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निवेश क्या है?

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बचत और निवेश के बीच अंतर

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क्या आप कभी बचत और निवेश के बीच अंतर के बारे में भ्रमित हुए है? एक ओर, सही जगह पर पैसा निवेश करना धन निर्माण की प्रक्रिया में आपकी सहायता कर सकता है। दूसरी ओर, निवेशक नए खिलाड़ियों को सलाह देते हैं कि वे केवल उस हिस्से का निवेश करें जो उनके पास अपने आपातकालीन धन को अलग करने के बाद बच जाता है। पहले की तुलना में अधिक उलझन में?

बचत और निवेश बहुत अलग हैं और आप इस अंतर को कैसे समझते हैं, इससे बड़ा अंतर हो सकता है कि आप निवेशक के रूप में कितने सफल हैं।

अनिवार्य रूप से, बचत और निवेश दोनों मौद्रिक मूल्य रखते हैं जो वित्तीय साधनों के भीतर मौजूद है। नकद, निश्चित जमा, आवर्ती जमा आदि कुछ सामान्य उपकरण हैं जिनका उपयोग बचत के उद्देश्य के लिए किया जाता है। दूसरी ओर, स्टॉक्स, बॉन्ड, इक्विटी, यूएलआईपीएस और म्यूचुअल फंड जैसे उपकरण निवेश साधन हैं। तो वे अलग-अलग कैसे होते हैं, और इससे आपको कोई फर्क क्यों पड़ता है? आइए उस प्रश्न का उत्तर देने के लिए, विस्तार से बचत और निवेश के बीच कुछ महत्वपूर्ण अंतर देखें।

उद्देश्य: बचत और निवेश के बीच यह सबसे तेज अंतर है। निवेश के संदर्भ में, निवेश के लिए पूंजी उत्पन्न करने और तैयार करने के लिए बचत की जाती है। यही कारण है कि आपकी सभी बचत का निवेश न करने की सिफारिश की गई है। बचत आमतौर पर अल्पावधि होती है और कोई भी ज्यादा शोध किए बिना बचा सकता है।

निवेश, दूसरी ओर, धन निर्माण, घर खरीदने, शिक्षा के वित्तपोषण आदि जैसे बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए किया जाता है। निवेश अक्सर दीर्घकालिक प्रतिबद्धताओं और बाजार अनुसंधान की आवश्यकता हो सकती है। जबकि बचत केवल दुर्लभ परिस्थितियों में ही नीचे जाएगी, निवेश संभावित रूप से दोनों तरीकों से जा सकते हैं, अगर उचित परिश्रम और बाजार अनुसंधान के साथ नहीं किया जाता है।

लिक्विडिटी: बचत उपकरण आमतौर पर उच्च तरलता से जुड़े होते हैं। इसलिए, वे आपको जब जरूरत पड़े नकदी के लिए तैयार पहुँच के साथ प्रदान करते हैं। निवेश, दूसरी ओर, विभिन्न उपकरणों में तरलता की डिग्री बदलती हो सकती है। उदाहरण के लिए, विकास स्टॉक्स उच्च तरलता उपकरण हैं जबकि पैनी स्टॉक्स कम तरलता उपकरण हैं।

यही कारण है कि आपके आपातकालीन धन का निवेश कभी नहीं किया जाना चाहिए।

जोखिम: बचत आमतौर पर बहुत कम या नगण्य जोखिम से जुड़ी होती है, जबकि निवेश उच्च जोखिम निवेश क्या है? वाले उपकरणों और कम जोखिम वाले उपकरणों दोनों में किया जा सकता है। एफडी और बैंक खाते की शेष राशि जैसे उपकरण कभी भी गिरावट नहीं दिखाएंगे – आप हमेशा उन पर स्थिर ब्याज अर्जित करेंगे। हालांकि, निवेश कंपनी के प्रदर्शन, उस समय बाजार की स्थिति, अन्य उद्योगों का प्रदर्शन, और अन्य आर्थिक और वित्तीय कारकों के अनुसार नीचे की ओर गति दिखा सकता है। यही कारण है कि, निवेश आमतौर पर कुछ जोखिम के साथ सहसंबद्ध होते हैं, जबकि बचत “शून्य जोखिम” से जुड़ी होती है।

लाभ : यह अंतर का एक और महत्वपूर्ण बिंदु है। आप निवेश क्या है? आमतौर पर अपनी बचत पर ब्याज की केवल एक निश्चित और स्थिर राशि कमा सकते हैं। उदाहरण के लिए एफडी पर विचार करें, जहां आप एक वर्ष से अधिक अपनी मूल राशि पर 4 -8% स्थिर ब्याज कमा सकते हैं। हालांकि, ये लाभ अक्सर मुद्रास्फीति जैसे कारकों के कारण बचत की दिशा में निर्देशित राशि के मूल्य को संरक्षित करने के लिए काम करते हैं। यही कारण है कि अन्य खर्चों को ईंधन देने के लिए बचत का उपयोग नहीं किया जा सकता।

दूसरी ओर, यदि वे ऊपर की ओर गति दिखाते हैं तो निवेश में बहुत अधिक लाभ प्राप्त करने की क्षमता होती है। जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, निवेश को उच्च जोखिम से भी जुड़े हो सकते हैं।

इन अंतरों को जानना, आप शायद चीजों को परिप्रेक्ष्य में डाल सकते हैं और बचत बनाम निवेश की सटीक तुलना कर सकते हैं। जबकि बचत सुरक्षा नेट का गठन करती है जिसे आप आपातकाल के समय में वापस ले सकते हैं, निवेश में नहीं। तो आप अपने पैसे को उचित तरीके से कैसे चैनल करते हैं? जवाब हर व्यक्ति के लिए अलग होगा। और ऐसा इसलिए है क्योंकि उत्तर आपके लक्ष्यों और आपकी वित्तीय स्थिति पर निर्भर करता है।

उदाहरण के लिए, यदि आप अपने बीस की उम्र में हैं और नौकरी से स्थिर आय है — ऐसे परिदृश्य में, आप अपने बकाया ऋण, आपके खर्च, बिल और आपातकालीन धन के हिसाब के बाद, आपके पास सभी अधिशेष धन का निवेश कर सकते हैं। दूसरी ओर, ऐसे परिदृश्य में जहां आपके पास एक परिवार है जो आपके ऊपर निर्भर करता है, आपके आपातकालीन धन और आपकी बचत को काफी बड़ा होना होगा, इससे पहले कि आप उस पैसे को शेयर बाजार में निर्देशित कर सकें।

अभ्यास में, सिधांत में बचत बनाम निवेश सिद्धांत रूप में उतना ही भिन्न होता है। उदाहरण के लिए, आपके खाते में बचत का पर्याप्त हिस्सा होना संभव है लेकिन फिर भी आपके दीर्घकालिक लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। जबकि बचत वित्तीय सुरक्षा प्रदान करेगी, हो सकता है कि आप अपनी बचत के साथ अपने बच्चे की कॉलेज शिक्षा जैसी बड़ी और लंबी अवधि की आवश्यकताओं को पूरा न कर सकें। यही कारण निवेश क्या है? है कि, बचत निवेश के लिए एक विकल्प नहीं है, जैसे कि निवेश बचत के विकल्प नहीं हैं। यह कोरोनावायरस महामारी की बाजारों पर मार के बाद निवेशकों के लिए और अधिक स्पष्ट हो जाना चाहिए। यही कारण है कि, स्मार्ट निवेशक युवा निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे निवेश के साथ अपनी बचत को कभी भी उलट न दें।

निवेश क्या है

निवेश क्या है, निवेश कितने प्रकार के हो सकते हैं और निवेश का सिद्धांत क्या है। किस प्रकार का निवेश मॉडल आपके लिये सही रहेगा। इस सब की जानकारी लेते हैं हिंदी में विस्तार से। निवेश का अर्थ क्या है और निवेश के साधन कौन से हैं जिनसे सुरक्षित निवेश किया जा सके, अच्छा रिटर्न भी मिले और आसान तथा सुविधाजनक भी हो।

निवेश क्या है

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निवेश क्या है

निवेश का अर्थ है अपनी अतिरिक्त पूंजी या धन को ऐसी जगह लगाना जहां से अतिरिक्त धन प्राप्ति या आय की संभावना हो। महान निवेशक वॉरेन बफेट के अनुसार भविष्य में और अधिक धन प्राप्त करने के लिए “पैसा लगाने की प्रक्रिया” को निवेश कहते है। निवेश का लक्ष्य आपके पैसे को एक या एक से अधिक प्रकार के निवेश के साधनों में लगाना है जिससे कि समय के साथ साथ आपका पैसा बढ़ सके। बचत और निवेश में अंतर को भी समझें।

निवेश क्या है – कम निवेश क्या है? मेहनत ज्यादा कमाई

हम में से अधिकांश अपने काम में कड़ी मेहनत करते हैं, चाहे वह हमारा जॉब हो या हमारा खुद का बिजनेस हो। हम अक्सर कई घंटों तक काम करते हैं जिसके लिए मेहनात की आवश्यकता होती है और हम अकसर तनाव में रहते हैं। अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ बचा लेना और उसे अपनी भविष्य की जरूरतों के लिए निवेश करना ही अपनी कमाई से सबसे अधिक लाभ उठाने का एक तरीका है। निवेश करना वास्तव में होशियारी के साथ कम मेहनत में ज्यादा कमाने का तरीका है।

आज की इच्छायें या भविष्य की जरुरतें

आप अपनी आय के पैसे को कहां और किस तरह प्रयोग करते हैं इसमें आपकी प्राथमिकता निवेश से पता चलती है। पैसे को खर्च करना आसान है और इससे एक क्षणिक सुख भी मिलता है फिर चाहे वो नए कपड़े खरीदना हो, रैस्टॉरेंट में खाना हो या छुट्टियों पर जाना। इस सब से हमें खुशियां मिल सकतीं हैं मगर जब हम निवेश करते हैं तो हम भविष्य की आवश्यक्ताओं को आज की इच्छाओं से अधिक प्राथमिकता देते हैं।

सुनहरी भविष्य के लिये निवेश

जब आप जीवन की आपाधापी में व्यस्त हों तो निवेश आपके लिये काम करता है और भविष्य की फसल तैयार करता है जिससे की जीवन के सुनहरी वर्षों में भी जिंदगी सुखद रहे। निवेश को समझना उतना कठिन भी नहीं है। यहां पढ़ें कि आप छोटे छोटे निवेश के द्वारा एक करोड़ रुपये कैसे बना सकते हैं।

निवेश के प्रमुख तरीके

निवेश के साधन

प्रत्येक निवेश के साधन की अपनी विशेषताएं और सीमायें हैं। यह समझना बहुत आवश्यक है कि कौन सा निवेश का साधन आपके लिये बेहतर है। उदाहरण के लिये यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि जिस म्यूचुअल फंड योजना में आप निवेश कर रहगे हैं वह किस तरह की इक्विटी में निवेश करती है? फंड हाउस कौन सा है? चार्जेस कितने हैं? म्यूचुअल फंड निवेश में कितना रिस्क हो सकता है। निवेश करने से पहले इस तरह के सवाल जान लेना आवश्यक है। निवेश में सफलता प्राप्त करने के लिये अपने निवेश को समझना बहुत आवश्यक है। मार्केट से जुड़े निवेश में लाभ की गारंटी नहीं होती मगर अपने निवेश को समझना आपके लिये फायदेमंद हो सकता है।

निवेश करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

कोई भी निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है

  • क्या यह निवेश का साधन आपके लिए ठीक है?
  • क्या आप जहां निवेश कर रहे हैं उस साधन या उसकी योजना को समझते हैं?
  • कितने पीरियड का निवेश है?
  • निवेश करने कितना आसान है?
  • निवेश से जुड़े सभी रिस्क को समझना।
  • रिटर्न और निवेश की गई रक़म की गारंटी है या नहीं?
  • क्या य़ोजना सरकार द्वारा समर्थित या प्रमाणित है?
  • कुछ समस्या होने निवेश क्या है? पर रेग्युलेटर कौन होगा?

यहां हमने जाना कि निवेश क्या है, इसके साधन कौन कौन से हो सकते हैं और अपने निवेश को जानना और उसमें छिपे रिस्क को समझना क्यों जरूरी है।

निवेश क्या है?

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निवेश क्या है? वर्णन करें | .

Solution : सामान्य बोलचाल की भाषा में जब पूँजी और अन्य साधनों को विभिन्न क्षेत्रों में लगाया जाता है तो इस स्थिति को निवेश कहा जाता है। विस्तृत अर्थ में निवेश एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें पूँजीपति अपनी पूंजी को विभिन्न Securities में लगाते हैं, जैसे-Company के अंशों और ऋणपत्रों में अपनी पूँजी का निवेश करते हैं, बॉण्ड खरीदते हैं। इन सभी निवेश से निवेशकर्ता (Investor) को लाभांश के रूप में आय की प्राप्ति होती है। कभी-कभी पूँजीपति दूसरों को कर्ज के रूप में पूंजी उधार देते हैं तो इसे भी निवेश माना जाएगा। इस निवेश की रकम से पूँजीपति को एक निश्चित दर से ब्याज के रूप में आय की प्राप्ति होती है।
निवेश देश के भीतरी हिस्सों में पूँजीपति द्वारा की जाती है तो कभी-कभी विदेशी निवेश (Foreign Investment) भी होता है। पूँजीपति दूसरे देशों की कंपनियों और व्यापार एवं वाणिज्य में अपनी पूँजी का निवेश करते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय नियम के अनुसार होता है। इस तरह के निवेश से विदेशी निवेशकर्ता को लाभांश व्याज तथा लाभ के रूप में आय की प्राप्ति होती है।

निवेश क्या है

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निवेश का अर्थ है अपनी अतिरिक्त पूंजी या धन को ऐसी जगह लगाना जहां से अतिरिक्त धन प्राप्ति या आय की संभावना हो। महान निवेशक वॉरेन बफेट के अनुसार भविष्य में और अधिक धन प्राप्त करने के लिए “पैसा लगाने की प्रक्रिया” को निवेश कहते है। निवेश का लक्ष्य आपके पैसे को एक या एक से अधिक प्रकार के निवेश के साधनों में लगाना है जिससे कि समय के साथ साथ आपका पैसा बढ़ सके। बचत और निवेश में अंतर को भी समझें।

निवेश क्या है – कम मेहनत ज्यादा कमाई

हम में से अधिकांश अपने काम में कड़ी मेहनत करते हैं, चाहे वह हमारा जॉब हो या हमारा खुद का बिजनेस हो। हम अक्सर कई घंटों तक काम करते हैं जिसके लिए मेहनात की आवश्यकता होती है और हम अकसर तनाव में रहते हैं। अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ बचा लेना और उसे अपनी भविष्य की जरूरतों के लिए निवेश करना ही अपनी कमाई से सबसे अधिक लाभ उठाने का एक तरीका है। निवेश करना वास्तव में होशियारी के साथ कम मेहनत में ज्यादा कमाने का तरीका है।

आज की इच्छायें या भविष्य की जरुरतें

आप अपनी आय के पैसे को कहां और किस तरह प्रयोग करते हैं इसमें आपकी प्राथमिकता निवेश से पता चलती है। पैसे को खर्च करना आसान है और इससे एक क्षणिक सुख भी मिलता है फिर चाहे वो नए कपड़े खरीदना हो, रैस्टॉरेंट में खाना हो या छुट्टियों पर जाना। इस सब से हमें खुशियां मिल सकतीं हैं मगर जब हम निवेश करते हैं तो हम भविष्य की आवश्यक्ताओं को आज की इच्छाओं से अधिक प्राथमिकता देते हैं।

सुनहरी भविष्य के लिये निवेश

जब आप जीवन की आपाधापी में व्यस्त हों तो निवेश आपके लिये काम करता है और भविष्य की फसल तैयार करता है जिससे की जीवन के सुनहरी वर्षों में भी जिंदगी सुखद रहे। निवेश को समझना उतना कठिन भी नहीं है। यहां पढ़ें कि आप छोटे छोटे निवेश के द्वारा एक करोड़ रुपये कैसे बना सकते हैं।

निवेश के प्रमुख तरीके

निवेश के साधन

प्रत्येक निवेश के साधन की अपनी विशेषताएं और सीमायें हैं। यह समझना बहुत आवश्यक है कि कौन सा निवेश का साधन आपके लिये बेहतर है। उदाहरण के लिये यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो यह जानना जरूरी है कि जिस म्यूचुअल फंड योजना में आप निवेश कर रहगे हैं वह किस तरह की इक्विटी में निवेश करती है? फंड हाउस कौन सा है? चार्जेस कितने हैं? म्यूचुअल फंड निवेश में कितना रिस्क हो सकता है। निवेश करने से पहले इस तरह के सवाल जान लेना आवश्यक है। निवेश में सफलता प्राप्त करने के लिये अपने निवेश को समझना बहुत आवश्यक है। मार्केट से जुड़े निवेश में लाभ की गारंटी नहीं होती मगर अपने निवेश को समझना आपके लिये फायदेमंद हो सकता है।

निवेश करने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें

कोई भी निवेश करने से पहले इन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है

  • क्या यह निवेश का साधन निवेश क्या है? आपके लिए ठीक है?
  • क्या आप जहां निवेश कर रहे हैं उस साधन या उसकी योजना को समझते हैं?
  • कितने पीरियड का निवेश है?
  • निवेश करने कितना आसान है?
  • निवेश से जुड़े सभी रिस्क को समझना।
  • रिटर्न और निवेश की गई रक़म की गारंटी है या नहीं?
  • क्या य़ोजना सरकार द्वारा समर्थित या प्रमाणित है?
  • कुछ समस्या होने पर रेग्युलेटर कौन होगा?

यहां हमने जाना कि निवेश क्या है, इसके साधन कौन कौन से हो सकते हैं और अपने निवेश को जानना और उसमें छिपे रिस्क को समझना क्यों जरूरी है।

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