शेयर बाजार में हेरफेर

शेयर बाजार में हेरफेर
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने शेयरों को निगरानी के दायरे में लाए जाने के संबंध में पहली बार नियम घोषित किया है। शेयर कीमत में तेज शेयर बाजार में हेरफेर वृद्घि और गिरावट की घटनाओं के बाद शेयरों को ट्रेड-टु-ट्रेड (टी-टी) समूह में शामिल किए जाने या बाहर रखे जाने के संबंध में यह नई पहल सामने आई है।
टी-टी श्रेणी के तहत अधिक उतार-चढ़ाव की आशंका समाप्त हो जाती है, क्योंकि शेयर 5 फीसदी के सर्किट फिल्टर के दायरे में आ जाते हैं और डिलीवरी अनिवार्य हो जाती है। इसमें हेराफेरी पर नियंत्रण लगता है और खरीद और बिक्री के ऑर्डरों पर निगरानी रखी जाती है। अक्सर शेयरों को उस वक्त इस श्रेणी में रखा जाता है जब कीमतों में अधिक उतार-चढ़ाव दर्ज किया जाता है।
हालांकि टी-टी श्रेणी वर्ष 2001 में हुए केतन पारिख घोटाले के तुरंत बाद बना दी गई थी, लेकिन विस्तृत मानदंड का, जैसे कब और क्यों कोई शेयर निगरानी के तहत रखा जाएगा, बाजारों के समक्ष खुलासा नहीं किया गया था। शेयर को निगरानी के तहत रखे जाने का निर्णय प्रमुख रूप से भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ परामर्श के बाद लिया जाता है। शेयर ब्रोकरों का कहना है कि काउंटर पर सख्ती के लिए किसी खास गाइडलाइन के अभाव में भ्रष्टाचार के लिए रास्ता खुला है। शेयरों को निगरानी के तहत रखे जाने के संबंध में अधिकतर मामलों में एक्सचेंजों द्वारा किसी हेराफेरी या कीमत छेड़छाड़ के बारे में कोई विशेष उल्लेख नहीं है। बाजार पंडितों का कहना है कि ऐसे अतिरिक्त ब्यौरे एक्सचेंज और सेबी अधिकारियों को जवाबदेह बनाएंगे।
ब्रोकरों का कहना है कि ऐसे भी मामले सामने आए हैं जब कोई शेयर टी-टी समूह में पहले से ही शामिल है तो कुछ ऑपरेटर इसे इस श्रेणी से बाहर लाने के लिए एक्सचेंज के अधिकारियों को प्रभावित करने में सफल रहे हैं। ब्रोकरों के अनुसार, 'शेयरों को टी-टी समूह में शामिल किए जाने या निकाले जाने के संबंध में नियम अस्पष्ट हैं।'
एक और शेयर बाजार घोटाला उजागर, स्टॉक ब्रोकरों की मदद से शेयर बाजार में व्यवस्थित हेरफेर
आयकर विभाग ने मुंबई में तलाशी अभियान चलाया, 27 ठिकानों पर छापेमारी
नई दिल्ली, 26 जुलाई। आयकर विभाग द्वारा पिछले दिनों कृषि और कपड़ा व्यवसाय में लगे एक समूह तथा एंट्री ऑपरेटर्स के एक अन्य समूह पर तलाशी और जब्ती अभियान के दौरान एक एक नया शेयर बाजार घोटाला उजागर हुआ है। आयकर विभाग द्वारा मुंबई और दिल्ली एनसीआर में तलाशी कार्रवाई के दौरान कुल 27 परिसर पर छापे मारे गए। तलाशी अभियान के दौरान, मूल दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सबूत मिले और जब्त किए गए।
जांच में पाया गया कि मुख्य समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का ज्यादातर कारोबार सर्कुलर ट्रेडिंग के जरिए हुआ है। समूह के प्रमोटर स्टॉक ब्रोकरों की मदद से शेयर बाजारों में समूह की कुछ कंपनियों के प्रदर्शन के व्यवस्थित हेरफेर में शामिल थे। कुछ स्टॉक ब्रोकरों को बिना बही-खातों में दर्ज किए गैरकानूनी तरीके से भुगतान किया गया। ऐसी सभी अनियमितताओं को प्रमोटर और स्टॉक ब्रोकर दोनों ने स्वीकार किया है। समूह को एक पेशेवर व्यक्ति द्वारा भी समर्थन दिया जाता है, जो मुख्य रूप से नकदी के बदले कई अन्य समूहों को एकोमोडेशन एंट्रीज प्रदान करने के काम में लगा है।
फर्जी खरीद में नकदी लेनदेन
इन साक्ष्यों से यह भी पता चला है कि समूह ने विभिन्न सामग्रियों की फर्जी खरीद का दावा करके भारी मात्रा में नकदी अर्जित की है, जिसमें 100 करोड़ रुपये से अधिक की पैकिंग सामग्री भी शामिल है। इसके अलावा, समूह ने 150 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के कृषि उपकरण और कपड़ों की बेहिसाब बिक्री की। हाथ से लिखी कुछ डायरी भी जब्त की गई हैं, जिनमें नकद लेन-देन के आंकड़े दर्ज हैं। तलाशी के दौरान उपस्थित कुछ भागीदार और लाभार्थी के बयानों से इसकी पुष्टि हुई है।
करोड़ों रुपये की फर्जी एकोमोडेशन एंट्री
एक अन्य समूह के मामले में भी तलाशी ली गई जो एकोमोडेशन एंट्रीज प्रदान करने में शामिल है। यह समूह एलएलपी, कंपनियों और प्रोपराइटरशिप कंपनियों सहित विभिन्न कंपनियों का संचालन और नियंत्रण करता है तथा इनके माध्यम से वास्तविक व्यवसाय की आड़ में कटे और पॉलिश किए गए हीरों के साथ-साथ शेयरों की भी बिक्री और खरीद की एकोमोडेशन एंट्री देता है।
समूह के मुख्य अधिकारियों ने शपथ के तहत दिए अपने बयान में स्वीकार किया है कि वे विभिन्न लाभार्थियों के लिए धन के बदले खर्च और असुरक्षित ऋण के सम्बंध में एकोमोडेशन एंट्री की व्यवस्था करते हैं। इस समूह के कारोबार के कुछ वर्षों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि इन संस्थाओं के माध्यम से फर्जी ऋण और कुछ सौ करोड़ से अधिक के खर्च की एकोमोडेशन एंट्रीज दिखाकर अनियमितता की गई।
1.40 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नगदी जब्त
तलाशी अभियान के दौरान 1.4 करोड़ रुपये की बिना हिसाब-किताब की नकदी जब्त की गई। मामलों में आगे जांच की जा रही है। (एमजी/एएम/एसएम/एचबी)
ABG Shipyard Fraud: शेयर बाजार में भारी गिरावट, दबाव में बैंकिंग स्टॉक्स
एबीजी शिपयार्ड को आईसीआईसीआई बैंक की अगुवाई में करीब दो दर्जन बैंकों के एक समूह ने लोन दिया था. फोरेंसिक ऑडिट में पता चला है कि बैंकों से मिले इस फंड का गलत तरीके से हेरफेर किया गया है. इस संबंध में सीबीआई ने मामला दर्ज किया है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 14 फरवरी 2022,
- (अपडेटेड 14 फरवरी 2022, 1:22 PM IST)
- एबीजी शिपयार्ड घोटाले में CBI ने दर्ज किया मामला
- आज सभी बैंकों के स्टॉक्स भारी नुकसान में
एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard Ltd) घोटाले का दंश अब शेयर मार्केट (Share Market) को भी महसूस होने लगा है. यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) के चलते पहले से हलकान शेयर बाजार की हालत इस घोटाले की खबर सामने आने से और खराब हो रही है. सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी (NSE Nifty) ही नहीं बल्कि ब्रॉडर मार्केट में इसका असर देखने को मिल रहा है. लगभग सारे बैंकों के शेयर (Bank Share) इस खबर से प्रभावित हुए हैं.
पहले से खराब है बाजार की हालत
आज घरेलू शेयर बाजार ने कारोबार और सप्ताह दोनों की शुरुआत भारी-भरकम नुकसान उठाकर की. सेंसेक्स एक समय तो 1,500 अंक तक गिर गया. दोपहर तक के कारोबार में कभी भी यह गिरावट 1000 अंक से कम नहीं हो पाई. दोपहर 12:30 बजे सेंसेक्स 1200 अंक से ज्यादा गिरा हुआ था. निफ्टी भी 2.10 फीसदी के नुकसान के साथ 17 हजार अंक के आस-पास ट्रेड कर रहा था.
बैंकिंग इंडेक्स को भारी नुकसान
एनएसई पर सबसे ज्यादा गिरावट Nifty PSU Bank इंडेक्स में देखने को मिली. दोपहर के कारोबार में यह 3.50 फीसदी तक के नुकसान में थे. निफ्टी बैंक (Nifty Bank) 2.80 फीसदी से ज्यादा और निफ्टी प्राइवेट बैंक (Nifty Pvt Bank) 2.25 फीसदी के आस-पास लुढ़का हुआ था. इसी तरह बीएसई पर S&P BSE Bankex इंडेक्स 3.15 फीसदी के नुकसान में ट्रेड कर रहा था.
इतने गिरे बैंकों के स्टॉक
बीएसई पर लिस्टेड सारे बैंक बड़ी गिरावट में ट्रेड कर रहे हैं. दोपहर के कारोबार में फेडरल बैंक (Federal Bank) सबसे ज्यादा 4.90 फीसदी के नुकसान में था. बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) भी 4 फीसदी से ज्यादा गिरा हुआ था. एसबीआई (SBI) और आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) 3.80 फीसदी तक गिरे हुए थे. ऐसे ही कोटक बैंक (Kotak Bank), एक्सिस बैंक (Axis Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), इंडसइंड बैंक (Indusind Bank), बंधन बैंक (Bandhan Bank) सभी के स्टॉक बड़े नुकसान में ट्रेड कर रहे थे.
भारत का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला
एबीजी शिपयार्ड के इस घोटाले (ABG Shipyard Fraud) में 22,842 करोड़ रुपये के फ्रॉड की जानकारी सामने आई है. इसे भारत के इतिहास का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला माना जा रहा है. सीबीआई (CBI) ने हाल ही में इस घोटाले को लेकर कंपनी के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के खिलाफ मामला दर्ज किया है. एबीजी शिपयार्ड को आईसीआईसीआई बैंक की अगुवाई में करीब दो दर्जन बैंकों के एक समूह ने लोन दिया था. फोरेंसिक ऑडिट में पता चला है कि बैंकों से मिले इस फंड का गलत तरीके से हेरफेर किया गया है.
‘सिर्फ मजे के लिए था’- शेयर बाजार में गिरावट के लिए ‘काला जादू’ का इस्तेमाल करने से गुजरात के ब्रोकर का इंकार
स्टॉकब्रोकर मिनिश पटेल ने अपने सभी 12 लाख सब्सक्राइबर्स को भेजे गए टेलीग्राम संदेश में दावा किया था कि उन्होंने पिछले हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट लाने के लिए 'काले जादू' पर 8.5 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
The signage of Minish Patel's business | Photo: Telegram
मुंबई: राजकोट के एक स्टॉकब्रोकर (शेयर बाजार के दलाल) और विश्लेषक, जो उस वक्त सबकी आलोचना का विषय बन गए थे जब उन्होंने यह दावा किया था कि उन्होंने पिछले हफ्ते शेयर बाजार में गिरावट लाने के लिए ‘काले जादू’ का इस्तेमाल किया था. उन्होंने अब यह स्पष्ट किया है कि वह सिर्फ मजाक कर रहे थे.
मिनिश पटेल, जिनके टेलीग्राम नाम के सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर लगभग 12 लाख सब्सक्राइबर्स हैं, ने इस मंगलवार एक बयान शेयर बाजार में हेरफेर जारी कर दावा किया कि वह ‘कुछ समाचार माध्यमों द्वारा घोर गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग से हैरान और स्तब्ध हैं’. उन्होंने जोर देकर कहा कि उनका काला जादू वाला संदेश ‘हल्के फुल्के अंदाज में’ और ‘हास्य के शुद्ध इरादे से’ दिखाया गया था’.
टेलीग्राम पर अपने 12 मई के संदेश में, जिसे दिप्रिंट द्वारा देखे जाने की कोशिश करते समय तक हटा दिया गया था, पटेल ने कथित तौर पर अपने सब्सक्राइबर्स से कहा था: ‘आज आई गिरावट और बाजार में पिछले कुछ दिनों की गिरावट के लिए भी काफी हद तक हम ही जिम्मेदार हैं. आपको विश्वास तो नहीं होगा लेकिन हमने आज काला जादू के ऊपर 8.5 करोड़ रुपये से अधिक खर्च कर बाजार में दहशत पैदा कर दी है.’
अपने स्पष्टीकरण में, पटेल ने इस बारे में शिकायत की कि उनके द्वारा ‘साफ रूप से ‘फॉर फन’ (मज़े के लिए) लिखे जाने के बावजूद कई लोगों ने इस संदेश को ‘गंभीरता से’ ले लिया.
लेकिन अब भी, बाजार के कई विशेषज्ञ खुश नहीं हैं.
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मुंबई के एक शेयर बाजार विश्लेषक ने उनका नाम न छापने की शर्त पर कहा, ‘खुदरा निवेशकों वाली श्रेणी में बहुत से ऐसे भोले-भाले लोग हैं जो ऐसी चीजों के शिकार हो सकते हैं और घाटा उठाते हुए भी शेयर बाजार से बाहर निकल सकते हैं. यह बिल्कुल भी सही नहीं है और सेबी (शेयर बजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड- मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) को इसकी जांच करनी शेयर बाजार में हेरफेर चाहिए.’
अपने चैनल पर पटेल खुद को सेबी में पंजीकृत एक रिसर्च एनालिस्ट (शोध विश्लेषक) बताते हैं जिसके पास 27 साल का अनुभव है. वह ‘पटेल वेल्थ एडवाइजर्स’ के मालिक भी हैं, जो विभिन्न प्रकार की वित्तीय सलाहकार सेवाएं प्रदान करता है.
दिप्रिंट ने इस बारे में टिप्पणी के लिए ई-मेल के माध्यम से सेबी से संपर्क किया है. प्रतिक्रिया मिलने के बाद इस खबर को अपडेट कर दिया जाएगा.
जब दिप्रिंट ने पटेल को टिप्पणी के लिए मैसेज किया, तो उनके एक करीबी सूत्र ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए जवाब दिया और कहा कि मीडिया में केवल ‘आधा-सच’ ही पेश किया जाता है.
पटेल के सहयोगी ने कहा, ‘यह पहली बार नहीं है जब हमने अपने चैनल पर कोई मजाक किया है. शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां लोग बेहद तनावग्रस्त और थके हुए हो सकते हैं और सभी को तरोताजा होने की जरूरत होती है.’
‘ऐसी मूर्खतापूर्ण टिप्पणी नहीं करनी शेयर बाजार में हेरफेर चाहिए’
टेलीग्राम पर पोस्ट किये गए अपने स्पष्टीकरण वाले संदेश में पटेल ने दावा किया कि उनकी यह ‘मजेदार’ टिप्पणी उनके चैनल पर ग्राहकों द्वारा बार-बार पूछे जाने वाले इन प्रश्नों के बाद की गई थी कि वह बाजार की इतनी सटीक भविष्यवाणी कैसे कर लेते हैं और क्या उनके पास उनकी मदद करने के लिए किसी प्रकार का सॉफ्टवेयर है या नहीं.
पटेल ने अपने संदेश, जिसे दिप्रिंट ने भी देखा है, में कहा, ‘मैं इस सब से थक गया था क्योंकि वे मेरे अनुभव और स्क्रीन को पढ़ने के मेरे कौशल पर विश्वास नहीं कर रहे थे. इसलिए इस तरह के सवाल से बचने के लिए मैंने चैनल में सभी के मनोरंजन के इरादे से सब के लिए एक आम संदेश दे दिया कि ‘मैं बाजार की भविष्यवाणी के लिए काले जादू का उपयोग करता हूं.’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं अंधविश्वास अथवा काला जादू में यकीन नहीं करता. बाजार में किसी के द्वारा भी हेरफेर नहीं किया जा सकता है, यह पूरी तरह से जनता पर निर्भर है कि वे बाजार को कैसे देखते हैं. इसे विशुद्ध रूप से हास्य के इरादे से दिखाया गया था.’
हालांकि, पहले उद्धृत किये गए मुंबई के स्टॉकब्रोकर ने कहा, ‘जब हजारों करोड़ की पूंजी का सवाल हो तो ऐसी मूर्खतापूर्ण टिप्पणी नहीं करनी चाहिए. यह एक बहुत ही गंभीर कारोबार है.’
शेयर बाजर में आम तौर पर बने गंभीर परिदृश्य के वजह से भी यह मजाक बेमजा हो गया.
पिछले एक महीने में दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट दर्ज की गई है. रूस-यूक्रेन युद्ध और इसके नतीजतन बाजार में आये व्यवधान जैसे वैश्विक कारकों ने भारत को भी प्रभावित किया है.
इस महीने, पटेल के 12 मई के काले जादू वाले दावे से पहले के दिनों में निफ्टी-50 का सूचकांक लगभग 1,300 अंक यानि कि 8 प्रतिशत गिर गया था, जबकि बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) 7 प्रतिशत नीचे चला गया था.