Cryptology में बिटकॉइन का व्यापार कैसे करें

बिटकॉइन में निवेश कैसे करें?
बिटकॉइन को ऑनलाइन खरीदते हैं और एक डिजिटल वॉलेट में संग्रहीत करते हैं। डिजिटल वॉलेट एक छोटा व्यक्तिगत डाटाबेस है जिसे आप अपने स्मार्टफ़ोन, कंप्यूटर ड्राइव, टैबलेट, या इंटरनेट में कहीं भी संग्रहीत कर सकते हैं।
भारत में उपलब्ध कई बिटकॉइन एक्सचेंज जैसे- Zebpay, Unocoin , Bitxoxo, Coinbase। आप इनके वेबसाइट पर जा सकते हैं या इनके मोबाइल ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं। फिर आप इनमें से किसी एक एक्सचेंज पर ऑनलाइन खाता (डिजिटल वॉलेट ) बना सकते हैं। एक बार डिजिटल वॉलेट बनने पर अपने बैंक के खाते से डिजिटल वॉलेट में पैसा ट्रांसफर कर सकते हैं। फिर आप डिजिटल वॉलेट से बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं।
पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन की कीमत में काफी उतार चढ़ाव चढाव रहा है। एक बिटकॉइन की कीमत 1,000 से 11,70,000 रुपये के बीच उतार चढ़ाव कर रही है। चूंकि एक बिटकॉइन खरीदना काफी महंगा है इसलिए आप 1000 रुपये से निवेश करके बिटकॉइन का एक अंश खरीद सकते हैं। बिटकॉइन विनियमित नहीं हैं तो आपको नकली और वास्तविक बिटकॉइन के बीच भेद में सावधान रहना चाहिए। बिटकॉन्स में व्यापार करने से पहले आपको एक्सचेंज, वॉलेट इत्यादि के बारे में उचित शोध करना चाहिए।
क्या है Bitcoin और Cryptocurrency, कैसे होती है इसकी माइनिंग?
राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे अवैध माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। कई लोग तो ऐसा मानते हैं कि, सिर्फ Bitcoin ही एक क्रिप्टोकरेंसी है। जबकि मार्केट में कई अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी शामिल हैं। हालांकि, आज भी ज्यादातर लोग Bitcoin में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं। इसलिए हम समझें कि आखिर क्या है Bitcoin? साथ ही विस्तार से Cryptology में बिटकॉइन का व्यापार कैसे करें इससे जुड़े तथ्य।
क्या है Bitcoin?
Bitcoin करेंसी तो है, लेकिन यह एक क्रिप्टोकरेंसी है। इसे 'सातोशी नकामोति' ने 2008 में बनाया था, लेकिन किसी को यह आज तक नहीं पता चल पाया है कि यह कोई इंसान है, या ऑर्गनाइज़ेशन है। सातोशी Bitcoin की एक कोड भी है। इसे पहली बार 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी किया गया था। हम यह कह सकते हैं कि Bitcoin एक कोड है। इसे एक डिजिटल डॉक्यूमेंट भी कहा जा सकता है। इसे ख़रीदा भी जा सकता है। हालांकि रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे मान्यता नहीं दी है, लेकिन इसके बाद भी भारत में Bitcoin को ख़रीदा जा सकता है। सातोशी नकामोति ने दुनिया में टोटल 2.1 करोड़ Bitcoin बनाये हैं। Bitcoin सोने के भाव में बिकता है। इसके कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक तरह की करेंसी है। लेकिन इसे केवल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन ही बनाना संभव है।
Bitcoin की ग्रोथ :
अगर हम Bitcoin की ग्रोथ देखें तो इसकी शुरुआत में कोई ग्रोथ नहीं हुई थी। 2009 में Bitcoin को लांच किया गया था तब उसकी वैल्यू 0 डॉलर थी। ना कोई उसे खरीदता था न ही बेचता। इतना ही नहीं 2010 में भी इसकी वैल्यू 1 डॉलर तक नहीं पहुंची। यह केवल लगभग 32 पैसे पर आकर रुक गया था। 2010 यह 18 से 20 रुपये तक ही पंहुचा था। ऐसे ही 2012 में इसकी कीमत 850 रुपये, 2014 में 31000 रुपयेऔर 2014 में इसकी कीमत 58000 रुपये, 2017 में 61722 रुपयेतक पहुंची, लेकिन 2012 से 2017 तक इसकी ग्रोथ देखे तो यह 87000% तक पहुंच गई थी। हालांकि, उसके बाद से Bitcoin में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता रहा, लेकिन अब काफी समय से इसमें गिरावट का दौर ही जारी है। बता दें, मार्केट में करीब डेढ़ करोड़ Bitcoins आ चुके हैं।
कैसे माइनिंग होता है Bitcoin ?
Bitcoin जारी करने की प्रक्रिया “माइनिंग” कहलाती है। Bitcoin को माइन करने के लिए 2 key होती हैं। एक भेजने के लिए और दूसरी प्राप्त करने के लिए। इसका सिस्टम ठीक एक लाटरी जैसा होता है। लाटरी सिस्टम से जो कोई जटिल गणित के सवाल का उत्तर दे पाएगा उसको कुछ Bitcoin इनाम में मिलेंगे। जैसे-जैसे Bitcoin बढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे गणित के सवाल और भी जटिल होते जाते हैं। Bitcoin से जुड़ा लेनदेन बिटकॉइन से जुड़े हर इंसान को पता रहता है लेकिन किसने ख़रीदा और किससे ख़रीदा इस बात की गोपनीयता बनी रहती है। इससे धोखाधड़ी की शिकायतें कम हो जाती हैं। आप Unocoin द्वारा Bitcoin खरीद सकते हैं।
Bitcoin के लेन-देन का लेज़र:
Bitcoin के लेन-देन का एक लेज़र बनाया जाता है। यह एक ओपन लेज़र होता है। इसके लेज़र से पूरी जानकारी (पहले बिटकॉइन से लास्ट तक) प्राप्त की जा सकती है। बिटकॉइन का जो सबसे लम्बा लेज़र मेंटेन करता है उसी का लेज़र माना जाता है और उसे ही इनाम के तौर पर बिटकॉइन मिलते हैं। ऐसे बहुत लोग लेज़र मेंटेन करते हैं। बिटकॉइन का लेज़र मेंटेन करने के लिए भी आपको कुछ इनाम दिया जाता है। लेज़र मेंटेन करने से आप धोखाधड़ी के शिकार नहीं होते है। Bitcoin का कोड बहुत कठिन होता है। जिसे हैक करना बहुत मुश्किल है।
Bitcoin से लेनदेन :
कई लोग यह सोचते हैं कि यह एक न दिखने वाली करेंसी है तो क्या इससे लेन-देन संभव होगा? तो हम आपको बताते हैं कि, जी हाँ Bitcoin से लेन-देन बिलकुल संभव है। Bitcoin द्वारा सबसे पहले पिज्जा खरीदा गया था और आज लगभग 1 लाख से भी ज्यादा व्यपारी Bitcoin से लेन-देन करते हैं। Bitcoin का भुगतान किसी ऐप के द्वारा भी किया जा सकता है। Dell, PayPal, Microsoft, जैसी कंपनिया भी Bitcoin को स्वीकार करती हैं। Bitcoin के लेनदेन का एक नुकसान यह है कि इससे कहीं-कहीं ड्रग्स का भी लेनदेन किया जा रहा है। क्योंकि इससे पता नहीं चलता की कौन खरीद रहा है कौन बेच रहा है।
Bitcoin से जुड़ी कुछ बातें:
दिसम्बर 2017 में Bitcoin की वैल्यू एक लाख डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद की जा रही थी।
देशभर के Bitcoin एक्सचेंजों पर IT विभाग ने दिसम्बर 2017 में छापेमारी की थी।
Bitcoin की कीमत में भारी गिरावट भी दर्ज की जाती है।
कभी-कभी Bitcoin में निवेश करना मंहगा पड़ जाता है।
Bitcoin लोगो को बहुत जल्दी आकर्षित करता है।
हम Bitcoin को पेमेंट सिस्टम भी कह सकते हैं।
Bitcoin से एक Cryptology में बिटकॉइन का व्यापार कैसे करें बार अमिताभ बच्चन को 100 करोड़ से ज्यादा का फायदा हुआ था लेकिन इसमें गिरावट आने से उनको करोड़ों रुपए का नुकसान भी उठाना पड़ा था।
आज तक किसी को नहीं पता चल पाया है कि Bitcoin बढ़ता कैसे है।
अगर आपके पैसे Bitcoin द्वारा डूब गए तो इसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं की जाएगी।
Charlie Munger ने कहा था कि, 'Bitcoin एक बीमारी की तरह है।'
Warren Buffet ने 2014 में कहा था कि, 'Bitcoin एक धोका साबित हो सकता है।'
Benjamin Graham ने कहा था कि, 'Bitcoin लोगों को धोखे में लेकर डूबेगी।'
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जानें सबसे सस्ती cryptocurrency कौन सी है
दोस्तों जैसा कि हम बात कर रहे हैं क्रिप्टोकरंसी की तो क्रिप्टोकरंसी में सबसे पहला नाम आता है बिटकॉइन का बिटकॉइन crypto करेंसी मार्केट का एक ऐसा coin है जिसने पूरे मार्केट में तहलका मचा रखा है आपको बताना चाहेंगे कुछ समय पहले बिटकॉइन भी डेरी मिल्क चॉकलेट के भाव में मिल रहा था।
2021 में सबसे सस्ती cryptocurrency कौन सी है
2009 में एक Bitcoin का मूल्य $ 0 था।
2010 में एक Bitcoin का मूल्य $ 0.08 था।
2011 में एक Bitcoin का मूल्य $ 2 था।
2017 में एक Bitcoin का मूल्य $ 20,089 था।
2021 (अप्रैल) में एक बिटकॉइन का मूल्य $ 62,575 था।
आइए समझते है क्रिप्टोकरंसी को आसान भाषा में
आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये क्रिप्टोकरंसी होती क्या है। आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरंसी एक डिजिटल मुद्रा होती है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर चलती है। वह एक ऐसी मुद्रा होती है जिससे कि हम केवल देख सकते हैं छू नहीं सकते। यह सिर्फ नंबरों के रूप में ऑनलाइन रहती है इस पर किसी भी देश या सरकार का नियंत्रण नहीं रहता।
क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या होगा या हर एक निवेशक जानना चाहता है भारत में पिछले 1 साल से क्रिप्टो करेंसी में निवेश काफी बढा है। लेकिन भारत में क्रिप्टोकरंसी अभी ना तो वैध है और ना ही अवैध क्रिप्टो करेंसी की जानकारी में बता दें कि माना जा रहा है कि कैबिनेट से मिल सकती है क्रिप्टो रेगुलेशन विधेयक को मंजूरी।
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चलिए अब हम बात करते हैं की वर्तमान समय में सबसे की सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी हैं जिनमें आप ट्रेडिंग या निवेश कर सकते हैं वैसे तो सभी क्रिप्टोकरंसी क्रिप्टो मार्केट में शून्य 0 से ही लिस्ट होती हैं हालांकि यह कोई कंपनी नहीं होती यह एक ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी होती है जो की पूरी डिमांड और सप्लाई पर काम करती है किसी भी क्रिप्टोकरंसी कॉइन का भाव सिर्फ डिमांड और सप्लाई पर ही बढ़ता और घटता है।
cryptocurrency जिसका प्राइस 1 डॉलर से कम है !
अगर आप क्रिप्टोकरंसी में व्यापार करना चाहते हैं तो कृपया बहुत सावधानी से यहां पर व्यापार करें क्योंकि यहां पर बहुत जल्दी - जल्दी फ्लकचुएशन आते रहते हैं।
Cryptocurrency subject to risk
डिजिटल कॉइन में व्यापार जोखिम भरा है कृपया इसमें निवेश करने से पहले किसी वित्तीय सलाहकार से सलाह जरूर लें।
अगर आपको भी क्रिप्टो वॉलेट में मिल रहे हैं Free Coin या Token तो हो जाएं सावधान! जानिए क्या हैं Crypto Airdrops
Cryptocurrency Airdrops: आमतौर पर एयरड्रॉप एक व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा होता है जिसमें सोशल मीडिया प्रमोशन, ब्लॉग पोस्ट और क्रिप्टो धारक भागीदारी के अलग-अलग लेवल शामिल होते हैं. हालांकि, एयरड्रॉप का इस्तेमाल गलत चीजों के लिए भी किया जा सकता है, इसलिए यूजर्स को सावधान रहने की Cryptology में बिटकॉइन का व्यापार कैसे करें जरूरत है. चूंकि उन्हें प्रोमोशनल टूल के रूप में माना जाता है, इसलिए अगर कोई प्रोजेक्ट किसी प्रकार के इन्वेस्टमेंट की मांग करते हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए.
Cryptocurrency
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 07 जनवरी 2022,
- (Updated 07 जनवरी 2022, 10:59 AM IST)
एयरड्रॉप एक व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा होता है
क्रिप्टो कम्युनिटी में सभी एयरड्रॉप एक समान नहीं हैं. इसमें कुछ रिस्क भी हैं.
Cryptocurrency Updates: क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की दुनिया में, एयरड्रॉप (Airdrop) एक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी है जिसका उपयोग ब्लॉकचैन-आधारित स्टार्टअप अपने प्लेटफॉर्म के उपयोग को प्रमोट करने के लिए करते हैं. इसमें एक नई वर्चुअल करेंसी को बढ़ावा देने के लिए पब्लिक क्रिप्टो वॉलेट वाले यूजर को फ्री सिक्के या टोकन प्रदान करना शामिल है. ये ठीक ऐसा ही है जैसे सुपरमार्केट में किसी सामान के सैंपल को फ्री में देना ताकि उसकी बिक्री Cryptology में बिटकॉइन का व्यापार कैसे करें को बढ़ाया जा सके.
आमतौर पर एयरड्रॉप एक व्यापक मार्केटिंग स्ट्रेटेजी का हिस्सा होता है जिसमें सोशल मीडिया प्रमोशन, ब्लॉग पोस्ट और क्रिप्टो धारक भागीदारी के अलग-अलग लेवल शामिल होते हैं. हालांकि, एयरड्रॉप का इस्तेमाल गलत चीजों के लिए भी किया जा सकता है, इसलिए यूजर्स को सावधान रहने की जरूरत है. चूंकि उन्हें प्रोमोशनल टूल के रूप में माना जाता है, इसलिए अगर कोई प्रोजेक्ट किसी प्रकार के इन्वेस्टमेंट की मांग करते हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए.
एयरड्रॉप कैसे काम करते हैं?
नई ब्लॉकचैन-आधारित कंपनियां पहले अपनी वेबसाइट या क्रिप्टोकुरेंसी फोरम पर अपनी वर्चुअल करेंसी के लिए एयरड्रॉप का प्रचार शुरू करती हैं. जागरूकता पैदा करने के बाद, कंपनी उन क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट धारकों को सिक्का या टोकन भेजती है जो पहले से ही इसका इस्तेमाल करते हैं.
किसे भेजा जाता है टोकन?
अब, आप सोच सकते हैं कि कंपनी कैसे तय करती है कि टोकन किसे भेजना है? खैर, कुछ कारक हैं जो इसमें मदद करते हैं. कई कंपनियां और स्टार्टअप नई वर्चुअल करेंसी को ब्लॉकचैन कम्युनिटी के एक्टिव यूजर्स के वॉलेट में भेजते हैं. हालांकि, कुछ कंपनियों को प्रमोशन एक्टिविटीज में भाग लेने के लिए वॉलेट धारक की जरूरत हो सकती है जैसे वर्चुअल करेंसी के बारे में ट्वीट करना या किसी प्रतिष्ठित क्रिप्टो मंच पर पोस्ट करना.
इनमें से कई कंपनियां अक्सर उन धारकों को नए टोकन भेजती हैं जिनके वॉलेट में ईथर या बिटकॉइन होते हैं क्योंकि बिटकॉइन और एथेरियम कम्युनिटीज क्रिप्टो-क्षेत्र में सबसे बड़े होते हैं.
क्रिप्टो में एयरड्रॉप क्यों जरूरी हैं?
जैसे-जैसे क्रिप्टो की मांग बढ़ती जा रही है, नए स्टार्टअप के लिए भीड़ भरे बाजार में बाहर खड़े होना मुश्किल हो गया है. एक वर्चुअल कॉइन की लाइफ साईकल इस बात पर निर्भर करती है कि कितने लोग व्यापार कर रहे हैं और इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. कॉइनडेस्क के सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष और एमआईटी के ब्लॉकचैन रिसर्च इनिशिएटिव के सलाहकार माइकल जे केसी ने ब्लॉग पर लिखा, "एक करेंसी अगर कहीं इस्तेमाल नहीं हो रही है तो उसकी कोई कीमत नहीं है."
क्या है एयरड्रॉप में रिस्क?Cryptology में बिटकॉइन का व्यापार कैसे करें
आपको बता दें, क्रिप्टो कम्युनिटी में सभी एयरड्रॉप एक समान नहीं हैं. इसमें कुछ रिस्क भी हैं. कुछ संस्थाएं गलत तरीकों के लिए इन मार्केटिंग टूल का फायदा लेती हैं. इसका पता आप ऐसे लगा सकते हैं कि अगर कोई यूजर एयरड्रॉप के लिए टोकन के बदले में ईथर और बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की एक निश्चित राशि भेजने के लिए कहता है, तो हो सकता है वो सोर्स ठीक न हो. यह आमतौर पर आपके पैसे चुराने के लिए स्कैमर्स का एक तरीका हो सकता है.
अगर आप बिटक्वाॅइन समेत इन क्रिप्टोकरेंसी में करते हैं निवेश तो Income Tax विभाग भेज सकता है नोटिस, जानें वजह?
Cryptocurrency- क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बेहद अहम भारतीय निवेशकों के लिए बेहद अहम खबर है.
- News18Hindi
- Last Updated : July 23, 2021, 09:22 IST
नई दिल्ली. Cryptocurrency- क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बेहद अहम भारतीय निवेशकों के लिए बेहद अहम खबर है. भारतीयों ने बिटकॉइन (Bitcoin), डॉगकॉइन (Dogecoin), एथेरियम (Ethereum), बिनेंस (Binance), रिपल (Ripple), मैटिक (Matic)और अन्य लोकप्रिय सिक्कों जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Digital currency) में अरबों डॉलर का निवेश किया है. पिछले साल के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बाद से क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग वॉल्यूम कई गुना बढ़ गई है. ब्लूमबर्ग की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी में भारतीय निवेश अप्रैल 2020 में 923 मिलियन डॉलर से बढ़कर मई 2021 में लगभग 6.6 बिलियन डॉलर हो गया. आश्चर्य की बात यह है कि आरबीआई (RBI) या सरकार से इस पर कोई स्पष्ट रेगुलेशन नहीं होने के बावजूद भारतीयों द्वारा क्रिप्टो में यह निवेश बढ़ा है.
लॉकडाउन में निवेशकों की संख्या में इजाफा
RBI ने 2018 में बैंकिंग सुविधाओं को क्रिप्टो एक्सचेंजों (crypto exchange)तक सीमित करके एक तरह का प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी, जिसे बाद में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. तब से, क्रिप्टो ट्रेडिंग और निवेश में भारतीय जुड़ाव कई गुना बढ़ गया है, विशेष रूप से कोविड-प्रेरित लॉकडाउन के बाद वेतनभोगी युवाओं को उनके घरों तक सीमित कर दिया गया है, जिससे उन्हें तेजी से पैसा बनाने के नए तरीकों का पता लगाने के लिए पर्याप्त समय मिल गया है.
अब आयकर विभाग मांगेगा ब्यौरा
आयकर विभाग (Income Tax Department) ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजेज से लेनदेन करने वालों का ब्यौरा मांगा है. सूत्रों के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग से मोटा मुनाफा कमाने वाले लोगों पर विभाग की नजर है. विभाग को आशंका है कि ट्रेडिंग करने वाले लोग अपनी वास्तविक आय छुपा रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज को इनकम टैक्स की नोटिस में ट्रेडिंग करने वालों की सारी डिटेल्स मांगी गई हैं. IT विभाग ने Coins की लेनदेन का पूरा रिकार्ड मांगा हैं. आईटी विभाग की क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने वालों पर नजर है. विभाग को कमाई करके टैक्स चुराने की आशंका है. एक साल से बिटकॉइन समेत कई क्रिप्टो में तेजी आई है. WazirX, CoinDCX, Zebpay, UnoCoin क्रिप्टोकरेंसी के टॉप एक्सचेंज हैं. आईटी विभाग ने इनको नोटिस भेजी है.
आयकर विभाग को देनी चाहिए जानकारी
जैसे ही AY 2021-22 के Cryptology में बिटकॉइन का व्यापार कैसे करें लिए टैक्स फाइलिंग सीजन शुरू होता है, देश में कई क्रिप्टो निवेशक क्रिप्टो-डिजिटल व्यापार और पिछले वित्तीय वर्ष में निवेश से उनकी कमाई के कर निहितार्थ के बारे में चिंतित हो सकते हैं. आयकर विभाग ने अभी तक क्रिप्टो लेनदेन से अर्जित लाभ पर कर के प्रभाव के बारे में कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है. क्लियर के संस्थापक और सीईओ अर्चित गुप्ता के अनुसार, भले ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को अभी तक वैध नहीं बनाया गया है, लेकिन इसके लाभ पर आयकर का भुगतान करने से बचना उचित नहीं है.
क्रिप्टो लेनदेन पर कर का भुगतान कैसे करें?
सामान्य आयकर के अनुसार, एक्सपर्ट का कहना है कि क्रिप्टो-लेनदेन पर लाभ इन लेनदेन की प्रकृति और निवेशक के इरादे के आधार पर व्यावसायिक आय या पूंजीगत लाभ के रूप में कर योग्य हो जाएगा. "क्रिप्टो लेनदेन से होने वाले मुनाफे पर 'व्यावसायिक आय' के रूप में कर लगाया जाएगा. यदि ट्रेड अक्सर हो रहे हैं और वॉल्यूम अधिक होते हैं, तो 'पूंजीगत लाभ' के रूप में कर लगाया जाता है. एक्सपर्ट की मानें तो प्रत्येक करदाता के लिए इसकी समीक्षा की जानी चाहिए और करदाताओं को एक विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए.
देश में लॉन्च होगी अपनी Digital Currency
भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (Reserve Bank of India) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर (T. Rabi Sankar) ने गुरुवार को कहा कि आरबीआई अपनी खुद की डिजिटल करेंसी (Digital Currency) चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित करने की रणनीति पर काम कर रहा है और इसे पायलट आधार पर थोक और खुदरा क्षेत्रों में पेश करने की प्रक्रिया में है.
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