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भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था

भारत जीडीपी के संदर्भ में वि‍श्‍व की नवीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था है । यह अपने भौगोलि‍क आकार के संदर्भ में वि‍श्‍व में सातवां सबसे बड़ा देश है और जनसंख्‍या की दृष्‍टि‍ से दूसरा सबसे बड़ा देश है । हाल के वर्षों में भारत गरीबी और बेरोजगारी से संबंधि‍त मुद्दों के बावजूद वि‍श्‍व में सबसे तेजी से उभरती हुई अर्थव्‍यवस्‍थाओं में से एक के रूप में उभरा है । महत्‍वपूर्ण समावेशी विकास प्राप्‍त करने की दृष्‍टि‍ से भारत सरकार द्वारा कई गरीबी उन्‍मूलन और रोजगार उत्‍पन्‍न करने वाले कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ।

इति‍हास

ऐति‍हासि‍क रूप से भारत एक बहुत वि‍कसि‍त आर्थिक व्‍यवस्‍था थी जि‍सके वि‍श्‍व के अन्‍य भागों के साथ मजबूत व्‍यापारि‍क संबंध थे । औपनि‍वेशि‍क युग ( 1773-1947 ) के दौरान ब्रि‍टि‍श भारत से सस्‍ती दरों पर कच्‍ची सामग्री खरीदा करते थे और तैयार माल भारतीय बाजारों में सामान्‍य मूल्‍य से कहीं अधि‍क उच्‍चतर कीमत पर बेचा जाता था जि‍सके परि‍णामस्‍वरूप स्रोतों का द्धि‍मार्गी ह्रास होता था । इस अवधि‍ के दौरान वि‍श्‍व की आय में भारत का हि‍स्‍सा 1700 ए डी के 22.3 प्रति‍शत से गि‍रकर 1952 में 3.8 प्रति‍शत रह गया । 1947 में भारत के स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात अर्थव्‍यवस्‍था की पुननि‍र्माण प्रक्रि‍या प्रारंभ हुई । इस उद्देश्‍य से वि‍भि‍न्‍न नीति‍यॉं और योजनाऍं बनाई गयीं और पंचवर्षीय योजनाओं के माध्‍यम से कार्यान्‍वि‍त की गयी ।

1991 में भारत सरकार ने महत्‍वपूर्ण आर्थिक सुधार प्रस्‍तुत कि‍ए जो इस दृष्‍टि‍ से वृहद प्रयास थे जि‍नमें वि‍देश व्‍यापार उदारीकरण, वि‍त्तीय उदारीकरण, कर सुधार और वि‍देशी नि‍वेश के प्रति‍ आग्रह शामि‍ल था । इन उपायों ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को गति‍ देने में मदद की तब से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था बहुत आगे नि‍कल आई है । सकल स्‍वदेशी उत्‍पाद की औसत वृद्धि दर (फैक्‍टर लागत पर) जो 1951 - 91 के दौरान 4.34 प्रति‍शत थी, 1991-2011 के दौरान 6.24 प्रति‍शत के रूप में बढ़ गयी ।

कृषि‍

कृषि‍ भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ है जो न केवल इसलि‍ए कि‍ इससे देश की अधि‍कांश जनसंख्‍या को खाद्य की आपूर्ति होती है बल्‍कि‍ इसलि‍ए भी भारत की आधी से भी अधि‍क आबादी प्रत्‍यक्ष रूप से जीवि‍का के लि‍ए कृषि‍ पर नि‍र्भर है ।

वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपायों के द्वारा कृषि‍ उत्‍पादन और उत्‍पादकता में वृद्धि‍ हुई, जि‍सके फलस्‍वरूप एक बड़ी सीमा तक खाद्य सुरक्षा प्राप्‍त हुई । कृषि‍ में वृद्धि‍ ने अन्‍य क्षेत्रों में भी अधि‍कतम रूप से अनुकूल प्रभाव डाला जि‍सके फलस्‍वरूप सम्‍पूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था में और अधि‍कांश जनसंख्‍या तक लाभ पहुँचे । वर्ष 2010 - 11 में 241.6 मि‍लि‍यन टन का एक रि‍कार्ड खाद्य उत्‍पादन हुआ, जि‍समें सर्वकालीन उच्‍चतर रूप में गेहूँ, मोटा अनाज और दालों का उत्‍पादन हुआ । कृषि‍ क्षेत्र भारत के जीडीपी का लगभग 22 प्रति‍शत प्रदान करता है ।

उद्योग

औद्योगि‍क क्षेत्र भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लि‍ए महत्‍वपूर्ण है जोकि‍ वि‍भि‍न्‍न सामाजि‍क, आर्थिक उद्देश्‍यों की पूर्ति के लि‍ए आवश्‍यक है जैसे कि‍ ऋण के बोझ को कम करना, वि‍देशी प्रत्‍यक्ष नि‍वेश आवक (एफडीआई) का संवर्द्धन करना, आत्‍मनि‍र्भर वि‍तरण को बढ़ाना, वर्तमान आर्थिक परि‍दृय को वैवि‍ध्‍यपूर्ण और आधुनि‍क बनाना, क्षेत्रीय वि‍कास का संर्वद्धन, गरीबी उन्‍मूलन, लोगों के जीवन स्‍तर को उठाना आदि‍ हैं ।

स्‍वतंत्रता प्राप्‍ति‍ के पश्‍चात भारत सरकार देश में औद्योगि‍कीकरण के तीव्र संवर्द्धन की दृष्‍टि‍ से वि‍भि‍न्‍न नीति‍गत उपाय करती रही है । इस दि‍शा में प्रमुख कदम के रूप में औद्योगि‍क नीति‍ संकल्‍प की उदघोषणा करना है जो 1948 में पारि‍त हुआ और उसके अनुसार 1956 और 1991 में पारि‍त हुआ । 1991 के आर्थिक सुधार आयात प्रति‍बंधों को हटाना, पहले सार्वजनि‍क क्षेत्रों के लि‍ए आरक्षि‍त, नि‍जी क्षेत्रों में भागेदारी, बाजार सुनि‍श्‍चि‍त मुद्रा वि‍नि‍मय दरों की उदारीकृत शर्तें ( एफडीआई की आवक / जावक हेतु आदि‍ के द्वारा महत्‍वपूर्ण नीति‍गत परि‍वर्तन लाए । इन कदमों ने भारतीय उद्योग को अत्‍यधि‍क अपेक्षि‍त तीव्रता प्रदान की ।

आज औद्योगि‍क क्षेत्र 1991-92 के 22.8 प्रति‍शत से बढ़कर कुल जीडीपी का 26 प्रति‍शत अंशदान करता है ।

सेवाऍं

आर्थिक उदारीकरण सेवा उद्योग की एक तीव्र बढ़ोतरी के रूप में उभरा है और भारत वर्तमान समय में कृषि‍ आधरि‍त अर्थव्‍यवस्‍था से ज्ञान आधारि‍त अर्थव्‍यवस्‍था के रूप में परि‍वर्तन को देख रहा है । आज सेवा क्षेत्र जीडीपी के लगभग 55 प्रति‍शत ( 1991-92 के 44 प्रति‍शत से बढ़कर ) का अंशदान करता है जो कुल रोजगार का लगभग एक ति‍हाई है और भारत के कुल नि‍र्यातों का एक ति‍हाई है

भारतीय आईटी / साफ्टेवयर क्षेत्र ने एक उल्‍लेखनीय वैश्‍वि‍क ब्रांड पहचान प्राप्‍त की है जि‍सके लि‍ए नि‍म्‍नतर लागत, कुशल, शि‍क्षि‍त और धारा प्रवाह अंग्रेजी बोलनी वाली जनशक्‍ति‍ के एक बड़े पुल की उपलब्‍धता को श्रेय दि‍या जाना चाहि‍ए । अन्‍य संभावना वाली और वर्द्धित सेवाओं में व्‍यवसाय प्रोसि‍स आउटसोर्सिंग, पर्यटन, यात्रा और परि‍वहन, कई व्‍यावसायि‍क सेवाऍं, आधारभूत ढॉंचे से संबंधि‍त सेवाऍं और वि‍त्तीय सेवाऍं शामि‍ल हैं।

बाहय क्षेत्र

1991 से पहले भारत सरकार ने वि‍देश व्‍यापार और वि‍देशी नि‍वेशों पर प्रति‍बंधों के माध्‍यम से वैश्‍वि‍क प्रति‍योगि‍ता से अपने उद्योगों को संरक्षण देने की एक नीति‍ अपनाई थी ।

उदारीकरण के प्रारंभ होने से भारत का बाहय क्षेत्र नाटकीय रूप से परि‍वर्तित हो गया । वि‍देश व्‍यापार उदार और टैरि‍फ एतर बनाया गया । वि‍देशी प्रत्‍यक्ष नि‍वेश सहि‍त वि‍देशी संस्‍थागत नि‍वेश कई क्षेत्रों में हाथों - हाथ लि‍ए जा रहे हैं । वि‍त्‍तीय क्षेत्र जैसे बैंकिंग और बीमा का जोरदार उदय हो रहा है । रूपए मूल्‍य अन्‍य मुद्राओं के साथ-साथ जुड़कर बाजार की शक्‍ति‍यों से बड़े रूप में जुड़ रहे हैं ।

आज भारत में 20 बि‍लि‍यन अमरीकी डालर (2010 - 11) का वि‍देशी प्रत्‍यक्ष नि‍वेश हो रहा है । देश की वि‍देशी मुद्रा आरक्षि‍त (फारेक्‍स) 28 अक्‍टूबर, 2011 को 320 बि‍लि‍यन अ.डालर है । ( 31.5.1991 के 1.2 बि‍लि‍यन अ.डालर की तुलना में )

भारत माल के सर्वोच्‍च 20 नि‍र्यातकों में से एक है और 2010 में सर्वोच्‍च 10 सेवा नि‍र्यातकों में से एक है ।

Haryana Election 2022 : इन चार जिलों में जिला परिषद और पंचायत समिति चुनाव संपन्न, देखें कहां कितना हुआ मतदान?

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Haryana Panchayat Chunav : हरियाणा राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने बताया कि हरियाणा में पंचायत समितियों एवं ज़िला परिषदों के सदस्यों के चुनाव के लिए तीसरे और अंतिम चरण का चुनाव शांतिपूर्ण रहा। इस चरण में 4 जिलों फरीदाबाद, फतेहाबाद, हिसार और पलवल में पंचायत समिति सदस्यों व जिला परिषद सदस्यों के लिए मतदान हुआ। मतदाताओं का वोट ईवीएम में बंद हो गया है। जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्यों के नतीजें 27 नवंबर को मतगणना के बाद घोषित किए जाएंगे। वहीं तीसरे एवं अंतिम चरण के लिए इन 4 जिलों में पंच व सरपंच के पदों के चुनाव के लिये मतदान 25 नवंबर को होगा। इनके नतीजे उसी दिन घोषित किए जाएंगे।


राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने तीसरे चरण के पंचायत समिति व जिला परिषद सदस्यों के चुनाव के लिए मतदान संपन्न होने पर मतदान में लगे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस तीसरे चरण में कुल 22 लाख 27 हजार 319 मतदाता हैं। सायं 7.30 बजे तक 16 लाख 24 हजार 976 मतदाताओं ने मतदान किया, जो इन 4 ज़िलों के कुल मतदाताओं का 73.0 प्रतिशत है।

धनपत सिंह ने बताया कि सभी 4 जिलों में मतदान शांतिपूर्ण रहा, कहीं भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। छिटपुट जगहों पर ईवीएम में खराबी आई थी लेकिन चुनाव प्रक्रिया में लगे अधिकारियों ने तत्काल उन मशीनों को बदलकर मतदान पूरा करवाया। मतदान में लगे पोलिंग स्टॉफ, पुलिस कर्मचारियों व अन्य अधिकारियों ने अपने कार्य को बखूबी निभाया।


जिलेवार यह रहा मतदान प्रतिशत
1. फरीदाबाद – 66.0 प्रतिशत
2. फतेहाबाद – 77.4 प्रतिशत
3. हिसार – 71.6 प्रतिशत
4. पलवल – 73.8 प्रतिशत

भारत सरकार

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भारतीय आभूषण की गुणवत्तार, डिजाइन एवं वैश्विक स्त र पर प्रतिस्प र्धी क्षमता बढ़ाने के उद्देश्यभ से सूरत, गुजरात में वर्ष, 1978 में सोसायटी के रूप में भारतीय हीरा संस्थाेन स्‍‍थापित किया गया। यह संस्थाेन वाणिज्ये विभाग द्वारा प्रायोजित है तथा रत्नस एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जी जे ई पी सी) की एक परियोजना है। भारतीय हीरा संस्थाटन ने रत्नी एवं आभूषण उद्योग को तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए अपने आपको एक अग्रणी संस्था न के रूप में विकसित किया है।

संस्था न हीरा एवं आभूषण व्यादपार एवं उद्योग से संबंधित विभिन्नस डिप्लो(मा एवं अन्य पाठ्यक्रमों का संचालन करता है। यह हीरा, रत्न एवं आभूषण डिजाइन एवं विनिर्माण पर तीन वर्षीय डिप्लोामा पाठ्यक्रम भी प्रदान करता है। संस्था‍न की हीरा प्रमाणन एवं श्रेणीकरण प्रयोगशाला पूरी दुनिया में विख्यामत है तथा इसकी प्रयोगशाला 0.25 कैरेट तथा इससे अधिक कैरेट के हीरों के प्रमाणन / श्रेणीकरण के लिए विदेश व्यावपार नीति 2009-14 के अध्या‍य-4 के अनुसार डी जी एफ टी, एम ओ सी एंड आई द्वारा अधिकृत भी है। भारतीय हीरा संस्थानन को वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के तहत वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान संगठन (एस आई आर ओ) के रूप में मान्यथता प्रदान की गई है। इसे उद्योग आयुक्ता लय, गुजरात सरकार द्वारा एंकर संस्थामन (रत्ना एवं आभूषण) के रूप में भी मान्य ता प्रदान की गई है।

  • कतारगम, जी आई डी सी, पोस्ट बॉक्सस नंबर 508, सुमुल डेयरी रोड सूरत – 395008, गुजरात
  • 91- 261-2407847/48, 91-261-2407849 (F)
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Haryana Panchayat Chunav : हरियाणा में इन चार जिलों में थमा चुनाव प्रचार, पंचायत चुनाव के अंतिम चरण का कल होगा मतदान

Haryana Panchayat Chunav

Haryana Panchayat Chunav : हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के तीसरे चरण के चार जिलों फरीदाबाद, पलवल, हिसार और फतेहाबाद में प्रचार थम गया है। अब प्रत्याशी सोमवार तक घर घर जाकर वोट मांग सकेंगे। चारों जिलों में 22 नवंबर को जिला परिषद और ब्लाक समिति के पदों के चुनाव के लिए हरियाणा राज्य चुनाव आयोग ने चुनाव की तमाम तैयारियां पूरी कर ली हैं। सोमवार शाम को कर्मचारी ईवीएम लेकर मतदान केंद्रों पर पहुंच जाएंगे।


चारों जिलों में कुल 11928 सीटों पर मतदान होगा। इनमें जिला परिषद की 78, पंचायत समिति की 559, सरपंच 929 और पंच की 10362 सीटें हैं। जबकि कुल 2209949 मतदाता हैं, इनमें से 1185450 पुरुष और 1023341 महिलाएं हैं।जिला परिषद की सीटों की बात करें तो कुल 78 सीटों में फरीदाबाद की 10, फतेहाबाद की 18, हिसार की 30 और पलवल की 20 हैं। इनमें से कुल 19 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं, इनमें चरण व्यापार चरण व्यापार अनुसूचित जाति की महिलाएं भी शामिल हैं।

इनमें फरीदाबाद में 2, फतेहाबाद 6, हिसार 7 और पलवल में 4 सीटें हैं। इसके अलावा, चारों जिलों में कुल 7 सीटें बीसी-ए वर्ग के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा, कुल पंचायतें फरीदाबाद में 100, फतेहाबाद 259, हिसार 307 और पलवल में 263 हैं।

22 के बाद 25 नवंबर को इन जिलों में सरपंच-पंच के लिए 25 नवंबर को मतदान होगा और इसी दिन परिमाण जारी किए जाएंगे। 27 नवंबर को प्रदेशभर की कुल 22 जिला परिषदों और 143 ब्लाक समिति के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इससे पहले दो चरणों में 9-9 जिलों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं।

इन चारों जिलों में 615 संवेदनशील और 781 अतिसंवेदनशील बूथ हैं। हिसार जिले में 265 संवेदनशील और 360 अतिसंवेदनशील बूथ हैं। इसी प्रकार, पलवल में 211, 295, फरीदाबाद में 84, 84 और फतेहाबाद जिले में 55 संवेदनशील और 42 बूथ अतिसंवेदनशील हैं। गंभीर बूथों पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा।

Import Export Business Kaise Kare | आयात निर्यात का व्यापार

इस आर्टिकल Import Export Business Kaise Kare में हम आपको एक Import Export Business शुरू करने से सम्भंदित पूरी जानकारी देंगे | जैसे की आप जानते है की आयात निर्यात का व्यापार एक लंबे समय से व्यापार है। यह व्यवसाय स्थायी रूप से कई लोगों द्वारा किया जाता है, और इससे कई लोगों को रोज़गार मिल सकता है। कोई भी इस व्यवसाय को आसानी से शुरू कर सकता है। इस व्यवसाय के लिए कुछ कानूनी कार्यवाही भी हैं, जिन्हें व्यवसाय शुरू करने से पहले व्यवसायी को पूरा करना होगा।

Import Export Business Start Karne ke Steps

What is Import Export Business? -निर्यात आयात व्यापार क्या है?

निर्यात = एक देश से दूसरे देश में सामान भेजना

आयात = विदेशों में देश से माल ला रहा है।

Import Export Business दोनों देशों के बीच माल और सेवाओं का आदान-प्रदान है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में हैं। इस व्यवसाय में, माल किसी भी विदेशी देश से देश में खरीदे और बेचे जाते हैं और अपने देश में उत्पादित माल अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बेचे जाते हैं इसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भी कहा जाता है।

भारत में, विदेश व्यापार निदेशालय (डीजीएफटी) विदेशी व्यापारों की निगरानी और सुविधा प्रदान करता है। व्यवसाय शुरू करने से पहले, आपको पंजीकरण और लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा, जिसका उल्लेख नीचे दिया गया है।

Import Export Business Registration – आयात निर्यात पंजीकरण करें

वह व्यक्ति जो Import Export Business शुरू करना चाहता है उसे विदेशी व्यापार निदेशालय (डीजीएफटी) के तहत अपना व्यवसाय पंजीकृत करना होगा। इस व्यवसाय को शुरू करने से पहले निम्नलिखित पंजीकरण की भी आवश्यकता है:

Registration under MSME -एमएसएमई के तहत पंजीकरण: वर्तमान में, भारत सरकार ने एमएसएमई के तहत किसी भी व्यवसाय के लिए अनिवार्य पंजीकरण किया है। इसके अलावा, उद्योग आधार की मदद से, पंजीकरण भी किया जा सकता है। उद्योग आधार की सहायता से, आपका व्यवसाय भारत सरकार के तहत केवल 5 मिनट के भीतर ऑनलाइन पंजीकृत किया जा सकता है।

Shop Act Registration – दुकान अधिनियम पंजीकरण: यदि आप अपने निगम-निर्यात व्यवसाय में व्यवसाय कर रहे हैं, तो आपको शॉप एक्ट पंजीकरण के तहत अपना व्यवसाय पंजीकृत करने की भी आवश्यकता है।

No Objection Certificate – कोई आपत्ति नहीं प्रमाणपत्र : यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से यह व्यवसाय करते हैं, तो पंजीकरण अनिवार्य है। व्यापारी को ग्राम पंचायत से एनओसी प्राप्त करने की जरूरत है।

GST Registration-जीएसटी पंजीकरण: भारत सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए जीएसटी कर प्रणाली शुरू की है। इसके तहत आयात निर्यात के कारोबार के लिए भी अनिवार्य है। इस पंजीकरण के लिए किसी भी सीए की सहायता भी ली जा सकती है। \

Business Registration By Ministry Of corporate Affairs -कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा व्यापार पंजीकरण

ऑनलाइन आवेदन करके आप निजी व्यवसाय कंपनी, सीमित देयता भागीदारी, साझेदारी, एक व्यक्ति कंपनी इत्यादि जैसे व्यवसाय इकाई के रूप में अपना व्यवसाय पंजीकृत करके अपना आयात निर्यात व्यवसाय पंजीकृत कर सकते हैं।

उपर्युक्त सभी पंजीकरणों के साथ, आप आयात निर्यात का व्यापार शुरू कर सकते हैं।

Import Export Business Start Karne ke Steps

Get as much information about this business as possible.- इस व्यवसाय के बारे में जितना संभव हो उतना जानकारी प्राप्त करें।

दुनिया भर में Import Export Business के विभिन्न प्रकार हैं, इसलिए यदि आप नए हैं तो आपके लिए इस व्यवसाय को समझना मुश्किल हो सकता है। आप निर्यात प्रबंधन या निर्यात व्यापार का काम कर सकते हैं। या आप एक आयात व्यापारी भी बन सकते हैं। इसके अलावा, आपको अपने विभिन्न व्यावसायिक चैनलों के बारे में भी सीखना होगा। आयात और निर्यात के संबंध में कानूनों के बारे में जानना न भूलें। क्योंकि यह कानून आपके व्यवसाय को चलाने के लिए आवश्यक है।

Buy the tool needed to start this business – इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आवश्यक टूल खरीदें

आपको इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए बाहर जाना है। आप इस व्यवसाय को केवल घर पर भी शुरू कर सकते हैं, आपको टेलीफोन लाइन के लिए एक उच्च स्पीड इंटरनेट कनेक्शन और वेब पत्राचार चरण व्यापार पर ईमेल की आवश्यकता होगी। आपको अपने व्यवसाय की कच्ची फाइलों को रखने की जरूरत है और आपको कॉपीियर और प्रिंटर की भी आवश्यकता है। और आपको फैक्स मशीनों, डाक, फर्नीचर की भी आवश्यकता होगी।

Identify your target customers – अपने लक्षित ग्राहकों की पहचान करें

जब आपको इस व्यवसाय के बारे में जानकारी मिलती है और आपको टूल भी मिलते हैं, तो आपको अपने लक्षित ग्राहकों को आकर्षित करने की आवश्यकता होती है। आपको उन लोगों के समूह की पहचान करनी चाहिए जिन्हें आपकी सेवा की आवश्यकता है। इसके लिए आपको निर्देशित करने की आवश्यकता है। और उन लोगों के समूह तक पहुंचने के लिए, आपको अपने बाजार का शोध करना होगा। यदि आप अपने दिमाग में एक विशिष्ट उत्पाद रखते हैं, तो आपको उन समूहों पर भरोसा करना चाहिए कि सुरक्षित रूप से विपणन अनुसंधान कैसे करें। आपको सही जगह पर विपणन प्रयासों को निर्देशित करना चाहिए।

Get the necessary license and clearance – आवश्यक लाइसेंस और निकासी प्राप्त करें

आपको एफएसएसएआई लाइसेंस, पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाणपत्र (आरसीएमसी), जीएसटी पंजीकरण आदि जैसे आवश्यक लाइसेंस और निकासी की आवश्यकता है। इसके लिए, अपनी सरकारी एजेंसियों से संपर्क करें और उनसे पंजीकरण पंजीकरण प्राप्त करें। पता लगाने के लिए लाइसेंस के लिए किन आवश्यकताओं की आवश्यकता है। तभी आप सुरक्षित रूप से आयात निर्यात का कारोबार शुरू कर सकते हैं।

Set your prices – अपनी कीमतें सेट करें

आपको अपने ग्राहकों के अनुसार अपना खुद का मूल्य निर्धारित करना चाहिए, क्योंकि आपके उत्पाद का मूल्य आपके व्यवसाय को बढ़ा या मिटा सकता है। आपको बुरे पैसे पर बुरा मूल्य नहीं डालना चाहिए, आपको ग्राहकों के साथ अधिक उदारता दिखानी चाहिए। सही मूल्य निर्धारित करने के लिए, आपको उत्पाद बेचते समय श्रम, सामग्री, ओवरहेड और लाभ पर विचार करना चाहिए। सेवा सेवा करते समय आप कमीशन के आधार पर मूल्य निर्धारित कर सकते हैं।

Know About the Importance of Your Import Export Business- अपने चरण व्यापार चरण व्यापार आयात निर्यात व्यापार के महत्व के बारे में जानें

यह व्यवसाय प्रक्रिया अलग है, इसलिए प्रक्रिया को भी सीखना महत्वपूर्ण है। एक आयात व्यापार एक अलग रास्ते पर होता है, और निर्यात व्यापार एक अलग पथ के माध्यम से होता है। इसलिए, इस प्रक्रिया से परिचित होने के लिए, आप इस व्यवसाय में एक अनुभवी विशेषज्ञ से मार्गदर्शन ले सकते हैं और इस व्यवसाय की प्रक्रिया को जान सकते हैं।

आपको आयात निर्यात संहिता (डीईएफटी) द्वारा जारी किए गए आयात निर्यात संहिता (आईईसी) के लिए भी आवेदन करने की आवश्यकता है, इसलिए आपको आयात निर्यात संहिता (आईईसी) के लिए उनसे संपर्क करने की आवश्यकता है या आप आयात निर्यात के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं कोड (आईईसी)।

Apply for the Pan card and Current Bank Account – पैन कार्ड और करंट बैंक खाते के लिए आवेदन करें

Import Export Business के लिए, आपको व्यक्तिगत रूप से या कंपनी के नाम पर पैन कार्ड प्राप्त करना होगा और आपको किसी भी बैंक में एक चालू बैंक खाता खोलना होगा और यदि आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लेनदेन करना चाहते हैं तो आवश्यक है अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ट्रांसकैट आपको स्विफ्ट कोड की आवश्यकता है, जो बैंक द्वारा प्रदान की जाती है। और यदि आपके पास आधार कार्ड, मतदाता आईडी, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस इत्यादि जैसे कानूनी दस्तावेज नहीं हैं तो आपको उन्हें निर्यात करना चाहिए क्योंकि उन्हें आयात निर्यात व्यापार के लिए सभी कानूनी औपचारिकताओं के लिए आवश्यक है।

मुझे आशा है कि आपको इस लेख Import Export Business Start Karne ke Steps पसंद आया होगा , अगर आप को कोई भी उलझन हुई हो तो , आप हमारी वेबसाइट देख सकते हैं और अपने Import Export Business को शुरू और पंजीकृत करवा सकते है ।

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