उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है?

1 Postgraduate Certificate प्रोग्राम्स में वित्त 2023
एक स्नातकोत्तर प्रमाणपत्र व्यक्तियों, जो अध्ययन के अपने क्षेत्र में अधिक ज्ञान हासिल करने के लिए चाहते हैं के लिए उपलब्ध है। एक प्रमाण पत्र एक कैरियर के लिए या अधिक उन्नत शिक्षा के लिए नेतृत्व कर सकते हैं। कार्यक्रम अक्सर पूरा करने के लिए दो साल तक का समय लग।
छात्रों सोच हो सकती है, वित्त में स्नातकोत्तर प्रमाण पत्र क्या है? इस कार्यक्रम के एक वित्त कैरियर में या जो वित्त में अपने मास्टर कमाने के लिए पर जारी रखना चाहते हैं के लिए प्रगति के लिए चाहते हैं के लिए बनाया गया है। हर कार्यक्रम अलग अलग होंगे, लेकिन उनमें से कई पाठ्यक्रमों के छात्रों को चुन सकते हैं, जिसमें से व्यापार और कैरियर के विकास के लिए उनके हितों के आधार पर की एक किस्म की पेशकश करते हैं। पाठ्यक्रम के उदाहरण वित्तीय वक्तव्यों को समझने, नियंत्रण और प्रदर्शन, कंपनी वित्त, उन्नत वित्तीय मॉडलिंग, जोखिम प्रबंधन, और वित्तीय बाजारों के लिए लेखांकन, परियोजना के वित्त शामिल हो सकते हैं।
इस प्रमाण पत्र का पीछा फायदेमंद है क्योंकि उन्नत ज्ञान और कौशल व्यक्तियों उच्च स्तर वित्त नौकरी खोजने में मदद मिलेगी है।इस उद्योग में भी काम करने के लिए क्षेत्रों की एक विस्तृत विविधता प्रदान करता है, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम कर रहे हैं जो रुचि रखते हैं के लिए एक विकल्प है।
वित्तीय इस प्रमाण पत्र की कमाई के साथ शामिल आवश्यकताओं को एक स्थान से दूसरे स्थान पर अलग अलग होंगे। कुछ लागत में शामिल घटकों कार्यक्रम के स्कूल की प्रतिष्ठा और लंबाई में शामिल हैं। इच्छुक छात्रों को विशिष्ट स्कूलों के साथ संपर्क में मिलता है ट्यूशन फीस के बारे में पूछना चाहिए।
वहाँ कई अलग अलग कैरियर मार्गो है कि एक वित्त में एक डिग्री के साथ ले जा सकते हैं। क्षेत्रों है कि एक में काम करने के लिए चुन सकते हैं कंपनी वित्त, वाणिज्यिक बैंकिंग, उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है? हेज फंड, वित्तीय नियोजन, बीमा, निजी इक्विटी, निवेश बैंकिंग, अचल संपत्ति, और पैसे के प्रबंधन में शामिल हैं। व्यक्तियों, जो उच्च स्तर के पदों चाहते हैं पर जारी रखने के लिए और वित्त में एक मास्टर की डिग्री कमाने के लिए चाहते हो सकता है।
व्यापक ऑनलाइन सूची का उपयोग करके वित्त स्कूलों के लिए तलाश शुरू करो।नीचे अपना कार्यक्रम और संपर्क का नेतृत्व फार्म भरने से अपनी पसंद के स्कूल के सीधे प्रवेश के कार्यालय के लिए खोजें।
Enno Wallet
**तैयार. सेट. स्टेक
कुछ ही क्लिक में स्टेकिंग और अनस्टैकिंग उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है? सुपर आसान है। Enno Wallet में स्टेकिंग तंत्र विकेंद्रीकृत है। यह एक स्मार्ट अनुबंध द्वारा शासित होता है, न कि केंद्रीकृत प्राधिकरण द्वारा। बाजार की अस्थिरता के खिलाफ अपने फंड को हेज करें। स्थिर सिक्के कीमत में स्थिर हैं। Enno Wallet में हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले स्मार्ट अनुबंधों को एक स्वतंत्र ऑडिट द्वारा सत्यापित किया जाता है
**Enno वॉलेट से कभी भी, कहीं भी स्वैप करें
Enno वॉलेट स्वैप आपको हमारे मोबाइल वॉलेट पर एल्गोरिथम स्टैब्लॉक्स सहित किसी भी अन्य समर्थित डिजिटल संपत्ति के लिए Enno वॉलेट पर समर्थित किसी भी संपत्ति को तुरंत स्वैप करने की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए आप बिटकॉइन से न्यूट्रिनो यूएसडी में स्वैप कर सकते हैं। या लहरों के लिए एथेरियम। या न्यूट्रिनो यूरो के लिए न्यूट्रिनो यूएसडी। यह पूरी तरह आप पर निर्भर है।
**एल्गोरिदमिक स्टेबलकॉइन और फॉरेक्स से मिलें
विकेन्द्रीकृत विदेशी मुद्रा या डीएफओ संक्षेप में न्यूट्रिनो प्रोटोकॉल के शीर्ष पर एक विस्तार है जो लोकप्रिय राष्ट्रीय मुद्राओं, सूचकांकों या वस्तुओं से जुड़ी स्थिर-मूल्य की संपत्ति के तत्काल स्वैप की सुविधा प्रदान करता है। अब आप विकेंद्रीकृत, गैर-संरक्षक, भरोसेमंद तरीके से राष्ट्रीय मुद्राओं का व्यापार कर सकते हैं।
**आपकी डिजिटल संपत्ति के लिए अंतिम सुरक्षा
Enno Wallet एक नॉन-कस्टोडियल ब्लॉकचेन वॉलेट है। हम हमेशा आपकी निजता का सम्मान करते हैं। आपकी डिजिटल संपत्तियों तक हमारी पहुंच कभी नहीं होती है। आप निजी कुंजी के स्वामी हैं। उपयोगकर्ता अपनी संपत्ति के एकमात्र नियंत्रण में रहते हैं। फंड अपनी जेब नहीं छोड़ते हैं और उन्हें फ्रीज नहीं किया जा सकता है।
डेटा की सुरक्षा
आपके डेटा की सुरक्षा, इस बात पर निर्भर करती है कि डेवलपर, डेटा को कैसे इकट्ठा और शेयर करते हैं. डेटा को निजी और सुरक्षित रखने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं. ये आपकी जगह, उम्र, और ऐप्लिकेशन के इस्तेमाल के हिसाब से तय किए जाते हैं. यह जानकारी डेवलपर उपलब्ध कराता है और समय-समय पर इस जानकारी को अपडेट भी किया जा सकता है.
उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है?
अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
We'd love to hear from you
We are always available to address the needs of our users.
+91-9606800800
इस बार भी बैंक ही बनेगा मंदी की वजह? 2008 जैसे हालात का बना डर
क्या दुनिया एक बार फिर आर्थिक मंदी की चपेट में आने वाली है? यह एक ऐसा सवाल है, जिसकी आजकल खूब चर्चा हो रही है। पहले कोरोना, फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।
क्या दुनिया एक बार फिर आर्थिक मंदी की चपेट में आने वाली है? यह एक ऐसा सवाल है, जिसकी आजकल खूब चर्चा हो रही है। पहले कोरोना, फिर रूस-यूक्रेन युद्ध उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है? की वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। ऐसे स्विस बैंक क्रेडिट सुइस की खराब वित्तीय हालात ने मंदी की आशंकाओं को बल दे दिया है। आइए समझते हैं कि कैसे एक बैंक के दिवालिया होने पर दुनिया भर मंदी आ जाती है। इसके लिए हमें 2008 के दौर में जाना होगा। साल 2008 में क्या कुछ हुआ था वो जानने से पहले बिजनेस के शब्द ‘क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप’ को समझ लेते हैं, क्योंकि इसी एक शब्द के इर्द-गिर्द पूरी चर्चा घूमेगी।
क्या होता है क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप?
बैंक बॉन्ड के जरिए भी पैसा इकट्ठा करते हैं। कुछ ऐसा ही तरीका प्राइवेट कंपनियां भी अपनाती हैं। उदाहरण के तौर पर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी है। अब इस कंपनी को 1 लाख रुपये की जरूरत है। कंपनी ने एक-एक हजार रुपये के 100 बॉन्ड जारी कर दिए। मान लीजिए अभिषेक नाम के व्यक्ति ने कंपनी का एक बॉन्ड 3 पर्सेंट के ब्याज पर 5 साल के लिए खरीद लिया। लेकिन दो साल बाद निवेशक अभिषेक को लगता है कि कंपनी पैसा लौटा नहीं पाएगी। इस स्थिति में अभिषेक एक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपनी (यह बैंक भी हो सकता है) के पास जाते हैं और वहां बॉन्ड का 1 प्रतिशत भुगतान करके अपने 100 डॉलर के अमाउंट को सुरक्षित कर लेते हैं। अभिषेक जैसे हजारों निवेशक इस थर्ड पार्टी इंश्योरेंस या कंपनी के पास बॉन्ड इंश्योर्ड करवाते हैं। लेकिन मंदी या विपरीत परिस्थितियों में यह इंश्योरेंस कंपनी भी लोगों के पैसे का भुगतान ना कर पाए और दिवालिया हो जाए। इसी परिस्थिति को ‘क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप’ कहते हैं। अब सोच रहे हैं होंगे कि इसका क्या कनेक्शन है 2008 की मंदी से और आज के दौर में क्रेडिट सुइस इससे कैसे लिंक करता है?
2008 में मंदी जो आई थी, उसकी बड़ी वजह लेहमन ब्रदर्स कंपनी थी। यह कंपनी लोगों के पैसे को सुरक्षा प्रदान करती थी। ठीक उसी तरह जैसे अभिषेक के पैसे को इंश्योरेंस कंपनी सुरक्षा दे रही थी। साल 2008 के पहले के कुछ सालों में अमेरिकी बैंक लोगों को लोन दे रहे थे। फिर अपना अमाउंट सुरक्षित करने के लिए लेहमन ब्रदर्स जैसी कंपनियों के पास मामूली ब्याज देकर सुरक्षा ले ले रहे थे। बैंक इंश्योरेंस जैसी कंपनियों के विश्वास पर लोगों को धड़ल्ले से लोन पर लोन देना जा रही रखा। 2008 के वक्त देखा गया कि लोगों के ऊपर लोन इतना अधिक हो गया कि वो उसे चुकाने में असमर्थ हो गए। जिसके बाद बैंक ने लेहमन ब्रदर्स जैसी कंपनियों से पैसा वापस लौटाने के लिए कहा, लेकिन लेहमैन ब्रदर्स पर बैंकों का क्रेडिट इतना अधिक था कि उनकी सारी संपत्ति बेचने के बाद भी बैंकों का पैसा उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है? पूरा नहीं हो रहा था। जिसके बाद लेहमैन ब्रदर्स को दिवालिया घोषित करना पड़ा। इस घटना ने अमेरिका के बाजार, बैंकिंग सिस्टम सबको हिला कर रख दिया। जिसके बाद देखते ही देखते दुनिया भर के बाजार धाराशायी हो गए। लेहमन ब्रदर्स जैसी परिस्थिति क्रेडिट सुइस के सामने भी उभर रही है। बता दें, 2008 में क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप स्प्रेड 2.5 प्रतिशत था। सरल शब्दों में कहा जाए अभिषेक को जितने प्रतिशत ब्याज पर कंपनी ने इंश्योरेंस दिया था। वही, क्रेडिट स्वैप स्प्रेड कहलाता है। यह जितना उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है? अधिक होगा रिस्क उतना अधिक रहेगा।
टेलीकॉम सर्विस के लिए अडानी को मिला लाइसेंस, Jio- एयरटेल को टक्कर
क्रेडिट सुइस बैंक ने क्या गलती की?
2008 के बाद बैंकिंग सिस्टम में बहुत बदलाव देखने को मिला है। लेकिन क्रेडिट सुइस ने अपने काम करने के तारीकों में बहुत संशोधन नहीं किया। बैंक रिस्क लेता रहा है। रिस्क लेने की इसी खासियत ने उसके सामने खतरा पैदा कर दिया है। GreenSill जैसी कंपनियों में किया गया अरबों को निवेश डूब गया है। वहीं, बीते दो साल के दौरान बैंक के मैनेजमेंट में काफी उथल-पुथल मची हुई थी। जिसकी वजह से संकट गहराता गया। पहले कोविड और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से परिस्थितियां नियंत्रण के बाहर चली गई। क्रेडिट सुइस बैंक का क्रेडिट स्वैप स्प्रेड 2.7 है। 2008 में लेहमैन ब्रदर्स का 2.5 क्रेडिट स्वैप स्प्रेड था। 2008 में इसके बाद ही लेहमैन ब्रदर्स के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। और पूरी दुनिया मंदी के गिरफ्त में आ गई थी।
क्रेडिट सुइस की आर्थिक स्थिति कैसी है?
बीते 7 में से 5 तिमाही में कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा है। साल 2022 में क्रेडिट सुइस के शेयर 60 प्रतिशत तक टूट गए है। BQ Prime के अनुसार कभी 1.1 ट्रिलियन का एसेट मैनेज करने वाली कंपनी का मार्केट कैप एचडीएफसी की तुलना में 10 गुना कम हो गया है। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए 5000 लोगों को नौकरी से निकालना पड़ा। टॉप मैनेजमेंट में बदलाव करना पड़ा है।
क्या संभल जाएगी परिस्थिति?
रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस ने यूरोप की एनर्जी सप्लाई को काट दिया है। यह कटौती ऐसे समय में हुई है जब सर्दियों के सीजन में एनर्जी की खपत बढ़ जाती है। रूस की कटौती के बाद ऊर्जा की कीमतों में तेज इजाफा आएगा। डॉलर के मुकाबले पाउंड की कीमतों में 22 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका से भी निराश करने वाली खबर ही सामने आ रही है। इस साल पहली दो तिमाही के दौरान यूएस की जीडीपी के आंकड़ों ने निराश किया है। कुल मिला-जुलाकर संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। जानकारों की मानें तो अगर क्रेडिट सुइस दिवालिया हुआ तो 2008 से बड़ी मंदी देखने को मिल सकती है।
इस बार भी बैंक ही बनेगा मंदी की वजह? 2008 जैसे हालात का बना डर
क्या दुनिया एक बार फिर आर्थिक मंदी की चपेट में आने वाली है? यह एक ऐसा सवाल है, जिसकी आजकल खूब चर्चा हो रही है। पहले कोरोना, फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।
क्या दुनिया एक बार फिर आर्थिक मंदी की चपेट में आने वाली है? यह एक ऐसा सवाल है, जिसकी आजकल खूब चर्चा हो रही है। पहले कोरोना, फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। ऐसे स्विस बैंक क्रेडिट सुइस की खराब वित्तीय हालात ने मंदी की आशंकाओं को बल दे दिया है। आइए समझते हैं कि कैसे एक बैंक के दिवालिया होने पर दुनिया भर मंदी आ जाती है। इसके लिए हमें 2008 के दौर में जाना होगा। साल 2008 में क्या कुछ हुआ था वो जानने से पहले बिजनेस के शब्द ‘क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप’ को समझ लेते हैं, क्योंकि इसी एक शब्द के इर्द-गिर्द पूरी चर्चा घूमेगी।
क्या होता है क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप?
बैंक बॉन्ड के जरिए भी पैसा इकट्ठा करते हैं। कुछ ऐसा ही तरीका प्राइवेट कंपनियां भी अपनाती हैं। उदाहरण के तौर पर इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड नाम की एक कंपनी है। अब इस कंपनी को 1 लाख रुपये की जरूरत है। कंपनी ने एक-एक हजार रुपये के 100 बॉन्ड जारी कर दिए। मान लीजिए अभिषेक नाम के व्यक्ति ने कंपनी का एक बॉन्ड 3 पर्सेंट के ब्याज पर 5 साल के लिए खरीद लिया। लेकिन दो साल बाद निवेशक अभिषेक को लगता है कि कंपनी पैसा लौटा नहीं पाएगी। इस स्थिति में अभिषेक एक थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कंपनी (यह बैंक भी हो सकता है) के पास जाते हैं और वहां बॉन्ड का 1 प्रतिशत भुगतान करके अपने 100 डॉलर के अमाउंट को सुरक्षित कर लेते हैं। अभिषेक जैसे हजारों निवेशक इस थर्ड पार्टी इंश्योरेंस या कंपनी के पास बॉन्ड इंश्योर्ड करवाते हैं। लेकिन मंदी या विपरीत परिस्थितियों में यह इंश्योरेंस कंपनी भी लोगों के पैसे का भुगतान ना कर पाए और दिवालिया हो जाए। इसी परिस्थिति को ‘क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप’ कहते हैं। अब सोच रहे हैं होंगे कि इसका क्या कनेक्शन है 2008 की मंदी से और आज के उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है? दौर में क्रेडिट सुइस इससे कैसे लिंक करता है?
2008 में मंदी जो आई थी, उसकी बड़ी वजह लेहमन ब्रदर्स कंपनी थी। यह कंपनी लोगों के पैसे को सुरक्षा प्रदान करती थी। ठीक उसी तरह जैसे अभिषेक के पैसे को इंश्योरेंस कंपनी सुरक्षा दे रही थी। साल 2008 के पहले के कुछ सालों में अमेरिकी बैंक लोगों को लोन दे रहे थे। फिर अपना अमाउंट सुरक्षित करने के लिए लेहमन ब्रदर्स जैसी कंपनियों के पास मामूली ब्याज देकर सुरक्षा ले ले रहे थे। बैंक इंश्योरेंस जैसी कंपनियों के विश्वास पर लोगों को धड़ल्ले से लोन पर लोन देना जा रही रखा। 2008 के वक्त देखा गया कि लोगों के ऊपर लोन इतना अधिक हो गया कि वो उसे चुकाने में असमर्थ हो गए। जिसके बाद बैंक ने लेहमन ब्रदर्स जैसी कंपनियों से पैसा वापस लौटाने के लिए कहा, लेकिन लेहमैन ब्रदर्स पर बैंकों का क्रेडिट इतना अधिक था कि उनकी सारी संपत्ति बेचने के बाद भी बैंकों का पैसा पूरा नहीं हो रहा था। जिसके बाद लेहमैन ब्रदर्स को दिवालिया घोषित करना पड़ा। इस घटना ने अमेरिका के बाजार, बैंकिंग सिस्टम सबको हिला कर रख दिया। जिसके बाद देखते ही देखते दुनिया भर के बाजार धाराशायी हो गए। लेहमन ब्रदर्स जैसी परिस्थिति क्रेडिट सुइस उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है? के उदाहरण के साथ वित्त में स्वैप क्या है? सामने भी उभर रही है। बता दें, 2008 में क्रेडिट डिफॉल्ट स्वैप स्प्रेड 2.5 प्रतिशत था। सरल शब्दों में कहा जाए अभिषेक को जितने प्रतिशत ब्याज पर कंपनी ने इंश्योरेंस दिया था। वही, क्रेडिट स्वैप स्प्रेड कहलाता है। यह जितना अधिक होगा रिस्क उतना अधिक रहेगा।
टेलीकॉम सर्विस के लिए अडानी को मिला लाइसेंस, Jio- एयरटेल को टक्कर
क्रेडिट सुइस बैंक ने क्या गलती की?
2008 के बाद बैंकिंग सिस्टम में बहुत बदलाव देखने को मिला है। लेकिन क्रेडिट सुइस ने अपने काम करने के तारीकों में बहुत संशोधन नहीं किया। बैंक रिस्क लेता रहा है। रिस्क लेने की इसी खासियत ने उसके सामने खतरा पैदा कर दिया है। GreenSill जैसी कंपनियों में किया गया अरबों को निवेश डूब गया है। वहीं, बीते दो साल के दौरान बैंक के मैनेजमेंट में काफी उथल-पुथल मची हुई थी। जिसकी वजह से संकट गहराता गया। पहले कोविड और फिर रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से परिस्थितियां नियंत्रण के बाहर चली गई। क्रेडिट सुइस बैंक का क्रेडिट स्वैप स्प्रेड 2.7 है। 2008 में लेहमैन ब्रदर्स का 2.5 क्रेडिट स्वैप स्प्रेड था। 2008 में इसके बाद ही लेहमैन ब्रदर्स के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली थी। और पूरी दुनिया मंदी के गिरफ्त में आ गई थी।
क्रेडिट सुइस की आर्थिक स्थिति कैसी है?
बीते 7 में से 5 तिमाही में कंपनी को नुकसान उठाना पड़ा है। साल 2022 में क्रेडिट सुइस के शेयर 60 प्रतिशत तक टूट गए है। BQ Prime के अनुसार कभी 1.1 ट्रिलियन का एसेट मैनेज करने वाली कंपनी का मार्केट कैप एचडीएफसी की तुलना में 10 गुना कम हो गया है। आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए 5000 लोगों को नौकरी से निकालना पड़ा। टॉप मैनेजमेंट में बदलाव करना पड़ा है।
क्या संभल जाएगी परिस्थिति?
रूस और यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस ने यूरोप की एनर्जी सप्लाई को काट दिया है। यह कटौती ऐसे समय में हुई है जब सर्दियों के सीजन में एनर्जी की खपत बढ़ जाती है। रूस की कटौती के बाद ऊर्जा की कीमतों में तेज इजाफा आएगा। डॉलर के मुकाबले पाउंड की कीमतों में 22 प्रतिशत तक की गिरावट देखने को मिली है। अमेरिका से भी निराश करने वाली खबर ही सामने आ रही है। इस साल पहली दो तिमाही के दौरान यूएस की जीडीपी के आंकड़ों ने निराश किया है। कुल मिला-जुलाकर संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। जानकारों की मानें तो अगर क्रेडिट सुइस दिवालिया हुआ तो 2008 से बड़ी मंदी देखने को मिल सकती है।