुपये दिखाते हैं।
आप रुपये निकालने को कहते हैं तो शातिर नियम शर्तों के तहत रुपये नहीं निकालने देते।
शातिर रकम निवेश करने के बाद ही वॉलेट में आई रकम को निकालने का देते हैं झांसा।
ऐसे करके आप शातिरों के जाल में फंसते चले जाते हैं।
ऐसे बचें
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- डिजिलटल करेंसी के निवेश के लिए आधिकारिक वेबसाइट से ही निवेश करें।
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- डिजिटल करेंसी का उतार-चढ़ाव ब्लॉकचेन वेबसाइट पर देख सकते हैं जो आधिकारिक है।
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