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ब्रोकर टेस्ट

ब्रोकर टेस्ट
मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि फतेहाबाद ब्लॉक में तैनात आशा महिला अनीता एक डमी पेशेंट को अपने साथ बिचौलिए वीरेंद्र निवासी रामपुर फिरोजाबाद के पास लेकर आई. वीरेंद्र ने बताया कि 20000 रुपये में लिंग परीक्षण हो जाएगा. वीरेंद्र रामबाग क्षेत्र के एपी हॉस्पिटल में कंपाउंडर का काम करता है.

सेबी ने सरकारी स्वामित्व वाली इस कंपनी को घोषित किया ‘नॉट फिट एंड प्रोपर’, गैर-कानूनी ट्रेडिंग का लगाया आरोप

स्टॉक ब्रोकर (Stock Broker) कैसे बनें?

नमस्कार! दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें? जो छात्र 12वीं कक्षा में कॉमर्स के विषय की पढ़ाई करते हैं और अगर वह चाहें तो स्टॉक ब्रोकर बन कर अपना एक शानदार कैरियर बना सकते हैं क्योंकि आज हमारे देश में शेयर मार्केट इंडस्ट्री में काफी ज्यादा वृद्धि हुई है जिसकी वजह से रोजगार के बहुत सारे अवसर इस क्षेत्र में योग्य उम्मीदवारों के लिए उपलब्ध हुए हैं। इसीलिए अगर आप भी इस फील्ड में जाना चाहते हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को सारा पढ़ें और जानें स्टॉक ब्रोकर बनने की पूरी प्रक्रिया के बारे में।

यहां आपको बता दें कि स्टॉक ब्रोकर फाइनेंसियल मार्केट का एक ब्रोकर टेस्ट ऐसा एक्सपर्ट होता है जो उन लोगों को स्टॉक मार्केट के बारे में उचित राय देता है जो इसमें अपना निवेश करना चाहते हैं। बता दें कि हर इंसान को शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने के बारे में जानकारी नहीं होती है जिसकी वजह से उन्हें काफी पैसों का नुकसान हो जाता है। तो ऐसे में अगर किसी प्रोफेशनल की राय ले ली जाए तो उससे फायदा ही होता है। इसीलिए अपने ग्राहकों की जगह पर स्टॉक ब्रोकर पैसा लगाते हैं जिससे कि उन्हें मुनाफा अधिक हो और नुकसान होने का खतरा ना के बराबर हो।

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है

अब आपको यहां जानकारी दे दें कि जो व्यक्ति स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते हैं उन्हें इसके लिए सबसे पहले अपनी 12वीं कक्षा को कॉमर्स विषय के साथ पास करना अनिवार्य है फिर उसके बाद उन्हें चाहिए कि वह अपना ग्रेजुएशन कॉमर्स, इकोनॉमिक्स, फाइनेंस या फिर बिजनेस मैनेजमेंट में करें। इसके अलावा कैंडिडेट अगर चाहे तो वह स्टॉक मार्केट से संबंधित कोई कोर्स किसी अच्छे संस्थान से करने के बाद भी वह स्टॉक ब्रोकर के रूप में काम कर सकता है‌।

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए किसी भी कैंडिडेट में जो योग्यताएं होनी चाहिए उनकी जानकारी इस प्रकार से है-

  • कैंडिडेट ने किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया हो।
  • या फिर कैंडिडेट ने अपना ग्रेजुएशन फाइनेंस में किया होना चाहिए।
  • या उम्मीदवार ने एमबीए किया हो।
  • शेयर मार्केट की अच्छी जानकारी।
  • अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ कंप्यूटर की जानकारी भी होना जरूरी है।

स्टॉक ब्रोकर बनने के कैरियर संभावनाएं क्या है

स्टॉक ब्रोकर बनने के बाद किसी भी व्यक्ति के सामने कैरियर के बहुत सारे विकल्प आ जाते हैं जहां पर वह काम कर सकता है जैसे कि स्टॉक ब्रोकिंग फर्म, म्यूच्यूअल फंड रिसर्च सेंटर, इन्वेस्टमेंट बैंक्स, पेंशन फंड, इन्वेस्टमेंट बैंकर, फाइनेंशियल एडवाइजर इत्यादि के रूप में कैंडिडेट अपना फ्यूचर बना सकते हैं।

जब कोई व्यक्ति स्टॉक ब्रोकर बन जाता है तो उसके बाद उसे नौकरी की शुरुआत में ही हर महीने 30,000 से ब्रोकर टेस्ट लेकर 40,000 तक का वेतन आसानी से मिल जाता है। लेकिन अगर कैंडिडेट में योग्यता है तो वह उसके आधार पर हर महीने लाखों रुपए भी ब्रोकर टेस्ट कमा सकता है क्योंकि शेयर मार्केट में पर कोई कैंडिडेट उचित रणनीति के साथ काम करे तो वह आसानी के साथ काफी पैसा हासिल कर सकता है।

ईडी ने झारखंड के चर्चित पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है। . - Latest Tweet by IANS Hindi

ईडी ने झारखंड के चर्चित पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश (#PremPrakash) को गिरफ्तार कर लिया है। उसके डेढ़ दर्जन से ज्यादा ठिकानों पर ईडी की बुधवार को छापामारी की थी। इस दौरान उसके रांची के हरमू कॉलोनी स्थित किराए के मकान से दो एके-47 राइफलें और 60 कारतूस बरामद किए गए थे। pic.twitter.com/pGRsJJ8e4l— IANS Hindi (@IANSKhabar) August 25, 2022

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आगरा: भ्रूण लिंग परीक्षण कराने वाली आशा कार्यकर्ता और एक ब्रोकर गिरफ्तार

जिले में स्वास्थ्य विभाग और एसटीएफ की टीम ने शुक्रवार को स्टिंग ऑपरेशन कर भ्रूण लिंग परीक्षण करने वाली एक ब्रोकर टेस्ट पैथोलॉजी पर छापा मारा. इस मामले में एक आशा कार्यकर्ता और एक ब्रोकर को गिरफ्तार किया गया है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि यमुनापार में करीब एक महीने पहले प्रिया हॉस्पिटल को भ्रूण लिंग परीक्षण करने के मामले में सील किया गया था. डॉक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. वहीं, फिर से यमुनापार में भ्रूण लिंग परीक्षण की सूचना सामने आ रही थी.

इसके बाद एक टीम को तैयार कर यमुनापार की कई पैथोलॉजी की जांच-पड़ताल की गई. ट्रांस यमुना फेस वन में स्थित रियल डायग्नोस्टिक पर स्टिंग ऑपरेशन के दौरान छापामार कार्रवाई की गई. इसे डॉ दीपक अग्रवाल और उनकी पत्नी सारिका अग्रवाल चलाती हैं.

पटना में संदिग्ध हालत में मिली शेयर ब्रोकर की लाश पुलिस का दावा किसी के दबाव में आकर खुद को मारी गोली, कुर्सी पर पड़ी मिली लाश

एक शेयर ब्रोकर की लाश उसके ही ऑफिस में सोमवार को कुर्सी ब्रोकर टेस्ट पर पड़ी मिली। शरीर और जमीन पर खून जम चुका था। लाश से कुछ दूरी पर ही एक देशी पिस्टल मिला, जिसमें गोली का खोखा भी फंसा हुआ था। ऑफिस के अंदर की AC चल रहा था। गेट खुला हुआ था। मृतक की पहचान बसंत कुमार सिंह (50) के रूप में की गई। संदिग्ध मौत का यह मामला पटना के बोरिंग रोड स्थित सुमति पैलेस का है। इस बिल्डिंग के बेसमेंट में इन्होंने किराए पर एक ऑफिस ले रखी थी। वहां अकेले ही ये काम करते थे। बसंत पुनाइचक इलाके में किराए पर अकेले ही रहते थे।

सबसे पहले चाय वाले ने देखा
सुमति पैलेस में गोली कब चली? इस बारे में किसी को कुछ नहीं पता। बेसमेंट के ही दूसरे हिस्से में अपने ऑफिस चलाने वाले विद्याकांत दास के अनुसार हर दिन वो लोग सुबह में एक साथ बैठकर चाय पिया करते थे। पर आज कुछ काम में व्यस्त ब्रोकर टेस्ट थे। इस कारण वो बसंत के ऑफिस की तरफ नहीं गए। सुबह 11:30बजे से दोपहर 12 बजे के बीच चाय वाला आया। वही चाय देने के लिए उनके ऑफिस में गया। वहां गेट खुला हुआ था। अंदर घुसने के लिए जैसे ही उसने कदम बढ़ाया, वैसे ही उसकी नजर कुर्सी पर पड़े लाश के पर पड़ी। इसके बाद वो भागते हुए आया। फिर हमें और बाकी लोगों ब्रोकर टेस्ट को बताया। तब बुद्धा कॉलोनी थाना की पुलिस को जानकारी दी गई।

मामले पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

हिंदू बिजनेस लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उसने 8 ब्रोकर टेस्ट अक्टूबर को जारी आदेश की एक कॉपी को रिव्यू किया है. जानकारों का कहना है कि यह आदेश एक टेस्ट केस बन सकता है क्योंकि इसमें भारत के राष्ट्रपति को ‘नॉट फिट एंड प्रोपर’ के तौर पर टैग किया जा सकता है, जिनके अंदर सभी सरकारी ऑनरशिप होती है. ऐसा निजी इकाइयों के खिलाफ लिए गए समान एक्शन को देखते हुए कहा जा रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, कानूनी एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह अदालतों में निपटा हुआ सवाल है ब्रोकर टेस्ट कि कंपनी अपने आप बेईमान नहीं हो सकती है. वह अपने आप किसी गैरकानूनी काम में शामिल नहीं हो सकती या कोई बुरी प्रतिष्ठा लेकर नहीं चल सकती है, क्योंकि इसके पीछे मुख्य मैनेजमेंट या बोर्ड की जिम्मेदारी हो सकती है, जिसे देखने की जरूरत है.

जानकारों के मुताबिक, एक 100 फीसदी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी के रजिस्ट्रेशन को रद्द करने से सरकार के नॉमिनी के संचालन पर सवाल उठता है, जो कंपनी को मैनेज कर रहे थे. इससे पहले जब भी सेबी ने इकाइयों को हाईप्रोफाइल मामलों में नॉट फिट एंड प्रोपर घोषित किया है, जिसमें सहारा इंडिया एंड फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज (63 मून्स टेक्नोलॉजीज) शामिल हैं, उस समय रेगुलेटर ने उसके मैनेजमेंट, बोर्ड और प्रमोटर्स की भूमिका को स्टडी किया था.

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