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निवेश के तरीके

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Investment Mantra: निवेश के ये तरीके अपनाएंगे तो बन जाएंगे करोड़पति

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आजकल हर कोई करोड़पति (crorepati) बनना चाहता है. मार्केट में कुछ बेहतरीन ऑप्शन मौजूद हैं जिनमें आप निवेश के तरीके निवेश करके निश्चिततौर पर करोड़पति बन सकते हैं. मौजूदा समय में म्‍युचुअल फंड, शेयर बाजार, पोस्ट ऑफिस और बैंक की कुछ स्कीम में निवेश करके करोड़पति बनने का सपना साकार किया जा सकता है.

फाइनेंशियल प्लानिंग करते समय सभी विकल्प की सही जानकारी हासिल करने के बाद ही निवेश करना चाहिए. इसके अलावा निवेश के पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना भी फायदेमंद है. फाइनेंशियल एडवाइजर्स के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति हर महीने 5,000 रुपये से 10,000 रुपये निवेश करे तो वह करोड़पति के लक्ष्य को हासिल कर सकता है. म्‍युचुअल फंड, शेयर बाजार, पोस्ट ऑफिस और बैंक में इन्वेस्टमेंट के किन तरीकों से करोड़पति बन सकते हैं. आइये जान लाते हैं.

हर महीने 5,000 रुपये के निवेश से भी हासिल कर सकते हैं लक्ष्य
कोई भी व्यक्ति हर महीने 5,000 रुपये म्‍यूचुअल फंड (MF) में निवेश करके करोड़पति बन सकता है. इसके लिए मान लीजिए आपकी उम्र 30 साल है तो अगले 27 साल तक आपको हर महीने 5,000 रुपये म्यूचुअल फंड में निवेश करना होगा. लॉन्ग टर्म में म्‍यूचुअल फंड में निवेश करने पर सालाना औसतन 12 फीसदी का रिटर्न मिल जाता है. ऐसे में 57 साल की उम्र में आपके पास 1 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड होगा. आंकड़ों के मुताबिक पिछले 10 साल में म्‍यूचुअल फंड की कुछ स्कीम ने 20 फीसदी का रिटर्न भी दिया है. इसलिए म्‍यूचुअल फंड में निवेश करना एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है.

शेयर बाजार में निवेश से भी करोड़पति का सफर आसान
शेयर बाजार को लेकर आम लोगों में कई तरह की भ्रांतियां हैं. हालांकि शेयर बाजार में भारी उठापटक अक्सर दिखाई देती है, लेकिन अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश करना चाह रहे हैं तो शेयर बाजार भी आपके फंड को कई गुना तक बढ़ाने में सहायक हो सकता है. 2008 से 2018 की अगर बात करें कुछ शेयर्स ने 600 गुना तक का रिटर्न दिया है. हालांकि शेयर बाजार में निवेश के लिए सबसे पहले शर्त यह है कि आप अपने वित्तीय सलाहकार से राय लेकर ही निवेश करें. बाजार में आए उतार-चढ़ाव की सही जानकारी वित्तीय सलाहकार ही आपको दे सकता है. गलत निवेश आप पर भारी भी पड़ सकता है.

शेयर्स जिन्होंने 10 साल में दिया भारी मुनाफा

कंपनी सितंबर 2018 अक्टूबर 2008 मुनाफा
टेस्टी बाइट इटेबल्स लिमिटेड 9752 रुपये 17.55 रुपये 556 गुना
सिंफनी लिमिटेड 1011 रुपये 2.23 रुपये 453 गुना
बजाज फाइनेंस 2594 रुपये 6.75 रुपये 384 गुना
रिलैक्सो फुटवियर लिमिटेड 832 रुपये 2.97 रुपये 277 गुना

पोस्‍ट ऑफिस स्कीम से करोड़पति बनने का सपना

पोस्‍ट ऑफिस में निवेश करके भी करोड़पति बन सकते हैं. बस आपको सही स्कीम की जानकारी होनी चाहिए. पोस्‍ट ऑफिस की रिकरिंग डिपॉजिट (RD) पर इस समय 7.30 फीसदी ब्‍याज मिल रहा है. ऐसे में 10,000 रुपये निवेश करके आप बैंक से जल्‍दी करोड़पति बन सकते हैं. इसके तहत आपको 27 साल तक निवेश करना होगा. 27 साल बाद आपके हाथ में करीब 1 करोड़ रुपये का फंड होगा.

बैंक में करोड़पति बनने का प्‍लान
बैंकों में इस समय FD पर औसतन 7.3 फीसदी का ब्‍याज मिल रहा है. इस ब्‍याज दर पर अगर आप हर महीने 10,000 रुपये निवेश शुरू करें तो बैंक भी आपको करोड़पति बना सकता है. इसके लिए आपको 27 साल तक निवेश करना होगा.

(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूज स्टेट की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का न्यूज स्टेट से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)

नॉलेज: 4 तरह के होते हैं म्यूचुअल फंड, 500 रुपए से कर सकते हैं निवेश की शुरुआत

म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं - Dainik Bhaskar

अच्‍छे रिटर्न के लिए म्‍युचुअल फंड में निवेश करना सही विकल्प हो सकता है। लेकिन अभी भी काफी लोगों को यह नहीं पता है कि म्‍युचुअल फंड स्कीम क्या हैं? और इनमें निवेश कैसे किया जाता है? म्यूचुअल फंड कंपनियां निवेशकों से पैसे जुटाती हैं। इस पैसे को वे शेयरों में निवेश करती हैं। इसके बदले म्‍युचुअल फंड निवेशकों से चार्ज भी लेती हैं। जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड निवेश का अच्छा विकल्प है। हम आपको म्यूचुअल फंड के बारे में बता रहे हैं।

इक्विटी म्यूचुअल फंड
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती है। छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसे आपको बेहतरीन रिटर्न देने वाला माना जाता है। इस तरह की स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है। जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं।

डेट म्यूचुअल फंड
ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। 5 साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं।

हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम
ये म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं। इन स्कीम को चुनते निवेश के तरीके निवेश के तरीके वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है।

सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम
सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं। इन स्कीम में आपको कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है। इसमें निवेश करके आप अच्छा रिटर्न पा सकते हैं।

म्‍युचुअल फंड में तीन तरह से निवेश किया जा सकता है। इसमें पूरी तरह से ऑनलाइन से लेकर फार्म भरकर निवेश किया जा सकता है। म्‍युचुअल फंड में लगाया गया पैसा शेयर बाजार में लगाया जाता है। इसलिए कई लोगों को लगता है कि इसके लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है, हालांकि ऐसा नहीं है। म्‍युचुअल फंड में निवेश बिना DEMAT अकाउंट के भी निवेश किया जा सकता है।

पहला तरीका
यह तरीका काफी आम है। इसमें किसी एजेंट के माध्‍यम से निवेश करना होता है। अगर एजेंट को खोजने में दिक्‍कत हो तो जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी की वेबसाइट से टोल फ्री नम्‍बर लेकर बात कर सकते हैं। कंपनी आपके इलाके में जो एजेंट हैं उससे संपर्क करा देगी। फिर इस एजेंट की मदद से आप निवेश कर सकते हैं।

दूसरा तरीका
ब्रोकर या किसी म्‍युचुअल फंड बेचने वाली वेबसाइट के माध्‍यम से भी निवेश किया जा सकता है। कई लोग शेयर बाजार में निवेश करते हैं वह अपने ब्रोकर अकाउंट के माध्‍यम से भी म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा देश में एक दर्जन से ज्‍यादा वेबसाइट हैं जो म्‍युचुअल फंड बेचती हैं। लोग इन वेबसाइट पर अपना रजिस्‍ट्रेशन कराने के बाद म्‍युचुअल फंड खरीद सकते हैं। अगर जरूरत हो तो यह वेबसाइट अपने एजेंट भी निवेशक के पास मदद के लिए भेजती है।

तीसरा तरीका
डायरेक्‍ट प्‍लान में निवेश। सेबी के आदेश के बाद सभी म्‍युचुअल फंड कंपनियां अपनी सभी स्‍कीम्‍स में डायरेक्‍ट प्‍लान का ऑप्‍शन देती हैं। इनमें निवेश पूरी तरह से ऑनलाइन होता है। आप म्‍युचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर जाकर सीधे स्‍कीम चुनते हैं और कुछ स्‍टेप में निवेश की प्रक्रिया पूरी करते हैं। यहां पर पेमेंट भी ऑनलाइन करना होता है।

चौथा तरीका
अब पेटीएम मनी ऐप (PayTm Money App) की मदद से आप किसी भी म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। पेटीएम मनी ऐप की मदद से आप निवेश करने के साथ-साथ अपने पोर्टफलियो को भी आसानी से चेक कर सकते हैं। इसके लिए आपको अलग से कोई कमीशन या फीस नहीं देनी होगी।

शेयर बाजार से जुड़े रिस्क
म्‍युचुअल फंड अपनी इक्विटी स्‍कीम में जुटाए पैसों का निवेश शेयर बाजार में करते हैं। स्‍टॉक मार्केट के बारे में कुछ भी भविष्‍यवाणी करना कठिन होता है। इसी कारण इक्विटी म्‍युचुअल फंड में निवेश रिस्‍की माना जाता है। हालांकि जानकारों का कहना है कि थोड़ा-थोड़ा पैसा लम्‍बे समय तक लगाया जाए तो अच्‍छा रिटर्न पाया जा सकता है।

सवाल: क्या आप किसी म्यूचुअल फंड में अपना सारा पैसा खो सकते हैं?
जवाब: बाज़ार से जुड़े होने के कारण, म्यूचुअल फंड में जोखिम बना रहता है, इसलिए निवेश की गई मूल राशि का नुकसान हो सकता है। हालांकि, म्यूचुअल फण्ड के प्रदर्शन को देखते हुए कहा जा सकता है कि आपके सभी पैसे खोने की संभावना कम है।

सवाल: किसी म्यूचुअल फंड में निवेश शुरू करने के लिए आपको कितना धन चाहिए?
जवाब: आपके द्वारा निवेश किए जाने वाले फंड के आधार पर न्यूनतम निवेश राशि भिन्न हो सकती है। हालाँकि, आप न्यूनतम 500 रु. निवेश कर सकते हैं।

सवाल: क्या मैं म्यूचुअल फंड कभी भी बेच सकता हूं?
जवाब: अधिकांश म्यूचुअल फंड ओपन एंडेड होते हैं, मतलब आप उन्हें कभी भी बेच सकते हैं। आमतौर पर क्लोज एंड स्कीम की 3-4 वर्ष की लॉक-इन अवधि होती है। एक दूसरे तरीके की स्कीम है जिसमें, म्यूचुअल फन कुछ समय के लिए लॉक-इन हो जाते हैं, लेकिन इसके बाद ओपन एंडेड हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, टैक्स सेविंग या ELSS की लॉक-इन अवधि 3 साल है। इस अवधि के बाद, आप ये फंड किसी भी समय बेच सकते हैं।

सवाल: क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना टैक्स-फ्री है?
जवाब: नहीं, म्यूचुअल फंड शोर्ट टर्म कैपिटल गेन्स (STCG) और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) नियम के अधीन हैं। अलग-अलग म्यूचुअल फंड जैसें, इक्विटी और डेट पर कई तरह का टैक्स लगता है। म्यूचुअल फंड लाभांश के मामले में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (DDT) लागू हो जाता है और फंड के अनुसार स्रोत पर टैक्स कटौती की जाती है।

छोटा निवेश, बड़ा फायदा: हर महीने Mutual Fund SIP में मात्र 1000 रुपए/माह का इन्वेस्टमेंट आपको बना सकता है करोड़पति

वैसे तो म्युचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन हैं लेकिन लंबी अवधि के इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए रिस्क एकदम कम लेवल पर माना जाता है. टैक्स और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, अगर इन्वेस्टमेंट सिस्टेमेटिक इंवेस्ट प्लान या एसआईपी तरीके से की जाये तो लंबी अवधि के म्यूचुअल फंड में अधिक रिटर्न मिलता है और इसमें शामिल जोखिम कम हो जाता है.

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  • नई दिल्ली ,
  • 24 जनवरी 2022,
  • (Updated 24 जनवरी 2022, 10:13 AM IST)

SIP से मिलेगा 20 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

30 साल में बन सकते हैं करोड़पति

वैसे तो म्युचुअल फंड बाजार जोखिम के अधीन हैं लेकिन लंबी अवधि के इक्विटी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए रिस्क एकदम कम लेवल पर माना जाता है. टैक्स और निवेश विशेषज्ञों के अनुसार, अगर इन्वेस्टमेंट सिस्टेमेटिक इंवेस्ट प्लान या एसआईपी तरीके से की जाये तो लंबी अवधि के म्यूचुअल फंड में अधिक रिटर्न मिलता है और इसमें शामिल जोखिम कम हो जाता है.

अगर आप ज्यादा रकम भी नहीं जुटा सकते तो भी कोई समस्या नहीं है. क्योंकि इसमें आप कम से कम निवेश में भी अच्छा रिटर्न ले सकते हैं. आप हर महीने अपनी बचत के मात्र 1000 रुपए इन्वेस्ट करके एक करोड़ रुपये तक का रिटर्न ले सकते हैं.

SIP से मिलेगा 20 फीसदी से ज्यादा रिटर्न

एक्सपर्ट्स का कहना है कि म्यूचुअल फंड के एसआईपी में हर महीने 1000 रुपए इन्वेस्ट करके आप करोड़पति बन सकते हैं. क्योंकि पिछले कुछ सालों में म्यूचुअल फंड के एसआईपी में 20 फीसदी तक का रिटर्न मिला है.

इसलिए अगर आप 20 साल तक हर महीने 1000 रुपए इन्वेस्ट करते हैं तो आपकी कुल इन्वेस्टमेंट 2.4 लाख रुपए होंगे और 20 सालों में 15 फीसदी के आधार पर आपको 15.16 लाख रुपए मिलेंगे और अगर आपको 20 फीसदी रिटर्न मिलता है यह फंड 31.61 लाख रुपये होगा.

ऐसे बन सकते हैं करोड़पति

लेकिन अगर आप अपनी इन्वेस्टमेंट को 30 सालों तक जारी रखते हैं तो सालाना 20 फीसदी रिटर्न के हिसाब से मैच्योरिटी पर आपको करीब 2.33 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसलिए आज ही आप किसी एक्सपर्ट से बात करें और छोटी-छोटी इन्वेस्टमेंट करना शुरू करें.

सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान

अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और.

सोने में निवेश से पहले पढ़े इन 8 बातों को, नहीं तो प्रॉफिट के बजाय हो सकता है बड़ा नुकसान

अच्छे रिटर्न के लिए आप शेयर मार्केट, MF, SIP, प्रॉपर्टी समेत कई जगह निवेश कर सकते हैं। इन सभी में सोने के निवेश में लोगों का ज़्यादा फायदा दिखता है- पहला, एक तो सोने की कीमत भी बढ़ती रहती है और दूसरा इसको जरूरत के समय पहन भी सकते हैं। लेकिन बहुत लोग निवेश के तरीके सोने की खरीददारी करते समय कई चीजे नजरअंदाज करते हैं, इससे उन्हें बाद में फायदे के बजाय नुकसान हो जाता है।


जानकारी पूरी रखें
सही जानकारी न होने के कारण जब आप अपने सोने को बेचने के लिए जाते हैं तो आपको उतना मूल्य नहीं मिल पाता जितना मिलना चाहिए। सोने को आप लम्बे समय और मुसीबत के समय काम में आने के हिसाब से खरीदते हैं, इसलिए सोने की खरीदारी के समय आपको इन प्रमुख बातों को ध्यान में रखना चाहिए-

शुद्धता- सोने की कीमत कैरट के आधार पर होती है और कैरेट से गोल्ड की शुद्धता का पता चलता है। सोने की सबसे अच्छी क्वालिटी 24 कैरट सोने की होती है जिसका मूल्य अधिक होता है। लेकिन कम कैरट के सोने की कीमत उससे कम होगी, इसलिए सोने की खरीददारी करते समय बाजार से अलग अलग कैरट का भाव जरूर पता कर लें।

डिजिटल गोल्ड में निवेश- डिजिटल गोल्ड में शुद्धत्ता और मेकिंग चार्ज जैसी कोई समस्या नहीं होती, इस कारण इसमें निवेश आके लिए प्रॉफिटेबल हो सकता है। लेकिन ध्यान रखने वाली बात निवेश के तरीके है आप जिससे पेपर गोल्ड लें रहे हैं उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह पड़ताल कर लें, नहीं तो धोखाधड़ी का शिकार हो सकते हैं।

आभूषण पर लगे स्टोन- सोने के गहनों में कई बार कीमती स्टोन्स के अलावा नकली चमकदार स्टोन भी लगाए होते हैं, इसलिए खरीदारी के समय सोने और स्टोन दोनों के भाव अलग-अलग लें।

वजन निवेश के तरीके की जांच- सोने की ज्यादातर ज्वेलरी वजन के हिसाब से बेचीं जाती है लेकिन कीमती स्टोन इसे भारी बनाते हैं. इसलिए ज्वेलरी के पूरे वजन के साथ गोल्ड के वजन को जरूर चेक कर लें। गोल्ड कीमती है, वजन थोड़ा भी ऊपर-नीचे हुआ तो आपको भरी नुकसान हो सकता है।

Hallmarking- बाजार में दो तरह के सोने के गहने होते हैं एक तो साधारण होते है जिनकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं होती और दूसरे हॉलमार्किंग के तहत होते हैं जिनकी सोने की क्वालिटी अच्छी होने का सुबूत होता है। यह अधिकृत होते हैं और सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है।

मेकिंग चार्जेज: यह ऐसे चार्जेज होते हैं जो गहनों को बनाने के लिए चार्ज किये जाते हैं। हर ज्वेलर का मेकिंग चार्ज अलग होता है कोई पर ग्राम के हिसाब से लेता है तो कोई गहने के कुल वजन के हिसाब से। आपको इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करनी चाहिए। अगर मेकिंग चार्ज ज़्यादा होगा तो आपको बाद में बेचने पर फायदा नहीं होगा। मेकिंग चार्ज जितना कम होगा, बाद में गहने को बेचते समय मुनाफा उतना ही ज़्यादा होगा।

बिल- सोना खरीदते समय इनवॉइस और रसीद लें, आने वाले समय में यही रसीद आपके काम आएगी। सही इनवॉइस और रसीद न होने पर बेचते समय आपको यह मुश्किल में डाल सकती है।

ज्यादा न खरीदें- सोने की कीमत आमतौर पर बढ़ती है लेकिन निवेश के हिसाब से देखा जाए तो आपके पोर्टफोलियो में यह बहुत ज्यादा नहीं होना चाहिए आपको अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर पोर्टफोलियो को बैलेंस रखना चाहिए।

आपको बताते हैं सोने में आप कैसे निवेश कर सकते हैं-


पेपर गोल्ड- एक निवेशक के पास गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग करने का विकल्प होता है।


गोल्ड ETF - गोल्ड के प्रचलित बाज़ार मूल्य पर गोल्ड ETF का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है। गोल्ड ETF के साथ, निवेशकों को कोई शुल्क या स्टोर चार्ज का भुगतान नहीं करना पड़ता है जो सोने को रखने आदि से जुड़ा होता है।


सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड- यह भारत सरकार और RBI द्वारा ऑफर किया जाता है, यह कागज़ के रूप में सोने खरीदने का एक और तरीका है। इन बॉन्ड में सोने मूल्य को ग्राम में दर्शाया जाता है जिसमें व्यापार शुरू करने के लिए न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोना आवश्यक है। ब्याज़ दर और मूल्य को बॉन्ड जारी करते समय RBI द्वारा तय किया जता है।


डिजिटल गोल्ड- सोने में निवेश का एक और तरीका डिजिटल गोल्ड (Digital Gold) के माध्यम से है, जहां कोई भी 1 रुपये से भी निवेश शुरू कर सकता है। कई मोबाइल वॉलेट डिजिटल गोल्ड ऑफर करते हैं लेकिन इनकी शुद्धता अलग अलग होती है।


सोने में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड- Gold MF(फंड्स ऑफ फंड) हैं जो अंतरराष्ट्रीय सोने की माइनिंग कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं। गोल्ड, जिसे गोल्ड फंड ऑन फंड्स भी कहा जाता है, यह एक ओपन एंडेड फंड हैं जो गोल्ड ETF में निवेश करते हैं। निवेशक किसी भी समय किसी भी विशेष राशि का निवेश के तरीके निवेश कर सकते हैं।


गोल्ड सेविंग स्कीम- कई ज्वैलर्स गोल्ड ज्वेलरी सेविंग स्कीम (Gold Saving Schemes) ऑफर करते रहे हैं जो खरीदारों को चुनी हुई अवधि के लिए व्यवस्थित रूप से बचत करने और टर्म खत्म होने पर सोना खरीदने में मदद करती हैं। खरीदार को अवधि के लिए हर महीने एक निश्चित राशि जमा करने की आवश्यकता होती है।

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