निवेश विश्लेषण के तरीके

निवेश विश्लेषण के तरीके
निवेश विश्लेषण के टी प्रकारों में बॉटम-अप, टॉप-डाउन, फंडामेंटल और तकनीकी शामिल हैं।
निवेश का विश्लेषण करने के लिए कौन सा तरीका सबसे अच्छा है?
बॉटम लाइन निवेशक किसी कंपनी की वित्तीय स्थिरता का मूल्यांकन करने के लिए मात्रात्मक विश्लेषण का उपयोग करते हैं। जबकि कुछ निवेशक लंबी अवधि के निवेश का मूल्यांकन करने के लिए एकल विश्लेषण पद्धति का उपयोग करना पसंद करते हैं, मौलिक, तकनीकी और मात्रात्मक विश्लेषण का संयोजन सबसे अधिक फायदेमंद होता है।
निवेश विश्लेषण में तीन चरण क्या हैं?
इस सेट में शर्तें (6)
- निवेश के अवसर को पहचानें।
- निर्धारित करें कि क्या परियोजना अन्य वैकल्पिक अवसरों की तुलना में अधिक लाभ उत्पन्न करेगी (निवेश से संबंधित अपेक्षित नकदी प्रवाह के आधार पर, समय को ध्यान में रखते हुए)
- आकलन करें कि क्या अपेक्षित रिटर्न जोखिमों की भरपाई कर सकता है।
निवेश विश्लेषण उपकरण क्या हैं?
निवेश विश्लेषण उपकरण
- वार्षिक रिपोर्ट्स।
- बीटा और अल्फा।
- बुक-टू-बिल अनुपात।
- पुस्तक मूल्य।
- कम्प्यूटिंग कंपाउंड रिटर्न।
- पैसे का भविष्य और वर्तमान मूल्य।
- सद्भावना।
- रिटर्न की आंतरिक दर (आईआरआर)
4 प्रकार के निवेश क्या हैं?
चार मुख्य निवेश प्रकार या परिसंपत्ति वर्ग हैं, जिन्हें आप चुन सकते हैं, जिनमें से प्रत्येक की अलग-अलग विशेषताएं, जोखिम और निवेश विश्लेषण के तरीके लाभ हैं।
- विकास निवेश।
- शेयर।
- संपत्ति।
- रक्षात्मक निवेश।
- नकद।
- निश्चित ब्याज।
स्टॉक विश्लेषण के लिए कौन सा ऐप सबसे अच्छा है?निवेश विश्लेषण के तरीके
भारत में 7 सर्वश्रेष्ठ स्टॉक मार्केट ऐप्स 2021
- मनीकंट्रोल। प्ले स्टोर रेटिंग: 4.1/5 स्टार (360k समीक्षाएं)
- स्टॉक एज। प्ले स्टोर रेटिंग: 4.4/5 स्टार (31k समीक्षाएं)
- इकोनॉमिक टाइम्स (ET) मार्केट्स। प्ले स्टोर रेटिंग: 4.7/5 स्टार (52k समीक्षाएं)
- तार लेखन का कागज।
- 5. याहू फाइनेंस।
- बाजार मोजो।
- Investing.com.
इसपोर्टफोलियो क्या है?
एक पोर्टफोलियो स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटीज, कैश और कैश समकक्ष जैसे वित्तीय निवेशों का एक संग्रह है, जिसमें क्लोज-एंड फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) शामिल हैं। एक पोर्टफोलियो में अचल संपत्ति, कला और निजी निवेश सहित संपत्ति की एक विस्तृत श्रृंखला हो सकती है।
बिटकॉइन के 75 प्रतिशत निवेशकों को नुकसान हुआः रिपोर्ट
बिटकॉइन में निवेश करने वाले लगभग 75 प्रतिशत लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है. एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ने 95 देशों में सात साल में हुए निवेश के बाद यह नतीजा निकाला है.
क्रिप्टोकरंसी 'बिटकॉइन' में निवेश करने वाले हर चार में तीन लोगों ने घाटा उठाया है. सोमवार को प्रकाशित हुए एक नए अध्ययन में 2015 से 2022 के बीच 95 देशों में बिटकॉइन निवेशकों से बातचीत के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया है.
पिछले कुछ समय में एक के बाद एक कई बड़ी क्रिप्टोकरंसी और उनसे जुड़ीं कंपनियां मुंह के बल गिरी हैं जिसके बाद क्रिप्टो-निवेशकों में हड़कंप मचा हुआ है. हाल ही में एफटीएक्स नामक क्रिप्टो कंपनी के दीवालिया निवेश विश्लेषण के तरीके हो जाने से इस निवेश क्षेत्र में लोगों के भरोसे की चूलें हिल गई हैं.
बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स, जिसे दुनिया के केंद्रीय बैंक का केंद्रीय बैंक भी कहा जाता है, कहता है कि बीते सात साल में बिटकॉइन के निवेशकों ने भारी नुकसान झेला है. अपने अध्ययन में उसने कहा, "कुल मिलाकर देखा जाए तो बिटकॉइन के तीन चौथाई निवेशकों ने अपना धन खोया है.”
युवाओं में ज्यादा रुझान
इस अध्ययन का एक निष्कर्ष यह भी है कि स्मार्टफोन निवेश विश्लेषण के तरीके ऐप के जरिए निवेश ने बड़ी संख्या में लोगों को इस मुद्रा में धन लगाने के लिए आकर्षित किया. 2015 में स्मार्टफोन से निवेश करने वालों की संख्या 1,19,000 थी जो 2022 में बढ़कर 3.25 करोड़ पर पहुंच गई.
इस बारे में शोधकर्ताओं ने लिखा, "हमारा विश्लेषण दिखाता है कि दुनियाभर में बिटकॉइन की कीमत का संबंध छोटे निवेशकों के इसमें निवेश से है.” साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे कीमत बढ़ती जा रही थी और छोटे निवेशक बिटकॉइन खरीद रहे थे, "सबसे बड़े निवेशक इसे बेच रहे थे और छोटे निवेशकों के दम पर मुनाफा कमा रहे थे.”
शोधकर्ताओं के पास हर निवेशक के नफे-नुकसान के आंकड़े तो नहीं थे लेकिन वे नए निवेशकों द्वारा खासतौर पर स्मार्टफोन ऐप से निवेश करने से लेकर पिछले महीने तक के बिटकॉइन की कीमत का विश्लेषण कर इन नतीजों पर पहुंचे हैं. उन्होंने यह भी पाया कि क्रिप्टोकरंसी में निवेश करने वालों में सबसे बड़ी संख्या, लगभग 40 प्रतिशत लोग 35 वर्ष से कम आयु के पुरुष थे, जिसे आबादी का "सबसे ज्यादा जोखिम उठाने वाले” हिस्से के रूप में देखा जाता है.
कैसे काम करती है क्रिप्टोकरेंसी
To view this video please enable JavaScript, and consider upgrading to a web browser that supports HTML5 video
शोधकर्ता कहते हैं कि ज्यादातर क्रिप्टो-निवेशक इसे सट्टेबाजी के रूप में ही देख रहे थे. उन्होंने कहा युवा निवेशक उन महीनों में ज्यादा सक्रिय थे, जिससे पिछले महीने में कीमत बढ़ी हो. यानी जब-जब बिटकॉइन की कीमत बढ़ती, उसके अगले महीने निवेश करने वाले युवा बढ़ जाते. शोधकर्ताओं ने निवेशकों के इस व्यवहार को लेकर चिंता जताई है और कहा है कि उपभोक्ताओं की सुरक्षा किए जाने की जरूरत है.
भारत में भी बढ़े निवेशक
वैश्विक क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज कूकॉइन द्वारा जारी किया गया डाटा बताता है कि भारत में "लंबी अवधि में मुनाफा पाने की" भावना से निवेश करने वाले ज्यादा हैं. भारत में 11.5 करोड़ क्रिप्टो निवेशक हैं, यानी 18 से 60 वर्ष की आयु वाले लोगों में लगभग 15 फीसदी ने क्रिप्टोकरंसी में निवेश किया है.
यह रिपोर्ट 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के 2042 लोगों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण पर आधारित है. इन निवेशकों में 40 प्रतिशत से ज्यादा लोग 30 से कम आयु के हैं और मानते हैं कि भविष्य में क्रिप्टोकरंसी मुनाफे का सौदा साबित होगी. 54 प्रतिशत निवेशकों को उम्मीद है कि उन्हें मुनाफा होगा. 56 प्रतिशत मानते हैं कि क्रिप्टोकरंसी ही भविष्य की मुद्रा है.
डेविड ईस्टन का निवेश निर्गत विश्लेषण
डेविड ईस्टन ने आधुनिक काल में इस पद्धति का प्रतिपादन किया, जो उनका महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। उन्होंने अपने निवेश निर्गत विश्लेषण में राजनीतिक व्यवस्था को उसके पर्यावरण के संदर्भ में देखने की कोशिश की है। उनका मानना है कि पर्यावरण से निवेश के रूप में मांगे उठती हैं और उन्हें व्यवस्था का समर्थन प्राप्त होता है। इस मांगों को राजनीतिक दल, दबाव समूह, समाचार पत्र व अन्य समुदाय निवेश विश्लेषण के तरीके आदि समर्थन देकर व्यवस्था में रूपांतरण के लिए प्रस्तुत करते हैं। इन मांगों के परिणामस्वरूप कुछ नये निर्णय लिए जाते निवेश विश्लेषण के तरीके निवेश विश्लेषण के तरीके हैं, पुराने निर्णयों में संशोधन किया जाता है, अथवा कुछ निर्णयों को स्थापित किया जाता है। इस प्रकार निर्णयों को लिया जाना तथा नीतियां निर्धारित करना ही निर्गत कहलाता है। यह कार्य रूपांतरण एक प्रक्रिया के माध्यम से होता है। ईस्टन का मत है कि सत्ताधारियों के निर्णय व नीतियां निर्गत रूप से पुनः पर्यावरण में प्रवेश कर जाते हैं और उसमें परिवर्तन करके पुनः समाज में नई मांगे निवेश के रूप में उठ खड़ी होती हैं। इस कार्य को ईस्टन ने फीडबैक या पुनर्निवेश की संज्ञा दी है। इस प्रकार निवेश रूपांतरण तथा निर्गत की यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। ईस्टन का मत है कि राजनीतिक व्यवस्था को बनाए रखने के लिए निवेश रूपांतरण और निर्गत की इस प्रक्रिया का सदा चलते रहना आवश्यक है। ईस्टन ने इसे एक चार्ट के माध्यम से समझाने की कोशिश की है जो इस प्रकार है।
उपरोक्त आधार पर यहां तीन मुख्य बिंदुओं पर चर्चा किया जाता है –
1) राजनीतिक व्यवस्था में निवेश – इसमें ईस्टन ने दो बातों की व्याख्या की है – मांग तथा समर्थन। पहला, मांग। प्रत्येक राजनीतिक व्यवस्था में हर समय असंख्य इच्छायें, आकांक्षायें, आवश्यकतायें तथा अपेक्षायें विद्यमान रहती हैं। इसमें से केवल कुछ मांगे जैसे सार्वजनिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, चिकित्सा व शिक्षा आदि ही राजनीतिक प्रणाली में प्रवेश कर पाती हैं और शेष रास्ते में ही खो जाती हैं या नियामक तंत्र द्वारा नियंत्रित कर दी जाती हैं। ईस्टन कहता है कि इन मांगों को उजागर करने का कार्य राजनीतिक दल, समाचार पत्र, हित समूह आदि के द्वारा होता है।
निवेश का दूसरा पक्ष समर्थन है। यह समर्थन अनेक प्रकार का हो सकता है जैसे सकारात्मक, नकारात्मक, प्रकट अथवा अप्रकट। व्यक्ति समूह, विचारधारा, ध्येय, संस्था या अन्य प्रकार से व्यवस्था के पक्ष में होना समर्थन कहलाता है। समर्थन एक महत्वपूर्ण निवेश है क्योंकि राजनीतिक व्यवस्था समर्थन के अभाव में कार्य नहीं कर सकती है। बिना समर्थन के मांगों का औचित्य ही समाप्त हो जाता है।
2) मांगों का रूपांतरण – रूपांतरण वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा निवेश को निर्गत में परिवर्तित किया जाता है। मांगों को व्यवस्था के सामने रखने का कार्य राजनीतिक दल, दबाव समूह तथा अन्य प्रतिनिधियों के द्वारा किया जाता है। सत्ताधारी इन मांगों के आधार पर पक्ष या विपक्ष में निर्णय लेते हैं और इस प्रकार मांगों का रुप बदल दिया जाता है। राजनीतिक व्यवस्था में रूपांतरण प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसके द्वारा ही शासकों का समर्थन बढ़ता है या घटता है।
3) राजनीतिक व्यवस्था के निर्गत – निर्गत उन नियमों तथा नीतियों को कहते हैं, जो निवेश के रूपांतरण के पश्चात् हमें प्राप्त होती है, अर्थात् निवेश को निर्गत में बदलने के लिए व्यवस्था के सामने लाया जाता है। राजनीतिक व्यवस्था इन निवेशों पर निर्णय लेती है ,और उत्पादित वस्तुओं के रूप में इन्हें बाहर निकाल देती है। इस प्रकार निर्गत व्यक्तियों द्वारा रखी गई मांगों पर राजनीतिक व्यवस्था द्वारा किये गये निर्णय होते हैं।
निवेश विश्लेषण के तरीके
The Chopal, New Delhi: किसान विकास पत्र योजनाओं में लोगों को उत्कृष्ट रिटर्न के साथ निवेश राशि की सुरक्षा गारंटी मिलती है. इसी वजह से लोग निवेश के लिए पोस्ट ऑफिस स्कीम को चुनते हैं. किसान विकास पत्र कई प्रकार की लघु बचत योजनाएँ चलाता है. उनमें से एक है किसान विकास पत्र. यह योजना निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय है. हाल ही में सरकार ने किसान विकास पत्र में निवेश पर ब्याज दरें बढ़ाई हैं. अगर आप निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो पोस्ट ऑफिस की इस योजना में निवेश कर सकते हैं.
कितना मिलता है ब्याज
लोग अपने पैसे को दोगुना करने के लिए किसान विकास पत्र में निवेश भी करते हैं. पैसों को गुणा करने के मामले में यह काफी लोकप्रिय योजना है. सरकार ने धन के दोगुने होने की अवधि को भी कम कर दिया है. इससे पहले किसान विकास पत्र में निवेश पर 6.9 फीसदी की दर से ब्याज मिलता था. लेकिन अब इसे बढ़ाकर 7.0 फीसदी कर दिया गया है. अब अगर आप इस स्कीम में निवेश करते हैं तो आपको नई ब्याज दर से रिटर्न मिलेगा.
किसान विकास पत्र में न्यूनतम निवेश राशि 1,000 रुपये है. कोई अधिकतम निवेश निर्धारित नहीं है. 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का कोई भी भारतीय नागरिक इस प्रणाली को खरीद सकता है. आप अपने नजदीकी डाकघर में जाकर इस योजना में निवेश शुरू कर सकते हैं. किसान विकास पत्र में निवेश की रकम पहले 124 महीनों में दोगुनी हो रही थी. लेकिन अवधि घटाने के बाद निवेशक अब पिछले महीने के 123 महीने (10 निवेश विश्लेषण के तरीके साल और 3 महीने) को दोगुना कर सकेंगे. यह बदलाव 1 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है.
आप एक संयुक्त खाता खोल सकते हैं
आप देश के किसी भी डाकघर में इस योजना में निवेश कर लाभ का लाभ उठा सकते हैं. डाकघर की इस योजना में 10 साल से कम उम्र के बच्चे के नाम से कोई भी वयस्क खाता खोला जा सकता है. अवयस्क के 10 वर्ष के होते ही खाता उनके नाम पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा. किसान विकास पत्र में 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के तीन व्यक्ति एक साथ संयुक्त खाता खोल सकते हैं.
किसान विकास पत्र 123 महीनों में परिपक्व होता है. अगर कोई इस योजना को लेने के एक साल के अंदर वापस कर देता है तो उसे किसी तरह का लाभ नहीं मिलेगा. डाकघर की यह योजना आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के अंतर्गत नहीं आती है. इसलिए किसान विकास पत्र में निवेश से प्राप्त आय की राशि पर आपको टैक्स देना होगा. हालाँकि, इस योजना में घुलित ठोस पदार्थ नहीं निकाले जाते हैं.
आप इस योजना में खाता कैसे खोलते हैं?
किसान विकास पत्र खुलवाने के लिए आपको डाकघर जाना होगा. उसके बाद, आवेदन को जमा रसीद के साथ भरना होगा और फिर निवेश राशि को नकद, चेक या मनी ऑर्डर में जमा करना होगा. आवेदन के साथ अपना पहचान पत्र भी संलग्न करें. आवेदन और पैसे जमा करने के बाद आपको किसान विकास पत्र प्रमाणपत्र मिल जाएगा.