शेयर बाजार के प्रकार

Buyback- बायबैक
क्या होता है बायबैक?
Buyback: जब कंपनी ओपन मार्केट में उपलब्ध शेयरों की संख्या को घटाने के लिए अपने बकाया शेयरों की खरीद करती है तो उसे बायबैक कहा जाता है। बायबैक को शेयर पुनर्खरीद भी कहा जाता है। कंपनी कई वजहों से शेयरों की पुनर्खरीद करती है जैसे कि आपूर्ति घटाने के द्वारा उपलब्ध शेष शेयरों की वैल्यू को बढ़ाना या कंट्रोलिंग स्टेक अर्थात नियंत्रणकारी हिस्सेदारी से दूसरे शेयरधारकों को वंचित करना। पुनर्खरीद, बकाया शेयरों की संख्या घटा देती है और इस प्रकार प्रति शेयर को आय को और अक्सर स्टॉक की वैल्यू में बढ़ोतरी कर देती है। शेयरों की पुनर्खरीद निवेशक को यह प्रदर्शित कर सकती है कि बिजनेस के पास आकस्मिकताओं के लिए पर्याप्त नकदी है और आर्थिक समस्याओं की संभाव्यता कम है।
बायबैक से जुड़े तथ्य
बायबैक कंपनियों को खुद में निवेश करने का अवसर देता है। बाजार में उपलब्ध बकाया शेयरों की संख्या को घटाने से निवेशकों के स्वामित्व वाले शेयर का अनुपात बढ़ जाता है। चूंकि कंपनी अपने वर्तमान ऑपरेशनों को लेकर उत्साहित है, एक बायबैक प्रति शेयर की आय के अनुपात को बढ़ा देता है। इससे स्टॉक की कीमत में वृद्धि हो जाएगी, अगर वही प्राइस-टू-अर्निंग (पी/ई) अनुपात बना रहता है। बायबैक दो प्रकार से किए शेयर बाजार के प्रकार जाते हैं:
1. शेयरधारकों को एक टेंडर ऑफर दिए जा सकते हैं जहां उनके पास सबमिट या वर्तमान बाजार मूल्य पर प्रीमियम के साथ दी गई समय अवधि में सभी शेयरों या एक हिस्से को टेंडर करने का विकल्प हो सकता है।
2. कंपनियां एक विस्तारित समय में ओपन मार्केट से शेयरों की पुनर्खरीद कर सकती हैं।
बायबैक की आलोचना
शेयरों की पुनर्खरीद निवेशकों में ऐसी धारणा पैदा कर सकती है कि कंपनी के पास ग्रोथ का अन्य लाभदायक अवसर नहीं है जोकि राजस्व और लाभ चाहने वाले ग्रोथ निवेशकों के लिए एक मुद्दा हो सकता है। किसी कंपनी पर मार्केटप्लेस या अर्थव्यवस्था में बदलाव के कारण शेयरों की पुनर्खरीद करने की कोई बाध्यता नहीं है। कुछ लोग इसकी इसलिए भी आलोचना करते हैं कि कभीकभार शेयरों की पुनर्खरीद कृत्रिम रूप से शेयरों की कीमतों को बढ़ाने के लिए की जाती है जिससे उच्च एग्जीक्यूटिव बोनस की स्थिति पैदा होती है।
निवेश करना सीखें
अपनी मेहनत की कमाई को सही जगह निवेश करने के लिये सोच-समझकर योजना बनाने की आवश्यकता है। निवेश के संदर्भ में लिया गया गलत निर्णय आपकी पूंजी का सफाया कर सकता है। अत:, निवेशक को निवेश करने से पूर्व निवेश के विभिन्न विकल्पों का गहनता से विश्लेषण करना चाहिये। निवेश का एक लोकप्रिय विकल्प शेयर बाजार भी है। शेयर बाजार में लाभ कमाने की अपरिमित क्षमता है, इसलिये बहुत से लोग अपनी पूंजी का निवेश यहां करते हैं। इस आलेख में, हम शेयर बाजार में निवेश करने के विभिन्न शेयर बाजार के प्रकार पहलुओं पर गौर करेंगे।
जब आप कोई शेयर (स्टॉक) खरीदते हैं, तो आप कंपनी के एक अंश का स्वामित्व हासिल कर लेते हैं। इसके बदले में, कंपनी जब मुनाफा कमाती है तो लाभांश के रुप में आपको लाभ देती है। लाभांश की राशि इस बात पर निर्भर करती है कि आपके पास कितने शेयर हैं। इसके अतिरिक्त, दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्य में होने वाली वृद्धि से आपकी पूंजी में भी अभिवृद्धि होगी। अतएव, शेयर खरीदने से लाभांश के रुप में नियमित आय प्राप्त होगी और दीर्घ अवधि में शेयर के मूल्य में होने वाली वृद्धि से संपत्ति में भी अभिवृद्धि होगी।
हालांकि, शेयर बाजार के प्रकार शेयर बाजार में निवेश करते हुये आपको शेयर का चयन करते हुये काफी सतर्क रहना होगा। अत:, शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व, आपको कुछ बातें सीखने और समझने की आवश्यकता है। ये बातें निम्न हैं;
शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व जानने योग्य बातें
किसी भी शेयर को आंखें मूंद कर न खरीदें
आंख मूंद कर खरीद गया शेयर आपके लिये भारी नुकसानदायक हो सकता है। हमेशा यह सलाह दी जाती है कि शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व शोध एवं विश्लेषण करना आवश्यक है। एक गलत निर्णय आपकी पूंजी का सफाया कर सकती है। अतएव, शेयर बाजार में निवेश करने से पूर्व आपको अपना वित्तिय लक्ष्य निर्धारित करना होगा और कुछ जानकारी प्राप्त करती होगी।
शेयर बाजार में पैसे पेड़ पर नहीं फलते
आम तौर पर निवेशक शेयर बाजार में यह सोच कर निवेश करते हैं कि वे असानी से लाभ कमायेंगे। वे शेयर बाजार में कुछ लोगों की कहानी-जिन्होंने शेयर बाजार से काफी संपत्ति अर्जित की है, सुनकर निवेश का निर्णय लेते हैं। लेकिन उन्हें यह बात भली-भांति समझ लेनी चाहिये कि शेयर बाजार में पैसे पेड़ पर नहीं फलते हैं। बाजार में संपत्ति अर्जित करने के लिये सही शेयर का चयन और दीर्घ अवधि तक निवेश का धैर्य होना आवश्यक है।
बुद्धिमानी से आवंटन करें
शेयर बाजार में निवेश करते समय आपको काफी सावधान रहने को आवश्यकता है। आपको अपने पैसे के उस भाग को निवेश करने से बचना चाहिये, जिसका नुकसान आप गवारा नहीं कर सकते हैं। निवेश के अन्य विकल्पों की ही तरह, शेयर बाजार में भी निवेश के साथ कुछ जोखिम अंतर्निहित है, और यदि आप में जोखिम सहने की क्षमता है तो आप दीर्घ अवधि में अच्छा प्रतिफल प्राप्त कर सकते हैं। संक्षेप में यह बात बेहतर तरीके से समझ लेनी चाहिये कि आकस्मिक निधि का निवेश शेयर बाजार में नहीं करना चाहिये।
ऋण लेकर निवेश करने से बचें
शेयर बाजार में ऋण लेकर निवेश नहीं करना चाहिये। ब्रोकर और बैंक आपको मार्जिन मनी लेकर सौदे करने की इजाजत देते हैं। जब बाजार में तेजी रहती है, तब तक तो ठीक है, मंदी की स्थिति में आपकी पूंजी का भी सफाया हो सकता है। अतएव आपको किसी भी प्रकार का ऋण लेकर निवेश नहीं करना चाहिये और सावधान रहना चाहिये।
दूसरों की नकल न करें और न दूसरों की सुनें
शेयर बाजार में शेयर बाजार के प्रकार निवेश का निर्णय इस बात से प्रभावित नहीं होना चाहिये कि दूसरे क्या कर रहे है अथवा कह रहे हैं। दूसरों की नकल करना उल्टा पड़ सकता है और नुकसान हो सकता है। शेयर बाजार में निवेश की सर्वश्रेष्ठ रणनीति यह है कि आप अपना शोध स्वयं करें और उस पर विश्वास करें। यदि आपने अभी-अभी निवेश करना प्रारंभ किया है तो आपको ऐसे व्यवसाय में निवेश करना चाहिये जो समझने और विश्लेषण करने में आसान हो।
बाजार के उतार – चढ़ाव का आकलन करने से बचें
बहुत से निवेशक बाजार के उतार – चढ़ाव का आकलन करने में अपना नुकसान कर बैठते हैं। बाजार बहुत से चरण से गुजरता है। यदि आप अच्छे शेयर में निवेशित रहेंगे तो आप किसी भी चरण में मुनाफा कमायेंगे। बाजार में होने वाली प्रत्येक गिरावट, अपने पोर्टफोलियो में अच्छे शेयर जोड़ने का अवसर प्रदान करती है। शेयर बाजार में निवेश करते समय सदैव अनुशासित दृष्टिकोण अपनाना चाहिये।
अधिक उम्मीद मत करें
शेयर बाजार में निवेश करने वाले, शेयर बाजार से अवास्तविक प्रतिफल की उम्मीद पाल बैठते हैं। ऐसी उम्मीदें तेजी के समय बंधती हैं जब बाजार में 100 प्रतिशत अथवा उससे भी अधिक का मुनाफा होता है। अधिक उम्मीद के साथ निवेश करने पर अधिमूल्यांकित शेयर के साथ खराब पोर्टफोलियो बनने का डर बना रहता है।
उपरोक्त तथ्यों से आरंभिक निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद मिलेगी। आइये अब हम शेयर बाजार में निवेश की कुछ युक्तियां सीखते हैं।
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शेयर बाजार में निवेश की कुछ युक्तियां
दीर्घ अवधि के लिये लक्ष्य निर्धारित करें
शेयर बाजारमें निवेश करने से पूर्व आपके वित्तिय लक्ष्य स्पष्ट होने चाहिये। शेयर बाजार में दीर्घ अवधि के लिये ही निवेश करके संपत्ति अर्जित की जा सकती है। आपको इस समझ के साथ निवेश करना होगा कि निवेश पर आपको कितना प्रतिफल चाहिये और आप दीर्घ अवधि के लिये कितनी पूंजी निवेशित करने के लिये तैयार हैं।
अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखें
शेयर बाजार में निवेश करते वक्त, नये निवेशकों के लिये अपनी भावनाओं को नियंत्रित रख पाना बहुत मुश्किल होता है। जब शेयर बाजार में निवेश की बात आती है, यह सबसे बड़ी बाधा होती है। भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाने की वजह से निर्णय में गलती हो जाती है और परिणामस्वरुप भारी नुकसान हो जाता है। शेयर बाजार में काफी उतार-चढ़ाव का माहौल होता है जिसकी वजह से आरंभिक निवेशकों में तनाव और असुरक्षा की भावना व्याप्त होती है। इस परिदृश्य में,आरंभिक निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे भावनाओं के भंवर जाल में न उलझें और जल्दबाजी में निर्णय लेने से बचें।
मूलभूत सिद्धान्तोंको समझ
आरंभिक निवेशकों को शयर बाजार में निवेश करने से पूर्व उन मूलभूत सिद्धान्तों को समझ लेना चाहिये जिनसे शेयर के मूल्य संचालित होते हैं। सबसे पहले, निवेशकों को यह समझ लेना चाहिये कि शेयर का मूल्यांकन कैसे होता है, और किस मूल्य पर शेयर खरीदना उचित है। दूसरी बात, दीर्घ अवधि का निवेश कंपनी और उस क्षेत्र के बुनियादी मजबूती पर निर्भर करता है। सही शेयर के चयन के लिये मूलभूत सिद्धान्तों की समझ काफी महत्वपूर्ण है। शेयर के चयन में होने वाली गलती की वजह से दीर्घ कालीन नुकसान हो सकता है। निवेशक सही शेयर के चयन की कला में माहिर होने के लिये शेयर का तकनिकि विश्लेषण भी सीख सकते हैं।
विविधता
यह हमेशा सलाह दी जाती है कि, विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो का गठन करना चाहिये। शेयर बाजार में निवेश करते समय, निवेशकों को विभिन्न क्षेत्रों के शेयर में निवेश करना चाहिये। जिस प्रकार आपको अपने सभी अंडे एक ही टोकरी में नहीं रखना चाहिये, उसी प्रकार आपको अपनी सारी पूंजी एक ही शेयर में निवेशित नहीं करना चाहिये।
किसी एक शेयर के मूल्य में होने वाली गिरावट से आपकी पूरी पुंजी का सफाया हो सकता है। अतएव, जब आप अपने पैसों का निवेश विभिन्न क्षेत्रों के बहुत से शेयरों में करते हैं तो, आप अपने जोखिम को कम करते हैं। यह हो सकता है कि किसी एक क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर नहीं हो तो वहीं दूसरा क्षेत्र बेहतरीन प्रदर्शन करे। विविधतापूर्ण फोर्टफोलियो से कम जोखिम के साथ दीर्घ कालीन संपत्ति के संग्रहण में सहायता मिलती है।
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Share Market Tips: ये इक्विटी शेयर क्या होते हैं? स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने वाले जरूर जान लें यह बात
Share Market Tips इक्विटी का हिंदी अर्थ होता है हिस्सेदारी। इक्विटी आमतौर पर शेयरधारकों की कंपनी में हिस्सेदारी होती है। आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो असल में आपके पास उस कंपनी की हिस्सेदारी आ जाती है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। निश्चल और मेधा दोनों अच्छे दोस्त हैं। दोनों एक ही आईटी फर्म में काम करते हैं। एक दिन दोनों समोसा खाने नीचे मार्केट में आए। समोसा खाते-खाते निश्चल ने मेधा से पूछ लिया- 'सुना है तुम्हें इन्वेस्टमेंट की बड़ी अच्छी समझ है। कहां लगाती हो पैसा?' मेधा ने कहा- 'यार में तो इक्विटी में पैसा लगाती हूं और अच्छा मुनाफा लेती हूं।' निश्चल शेयर मार्केट (Share Market) तो जानता था, लेकिन इक्विटी (Equity) उसे समझ नहीं पाया। शर्म के मारे वह पूछ भी नहीं पाया कि इक्विटी क्या होता है।
दरअसल, इक्विटी और शेयर बाजार एक ही है। कोई कहे कि वह इक्विटी में निवेश करता है, तो इसका मतलब है कि शेयर मार्केट में ही पैसा लगता है।
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शेयरधारकों की कंपनी में हिस्सेदारी ही है इक्विटी
इक्विटी का हिंदी अर्थ होता है हिस्सेदारी। इक्विटी आमतौर पर शेयरधारकों की कंपनी में हिस्सेदारी होती है। आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं, तो असल में आपके पास उस कंपनी में हिस्सेदारी आ जाती है। अगर किसी कंपनी को बंद करना पड़े तो उसे लिक्विड करना होता है। ऐसे में कंपनी के सारे एसेट्स बिकने पर सभी कर्जे चुकाने के बाद जो राशि बचती है, वह इक्विटी के अनुपात में शेयरधारकों को मिल जाती है। शेयरधारकों की इक्विटी किसी कंपनी की बुक वैल्यू को भी दर्शाती है।
शेयर क्या होते हैं?
शेयर किसी कॉरपोरेशन में इक्विटी ऑनरशिप के यूनिट्स होते हैं। निवेशक कंपनी को पैसा देकर ये यूनिट्स यानी शेयर खरीदते हैं। कई कंपनियां अपने शेयरधारकों को समय-समय पर मुनाफे का कुछ हिस्सा डिविडेंड (Dividend) के रूप में देती है।
इक्विटी मार्केट क्या है?
एक इक्विटी मार्केट (Equity Market) वह मार्केट है, जहां कंपनियों के शेयर इश्यू और ट्रेड होते हैं। ये या तो एक्सचेंज या ओवर-द-काउंटर मार्केट्स के जरिए होते हैं। इक्विटी मार्केट को स्टॉक मार्केट या शेयर बाजार भी कहते हैं। यह कंपनियों को अपनी पूंजी बढ़ाने की सुविधा देता है। निवेशक शेयर के रूप में कंपनी की एक छोटी सी हिस्सेदारी लेते हैं। इक्विटी मार्केट शेयर को बेचने वालों और खरीदने वालों के मिलने की एक जगह है। स्टॉक्स पब्लिक मार्केट और प्राइवेट मार्केट दोनों जगह इश्यू हो सकते हैं। यह इश्यू के प्रकार पर निर्भर करता है। पब्लिक स्टॉक जो होते हैं, वे स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होते हैं। वहीं, प्राइवेट स्टॉक्स की ट्रेडिंग डीलर्स के जरिए होती है। इसे ओवर-द-काउंटर मार्केट कहते हैं।
अलग तरह से ट्रेड होते हैं प्राइवेट स्टॉक्स
जब कोई कंपनी खड़ी होती है, तो वह प्राइवेट कंपनी होती है। कुछ समय बाद वह आईपीओ लेकर आती है। यह उसकी पब्लिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया होती है। पब्लिक कंपनियां स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्ट होती हैं। प्राइवेट स्टॉक कुछ अलग तरह से ट्रेड होते हैं। ये केवल कर्मचारियों और कुछ निवेशकों को ही ऑफर किये जाते हैं। दुनिया के कुछ सबसे बड़े इक्विटी बाजार या शेयर बाजार न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, नैस्डैक, टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज, शंघाई स्टॉक एक्सचेंज और यूरोनेक्स्ट यूरोप हैं।
शेयर बाजार के कार्य, विशेषताएँ, लाभ, सीमाये/दोष
शेयर बाजार से आशय उस बाजार से है जहां नियमित कम्पनीयों के अंशपत्र, ऋणपत्र, प्रतिभूति, बाण्ड्स आदि का क्रय विक्रय होता है। शेयर बाजार एक संघ, संगठन या व्यक्तियों की संस्था है जो प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय या लेनदेन के उद्देश्य हेतु सहायक नियमन व नियंत्रण के लिए स्थापित किया जाता है फिर चाहे वह निर्गमीत हो या न हो।
शेयर बाजार के कार्य
1. अनवरत बाजार उपलब्ध कराना- शेयर बाजार सूचीबद्ध प्रतिभूतियों के नियमित एवं सुविधापूर्ण क्रय-विक्रय के लिए एक स्थान है। शेयर बाजार विभिन्न अंशों, ऋणपत्रों, बॉण्ड्स एवं सरकारी प्रतिभूतियों के लिए तात्कालिक एवं अनवरत बाजार उपलब्ध कराता है इसके माध्यम से प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय मे उच्च कोटि की तरलता पाई जाती हैं क्योंकि इसके धारक जब भी चाहें, अपनी प्रतिभूतियों का नकद भुगतान प्राप्त कर सकते हैं।
2. मूल्य एवं शेयर बाजार के प्रकार विक्रय सम्बन्धी सूचना प्रदान करना-एक शेयर बाजार विभिन्न प्रतिभूतियो के दिन-प्रतिदिन के लेने देन का पूर्ण विवरण रखता है और मूल्य एवं विक्रय की मात्रा की नियमित सूचना प्रेस एवं अन्य संचार माध्यमों को देता रहता है वास्तव मे आजकल आप टी.वी. चैनल जैसे-सी.एन.बी.सी. जी न्यूज, एन.डी.टी.वी. और मुख्य खबरों (हेड लाइन) के माध्यम से विशिष्ट अंशों के विक्रय की मात्रा एवं मूल्यों के सम्बन्ध मे मिनट-मिनट की जानकारी प्राप्तर कर सकते है। यह निवेशकों को उन प्रतिभूतियों के क्रय-विक्रय के सम्बन्ध में शीघ्र निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है जिनके लेनदेन में वे इच्छुक है।
3. लेनदेन एवं निवेश में सुरक्षा प्रदान करना- शेयर बाजार में लनेदेन केवल उनके सदस्यों के मध्य पर्याप्त पारदर्शिता एवं नियमों विनियमों के कठोर मापदंड के अंतर्गत, जिसमें सुपुर्दगी व भुगतान का समय और प्रक्रिया भी निश्चित होती है, संपन्न होते है। यह शेयर बाजार में हुए लेनदेनों को उच्च कोटि की सुरक्षा प्रदान।
4. बचत की गतिशीलता एवं पॅूंजी नियंत्रण में सहायक- शेयर बाजार का कुशल कार्यप्रणाली एक सक्रिय एवं विकासशील प्राथमिक बाजार के लिए उपयोगी वातावरण का सृजन करती है स्कंध बाजार का अच्छा कार्य निष्पादन और अंशों के प्रति रूख नये निर्गमन बाजार को तेजी प्रदान करता है जिससे बचत को व्यावसायिक एवं औद्योगिक उपक्रमो में निवेश करने में गतिशीलता आती है केवल यही नहीं, बल्कि शेयर बाजार अंशों व ऋण-पत्रो के निवेश एवं लेनदेन में तरलता एवं लाभप्रदता प्रदान करता है।
5. कोष का उचित आबंटन- शेयर बाजार लेनदेन प्रक्रिया के फलस्वरूप कोषों का प्रवाह कम लाभ के उपक्रमों से अधिक लाभ के उपक्रमों की ओर होता है और उन्हें विकास का अधिक अवसर प्राप्त होता है अर्थव्यवस्था के वित्तीय स्त्रोतों का इस प्रकार से श्रेष्ठ आबंटन होता है।
25 महत्वपूर्ण स्टॉक मार्किट टर्म्स
इस ब्लॉग में, हम नए निवेशकों के लिए एक प्रारंभिक मार्गदर्शिका (Elementary guide) प्रस्तुत करने जा रहे हैं, जिससे उन्हें शेयर बाजार में उपयोग किए जाने वाले आधारभूत महत्वपूर्ण शब्दों को समझने में सहायता मिल सकेगी।
तो, आइए, प्रारंभ करते हैं:
शेयर बाज़ार क्या है?
शेयर बाजार एक प्रकार का एक्सचेंज है जो व्यापारियों को शेयरों को खरीदने और बेचने के साथ-साथ कंपनियों को नये शेयर जारी करने की अनुमति देता है
एक शेयर कंपनी की इक्विटी का प्रतिनिधित्व करता है| शेयर बाजार मुख्य रूप से दो उद्देश्यों को पूरा करता है।
सबसे पहले कंपनियों को पूंजी प्रदान करना ताकि वे अपने व्यापार के विस्तार के लिए इस फंड का उपयोग कर सकें।
इसका दूसरा उद्देश्य निवेशकों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनियों के लाभ में हिस्सेदारी का अवसर प्रदान करना है।
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शेयर व्यापार की पारिभाषिक शब्दावली का क्या अर्थ है?
शेयर बाजार की पारिभाषिक शब्दावली में उद्योग-विशिष्ट शब्द शामिल होते हैं जो अक्सर उपयोग किए जाते हैं जब हम शेयर बाजार के बारे में पढ़ते हैं या बात करते हैं।
विशेषज्ञ और नए निवेशक अक्सर इन शब्दों का उपयोग रणनीतियों, चार्ट, सूचकांक और शेयर बाजार के अन्य तत्वों के बारे में बात करने के लिए करते हैं।
नीचे शेयर बाजार में अक्सर उपयोग किए जाने वाले आधारभूत शब्दों की एक प्रारंभिक मार्गदर्शिका दी गई है:
1. खरीदना – इसका अर्थ है कि शेयरों को खरीदना या किसी कंपनी में स्थान प्राप्त करना।
2. बेचना – शेयरों से छुटकारा पाना क्योंकि आपने अपना लक्ष्य प्राप्त कर लिया है या आप हानि को कम करना चाहते हैं।(घाटे में कटौती करना चाहते हैं।)
3. आस्क – इसका अर्थ है कि जो लोग अपने शेयरों को बेचना चाहते हैं वे अपने शेयरों के लिए कितना मूल्य प्राप्त करना चाहते हैं।
4. बिड – बिड वह है, जो आप एक शेयर को खरीदने के लिए भुगतान करने के लिए तैयार हैं।
5. आस्क-बिड स्प्रेड- स्प्रेड यह अंतर है कि लोग क्या खर्च करना चाहते हैं और लोग क्या प्राप्त करना चाहते हैं
6. बुल – एक बुल मार्केट, एक बाजार स्थिति है जहां निवेशक मूल्यों के बढ़ने की उम्मीद करते हैं।
7. बेयर – एक बेयर बाजार, एक बाजार स्थिति है जहां निवेशक मूल्यों में गिरावट की उम्मीद करते हैं।
8. लिमिट ऑर्डर – एक लिमिट ऑर्डर एक प्रकार का ऑर्डर है, जो खरीदने या बेचने के लिए तय किए गए मूल्य पर निष्पादित होता है।
9. मार्केट ऑर्डर – एक मार्केट ऑर्डर एक प्रकार का ऑर्डर है जो बाजार मूल्य पर जल्द से जल्द निष्पादित करता है।
10. डे ऑर्डर – एक डे ऑर्डर एक ब्रोकर के लिए दिशा-निर्देश है कि एक ट्रेड को उस विशिष्ट मूल्य पर निष्पादित करे जो कि ट्रेडिंग दिवस के अंत में समाप्त होता है, यदि यह जटिल नहीं है।
11. वोलाटिलिटी – इसका अर्थ है कि एक शेयर कितनी तेजी से उठता या गिरता है।
12. गोइंग लॉन्ग – शेयरों के मूल्य पर सट्टेबाजी बढ़ेगी जिससे आप कम खरीद सकते हैं और अधिक बेच सकते हैं।
13. एवरेजिंग डाउन – यह तब होता है जब एक निवेशक किसी गिरते हुए शेयर को खरीदता है, जिससे कि खरीदे गए मूल्य को बढ़ाया जा सके।
14. पूंजीकरण – यह बाजार के अनुसार कंपनी का मूल्य होता है|
15. फ्लोट – यह उन शेयरों की संख्या है जिनका इनसाइडर के पास रखे शेयरों को हटाने के बाद, ठीक-ठीक व्यापार किया जा सकता है।
16. अधिकृत शेयर – यह उन शेयरों की कुल संख्या है, जिनका एक कंपनी व्यापार कर सकती है।
17. आईपीओ – यह एक प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव है जो तब होता है जब एक निजी कंपनी सार्वजनिक रूप से व्यापार करने वाली कंपनी बन जाती है।
18. द्वितीयक प्रस्ताव – यह अधिक शेयरों को बेचने और जनता से अधिक धन जुटाने के लिए एक अन्य प्रस्ताव है।
19. लाभांश – कंपनी की आय का एक भाग जो शेयरधारकों को भुगतान किया जाता है।
20. ब्रोकर – एक ब्रोकर वह व्यक्ति होता है जो आपकी ओर से शेयरों खरीदता या बेचता है।
21. एक्सचेंज – एक एक्सचेंज वह स्थान है जहां विभिन्न प्रकार के निवेश किए जाते हैं।
22. पोर्टफोलियो – आपके द्वारा किए गए निवेशों का एक संग्रह।
23. मार्जिन – मार्जिन खाता किसी व्यक्ति को शेयर खरीदने के लिए ब्रोकर से धन उधार लेने देता है।
24. सेक्टर – एक ही सेक्टर में शेयरों का समूह।
25. स्टॉक सिंबल – यह एक से तीन अक्षरों तक का एक प्रतीक होता है, जो एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनी को प्रदर्शित करता है।
शेयर बाजार की उपरोक्त पारिभाषिक शब्दावली के बारे में जानने से आप एक बेहतर व्यापारी बन जाएंगे।
प्रतिभूतियों के व्यापार की जटिलताओं को समझने के लिए समय के साथ-साथ समर्पण भी चाहिए होता है, लेकिन जब इसे आप करते हैं, तो शेयर व्यापार की पारिभाषिक शब्दावली आपकी दैनिक शब्दावली का एक हिस्सा बन जाएगी।
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