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इस्लामी खाते

इस्लामी खाते
हिज्बुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन जम्मू कश्मीर का पाकिस्तान में विलय का समर्थन करता है. अधिकारियों ने बताया कि फिलहाल पाकिस्तान में छिपा सलाहुद्दीन पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के गठबंधन यूनाइटेड जेहाद परिषद का अध्यक्ष भी है.जेईल (जेएंडके) जमात -ए-इस्लामी हिंद के अंग के तौर पर 1945 में बना था और वह अपने मूल संगठन के साथ राजनीतिक विचारधारा में मतभेद को लेकर 1953 में उससे लग हो गया. इस संगठन पर उसकी गतिविधियों को लेकर अतीत में दो बार प्रतिबंध लगाया गया. पहली बार 1975 में जम्मू कश्मीर सरकार ने दो साल के लिए और दूसरी बार अप्रैल 1990 में केंद्र सरकार ने तीन साल के लिए प्रतिबंध लगाया था. दूसरी बार प्रतिबंध लगने के समय मुफ्ती मोहम्मद सईद केंद्रीय गृह इस्लामी खाते मंत्री थे.

इस्लामी खाते

आज हम आपको बताने वाले हैं कि इस्लाम धर्म के लोग सूअर का मांस क्यों नहीं खाते तो जाने क्या हैं इसके पीछे कारण ?

इस्लाम इस्लामी खाते धर्म के लोग अपनी-अपनी मान्यता रखते हैं अब मुस्लिम धर्म की बात करें तो वो सूअर के नाम से ही काफी ज्यादा नफरत करते हैं इस वजह से अपने आसपास भी नहीं भटकने देते हैं।

इस धर्म के लोग सूअर से काफी ज्यादा नफरत करते हैं क्योंकि उनके धर्म में इसको हराम इस्लामी खाते माना जाता है जबकि कुरान में लिखा गया हैं कि सूअर का मांस खाना पाप हैं क्योंकि वह अपनी जिंदगी गंदगी में गुजारता हैं, अपने गंदे मल में पड़ा रहता हैं।

कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी पर ऐक्शन, नेता अंदर, खाते सील

श्रीनगर भारत ने आतंकवाद के खिलाफ न केवल पाकिस्तान में कार्रवाई की है बल्कि देश में भी आतंक को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जम्मू-कश्मीर में कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ सरकार ने बड़ा ऐक्शन लिया है।

गुरुवार को केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी के इस संगठन पर बैन लगाया था। शुक्रवार के बाद शनिवार को भी जमात के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई चल रही है और उसके कई नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। उनके खिलाफ UAPA (अनलॉफुल ऐक्टिविटी प्रिवेन्शन ऐक्ट) के तहत कार्रवाई की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अकेले श्रीनगर में संगठन के 70 बैंक अकाउंट्स को सील कर दिया गया है।

बड़े नेता हिरासत में
श्रीनगर के बाद इस्लामी खाते किश्तवाड़ में भी जमात-ए-इस्लामी के बड़े नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। छापेमारी में 52 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं। बता दें कि गुरुवार को गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी करते हुए जमात-ए-इस्लामी पर पांच साल का प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था। मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में यह कहा था कि जमात-ए-इस्लामी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है जो कि आंतरिक सुरक्षा और लोक व्यवस्था के लिए खतरा हैं। ऐसे में केंद्र सरकार इसे एक विधि विरुद्ध संगठन घोषित करती है।

Salman Rushdie Attacked: इस्लामिक देशों में कानून सख्त लेकिन कुरआन में ईशनिंदा के लिए दंड का आदेश नहीं

By: संकल्प ठाकुर, एबीपी न्यूज | Updated at : 14 Aug 2022 11:09 AM (IST)

Salman Rushdie Stabbed: सलमान रुश्दी खबरों में हैं. इस बार अपनी 'विवादित लेखनी' की वजह से नहीं बल्कि उनपर हुए जानलेवा हमले की वजह से वो चर्चा में हैं. रुश्दी पर बीती शुक्रवार रात 8.30 बजे उस वक्त हमला हुआ जब वो न्यू यॉर्क के ग्रामीण इलाके में स्थित चौटौक्वा इंस्टीट्यूशन में समरटाइम लेक्चर सीरीज में भाषण देने पहुंचे थे.

सलमान रुश्दी हमेशा से एक 'विवादित लेखक' के रूप में जाने जाते हैं. उनको कई बार जान से मारने की धमकी भी मिल चुकी है. उनपर सबसे बड़ा आरोप उनकी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' को लेकर लगा है. यह किताब 1988 में आई थी और इस किताब का कई मुस्लिम बहुल देशों में भारी विरोध हुआ. इस किताब के लिए उनपर ईशनिंदा के आरोप लगे थे. ईरान तो इतना खफा था कि देश के शीर्ष नेता उनको सिर काटने की धमकी दे चुके थे. इतना ही नहीं उन्होंने ऐसा करने वालों को इनाम देने का भी वादा किया था.

प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी के 60 बैंक खाते सीज, 350 सदस्य गिरफ्तार

प्रतिबंधित संगठन जमात ए इस्लामी के 60 बैंक खाते सीज, 350 सदस्य गिरफ्तार

द करंट स्टोरी। श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में सालों से सक्रिय रहे जमात-ए-इस्लामी पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. प्रतिबंध के बाद तीसरे दिन जमात-ए-इस्लामी के 60 से अधिक बैंक खाते सीज कर दिये गए और अब इस्लामी खाते तक 350 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जमात के तहत करीब 400 स्कूल, 350 मदरसे काम करते हैं. जमात इस्लामी खाते इस्लामी खाते के पास कम से कम 45,00 करोड़ की संपत्ति है.

जमात-ए-इस्लामी पर गुरुवार को बैन लगा दिया गया था. संगठन पर आतंकवादियों से सांठगांठ का आरोप है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर उच्चस्तरीय बैठक के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत इस संगठन इस्लामी खाते पर पाबंदी लगाते हुए अधिसूचना जारी की थी.सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि जमात-ए-इस्लामी (जेईएल) जम्मू कश्मीर राज्य के सबसे बड़े आतंकवादी संगठन हिज्बुल मुजाहिदीन और हुर्रियत कांफ्रेंस के गठन के लिए जिम्मेदार है. सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह संगठन कई इस्लामी खाते साल से अपने अलगाववाद और पाकिस्तान समर्थन एजेंडे के तहत इस्लामी खाते राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए राज्य में अलगाववादियों और आतंकवादियों को साजो-सामान दे रही है.अधिकारी ने कहा कि यह संगठन कश्मीर घाटी में अलगावादियों और कट्टरपंथियों के प्रचार प्रसार के लिए जिम्मेदार मुख्य संगठन है और वह हिज्बुल मुजाहिदीन को रंगरूटों की भर्ती, उसके लिए धन की व्यवस्था, आश्रय और साजो-सामान के संबंध में सभी प्रकार का सहयोग देता आ रहा है.

इतने हजार करोड़ रुपए का मालिक है जमात-ए-इस्लामी संगठन, केद्र सरकार ने कसा शिकंजा

जमात-ए-इस्लामी पर सरकार का शिकंजा, इतने हजार करोड़ रुपए का मालिक है यह संगठन

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी संगठनों और नेताओं पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। जिसको लेकर जमकर राजनीति भी शुरू हो गई है। इसी कड़ी में बीते दिनों केंद्र सरकार ने अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत करते कार्रवाई करते हुए जमात-ए-इस्लामी संगठन पर पांच वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाय दिया। उनके तमाम ठिकानों पर छापेमारी भी की जा रही है और संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया जा रहा है। इसके अलावे अलगाववादियों की कमर तोड़ने के लिए सरकार ने इसकी संपत्ति पर भी हल्ला बोल दिया है। सरकार तमाम अवैध और बेनामी संपत्तियों की पहचान कर जब्त कर रही है। सरकार ने अबतक तकरीबन 52 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर ली है। इसके अलावे इस संगठन से जुड़े 70 अलग-अलग बैंक खातों को सीज कर दिया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार ने जमात-ए-इस्लामी से जुड़े ऐसे 100 ठिकानों की पहचान की है, जिनपर कार्रवाई की जा रही है।

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