विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां

अमेरिकी कुह्न फाउंडेशन के अध्यक्ष रॉबर्ट लॉरेंस कुहनो विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां ने कहा है कि“एक देश दो व्यवस्थाएं”की नीति से हांगकांग को खास स्थान मिला है, जिससे चीन की अंतर्राष्ट्रीय छवि और नर्म शक्ति जाहिर हुई है। इधर विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां के वर्षों में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कई बार एक देश और दो व्यवस्थाएं के बीच संबंधों का व्याख्यान किया है। साथ ही यह भी कहा है कि चीन सरकार द्वारा“एक देश दो व्यवस्थाएं”की नीति लागू करने का संकल्प कभी नहीं बदलेगा।
हमारे बारे में
बागवानी विभाग फलों, सब्जियों और फूलों के उत्पादन और रखरखाव के साथ-साथ मसालों, औषधीय और सुगंधित पौधों का प्रबंधन करता है। किसानों द्वारा उत्पादित पारंपरिक फसलों की तुलना में बागवानी फसलों की खेती अत्यधिक विशिष्ट, तकनीकी और लाभकारी उद्यम है। इसके अलावा, बागवानी फसलों के बहुमत, प्रकृति में खराब होने के कारण, उनके विकास के लिए व्यवस्थित विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां योजना की आवश्यकता होती है। बागवानी विकास ने हाल के वर्षों में अधिक महत्व ग्रहण किया है क्योंकि इस क्षेत्र की भूमि उपयोग के विविधीकरण के लिए लाभकारी के रूप में पहचान की गई है जो रोज़गार के अवसरों में वृद्धि प्रदान करता है, प्रति यूनिट क्षेत्र में बेहतर प्रतिफल और पोषण के अंतराल को भरने के अलावा। हरियाणा के किसानों ने भी बागवानी फसलों को एक विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां अलग व्यवहार्य आर्थिक गतिविधि के रूप में शुरू करना शुरू कर दिया है। राज्य में बागवानी के विकास को विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां बढ़ावा देने के लिए, हरियाणा सरकार ने 1990- 9 1 में बागवानी विभाग का एक अलग विभाग बनाया, जो पहले हरियाणा के कृषि विभाग का हिस्सा था।
महिलाओं के संघर्ष की वो कहानियां जो वीमेंस डे की चकाचौंध में गुम हो जाती हैं
अमूमन ऐसा होता है कि महिला सशक्तिकरण का ज़िक्र छिड़ते ही हमारे ज़ेहन में उन सफल महिलाओं की तस्वीरें उभरने लगती हैं, जो या तो किसी मल्टीनेशनल कंपनी की सीईओ हैं या कोई बड़ी सामाजिक कार्यकर्ता या फिर कोई सेलिब्रेटी.
हम क्यों सब्ज़ी बेचने वाली किसी महिला, घरेलू कामगार, महिला कैब ड्राइवर या मज़दूरी विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां करने वाली किसी महिला को सशक्तिकरण से जोड़कर देखने के आदी नहीं हैं? क्यों इन महिलाओं के संघर्ष चकाचौंध भरी महिलाओं की उपलब्धियों के नीचे दबकर रह जाते हैं.
हम ऐसी ही कुछ महिलाओं का ज़िक्र करने जा रहे हैं, जिन्होंने महिला सशक्तिकरण की नई परिभाषा गढ़ी और पुरुष प्रधान समाज की तमाम बंदिशों को चुनौती देते विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां हुए अपनी राह ख़ुद बनाई.
विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां
मुंबई : देश का विदेशी मुद्रा भंडार चार नवंबर को समाप्त सप्ताह में 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया। इसका कारण स्वर्ण भंडार में आई भारी गिरावट है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से शुक्रवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
पिछले सप्ताह विदेशीमुद्रा भंडार 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 531.08 अरब डॉलर हो गया था जो वर्ष के दौरान किसी एक सप्ताह में आई सबसे अधिक तेजी थी।
एक साल पहले अक्टूबर, 2021 में देश का विदेश मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के अबतक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था। देश के मुद्रा भंडार में गिरावट आने का मुख्य कारण यह है कि वैश्विक घटनाक्रमों की वजह से रुपये की गिरावट को थामने के लिए केन्द्रीय बैंक मुद्रा भंडार से मदद ले रहा है।
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करेंसी मार्केट की अस्थिरता से निपटने के लिए पर्याप्त: अरुण जेटली
Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Updated on: August 15, 2018 16:32 IST
India’s foreign exchange reserves are comfortable and sufficient to mitigate currency market volatility says Arun Jaitley
नई दिल्ली। तुर्की से जुड़े घटनाक्रम की वजह से हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरा पैदा हुआ है और इस वजह से अमेरिकी करेंसी डॉलर में मजबूती आ रही है। बुधवार को केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अपने ट्विटर हेंडल के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां भारतीय अर्थव्यवस्था का मुख्य ढांचा इस संकट से निपटने के लिए मजबूत और लचीला है।
भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार
अरुण जेटली ने अपने ट्विटर हेंडल पर लिखा कि करेंसी मार्केट में किसी भी तरह के उतार-चढ़ाव से निपटने और उसके असर को कम करने के लिए भारत का विदेशी मुद्रा भंडार वैश्विक मानकों के मुताबिक पर्याप्त है। उन्होंने लिखा कि सरकार इस घटना पर नजर बनाए विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां हुए है ताकि जरूरत पड़ने पर संभव कदम उठाए जा सकें। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 3 अगस्त विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां को खत्म हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 402.70 अरब डॉलर दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि अमेरिका ने तुर्की से आयात होने वाले स्टील और एल्यूमीनियम पर आयात शुल्क बढ़ाकर दोगुना की घोषणा की है, जिस वजह से तुर्की की करेंसी लीरा में भारी गिरावट आई है और डॉलर मजबूत हुआ है। डॉलर की मजबूती की वजह से दुनियाभर की करेंसी पर दबाव देखा जा रहा है, भारतीय करेंसी रुपए ने भी मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचला स्तर छुआ था। डॉलर के मुकाबले रुपए ने मंगलवार को 70.09 का निचला स्तर छुआ।
विदेशी मुद्रा सफलता की कहानियां
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने 1 जुलाई को हांगकांग की मातृभूमि की गोद में वापसी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर भाषण देते हुए“एक देश दो व्यवस्थाएं”की नीति का उच्च मूल्यांकन किया। आज से 25 साल पहले 1 जुलाई को चीन सरकार ने हांगकांग की प्रभुसत्ता की बहाली की, और हांगकांग में “एक देश दो व्यवस्थाएं”की नीति लागू की गई। बीते 25 सालों में हांगकांग ने विभिन्न चुनौतियों का सामना कर अपने अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थान, जहाजरानी और व्यापार केंद्र के स्थान को मजबूत किया।
इतना ही नहीं, हांगकांग के निवासियों ने अभूतपूर्व लोकतांत्रिक अधिकारों और स्वतंत्रता का उपभोग किया। उदाहरण के तौर पर, हांगकांग की जीडीपी साल 1997 में 13.7 खरब हांगकांग डॉलर से बढ़कर 2021 में 2.86 अरब हांगकांग डॉलर तक जा पहुंची। हांगकांग में विदेशी मुद्रा का भंडार भी विगत 25 वर्षों में 5 गुना बढ़ गया है।