क्या है क्रिप्टो-करेंसी

Binance-FTX Deal : Bitcoin सहित सभी क्रिप्टोकरेंसी में आई 16% तक की गिरावट, क्या है मुद्दा?
Binance FTX Deal : बिटकॉइन, इथेरियम, पॉलीगोन सहित ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसीज में भारी बिकवाली के चलते पिछले 24 घंटों के दौरान 16 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है
बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स (crypto exchange FTX) के फाइनेंशियल क्राइसिस में फंसने के बाद क्रिप्टो में गिरावट देखने को मिल रही है
Cryptocurrencies : बिटकॉइन, इथेरियम, पॉलीगोन सहित ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसीज में भारी बिकवाली के चलते पिछले 24 घंटों के दौरान 16 फीसदी तक गिरावट देखने को मिली है। एक बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज एफटीएक्स (crypto exchange FTX) के फाइनेंशियल क्राइसिस में फंसने क्या है क्रिप्टो-करेंसी के बाद क्रिप्टो में गिरावट देखने को मिल रही है। वहीं, बाइनेंस – एफटीएक्स डील रद्द होने से संकट और भी बढ़ गया है।
क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी | What Is Cryptocurrency In Hindi
क्या आप जानना चाहते हैं क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी में? जैसे कि आप जानते हैं आजकल क्रिप्टो करेंसी का बहुत सारा खबर यह वहां फैले हुए हैं। इस वजह से हर कोई क्रिप्टो करेंसी के बारे में जानना चाहते हैं। और कुछ लोग तो यह भी जानना चाहते हैं इंडिया के अंदर Cryptocurrency में कैसे निवेश किया जाए जिससे उन लोगों को फायदा हो। क्योंकि आप में से जो भी लोग क्रिप्टो करेंसी एवं इसकी अचानक शेयर बरने का खबर पाते हैं तो इस Crypto Currency में निवेश करने के लिए तुरंत सोचते रहते हैं।
इसलिए आज हम इस लेख में क्रिप्टो करेंसी के अंदर की सारी खबर को आज इस लेख में विस्तार से आलोचना करेंगे एवं आपको यह भी बताएंगे अगर आप इंडिया में रहकर Cryptocurrency को खरीदना चाहते हैं तो किस किस प्लेटफार्म के जरिए खरीद सकते हैं वह भी जीरो एक्स्ट्रा चार्जेस के। तो अगर आप क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी में विस्तार में जानना चाहते हैं तो हमारी इस लेख को अंत तक आप अच्छी तरीके से परे।
Table Of Contents
क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी | What Is Cryptocurrency In Hindi
अभी आप में से बहुत लोग यह सोच रहे होंगे कि अगर क्रिप्टो करेंसी एक बायनरी कोडिंग का कंबीनेशन है तो वह कभी भी कहीं भी इस को हैक किया या फिर डिलीट किया जा सकता है। इस चीज को ध्यान में रखते हुए आजकल हर एक Cryptocurrency का ट्रांजैक्शन को एक से अधिक डिवाइस में सेव किया जाता क्या है क्रिप्टो-करेंसी है, जिससे अगर कोई भी एक डिवाइस खराब हो जाए तो कोई भी यूजर का ट्रांजैक्शन डीटेल्स रिकॉर्ड डिलीट ना हो।
क्रिप्टो करेंसी क्या है इसके बारे में और भी तथ्थ जाना है तो – क्रिप्टो करेंसी एक पेपर लेस यानी कि डिजिटल Currency के रूप में जाना जाता है जिसको आप डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी बोल सकते हैं। जब क्रिप्टो करेंसी का पहले लांच हुआ था तब हर एक क्रिप्टो करेंसी क्या है क्रिप्टो-करेंसी सेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी की तरह काम करता था। लेकिन उसके दो-तीन साल बाद जब इस प्रकरण से के ऊपर कुछ नियम एवं एक सेंट्रल बोर्ड घटित हुए उसके बाद ही हर एक क्रिप्टो करेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी के अंदर लाया गया।
अभी आप सोच रहे होंगे कि यह सेंट्रलाइज्ड एवं डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी क्या होता है। Crypto Currency का सेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी का मतलब यह है कि अगर आप कोई भी सेंट्रलाइज्ड क्रिप्टो करेंसी में ट्रांजैक्शन करते हैं तो उसका डिटेल्स सिर्फ उसका ओनर के डिवाइस में ही रहेगा।
दूसरी और अगर आप कोई भी डिसेंट्रलाइज्ड Cryptocurrency टेक्नोलॉजी में कोई भी क्रिप्टो करेंसी को खरीदते हैं या सेल करते हैं तो उसका डिटेल्स बहुत सारे कंप्यूटर में ब्लॉक चीन की तरह सेव रहेगा जिससे आपका ट्रांजैक्शन एवं आपका पैसा सेवी एवं सिक्योर रहे।
क्रिप्टो करेंसी Formal Information
कुछ क्रिप्टो करेंसी विशेषण के द्वारा दिया गया तथ्य के अनुसार Cryptocurrency कुछ चीजों के ऊपर निर्भर करके काम करता है। अगर आप क्रिप्टो करेंसी क्या है यह विस्तार से जानना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए गए यह चीजों को भी अच्छी तरीके से समझना होगा।
- कोई भी क्रिप्टो करेंसी ओनर का सिस्टम सेंट्रलाइज्ड अथॉरिटी ना भी हो तो भी चलेगा एवं यह पूरा डिस्ट्रीब्यूशन प्रोसेस के ऊपर काम करता है.
- क्रिप्टो करेंसी का जो भी सिस्टम है वह क्रिप्टो यूनिट एवं क्रिप्टो ओनरशिप के द्वारा ही पता चलता है.
- Crypto Currency का हर एक ओनरशिप एवं अन्य डिटेल्स क्रिप्टोग्राफ के द्वारा ही का चलता है.
क्रिप्टो कॉइन खरीदने का फायदा
अभी आप में से बहुत लोग Cryptocurrency के बारे में जानने के बाद तुरंत ही क्रिप्टो कॉइन खरीदने के लिए उत्साहित हो गए होंगे। लेकिन हम चाहते हैं आप कोई भी क्रिप्टो कॉइन खरीदने से पहले इसका फायदा क्या है एवं आप कौन सी Crypto Coins खरीदने पर भविष्य में उससे अच्छा खासा लाभ हो सकता है इस विषय में जानना बहुत ही जरूरी है। इस विषय में बातचीत करने से पहले हम आपको दो ऐसे प्लेटफार्म का लिंक दे रहे हैं जिससे आप Zero Extra Charges पर ही कोई भी क्रिप्टो कॉइन खरीद सकते हैं। वह दोनों क्रिप्टो करेंसी खरीदने का प्लेटफार्म का लिंक नीचे दिया गया है –
आप ऊपर दिए गए दोनों में से कोई भी एक क्रिप्टो प्लेटफार्म के द्वारा इंडिया में रहकर ही कोई भी क्रिप्टो कॉइन खरीद सकते हैं, जो आपको भविष्य में अच्छा खासा मुनाफा दे सकता है। हम आशा करते हैं क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी में जानने के बाद आप यह दोनों प्लेटफार्म को जरूर इस्तेमाल करके कोई ना कोई Crypto Coin भविष्य के फायदे के बारे में सोच कर जरूर खरीदेंगे।
भारत में क्रिप्टो करेंसी का भविष्य क्या है?
भारत में Cryptocurrency का भविष्य बहुत बड़ा है क्योंकि आजकल बहुत सारे युवा इस क्रिप्टो करेंसी में बहुत निवेश कर रहे हैं। इस
क्रिप्टो करेंसी कितने प्रकार की होती है?
अभी के टाइम पर क्रिप्टो करेंसी 100 से भी अधिक प्रकार का मार्केट में अवेलेबल है।
क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी में?
Crypto Currency एक डिसेंट्रलाइज्ड बायनरी कोडिंग टेक्नोलॉजी क्या है क्रिप्टो-करेंसी है जिसको हम मनी एक्सचेंज के रूप में यूज करते हैं।
सबसे सस्ती क्रिप्टो करेंसी कौन सी है?
अभी तक का सबसे सस्ता क्रिप्टो करेंसी का नाम है शिबा इनु (Shiba Inu)।
इंडिया की क्रिप्टो करेंसी कौन सी है?
अभी इंडिया की कोई भी क्रिप्टो करेंसी नहीं है क्योंकि इंडिया में Cryptocurrency पूरी तरह से बैन है।
निष्कर्ष
तो आज आप इस लेख में क्रिप्टो करेंसी क्या है इन हिंदी (What Is Cryptocurrency In Hindi) में डिटेल में ज्ञान आ चुके हैं। आशा करता हूं अगर आपके मन में क्रिप्टो करेंसी को लेकर कुछ भी प्रश्न था तो हमारे इस लेख को पढ़ने के बाद वह सारे प्रश्न का उत्तर आपको मिल गया होगा। इसके अलावा भी अगर आपके मन में Crypto Currency को लेकर कुछ भी दुविधा है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में अपना प्रश्न पूछ सकते हैं।
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Cryptocurrency क्या है, Popular cryptocurrencies in Hindi
(Cryptocurrency in Hindi) is a digital currency, secured by cryptography and based on blockchain technology.
क्रिप्टो करेंसी क्या है (Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल, क्रिप्टोग्राफ़ी द्वारा सुरक्षित और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित मुद्रा है।
Cryptocurrency is a digital, cryptographically secured and blockchain technology based currency.
क्रिप्टो करेंसी का मतलब | Cryptocurrency Meaning in Hindi
टेक्नोलॉजी बहुत तेजी से बदल रही है जिससे लोगों के काम करने, संवाद करने, खरीदने और भुगतान करने का तरीका भी बदल गया है। यह सब समय के साथ बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ साथ बदलता रहता है।
आज के समय में लोगों ने कैश रखना बहुत कम कर दिया है जो लेनदेन हो रहे है उसमें ज्यादातर डिजिटल होते है, और यह डिजिटल लेनदेन आम जनमानस का हिस्सा बन गए है। कॉर्पोरेट्स और कंस्यूमर धीरे धीरे कैश से लेनदेन कम करते जा रहे हैं और स्मार्टफोन ने इस डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया को आसान और तेज कर दिया है।
डिजिटल लेनदेन के साथ डिजिटल करेंसी भी पैर जमा रही है, यह डिजिटल करेंसी क्रिप्टोकरेंसी है।
क्रिप्टोकरेंसी शब्द की उत्पत्ति | Origin of Cryptocurrency word in Hindi
क्रिप्टोकरेंसी शब्द कह सकते हैं नया शब्द है, जो 21 वीं सदी की शुरुआत से ही आया है। यह दो शब्दों – ग्रीक शब्द ‘kryptos’ जिससे ‘क्रिप्टो’ लिया गया है जिसका अर्थ है ‘छिपा हुआ या गुप्त’ और लैटिन शब्द ‘currere’ जिससे ‘करेंसी’ लिया गया है जिसका अर्थ है ‘चलाना’ से मिलकर बना है।
क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है? | How Does Cryptocurrency Work in Hindi?
क्रिप्टो करेंसी डिजिटल मनी है जिसे आप छू नहीं सकते, जेब में नहीं रख सकते यानी यह करेंसी का डिजिटल रूप है और यह पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसे क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित किया जाता है। कई क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर आधारित हैं और इनकी कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी नहीं है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी एक नयी डिजिटल भुगतान प्रणाली है जिसका लेनदेन का सत्यापन बैंकों पर निर्भर नहीं होता है और क्रिप्टोक्यूरेंसी का इस्तेमाल वस्तुओं और सेवाओं के भुगतान के लिए ऑनलाइन आदान-प्रदान किया जा सकता है।
पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी 2009 में आयी और एक दशक से भी कम समय में दुनिया भर में अरबों डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में है। शायद आपने बिटकॉइन के बारे में सुना हो यह पहली क्रिप्टोकरेन्सी थी और उसे लोगों ने स्वीकार किया और उसके बाद अन्य क्रिप्टोकरेंसी आयी जो धीरे धीरे पॉपुलर हो रही हैं। आज के समय में लोग क्रिप्टोकरेंसी को ज्यादातर ऑनलाइन ट्रेड में लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं।
करेंसी किसे कहते हैं | What is Currency in Hindi
हर देश की अपनी मुद्रा (Currency) होती है जैसे कि अमेरिका की डॉलर, यूरोपियन यूनियन की यूरो, भारत की रुपया, पाकिस्तान की पाकिस्तानी रुपया, चीन की युआन है यानी एक ऐसी भुगतान प्रणाली जो किसी देश द्वारा मान्य/अधिकृत हो और वहां के लोग इसके इस्तेमाल से चीजें खरीद सकते हों, जिसकी कोई वैल्यू हो, करेंसी (Currency) कहलाती है।
क्रिप्टोकरेंसी कितनी सुरक्षित है? | How secure is Cryptocurrency in Hindi?
ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाई जाती है। ब्लॉकचेन डिजिटल कोड में लेनदेन को रिकॉर्ड करता है। यह एक काफी जटिल, तकनीकी प्रक्रिया है जिससे हैकर्स के लिए छेड़छाड़ करना मुश्किल है।
इसके अलावा, क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन के लिए two-factor authentication की प्रक्रिया भी होती है। जैसे, लेनदेन शुरू करने के लिए आपको Username और Password दर्ज करने के लिए कहा जा सकता है। या फिर, आपको एक authentication code दर्ज करना पड़ सकता है जो आपके व्यक्तिगत मोबाइल फ़ोन पर टेक्स्ट के माध्यम से आता है।
डिजिटल मुद्रा कहाँ स्टोर कर सकते हैं? | Where can you store Digital Currency in Hindi?
यदि आप क्रिप्टोकरेंसी खरीदते हैं, तो आप इसे क्रिप्टो एक्सचेंज पर या क्रिप्टो डिजिटल वॉलेट में स्टोर कर सकते हैं। कई अलग-अलग प्रकार के वॉलेट हैं, प्रत्येक के अपने फायदे और सुरक्षा हैं।
सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी कौन सी हैं? | What are the most popular Crypto Currencies?
इसमें कोई शक नहीं कि सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन है। बिटकॉइन (Bitcoin) अब तक की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी है, इसके बाद एथेरियम(Ethereum), लाइटकॉइन (Litecoin) और टीथर (Tether) जैसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी हैं।
bitcoin
क्रिप्टो करेंसी के नाम | Cryptocurrency Names in Hindi
Bitcoin | बिटकॉइन |
Ethereum | एथेरियम |
Litecoin | लाइटकॉइन |
Binance Coin | बिनेंस कॉइन |
Cardano | कार्डानो |
Dogecoin | डॉगकॉइन |
Polka Dot | पोल्का डॉट |
Uniswap | यूनिस्वैप |
Ripple | रिपल |
Dash | डैश |
Tether | टीथर |
Popular Crypto Currency
भारत में क्रिप्टोक्यूरेंसी कानूनी है? | Cryptocurrency legal in India in Hindi?
अभी भारत में बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी गैर क्या है क्रिप्टो-करेंसी कानूनी नहीं हैं, लेकिन रेगुलेटेड भी नहीं हैं इसका मतलब अगर क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन में कुछ भी गलत होता हैं तो आप किसी अथॉरिटी, बैंक और सरकार के पास नहीं जा सकते।
भारत में निजी क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन सरकार के पास कोई आधिकारिक डेटा नहीं है। और सरकार के पास इन एक्सचेंजों से जुड़े निवेशकों की संख्या के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है।
Question for you?
टेक्नोलॉजी हमेशा ही जन मानस की उत्सुकता को बढ़ाती रही है आप क्या कहते है की क्रिप्टोकरेंसी के साथ कैसे आगे बढ़ना चाहिए। कमेंट करिये-
CryptoCurrency: आखिर क्या है ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी, क्यों है क्रिप्टो करेंसी से अलग?
'ब्लॉकचेन' टेक्नोलॉजी से किसी चीज को डिजिटल कर के उसका रिकॉर्ड मेंटेन किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर ही चलती है. मगर, 'ब्लॉकचेन' एक लीगल, सेफ और पूरे नेटवर्क से जुड़ी सर्विस मानी जाती है. भारत की डिजिटल करेंसी 'रूपी' भी इसी पर चलेगी.
- News18Hindi
- Last Updated : August 20, 2022, 13:17 IST
हाइलाइट्स
'ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी' एक डिजिटल बहीखाते जैसी सुविधा है यानी ये एक डिजिटल लेजर है.
भारत सरकार अपनी डिजिटल करेंसी जारी करेगी, ये करेंसी 'ब्लॉकचेन' पर आधारित होगी.
'ब्लॉकचेन' को डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) भी कहते हैं, इसकी हैकिंग नहीं हो सकती.
नई दिल्ली. देश में डिजिटल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल हो रही ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के बीच ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ टर्म भी आपने सुना ही होगा. आखिर ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ क्या है, और यह ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के साथ क्यों जोड़कर देखी जा क्या है क्रिप्टो-करेंसी रही है, क्या ये दोनों एक हैं? ऐसे तमाम सवाल आपके मन भी उठे होंगे. आज आप इसके बारे में जान जाएंगे. ‘क्रिप्टो-करेंसी’ के बढ़ते ट्रेंड ने लोगों को इस तरह की चीजों को जानने या इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया है. आपको बता दें कि, ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ एक डिजिटल बहीखाते जैसी सुविधा है.
यह एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां ना सिर्फ डिजिटल करेंसी, बल्कि किसी और चीज को क्या है क्रिप्टो-करेंसी भी डिजिटल कर उसका रिकॉर्ड रखा जा सकता है. यानी ब्लॉकचेन एक डिजिटल लेजर है. ‘ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी’ पर जो भी ट्रांजेक्शन होता है, वो चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देता है. इसका मतलब है कि ब्लॉकचेन में कहीं भी कोई ट्रांजैक्शन होता है, तो उसका रिकॉर्ड पूरे नेटवर्क पर दर्ज हो जाएगा. इसलिए इसे डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (DLT) भी कहा जा सकता है.
‘ब्लॉकचेन’ को माना जाता है सुरक्षित
‘ब्लॉकचेन’ के बारे में एक अच्छी बात यह भी कि यह सिक्योर और डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नोलॉजी मानी जाती है. जिसकी हैकिंग मुमकिन नहीं है, और इसे बदलना, हटाना या नष्ट करना भी नामुमकिन है. वहीं, क्या है क्रिप्टो-करेंसी इसे बिटकॉइन के प्लेटफॉर्म से भी ज्यादा भरोसेमंद टेक्नोलॉजी को बताया जा रहा है.
यही वजह है कि भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 के दरम्यान डिजिटल करेंसी का ऐलान किया. इंडियन डिजिटल करेंसी Rupee को आरबीआई जारी करेगी. यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी. वैसे क्रिप्टोकरेंसी भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर चलती है. मगर, चूंकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी किसी भी डिजिटल इंफॉर्मेशन को डिस्ट्रीब्यूट करने की मंजूरी देती है, तो हर कोई इसका इस्तेमाल कर पाएगा.
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मैं क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हूं, मुझे क्या मिला: क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर देना होगा 30% टैक्स, इसी साल अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा RBI
अप्रैल से शुरू होने जा रहे नए फाइनेंशियल ईयर में आपको शॉपिंग करने के लिए पर्स में कागज के नोट रखकर बाजार जाने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 में अपनी डिजिटल करेंसी, यानी डिजिटल रुपया लॉन्च करने की घोषणा कर दी है। वहीं अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने साफ किया कि RBI की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा। अन्य जो भी बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी है उसे एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर 30% का टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन पर 1% का TDS देना होगा।
सरकारी डिजिटल करेंसी से इकोनॉमी को मिलेगा बड़ा बूस्ट
वित्त मंत्री सीतारमण ने बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की पूरी तैयारी कर ली है। यह डिजिटल करेंसी भी दुनिया भर में चल रही बिटकॉइन और अन्य तरह की क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही ब्लॉकचेन और अन्य दूसरी क्रिप्टो तकनीकों पर आधारित होगी। वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी आने के बाद करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम बेहद आसान व सस्ता हो जाएगा। इससे देश की इकोनॉमी को बड़ा बूस्ट मिलने की संभावना है। साथ ही इकोनॉमी के डिजिटाइजेशन को भी तेजी मिलेगी।
आइए जानते हैं कि यह डिजिटल रुपया करेंसी नोट से कितना अलग होगा? क्या इसमें भी बिटकॉइन की तरह निवेश किया जा सकेगा? बैंकों की क्या भूमिका रह जाएगी? हम जो डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं, उनसे यह डिजिटल रुपया किस तरह अलग होगा?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC क्या है?
यह कैश का इलेक्ट्रॉनिक रूप है। जैसे आप कैश का लेन-देन करते हैं, वैसे ही आप डिजिटल करेंसी का लेन-देन भी कर सकेंगे। CBDC कुछ हद तक क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन या ईथर जैसी) जैसे काम करती है। इससे ट्रांजैक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है। रिजर्व बैंक से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पेमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच जाएगी। न तो किसी वॉलेट में जाएगी और न ही बैंक अकाउंट में। बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, पर होगी डिजिटल।
यह डिजिटल रुपया, डिजिटल पेमेंट से कैसे अलग है?
- बहुत अलग है। आपको लग रहा होगा कि डिजिटल ट्रांजैक्शन तो बैंक ट्रांसफर, डिजिटल वॉलेट्स या कार्ड पेमेंट्स से हो ही रहे हैं, तब डिजिटल करेंसी अलग कैसे हो गई?
- यह समझना बेहद जरूरी है कि ज्यादातर डिजिटल पेमेंट्स चेक की तरह काम करते हैं। आप बैंक को निर्देश देते हैं। वह आपके अकाउंट में जमा राशि से ‘वास्तविक’ रुपए का पेमेंट या ट्रांजैक्शन करता है। हर डिजिटल ट्रांजैक्शन में कई संस्थाएं, लोग शामिल होते हैं, जो इस प्रोसेस को पूरा करते हैं।
- उदाहरण के लिए अगर आपने क्रेडिट कार्ड से कोई पेमेंट किया तो क्या तत्काल सामने वाले को मिल गया? नहीं। डिजिटल पेमेंट सामने वाले के अकाउंट में पहुंचने के लिए एक मिनट से 48 घंटे तक ले लेता है। यानी, पेमेंट तत्काल नहीं होता, उसकी एक प्रक्रिया है।
- जब आप डिजिटल करेंसी या डिजिटल क्या है क्रिप्टो-करेंसी रुपया की बात करते हैं तो आपने भुगतान किया और सामने वाले को मिल गया। यही इसकी खूबी है। अभी हो रहे डिजिटल ट्रांजैक्शन किसी बैंक के खाते में जमा रुपए का ट्रांसफर है। पर CBDC तो करेंसी नोट्स की जगह लेने वाले हैं।
यह डिजिटल रुपया बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग होगा?
- डिजिटल करेंसी का कंसेप्ट नया नहीं है। यह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी से आया है, जो 2009 में लॉन्च हो गई थी। इसके बाद ईथर, डॉगेकॉइन से लेकर पचासों क्रिप्टोकरेंसी लॉन्च हो चुकी हैं। पिछले कुछ वर्षों में यह एक नए असेट क्लास के रूप में विकसित हुई है, जिसमें लोग इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं।
- प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी प्राइवेट लोग या कंपनियां जारी करती हैं। इससे इसकी मॉनिटरिंग नहीं होती। गुमनाम रहकर भी लोग ट्रांजैक्शन कर रहे हैं, जिससे आतंकी घटनाओं व गैरकानूनी गतिविधियों में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हो रहा है। इन्हें किसी भी केंद्रीय बैंक का सपोर्ट नहीं है। यह करेंसी लिमिटेड है, इस वजह से सप्लाई और डिमांड के अनुसार इसकी कीमत घटती-बढ़ती है। एक बिटकॉइन की वैल्यू में ही 50% क्या है क्रिप्टो-करेंसी तक की गिरावट दर्ज हुई है।
- पर जब आप प्रस्तावित डिजिटल रुपया की बात करते हैं तो इसे दुनियाभर में केंद्रीय बैंक, यानी हमारे यहां रिजर्व बैंक लॉन्च कर रहा है। न तो क्वांटिटी की सीमा है और न ही फाइनेंशियल और मौद्रिक स्थिरता का मुद्दा। एक रुपए का सिक्का और डिजिटल रुपया समान ताकत रखता है। पर डिजिटल रुपए की मॉनिटरिंग हो सकेगी और किसके पास कितने पैसे हैं, यह रिजर्व बैंक को पता होगा।
- हालांकि, भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में से एक वजीरएक्स में AVP-मार्केटिंग परीन लाठिया कहते हैं कि रिजर्व बैंक के डिजिटल करेंसी लॉन्च करने से बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। क्रिप्टोकरेंसी एक तरह का असेट बन चुकी है, जिसका दुनियाभर में ट्रेड होता रहेगा। भारत इसमें पीछे नहीं रह सकता।
क्या अब तक किसी देश ने डिजिटल करेंसी लॉन्च की है?
- हां। छह साल की रिसर्च के बाद पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अप्रैल 2020 में दो पायलट प्रोजेक्ट शुरू किए। लॉटरी सिस्टम से ई-युआन बांटे गए। जून 2021 तक 2.4 करोड़ लोगों और कंपनियों ने e-CNY यानी डिजिटल युआन के वॉलेट बना लिए थे।
- चीन में 3450 करोड़ डिजिटल युआन (40 हजार करोड़ रुपए) का लेन-देन यूटिलिटी बिल्स, रेस्टोरेंट व ट्रांसपोर्ट में हो चुका है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट कहती है कि 2025 तक डिजिटल युआन की चीनी इकोनॉमी में हिस्सेदारी 9% तक हो जाएगी। अगर सफल रहा तो चीन पूरी दुनिया में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी लॉन्च करने वाला पहला देश बन जाएगा।
- जनवरी 2021 में बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स ने बताया कि दुनियाभर के 86% केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं। बहामास जैसे छोटे देश ने तो हाल ही में CBDC के तौर पर सैंड डॉलर लॉन्च भी कर दिया है।
- कनाडा, जापान, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, UK और यूनाइटेड स्टेट्स के साथ-साथ यूरोपीय यूनियन भी बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के साथ मिलकर डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं। इससे डिजिटल करेंसी से लेन-देन जल्द ही हकीकत बनने वाला है।
दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की डिजिटल करेंसी में रुचि क्यों बढ़ी है?
डिजिटल करेंसी से ये 4 बड़े फायदे हैं-
1. एफिशियंसीः यह कम खर्चीली है। ट्रांजैक्शन भी तेजी से हो सकते हैं। इसके मुकाबले करेंसी नोट्स का प्रिटिंग खर्च, लेन-देन की लागत भी अधिक है।
2. फाइनेंशियल इनक्लूजनः डिजिटल करेंसी के लिए किसी व्यक्ति को बैंक खाते की जरूरत नहीं क्या है क्रिप्टो-करेंसी है। यह ऑफलाइन भी हो सकता है।
3. भ्रष्टाचार पर रोकः डिजिटल करेंसी पर सरकार की नजर रहेगी। डिजिटल रुपए की ट्रैकिंग हो सकेगी, जो कैश के साथ संभव नहीं है।
4. मॉनेटरी पॉलिसीः रिजर्व बैंक के हाथ में होगा कि डिजिटल रुपया कितना और कब जारी करना है। मार्केट में रुपए की अधिकता या कमी को मैनेज किया जा सकेगा।
भारत में रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी पर क्या काम किया है?