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© Reuters. भारत ने सीओपी27 में कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की

टाटा कन्ज्यूमर के साथ विलय की घोषणा के बाद भागा टाटा कॉफी का शेयर, जानिए निवेश रणनीति

टाटा कॉफी लिमिटेड का शेयर आज बुधवार को तेजी से भाग रहा है. इस तेजी की वजह है टाटा कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (टीसीपीएल) के साथ टाटा कॉफी का विलय. पुनर्गठन योजना के तहत टाटा कन्ज्यूमर ने इस कंपनी के सभी कारोबारों को अपने में विलय करने की घोषणा की थी. दिन के कारोबार में टाटा कॉफी के शेयर 10 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 215 रुपए के ऊपर ट्रेड कर रहा है. सुबह के सत्र में इसमें 13 प्रतिशत की तेजी दिख रही थी.

बीएसई पर सुबह टाटा कॉफी लिमिटेड (टीसीएल) का शेयर 12.91 फीसदी की बढ़त के साथ 221.60 रुपये पर आ गया. टाटा कन्ज्यूमर प्रोडक्ट्स का शेयर भी 5.28 फीसदी चढ़कर 782.50 पर आ गया. टीसीपीएल ने टीसीएल के सभी कारोबारों के अपने साथ विलय की मंगलवार को घोषणा की थी.

कंपनी ने एक बयान में कहा कि टीसीएल के बागान व्यवसाय का टीसीपीएल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहयोगी कंपनी टीसीपीएल बेवरेजेज ऐंड फूड्स लिमिटेड (टीबीएफएल) में विलय कर दिया जाएगा. वहीं टीसीएल के निष्कर्षण और ब्रांडेड कॉफी व्यवसाय समेत शेष कारोबार को टीसीपीएल के साथ मिला दिया जाएगा.

10 के बदले 3 शेयर मिलेंगे
कंपनी ने कहा कि इस योजना के तहत, टीसीएल (टीसीपीएल के अलावा) के शेयरधारकों को प्रत्येक 10 इक्विटी शेयरों के लिए टीसीपीएल के कुल 3 इक्विटी शेयर प्राप्त होंगे. यह डीमर्जर के लिए विचाराधीन टीसीएल के प्रत्येक 22 इक्विटी शेयरों के लिए टीसीपीएल के 1 इक्विटी शेयर जारी करने के माध्यम से किया जाएगा. विलय के लिए, टीसीएल के प्रत्येक 55 इक्विटी शेयरों के लिए टीसीपीएल के 14 इक्विटी शेयर जारी किए जाएंगे.

भारत ने सीओपी27 में कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की

शेयर बाजार 14 नवंबर 2022 ,22:15

भारत ने सीओपी27 में कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की

© Reuters. भारत ने सीओपी27 में कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की

नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। भारत ने सोमवार जानिए निवेश रणनीति को 27वें पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी27) के दौरान जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को अपनी दीर्घकालिक कम उत्सर्जन विकास रणनीति प्रस्तुत की, जिसका उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय संसाधनों के तर्कसंगत उपयोग पर विशेष ध्यान देना है। इसमें आगे कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन से अन्य स्रोतों में बदलाव न्यायसंगत, सरल, स्थायी और सर्व-समावेशी तरीके से किया जाएगा।केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, जो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने दीर्घकालिक कम-उत्सर्जन विकास रणनीति का शुभारंभ किया। कॉप 27 6 से 18 नवंबर तक मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित किया गया है। यह आगे जैव ईंधन के बढ़ते उपयोग, विशेष रूप से पेट्रोल में इथेनॉल सम्मिश्रण पर केंद्रित है। उत्सर्जन रणनीति में परिवहन क्षेत्र के निम्न कार्बन विकास को चलाने के लिए हरित हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग को अधिकतम करने की भी परिकल्पना की गई है।

उत्सर्जन रणनीति में कहा गया, भारत 2025 जानिए निवेश रणनीति तक इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को अधिकतम करने, 20 प्रतिशत तक इथेनॉल का सम्मिश्रण करने एवं यात्री और माल ढुलाई के लिए सार्वजनिक परिवहन के साधनों में एक सशक्त बदलाव लाने की आकांक्षा रखता है। हालांकि शहरीकरण की प्रक्रिया हमारे वर्तमान अपेक्षाकृत कम शहरी आधार के कारण जारी रहेगी। भविष्य में स्थायी और जलवायु सहनीय शहरी विकास निम्न द्वारा संचालित होंगे- स्मार्ट सिटी पहल, ऊर्जा और संसाधन दक्षता में वृद्धि तथा अनुकूलन को मुख्यधारा में लाने के लिए शहरों की एकीकृत योजना, प्रभावी ग्रीन बिल्डिंग कोड और अभिनव ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन में तेजी से विकास।

भारत की कम उत्सर्जन रणनीति परफॉर्म, अचीव एंड ट्रेड (पीएटी) योजना, राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन, सभी प्रासंगिक प्रक्रियाओं और गतिविधियों में विद्युतीकरण के उच्च स्तर, भौतिक दक्षता को बढ़ाने और चक्रीय अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए पुनर्चक्रण एवं स्टील, सीमेंट, एल्युमिनियम और अन्य जैसे कठिन क्षेत्रों में अन्य विकल्पों की खोज आदि के माध्यम से ऊर्जा दक्षता में सुधार जानिए निवेश रणनीति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

रणनीति आगे उल्लिखित है- भारत का उच्च आर्थिक विकास के साथ-साथ पिछले तीन दशकों में वन और वृक्षों के आवरण को बढ़ाने का एक मजबूत रिकॉर्ड रहा है। भारत में जंगल में आग की घटनाएं वैश्विक स्तर से काफी नीचे है, जबकि देश में वन और वृक्षों का आवरण 2016 में कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन का 15 प्रतिशत अवशोषित करने वाला शुद्ध सिंक मौजूद है। भारत 2030 तक वन वृक्षों के आवरण द्वारा 2.5 से 3 अरब टन अतिरिक्त कार्बन अवशोषण की अपनी एनडीसी प्रतिबद्धता को पूरा करने के मार्ग पर है।

सबसे महत्वपूर्ण रूप से विकसित देशों द्वारा जलवायु वित्त का प्रावधान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसे यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों के अनुसार मुख्य रूप से सार्वजनिक स्रोतों से अनुदान और रियायती ऋण के रूप में काफी बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि पैमाने, दायरे और गति को सुनिश्चित किया जा सके।

भारत-ब्रिटेन के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्‍व देता है : प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने बाली में हो रहे जी-20 शिखर सम्‍मेलन के अवसर पर आज फ्रांस, सिंगापुर, इटली, जर्मनी, ऑस्‍ट्रेलिया और ब्रिटेन के नेताओं के साथ अलग से बैठकें की। फ्रांस के राष्‍ट्रपति इमैनुएल मैक्रां के साथ मुलाकात में दोनों नेताओं ने रक्षा, व्‍यापार, निवेश और आर्थिक साझेदारी के नये क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा की। उन्‍होंने क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा की।सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन लूंग के साथ द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं ने भारत और सिंगापुर के बीच हरित अर्थव्‍यवस्‍था, नवीकरणीय ऊर्जा और वित्‍तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के उपायों के साथ व्‍यापारिक संबंधों को मजबूत बनाने पर विचार-विमर्श किया। श्री मोदी ने सिंगापुर को भारत की एक्‍ट ईस्‍ट पॉलिसी का महत्‍वपूर्ण स्‍तंभ बताया।

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्‍ज के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने भारत और जर्मनी के बीच आर्थिक और रक्षा सहयोग मजबूत बनाने के उपायों पर चर्चा की। श्री मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री जॉर्ज मेलोनी के साथ चर्चा में ऊर्जा, रक्षा, आर्थिक भागीदारी, संस्‍कृति और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनिज़ के साथ द्विपक्षीय वार्ता में व्‍यापक रणनीति साझेदारी को मजबूत बनाने के साथ ही शिक्षा, नवाचार और अन्‍य क्षेत्रों में सहयोग पर भी जोर दिया। श्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ भी मुलाकात की और भारत तथा ब्रिटेन के बीच व्‍यापारिक संपर्क रक्षा सहयोग और दोनों देशों के लोगों के बीच जुड़ाव को मजबूत करने के उपायों पर बातचीत की। श्री मोदी ने कहा कि भारत-ब्रिटेन के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्‍व देता है।

LIC Jeevan Akshay Policy में निवेश करके कमा सकते है हर महीने 36,000 रुपये

You can earn Rs 36,000 per month by investing in LIC Jeevan Akshay Policy

आप रिटायरमेंट के बाद अच्छी आमदनी चाहते हैं तो आप भारतीय जीवन बीमा निगम की इस योजना में इन्वेस्ट कर सकते हैं। आप हर महीने लगभग 36,000 रुपये कमा सकते हैं। इस रणनीति के साथ, एलआईसी अपने निवेशकों को लाभ का मासिक अवसर प्रदान कर रही है।

एलआईसी की जीवन अक्षय नीति:

एलआईसी ने एलआईसी जीवन अक्षय पॉलिसी कार्यक्रम को फिर से शुरू कर दिया है। केवल एक भुगतान करके आप इस पॉलिसी के साथ आजीवन लाभ प्राप्त कर सकते हैं।यह जीवन अक्षय पॉलिसी एक व्यक्तिगत, सिंगल-प्रीमियम, नॉन-लिंक्ड, नॉन-पार्टिसिपेटिंग एन्युइटी प्लान है।

इस पॉलिसी से हर महीने 36,000 रुपये प्राप्त करने के लिए, आपको एक समान दर ऑप्शन पर जीवन के लिए देय वार्षिकी का चयन करना होगा। इसके तहत आपको हर महीने एकमुश्त पेंशन भुगतान प्राप्त होगा। यदि आप 45 वर्ष के हैं और इस योजना में नामांकन करना चाहते हैं, तो आपको 70 लाख रुपये के सम एश्योर्ड ऑप्शन को चुनने पर 71,26,000 रुपये के प्रीमियम का एकमुश्त भुगतान करना होगा। इसमें इन्वेस्ट करने पर आपको 36429 रुपए मासिक पेंशन मिलेगी। जानिए निवेश रणनीति व्यक्ति का निधन हो जाने पर पेंशन खत्म हो जाएगी।

इस आयु वर्ग के लोग लाभ उठा सकते हैं:

यह एलआईसी योजना 35 और 85 वर्ष की आयु के बीच के लोगों के लिए उपलब्ध है। इसके अलावा, विकलांग व्यक्ति इस नीति का लाभ उठा सकते हैं। इस नीति के साथ, आपके पास पेंशन प्राप्त करने के दस अलग-अलग ऑप्शन हैं।

मासिक पेंशन मिलनी चाहिए:

मान लीजिए कि आप 75 साल के हैं। नतीजतन, आपको रुपये के एकमुश्त प्रीमियम जानिए निवेश रणनीति का भुगतान करना होगा। 610800. इस पर बीमित राशि रु. 6 लाख। इसमें सालाना पेंशन 1,000 रुपये होगी। 76,650, अर्धवार्षिक पेंशन रु। 37-35 हजार और त्रैमासिक पेंशन रु। 18,225। और पेंशन हर महीने 6,000 रुपये होगी। जीवन अक्षय योजना के तहत 12000 रुपये वार्षिक पेंशन की पेशकश की जाती है।

कम इन्वेस्टमेंट का ऑप्शन उपलब्ध होगा:

आप इस प्लान में थोड़ा सा पैसा लगा सकते हैं, जिसके बाद आपको सालाना 12,000 रुपये पेंशन मिलेगी। यदि आपके पास निवेश करने के लिए अधिक पैसा है तो आप अन्य संभावनाओं को चुन सकते हैं। सिर्फ 1 लाख रुपये के निवेश से आप हर महीने पैसा कमा सकते हैं। 1 लाख रुपये के निवेश पर आपको हर साल 12000 रुपये मिलेंगे। इस योजना में अधिकतम निवेश की कोई ऊपरी सीमा नहीं है।

भारत ने सीओपी27 में कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की

शेयर बाजार 14 नवंबर 2022 ,22:15

भारत ने सीओपी27 में कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की

© Reuters. भारत ने सीओपी27 में कम उत्सर्जन विकास रणनीति पेश की

नई दिल्ली, 14 नवंबर (आईएएनएस)। भारत ने सोमवार को 27वें पार्टियों के सम्मेलन (सीओपी27) के दौरान जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) को अपनी दीर्घकालिक कम उत्सर्जन विकास रणनीति प्रस्तुत की, जिसका उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय संसाधनों के तर्कसंगत उपयोग पर विशेष ध्यान देना है। इसमें आगे कहा गया है कि जीवाश्म ईंधन से अन्य स्रोतों में बदलाव न्यायसंगत, सरल, स्थायी और सर्व-समावेशी तरीके से किया जाएगा।केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव, जो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, ने दीर्घकालिक कम-उत्सर्जन विकास रणनीति का शुभारंभ किया। कॉप 27 6 से 18 नवंबर तक मिस्र के शर्म-अल-शेख में आयोजित किया गया है। यह आगे जैव ईंधन के बढ़ते उपयोग, विशेष रूप से पेट्रोल में इथेनॉल सम्मिश्रण पर केंद्रित है। उत्सर्जन रणनीति में परिवहन क्षेत्र के निम्न कार्बन विकास को चलाने के लिए हरित हाइड्रोजन ईंधन के उपयोग को अधिकतम जानिए निवेश रणनीति करने की भी परिकल्पना की गई है।

उत्सर्जन रणनीति में कहा गया, भारत 2025 तक इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को अधिकतम करने, 20 प्रतिशत तक इथेनॉल का सम्मिश्रण करने एवं यात्री और माल ढुलाई के लिए सार्वजनिक परिवहन के साधनों में एक सशक्त बदलाव लाने की आकांक्षा रखता है। हालांकि शहरीकरण की प्रक्रिया हमारे वर्तमान अपेक्षाकृत कम शहरी आधार के कारण जारी रहेगी। भविष्य में स्थायी और जलवायु सहनीय शहरी विकास निम्न द्वारा संचालित होंगे- स्मार्ट सिटी पहल, ऊर्जा और संसाधन दक्षता में वृद्धि तथा अनुकूलन को मुख्यधारा में लाने के लिए शहरों की एकीकृत योजना, प्रभावी ग्रीन बिल्डिंग कोड और अभिनव ठोस व तरल अपशिष्ट प्रबंधन में तेजी से विकास।

भारत की कम उत्सर्जन रणनीति परफॉर्म, अचीव एंड ट्रेड (पीएटी) योजना, राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन, सभी प्रासंगिक प्रक्रियाओं और गतिविधियों में विद्युतीकरण के उच्च स्तर, भौतिक दक्षता को बढ़ाने और चक्रीय अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए पुनर्चक्रण एवं स्टील, सीमेंट, एल्युमिनियम और अन्य जैसे कठिन क्षेत्रों में अन्य विकल्पों की खोज आदि के माध्यम से ऊर्जा दक्षता में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

रणनीति आगे उल्लिखित है- भारत का उच्च आर्थिक विकास के साथ-साथ पिछले तीन दशकों में वन और वृक्षों के आवरण को बढ़ाने का एक मजबूत रिकॉर्ड रहा है। भारत में जंगल में आग की घटनाएं वैश्विक स्तर से काफी नीचे है, जबकि देश में वन और वृक्षों का आवरण 2016 में कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन का 15 प्रतिशत अवशोषित करने वाला शुद्ध जानिए निवेश रणनीति सिंक मौजूद है। भारत 2030 तक वन वृक्षों के आवरण द्वारा 2.5 से 3 अरब टन अतिरिक्त कार्बन अवशोषण की अपनी एनडीसी प्रतिबद्धता को पूरा करने के मार्ग पर है।

सबसे महत्वपूर्ण रूप से विकसित देशों द्वारा जलवायु वित्त का प्रावधान बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और इसे यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों के अनुसार मुख्य रूप से सार्वजनिक स्रोतों से अनुदान और रियायती ऋण के रूप में काफी बढ़ाया जाना चाहिए, ताकि पैमाने, दायरे और गति को सुनिश्चित किया जा सके।

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