किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं

वर्ष 2022 में उच्च रिटर्न देने वाले भारत में शीर्ष 10 सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान
उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प
उच्च रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्प
निवेश भारत में संपत्ति बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है. यह महंगाई को हराने, फाइनेंशियल लक्ष्यों को पूरा करने और अपने आर्थिक भविष्य को स्थिर बनाने में मदद करता है. अपने बैंक अकाउंट में पैसे को रखने की बजाय, आप स्टॉक्स, शेयर्स, म्यूचुअल फंड और फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विभिन्न विकल्पों में इन्वेस्ट कर सकते हैं.
यह आपको फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने और भारत के टॉप इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट करके सुरक्षित जीवन जीने के लिए, भविष्य के लिए फाइनेंशियल सुरक्षा बनाने में मदद कर सकता है.
मार्केट में कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान हैं, जिनमें उच्च स्तर के जोखिम होते हैं और अन्य एसेट क्लास की तुलना में लॉन्ग-टर्म में लाभकारी रिटर्न जनरेट करने की क्षमता होती है.
कई इन्वेस्टमेंट प्लान उपलब्ध होने के कारण, सही विकल्प चुनना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. नीचे कुछ इन्वेस्टमेंट प्लान दिए गए हैं, जो सेविंग को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं.
भारत में सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान
अगर आप सोच रहे हैं कि पैसे कहां इन्वेस्ट करें, तो यहां कुछ प्रकार के इन्वेस्टमेंट दिए गए हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं:
स्टॉक्स
स्टॉक किसी कंपनी या इकाई के स्वामित्व में हिस्सेदारी को दर्शाते हैं. स्टॉक लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर के लिए ज़्यादा रिटर्न प्राप्त करने के लिए सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक हैं. लेकिन, ये मार्केट के उतार-चढ़ाव से जुड़े होते हैं, इसलिए पूंजी की हानि का जोखिम हमेशा बना रहता है.
फिक्स्ड डिपॉजिट
जोखिम से बचने वाले इन्वेस्टर के लिए, फिक्स्ड डिपॉजिट एक आदर्श इन्वेस्टमेंट विकल्प है. एफडी आपके डिपॉजिट पर सुरक्षित रिटर्न प्रदान करती है और इस पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है. उच्च-जोखिम लेने वाले इन्वेस्टर भी अपने पोर्टफोलियो को स्थिर बनाने के लिए एफडी, आरईआईटीएस और क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुनते हैं.
म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड, फंड मैनेजर द्वारा मैनेज किए जाने वाले इन्वेस्टमेंट टूल्स हैं, जो लोगों के पैसे को संग्रह करते हैं और विभिन्न कंपनियों के स्टॉक और बॉन्ड में इन्वेस्ट करते हैं, ताकि रिटर्न मिल सके. आप शुरुआत में छोटी डिपॉजिट राशि से शुरू करके भी अच्छा-खासा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं.
सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम
रिटायर हो चुके लोगों के लिए सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम एक लॉन्ग-टर्म सेविंग विकल्प है. यह उन लोगों के लिए एक आदर्श विकल्प है जो रिटायरमेंट के बाद एक स्थिर और सुरक्षित आय प्राप्त करना चाहते हैं.
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड
पीपीएफ भारत में एक विश्वसनीय इन्वेस्टमेंट प्लान है. इन्वेस्टमेंट प्रति वर्ष मात्र रु. 500 से शुरू है और इन्वेस्ट किए गए मूलधन, अर्जित ब्याज़ और मेच्योरिटी राशि पर टैक्स से छूट दी जाती है. इसका लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का है, जिसमें विभिन्न पड़ावों पर आंशिक निकासी की अनुमति दी जाती है.
एनपीएस
एनपीएस, लाभदायक सरकार समर्थित इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक है, जो पेंशन के विकल्प प्रदान करता है. आपके फंड बॉन्ड, सरकारी सिक्योरिटीज़, स्टॉक और अन्य इन्वेस्टमेंट विकल्पों में इन्वेस्ट किए जाते हैं. लॉक-इन अवधि इन्वेस्टर की आयु द्वारा निर्धारित की जाती है, क्योंकि जब तक इन्वेस्टर 60 वर्ष की आयु का नहीं होता, तब तक यह स्कीम मेच्योर नहीं होती है.
रियल एस्टेट
रियल एस्टेट, भारत के सबसे तेज़ी से बढ़ते सेक्टर्स में से एक है, जिसमें बेहतरीन संभावनाएं हैं. भारत के कई इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से फ्लैट या प्लॉट खरीदना भी सर्वश्रेष्ठ विकल्प में से एक है. क्योंकि प्रॉपर्टी की दर हर छह महीने में बढ़ सकती है, इसलिए जोखिम कम होता है और रियल एस्टेट एक ऐसे एसेट के रूप में काम करता है, जो लंबे समय में उच्च रिटर्न प्रदान करता है.
गोल्ड बॉन्ड्स
सोवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी सिक्योरिटीज़ हैं, जो सोने के ग्राम में मूल्यांकित किया जाता है. रिज़र्व बैंक, भारत सरकार की ओर से फिज़िकल गोल्ड रखने के विकल्प के रूप में बांड जारी करता है. इन्वेस्टर को कैश में इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है, और मेच्योरिटी पर बॉन्ड को कैश में रिडीम किया जा सकता है.
आरईआईटीएस
आरईआईटी, या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, ऐसी कंपनियां होती हैं, जो कई प्रॉपर्टी सेक्टर में, आय प्रदान करने वाले रियल एस्टेट का मालिक होती हैं या फाइनेंस करती है. इन रियल एस्टेट कंपनियों को आरईआईटी के रूप में पात्रता प्राप्त करने के लिए कई आवश्यकताओं को पूरा करना होता है. अधिकांश आरईआईटी प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड होता है, जो इन्वेस्टर को कई लाभ प्रदान करता है.
क्रिप्टो
क्रिप्टोकरेंसी, या क्रिप्टो, करेंसी का एक रूप है, जो डिजिटल या वर्चुअल रूप से मौजूद है और ट्रांज़ैक्शन सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग होता है. क्रिप्टोकरेंसी के पास केंद्र द्वारा जारी होने या विनियमित किए जाने वाला प्राधिकरण नहीं है; बल्कि ट्रांजैक्शन को रिकॉर्ड करने और नई यूनिट जारी करने के लिए डिसेंट्रलाइज़्ड सिस्टम का उपयोग किया जाता है.
आपको अपने पैसे कहां इन्वेस्ट करने चाहिए?
अपनी जोखिम क्षमता के आधार पर, आप या तो मार्केट-लिंक्ड या मार्केट से अप्रभावित रहने वाले इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्ट करने का विकल्प चुन सकते हैं. मार्केट से जुड़े इन्वेस्टमेंट में अधिक रिटर्न मिलते हैं, लेकिन ये हमेशा सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट प्लान नहीं होते क्योंकि इनमें पूंजी खोने का जोखिम रहता है. तुलना में, फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे इन्वेस्टमेंट टूल, फंड की अधिक सुरक्षा प्रदान करते हैं. बजाज फाइनेंस एक ऐसा फाइनेंसर है जो उच्च एफडी दरों और फंड की सुरक्षा का दोहरा लाभ प्रदान करता है.
जोखिम उठाने की क्षमता आपके इन्वेस्टमेंट के विकल्पों को किस तरह प्रभावित करती है
अधिकांश इन्वेस्टमेंट विकल्पों में कुछ अस्थिरता होती है, और आमतौर पर जब जोखिम का स्तर अधिक होता है, तो इन्वेस्टमेंट पर रिटर्न भी अधिक होता है. इसलिए, अक्सर इन्वेस्टमेंट के निर्णय इन्वेस्टर्स की जोखिम क्षमता के आधार पर लिए जाते हैं.
कम जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: फिक्स्ड-इनकम विकल्पों में बॉन्ड, डिबेंचर, फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम, और सरकारी सेविंग स्कीम शामिल हैं.
मध्यम-जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: डेट फंड, बैलेंस्ड म्यूचुअल फंड, और इंडेक्स फंड इस कैटेगरी में आते हैं.
अधिक जोखिम वाले इन्वेस्टमेंट: अस्थिरता वाले इन्वेस्टमेंट में स्टॉक और इक्विटी म्यूचुअल फंड जैसे विकल्प शामिल हैं.
बजाज फाइनेंस एफडी सर्वश्रेष्ठ इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक क्यों किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं है
- प्रति वर्ष 7.95% तक की उच्च ब्याज़ दरें. द्वारा एफएएए और इकरा द्वारा एमएएए की उच्चतम सुरक्षा रेटिंग के साथ समय-समय पर भुगतान का विकल्प
- समय से पहले निकासी से बचने के लिए एफडी पर लोन
बजाज फाइनेंस एफडी में इन्वेस्ट करना अब पहले से भी आसान है. हमारी एंड-टू-एंड ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट प्रोसेस के साथ अपने घर के आराम से अपनी इन्वेस्टमेंट यात्रा शुरू करें.
NFT क्या है और कैसे काम करता है?
इंटरनेट पर किसी भी डिजिटल वस्तु को खरीदने एवं बेचने के लिए एक ऐसे सिस्टम का उपयोग किया जाता है जो यह साबित करता है कि डिजिटल वस्तु का असली मालिक कौन है या यह डिजिटल वस्तु किसके नाम पर है, इस सिस्टम को NFT कहते हैं। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि NFT क्या हैं? और NFTs कैसे बनाते हैं।
Table of contents
NFT क्या है? (What is an NFT)
NFT का पूरा नाम Non-Fungible Token हैं। इसमें Non-fungible का मतलब एक ऐसी डिजिटल वस्तु है जो दूसरों से बिल्कुल अनोखा(unique) हैं, इसके अलावा एक ऐसी डिजिटल वस्तु जिसे दूसरे डिजिटल वस्तु के साथ एक्सचेंज नहीं किया जा सकता जैसे कि मोनालिसा की पेंटिंग, किसी का डिजिटल फोटो या फिर कोई ओरिजिनल डिजिटल वस्तु। आसान शब्दों में कहें तो ऐसी चीजें जिसको एक्सचेंज या रिप्लेस नहीं किया जा सकता हैं।
Token का मतलब Proof हैं जिस प्रकार घर के रजिस्ट्री के कागजात यह साबित करते हैं कि घर आपका है, उसी प्रकार डिजिटल चीजों के भी डिजिटल कागजात होते हैं जिसे Token कहते हैं। Token यह साबित करते हैं कि यह डिजिटल वस्तु किसके नाम पर है या फिर इस डिजिटल वस्तु को किसने खरीदा हैं।
NFTs Blockchain पर आधारित है, Blockchain को पब्लिक कंट्रोल करती है इसमें डिजिटल ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री मौजूद होती हैं। Non-Fungible Token के मदद से इंटरनेट पर किसी भी प्रकार का डिजिटल वस्तु खरीदा और बेचा जाता है इसके अलावा डिजिटल वस्तु की लेनदेन भी की जाती हैं, NFT को proof of ownership कहते हैं। NFTs कुछ भी हो सकती हैं जैसे कि photos, videos, artwork, panting, song, इत्यादि। ज्यादातर NFTs को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए खरीदा और बेचा जाता हैं।
NFTs कैसे बनाएं जाते हैं? (How are NFTs made?)
ब्लॉकचेन की मदद से किसी भी फाइल या डाटा जैसे photos, videos, games, memes, artwork को असाइन करके NFT में परिवर्तित किया जाता हैं। बहुत सारे ऐसे सॉफ्टवेयर्स और वेबसाइट मौजूद है जिनकी मदद से किसी भी डिजिटल सामान को NFT में परिवर्तित किया जा सकता हैं।
ज्यादातर आर्टिस्ट एवं एक्टर्स एनएफटी का उपयोग करते हैं, वे अपने कीमती डिजिटल आर्टवर्क को NFT के द्वारा नीलाम करते हैं, लेकिन आप भी किसी भी डिजिटल डाटा को एनएफटी में कन्वर्ट कर सकते हैं, कन्वर्ट करने के बाद आप एनएफटी को बेच भी सकते हैं और अगर आपको किसी की एनएफटी खरीदनी है तो आप क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से दूसरों की एनएफटी भी खरीद सकते हैं।
NFT कैसे कार्य करता हैं? (How does NFT work?)
Non-Fungible Token ब्लॉकचेन तकनीक पर कार्य करता है, एनएफटी को एथेरियम क्रिप्टो करेंसी के द्वारा खरीदा और बेचा जाता हैं। अगर किसी व्यक्ति को किसी का NFT खरीदना है तो उसके पास एथेरियम करंसी होना बहुत जरूरी है ऐसा इसलिए क्योंकि Non-Fungible Token को सिर्फ एथेरियम क्रिप्टो करेंसी के जरिए ही खरीदा जा सकता है।
NFT कहाँ से खरीदें? (Where to buy NFTs?)
NFT खरीदने के लिए सबसे पहले आपके पास एथेरियम क्रिप्टो करेंसी होना बहुत जरूरी है, अगर आपके पास एथेरियम नहीं है तो आप सबसे पहले किसी एप या वेबसाइट से एथेरियम करेंसी खरीद ले, इसके बाद आप किसी कंपनी के द्वारा Non-Fungible Token खरीद सकते हैं और खरीद कर बेच भी सकते हैं
हमने सबसे अच्छे NFTs खरीदने एवं बेचने वाली कंपनी की सूची तैयार की है जिनके माध्यम से आप एनएफटी खरीद सकते हैं।
- SuperRare
- The Sandbox
- Valuables
- Opensea.io
- Rarible
- Axie Infinity
- Decentraland
- Venly
- Zeptagram
- Zora किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं
- NBA Top Shot
- GROW.HOUSE
- MakersPlace
- Mintable
- Sorare
- Nifty Gateway
- Foundation
NFT का भविष्य (The Feature of NFT)
पूरी दुनिया में NFT का शोर मचा हुआ है, साल 2020 में NFTs की बिक्री 100 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा की थी। समय के साथ NFTs की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है, बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स एनएफटी पर इन्वेस्ट कर रहे हैं। जिस तरह पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन ने पूरी दुनिया में शोर मचाया उसी तरह NFT भी लोगों में तेजी से प्रचलित हो रही हैं।
पिछले कुछ समय से क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत देश में बहुत सारे विवाद उत्पन्न हुए हैं, इसलिए इसका असर NFTs पर भी पड़ सकता है, भारत में क्रिप्टो करेंसी ट्रांजैक्शन पर 30% का टैक्स भी लगा दिया गया हैं इसलिए एनएफटी को लेकर कुछ कहा तो नहीं जा सकता हैं, लेकिन पूरी दुनिया में एनएफटी पीक पर हैं। ऐसा बताया जाता है कि कोरोना काल के चलते NFT ज्यादा प्रचलित हुआ, केस स्टडी के तहत कहा जाए तो NFTs का भविष्य उज्जवल हो सकता हैं।
NFT की विशेषताएं (Features of NFTs)
अधिकांश एनएफटी को छोटे मूल्यवर्ग में विभाजित नहीं किया जा सकता है, आप एनएफटी के एक अंश को खरीद या स्थानांतरित नहीं कर सकते। इसके दूसरे विशेषताएं निम्न है।
- प्रत्येक NFT की एक अनूठी संपत्ति होती है जो आमतौर पर टोकन मेटाडेटा में संग्रहीत होती हैं।
- NFT को ब्लॉकचेन नेटवर्क में स्टोर किया जाता है।
- NFT को पब्लिक कंट्रोल करती हैं।
- NFTs को एथेरियम करेंसी के द्वारा खरीदा और बेचा जा सकता हैं।
- NFTs की कीमत का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है, यह ₹1 से लेकर 1 अरब रुपए तक का हो सकता हैं।
सबसे महंगा NFT (Most Expensive NFTs)
साल 2021 में `द मर्ज` NFT को 9 करोड़ 18 लाख डॉलर में बेचा गया था, यह अब तक की सबसे महंगी एनएफटी डिल में से एक हैं इसके अलावा `एवरीडेज द फर्स्ट 5000 डेज` आर्ट वर्क को 503 करोड रुपए में बेचा गया था। पूरी दुनिया में ऐसे बहुत सारे आर्ट वर्क है जिन्हें एनएफटी के द्वारा खरीदा और बेचा जाता हैं।
आप भी पसंद के अनुसार एवं कीमत के अनुसार एनएफटी खरीद सकते हैं और उस एनएफटी को बेच भी सकते हैं, यही नहीं आप खुद से NFT बनाकर बेच भी सकते हैं, NFT बनाना बहुत आसान हैं।
NFT का इतिहास (History of NFT)
October 2015 में NFT सिस्टम को बनाया गया था और इसके 3 महीने बाद Ethereum blockchain को लॉन्च किया गया। NFT सिस्टम बनने के बाद लोग इसका ज्यादा उपयोग नहीं करते थे लेकिन जब 2020 में कोरोना लॉकडाउन लगा तब स्मार्टफोन का जोरो सोरो से उपयोग होने लगा इसके चलते एनएफटी का भी ज्यादा उपयोग होने लगा, एनएफटी लोगों के सामने आने लगी और यह बेहद प्रचलित होने लगी।
कोरोना काल के वजह से ही एनएफटी और बिटकॉइन के बारे में लोगों को जानने मिला, एनएफटी इतना पॉपुलर हुआ कि बहुत सारे इन्वेस्टर्स इस पर इन्वेस्ट करने लगे और लोकप्रिय एनएफटी खरीदने लगे ताकि आगे चलकर उन्हें मुनाफा हो सके। साल 2015 से लेकर 2022 तक एनएफटी के द्वारा करोड़ों के लेनदेन हुए, कुछ लोगों ने तो खुद की एनएफटी बना कर लाखों, करोड़ों रुपए कमाए।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
उम्मीद है कि अब आपको NFT क्या है और एनएफटी कैसे खरीदे जाते हैं अच्छी तरह से समझ आ गया होगा, Non-Fungible Token को आप खरीद कर रख सकते हैं और भविष्य में इसे बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। एनएफटी खरीद कर लेनदेन करने के लिए एथेरियम क्रिप्टो करेंसी का होना बहुत जरूरी है, अगर आपके पास एथेरियम क्रिप्टोकरंसी नहीं है तो आप एनएफटी नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन यह संभव है कि भविष्य में दूसरे करेंसी के जरिए एनएफटी को खरीदा जा सकता हैं।
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E Rupee क्या है (Indian Digital Currency) | E Rupee Digital Currency Explained in Hindi 2022-2023
E Rupee क्या है (Indian Digital Currency) : क्या आपने बिटकॉइन और एथेरियम जैसे काउंस के नाम सुने है? इससे मुख्य तौर पर क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है। हाल के समय इन क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बाजार में काफी सारी न्यूज आती रहती है जिसके चलते आज के समय में क्रिप्टोकरेंसी सबसे ट्रेडिंग टॉपिक बन किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं कर ऊबर कर आया है। इसी को मध्य नजर रखते हुए भारत सरकार ने इस वर्ष के शुरुवात में देश का बजट जारी करते हुए यह ऐलान किया था कि भारत सरकार भी आरबीआई से रेगुलेटेड डिजिटल करेंसी की शुरुवात वर्ष 2022 से 2023 के बीच में करेगी।
तो हाल ही में 1 नवंबर को आरबीआई ने देश का डिजिटल करेंसी E Rupee को लॉन्च कर दिया है। अगर आप भी यह जानना चाहते है कि यह E Rupee क्या है? यह E Rupee किस प्रकार से काम करेगा इन सभी विषयो पर हमने इस आर्टिकल के द्वारा चर्चा करने का प्रयास किया है।
E Rupee (Indian Digital Currency) क्या है
E Rupee क्या है (Indian Digital Currency) : E Rupee एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जिसे सेंट्रल बैंक ऑफ डिजिटल करेंसी द्वारा जारी किया गया है। अगर हम इसे आसानी से आपको बताए तो E Rupee, उसी समान है जैसे नोटो को आरबीआई द्वारा छापा जाता है।
E Rupee को भी आरबीआई द्वारा ही रेगुलेट किया जाएगा। हमारे देश की केंद्र सरकार ने वर्ष 2022 में बजट को जारी करते समय इस बात की घोषणा की थी देश में डिजिटल करेंसी भी जारी होंगे। जिसे 1 नवंबर 2022 को जारी किया गया है।
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E Rupee किस तरह से काम करेगा
अब आप सोचते होंगे कि E Rupee का डाटा आरबीआई को कैसे मालूम चलेगा तो हम आपको बता दे कि यह E Rupee उन्ही सभी प्रिंसिपल और टेक्नोलॉजी पर काम करेगा जिस पर बिटकॉइन और एथेरियम जैसे क्रिप्टो करेंसी काम करते है। यह E Rupee भी ब्लॉकचैन टेक्नोलोजी पर काम करता है।
आपको बता दे कि E Rupee को कुछ ऐसे इस्तेमाल करने से रेग्यूलेट किया जाएगा जिससे आपके बैंक पासबुक पर भी इसकी जानकारी रिफ्लेक्ट करेगी।
E Rupee कहा पर इस्तेमाल किया जाएगा
अभी के लिए E Rupee को केवल पायलट प्रोजेक्ट के लिए लाया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट की बात करे तो इसमें होल सेल मार्केट जिस पर सरकार लेन देन करती है अभी केवल वही इस E Rupee का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे ही सेंट्रल बैंक ऑफ डिजिटल करेंसी पायलट टेस्टिंग का नाम से रही है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पहले ही कह चुकी है कि इस डिजिटल करेंसी को भारत के बाजार में लाने का मकसद केवल भारत के बाजार में मौजूद लेन देन के तरीके को बदल कर अच्छा बनाना है। E Rupee के कारण आने वाले समय में लोगो को मौजूदा करेंसी के अलावा एक और भुगतान का तरीका मिल पायेगा जिससे वो लेन देन कर पाने में सक्षम हो पायेंगे।
E Rupee Digital Currency के फायदे क्या है
E Rupee Digital Currency के ऐसे तो कई फायदे है जिसमे से कुछ के बारे में हमने विस्तार से बताने का प्रयास किया है। तो चलिए शुरू करते हैं।
- डिजिटल करेंसी आने के बाद आपको अपने पास नोट रखने की चिंता खत्म करनी होगी। जिससे लोगो को अपने पैसे को लाने जाने में जो भी असुविधा होती है उससे भी गुजरना नही पड़ेगा।
- E Rupee को सेंट्रल बैंक को डिजिटल करेंसी द्वारा जारी किया जा रहा है। तो आप सभी के मोबाइल में वॉलेट ऐप के तौर पर मौजूद होगी जिससे आप कुछ ही समय के अंदर ट्रांजेक्शन कर पाने में सक्षम हो जाएंगे।
- E Rupee Digital Currency के आने के बाद आपको चेक, बैंक पासबुक की जरूरत ही नही होगी। आप इनके बिना भी लोगो के साथ ट्रांजेक्शन कर पाने में सक्षम हो पायेंगे।
- E Rupee Digital Currency के आने के बाद बाजार में जो नकली नोट की समस्या आ जाती है लोगो को उससे भी राहत प्राप्त होगी।
- E Rupee Digital Currency के आने के बाद से आरबीआई का जो करेंसी को छपवाने का जो खर्चा है वो भी नाममात्र ही होगा।
- E Rupee Digital Currency ना कभी फट पाएगा न ही मिटाया जा सकेगा और इसी उम्र हमेशा के लिए होगी जो हमे अभी के समय में इस्तेमाल होने के नोट के साथ नही देख पाते।
- E Rupee Digital Currency बिटकॉइन और एथेरियम जैसे क्रिप्टो करेंसी से बेहतर साबित होंगे और इसमें किसी भी प्रकार का झोखिम नही होगा।
Cryptocurrency और E Rupee Digital Currency में अंतर क्या है
ऐसे देखा जाए तो Cryptocurrency और E Rupee Digital Currency दोनो ही ब्लॉक चैन की टेक्नोलॉजी पर कार्य कर रही है।
क्रिप्टो करेंसी की बात करे तो इसे किसी एक कंपनी के द्वारा रेग्यूलेट किया जा रहा है और सरकार का इस पर कोई किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं भी नियंत्रण नहीं है जिसके चलते क्रिप्टो करेंसी का प्राइस काफी ज्यादा ऊपर नीचे होता रहता है वो अगर आप क्रिप्टो करेंसी में अपना पैसा लगाते है तो यह ज्यादा रिस्की साबित होता है।
वही E Rupee Digital Currency की बात करे तो यह सरकार द्वारा नियंत्रित होती है। E Rupee Digital Currency को आप बाद में नोटो में भी तब्दील कर सकते है। E Rupee Digital Currency के प्राइस की बात करे तो वो कोई घटता बढ़ता नही है।
सबसे मुख्य अंतर जो क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल करेंसी में है वो यह है कि क्रिप्टो करेंसी को लोग इन्वेस्टमेंट के तौर पर इस्तेमाल करते है वही E Rupee Digital Currency को लोग मुख्य तौर पर लेन देन के लिए इस्तेमाल करेंगे।
निष्कर्ष
आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको E Rupee Digital Currency क्या है?, E Rupee किस तरह से काम करता है?, E Rupee कहा पर इस्तेमाल किया जा सकता है?, E Rupee Digital Currency के फायदे क्या है? और Cryptocurrency और E Rupee Digital Currency में अंतर क्या है?
इन सब विषयो पर विस्तार रूप से चर्चा की है। अगर आपको भी यह आर्टिकल पसंद आता है तो आप इसे अपने दोस्तो के साथ शेयर कर सकते हैं वही अगर आपको आर्टिकल को पढ़ने के बाद किसी भी प्रकार का कोई सवाल या सुझाव आपके मन में आता है तो आप हमसे नीचे दिए गए कॉमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।
NFT क्या है और कैसे काम करता है?
इंटरनेट पर किसी भी डिजिटल वस्तु को खरीदने एवं बेचने के लिए एक ऐसे सिस्टम का उपयोग किया जाता है जो यह साबित करता है कि डिजिटल वस्तु का असली मालिक कौन है या यह डिजिटल वस्तु किसके नाम पर है, इस सिस्टम को NFT कहते हैं। इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि NFT क्या हैं? और NFTs कैसे बनाते हैं।
Table of contents
NFT क्या है? (What is an NFT)
NFT का पूरा नाम Non-Fungible Token हैं। इसमें Non-fungible का मतलब एक ऐसी डिजिटल वस्तु है जो दूसरों से बिल्कुल अनोखा(unique) हैं, इसके अलावा एक ऐसी डिजिटल वस्तु जिसे दूसरे डिजिटल वस्तु के साथ एक्सचेंज नहीं किया जा सकता जैसे कि मोनालिसा की पेंटिंग, किसी का डिजिटल फोटो या फिर कोई ओरिजिनल डिजिटल वस्तु। आसान शब्दों में कहें तो ऐसी चीजें जिसको एक्सचेंज या रिप्लेस नहीं किया जा सकता हैं।
Token का मतलब Proof हैं जिस प्रकार घर के रजिस्ट्री के कागजात यह साबित करते हैं कि घर आपका है, उसी प्रकार डिजिटल चीजों के भी डिजिटल कागजात होते हैं जिसे Token कहते हैं। Token यह साबित करते हैं कि यह डिजिटल वस्तु किसके नाम पर है या फिर इस डिजिटल वस्तु को किसने खरीदा हैं।
NFTs Blockchain पर आधारित है, Blockchain को पब्लिक कंट्रोल करती है इसमें डिजिटल ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री मौजूद होती हैं। Non-Fungible Token के मदद से इंटरनेट पर किसी भी प्रकार का डिजिटल वस्तु खरीदा और बेचा जाता है इसके अलावा डिजिटल वस्तु की लेनदेन भी की जाती हैं, NFT को proof of ownership कहते हैं। NFTs कुछ भी हो सकती हैं जैसे कि photos, videos, artwork, panting, song, इत्यादि। ज्यादातर NFTs को क्रिप्टोकरेंसी के जरिए खरीदा और बेचा जाता हैं।
NFTs कैसे बनाएं जाते हैं? (How are NFTs made?)
ब्लॉकचेन की मदद से किसी भी फाइल या डाटा जैसे photos, videos, games, memes, artwork को असाइन करके NFT में परिवर्तित किया जाता हैं। बहुत सारे ऐसे सॉफ्टवेयर्स और वेबसाइट मौजूद है जिनकी मदद से किसी भी डिजिटल सामान को NFT में परिवर्तित किया जा सकता हैं।
ज्यादातर आर्टिस्ट एवं एक्टर्स एनएफटी का उपयोग करते हैं, वे अपने कीमती डिजिटल आर्टवर्क को NFT के द्वारा नीलाम करते हैं, लेकिन आप भी किसी भी डिजिटल डाटा को एनएफटी में कन्वर्ट कर सकते हैं, कन्वर्ट करने के बाद आप एनएफटी को बेच भी सकते हैं और अगर आपको किसी की एनएफटी खरीदनी है तो आप क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से दूसरों की एनएफटी भी खरीद सकते हैं।
NFT कैसे कार्य करता हैं? (How does NFT work?)
Non-Fungible Token ब्लॉकचेन तकनीक पर कार्य करता है, एनएफटी को एथेरियम क्रिप्टो करेंसी के द्वारा खरीदा और बेचा जाता हैं। अगर किसी व्यक्ति को किसी का NFT खरीदना है तो उसके किस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं पास एथेरियम करंसी होना बहुत जरूरी है ऐसा इसलिए क्योंकि Non-Fungible Token को सिर्फ एथेरियम क्रिप्टो करेंसी के जरिए ही खरीदा जा सकता है।
NFT कहाँ से खरीदें? (Where to buy NFTs?)
NFT खरीदने के लिए सबसे पहले आपके पास एथेरियम क्रिप्टो करेंसी होना बहुत जरूरी है, अगर आपके पास एथेरियम नहीं है तो आप सबसे पहले किसी एप या वेबसाइट से एथेरियम करेंसी खरीद ले, इसके बाद आप किसी कंपनी के द्वारा Non-Fungible Token खरीद सकते हैं और खरीद कर बेच भी सकते हैं
हमने सबसे अच्छे NFTs खरीदने एवं बेचने वाली कंपनी की सूची तैयार की है जिनके माध्यम से आप एनएफटी खरीद सकते हैं।
- SuperRare
- The Sandbox
- Valuables
- Opensea.io
- Rarible
- Axie Infinity
- Decentraland
- Venly
- Zeptagram
- Zora
- NBA Top Shot
- GROW.HOUSE
- MakersPlace
- Mintable
- Sorare
- Nifty Gateway
- Foundation
NFT का भविष्य (The Feature of NFT)
पूरी दुनिया में NFT का शोर मचा हुआ है, साल 2020 में NFTs की बिक्री 100 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा की थी। समय के साथ NFTs की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है, बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स एनएफटी पर इन्वेस्ट कर रहे हैं। जिस तरह पिछले कुछ सालों में बिटकॉइन ने पूरी दुनिया में शोर मचाया उसी तरह NFT भी लोगों में तेजी से प्रचलित हो रही हैं।
पिछले कुछ समय से क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत देश में बहुत सारे विवाद उत्पन्न हुए हैं, इसलिए इसका असर NFTs पर भी पड़ सकता है, भारत में क्रिप्टो करेंसी ट्रांजैक्शन पर 30% का टैक्स भी लगा दिया गया हैं इसलिए एनएफटी को लेकर कुछ कहा तो नहीं जा सकता हैं, लेकिन पूरी दुनिया में एनएफटी पीक पर हैं। ऐसा बताया जाता है कि कोरोना काल के चलते NFT ज्यादा प्रचलित हुआ, केस स्टडी के तहत कहा जाए तो NFTs का भविष्य उज्जवल हो सकता हैं।
NFT की विशेषताएं (Features of NFTs)
अधिकांश एनएफटी को छोटे मूल्यवर्ग में विभाजित नहीं किया जा सकता है, आप एनएफटी के एक अंश को खरीद या स्थानांतरित नहीं कर सकते। इसके दूसरे विशेषताएं निम्न है।
- प्रत्येक NFT की एक अनूठी संपत्ति होती है जो आमतौर पर टोकन मेटाडेटा में संग्रहीत होती हैं।
- NFT को ब्लॉकचेन नेटवर्क में स्टोर किया जाता है।
- NFT को पब्लिक कंट्रोल करती हैं।
- NFTs को एथेरियम करेंसी के द्वारा खरीदा और बेचा जा सकता हैं।
- NFTs की कीमत का कोई अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है, यह ₹1 से लेकर 1 अरब रुपए तक का हो सकता हैं।
सबसे महंगा NFT (Most Expensive NFTs)
साल 2021 में `द मर्ज` NFT को 9 करोड़ 18 लाख डॉलर में बेचा गया था, यह अब तक की सबसे महंगी एनएफटी डिल में से एक हैं इसके अलावा `एवरीडेज द फर्स्ट 5000 डेज` आर्ट वर्क को 503 करोड रुपए में बेचा गया था। पूरी दुनिया में ऐसे बहुत सारे आर्ट वर्क है जिन्हें एनएफटी के द्वारा खरीदा और बेचा जाता हैं।
आप भी पसंद के अनुसार एवं कीमत के अनुसार एनएफटी खरीद सकते हैं और उस एनएफटी को बेच भी सकते हैं, यही नहीं आप खुद से NFT बनाकर बेच भी सकते हैं, NFT बनाना बहुत आसान हैं।
NFT का इतिहास (History of NFT)
October 2015 में NFT सिस्टम को बनाया गया था और इसके 3 महीने बाद Ethereum blockchain को लॉन्च किया गया। NFT सिस्टम बनने के बाद लोग इसका ज्यादा उपयोग नहीं करते थे लेकिन जब 2020 में कोरोना लॉकडाउन लगा तब स्मार्टफोन का जोरो सोरो से उपयोग होने लगा इसके चलते एनएफटी का भी ज्यादा उपयोग होने लगा, एनएफटी लोगों के सामने आने लगी और यह बेहद प्रचलित होने लगी।
कोरोना काल के वजह से ही एनएफटी और बिटकॉइन के बारे में लोगों को जानने मिला, एनएफटी इतना पॉपुलर हुआ कि बहुत सारे इन्वेस्टर्स इस पर इन्वेस्ट करने लगे और लोकप्रिय एनएफटी खरीदने लगे ताकि आगे चलकर उन्हें मुनाफा हो सके। साल 2015 से लेकर 2022 तक एनएफटी के द्वारा करोड़ों के लेनदेन हुए, कुछ लोगों ने तो खुद की एनएफटी बना कर लाखों, करोड़ों रुपए कमाए।
कुछ महत्वपूर्ण बातें
उम्मीद है कि अब आपको NFT क्या है और एनएफटी कैसे खरीदे जाते हैं अच्छी तरह से समझ आ गया होगा, Non-Fungible Token को आप खरीद कर रख सकते हैं और भविष्य में इसे बेचकर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। एनएफटी खरीद कर लेनदेन करने के लिए एथेरियम क्रिप्टो करेंसी का होना बहुत जरूरी है, अगर आपके पास एथेरियम क्रिप्टोकरंसी नहीं है तो आप एनएफटी नहीं खरीद सकते हैं, लेकिन यह संभव है कि भविष्य में दूसरे करेंसी के जरिए एनएफटी को खरीदा जा सकता हैं।