डेमो खाता

The 48th Meeting of the GST Council will be held on 17th December, 2022 by Video Conference . — GST Council (@GST_Council) November 25, 2022
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में हर रामनवमी रामलला के माथे पर दिखेगी सूरज की किरणें, इंजीनियर्स और वैज्ञानिकों को मॉडल बनाने के निर्देश
Ram Mandir Ayodhya: राम मंदिर में हर साल राम नवमी पर राम की मूर्ति तक सूरज की किरण पहुंचने की तकनीक पर वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।
फाइल फोटो
Ram Mandir Ayodhya: डेमो खाता अयोध्या (Ayodhya) में निर्माणाधीन राम मंदिर (Ram Mandir) का काम वर्ष 2024 में पूरा हो जाएगा। राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। सरकारी वैज्ञानिकों को एक ऐसा ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम विकसित करने के लिए कहा गया है जिसके जरिए हर साल राम नवमी पर मंदिर में राम मूर्ति के माथे पर सूर्य की किरण प्रदर्शित होंगी। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीबीआरआई) रुड़की और दो अकादमिक संस्थानों के खगोलविद सिस्टम के डिजाइन पर काम कर रहे हैं।
क्या है योजना
ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम में लेंस, दर्पण और माइक्रोकंट्रोलर का उपयोग होगा। जिसे सूर्य की बदलती स्थिति के साथ तालमेल बिठाया जाएगा। सूर्य की किरणें हर साल राम नवमी पर मूर्ति के माथे पर एक बिन्दु पर पड़ेगी। वैज्ञानिक की एक टीम ने यहां डेमो करते हुए कुछ सीन क्रिएट कर दिखाए। इसमें एक रोशनी दिशा को ठीक उस एंगल में प्रदर्शित किया गया है जिस एंगल में रामनवमी के दिन ठीक 12 बजे सूर्य देव की स्थिति होगी। वैज्ञानिकों के अनुसार इस संबंध में एक रेखाचित्र भी तैयार किया गया है। जिसमें रामलला विराजमान और सूर्य देव की स्थिति को दर्शाया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई थी इच्छा
राम मंदिर निर्माण के दौरान चल रही तैयारियों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी(Narendra Modi) ने यह इच्छा जाहिर की थी कि अयोध्या में राम मंदिर (Ram Mandir) में विराजमान राम लला की मूर्ति डेमो खाता के माथे पर सूर्य की किरण प्रदर्शित हों। उन्होने वैज्ञानिकों से इस मामले को लेकर चर्चा भी की थी। जिसके बाद इस योजना को लेकर वैज्ञानिकों ने एक डेमों पेश किया है।
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कमेटी का किया गया है गठन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के निर्देश के बाद से इस मामले को लेकर वैज्ञानिकों की अलग-अलग टीम काम करने में जुट गयी थीं। इसके लिए ओडिशा (Odisha) स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर को उदाहरण के तौर पर लिया गया जहां मंदिर के अंदर सूर्य की किरणें पहुंचती हैं। राम मंदिर (Ram Mandir) की तैयारियों के बीच इस काम को सफल बनाने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है। इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली, आइआइटी मुम्बई, आइआइटी रुड़की सहित राट्रीय भवन निर्माण संस्थान के विशेषज्ञ शामिल हैं।
लव कपल को तीन गुना तो, दिल टूटने पर 5 रुपए में यहां पिलाई जाती है चाय
प्यार में धोखा मिलने पर अक्सर लोग टूट जाते हैं लेकिन एमपी में ऐसे कई युवा हैं जो प्यार में धोखे के बाद बिजनेस शुरु कर रहे हैं और अब सोशल मीडिया पर फेमस हो रहे हैं.
भोपाल। भोपाल। प्यार में धोखा खाने के बाद डिप्रेशन, सुसाइड की कोशिश जैसे मामले तो अब तक आपने सुने होंगे। लेकिन मध्यप्रदेश के युवा प्यार में मिले धोखे के बाद खुद को संभालते हुए जीवन की राह में आगे बढ़ रहे हैं। जी हां हाल ही में एमपी के कुछ युवाओं के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। जिनमें साफ नजर आ रहा है कि प्यार में धोखा खाने के बाद उनकी मनोस्थिति कैसी है? उन्होंने कोई भी नकारात्मक कदम उठाने के बजाय खुद को संभाला और अपना बिजनेस शुरू कर दिया। और एक नहीं बल्कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें वे चाय की दुकान खोले नजर आ रहे हैं और उन्हें वायरल कर रहा है उनकी दुकानों का नाम, सभी ने अपनी दुकानों का नाम रखते हुए आगे बेवफा टाइटल जोड़ दिया है। बेवफा के नाम से शुरू की इन चाय की दुकानों पर लोगों की भीड़ उमड़ रही है। कोई इनके साथ सेल्फी ले रहा है, तो कोई उनकी प्रेम कहानी सुनने ही यहां चाय पीने पहुंच रहा है। आप भी जानें एम पी के इन बेवफा चाय वालों की इंट्रेस्टिंग स्टोरी.
किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं
मध्यप्रदेश के बैतूल जिले का एक चायवाला इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। चायवाले के वायरल होने की वजह इसकी चाय की दुकान का नाम है। और उसकी दुकान का नाम है बेवफा चायवाला. जी हां नाम काफी फिल्मी है लेकिन बेवफा चायवाले की रियल स्टोरी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। मामला बैतूल के शाहपुर क्षेत्र के एनएच 69 पर स्थित डोडरामोहर गांव का है। दुकान का नाम सोशल मीडिया में भी वायरल हो रहा है और आसपास के लोग इस दुकान के सामने सेल्फी लेने डेमो खाता भी पहुंच रहे हैं। यह तो सिर्फ एक मामला है। अब ऐसा ही मामला सामने आया है ग्वालियर और बैतूल में। जिसके बाद आप कह सकते हैं कि प्यार में धोखा खाने वाले एमपी के युवा अपना बिजनेस कर नये मुकाम हासिल कर रहे हैं। इसके लिए वह कुछ नया करने के फेर में अपनी गर्ल बेवफा गर्लफ्रेंड को चिढ़ाते से महसूस होते हैं।
बैतूल में है बेवफा चायवाला स्पेशल चाय कॉर्नर
बेवफा चायवाला स्पेशल चाय कॉर्नर अपने अलग नाम को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस बेवफा चायवाला स्पेशल कॉर्नर को संचालित करने वाले का नाम हैमंगल अहांके। मंगल डोडरामोहर गांव का रहने वाला है जिसका कहना है कि उसे प्यार में धोखा मिला, जिस लड़की से वो प्यार करता था। उसने उसे छोड़कर किसी और से शादी कर ली। प्रेमिका की बेवफाई के गम में मंगल काफी दिनों तक परेशान रहा लेकिन फिर उसने प्रेमिका की बेवफाई को ही अपनी ताकत बनाया और रेलवे क्रॉसिंग के पास एक चाय की दुकान खोली जिसका नाम रखा बेवफा चायवाला स्पेशल चाय कॉर्नर। अलग नाम के कारण दुकान चल पड़ी और सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद यहां पर लोग सेल्फी लेने भी पहुंच रहे हैं।
राजगढ़ में बेवफा फ्रेंड को चिढ़ाने खोली दुकान
अब हम बात कर रहे हैं राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में चाय की दुकान शुरू करने वाले एक दिलजले आशिक की। इस दिलजले आशिका का नाम है अंतर गुर्जर। अंतर प्यार में धोखे को सह नहीं सका। उदासी ने चारों तरफ से घेर लिया। जुनून में ब्लेड से शरीर के डेमो खाता हाथ और सीने पर प्रेमिका के नाम का पहला शब्द एम तक लिखकर खुद को लहूलुहान कर लिया। एक दिन उसने मरने का मन बनाया। लेकिन, एक दोस्त ने समझाया कि मरने से क्या होगा, उसने हौसला बढ़ाते हुए कुछ बनकर बेवफा प्रेमिका को दिखाने की चुनौती दी।
बेवफा को चिढ़ाने ऐसा रखा दुकान का नाम
इश्क में धोखा खाने के बाद करीब डेढ़ साल बाद युवक ने चाय की दुकान खोल ली। दुकान का नाम एम बेवफा रखा। एम से उसकी गर्ल फ्रेंड का नाम शुरू होता है। इसलिए उसने इसे सिर्फ एम लिखा और फिर दुकान का नाम जोड़ दिया। अंतर का कहना है, उस समय उसकी प्रेमिका ने उससे कहा था कि जब कभी दुकान खोलो तो उसका नाम मेरे नाम पर रखना। सच्चे प्रेमी डेमो खाता ने बेवफा प्रेमिका का वादा पूरा करते हुए एम बेवफा चायवाला दुकान का नाम रख दिया। दिलजले आशिक की दुकान में लिखी एक शायरी भी चर्चा का विषय बनी हुई है।
इन्हें यहां सस्ती मिलती है चाय
बता दें कि प्यार में धोखा खाए लोगों को इस दुकान पर चाय सस्ती मिलती है। प्रेमी जोड़ों के लिए चाय की कीमत डबल है। ग्राहकों को दुकान का नाम और दुकान की चाय भी खूब पसंद आ रही है। दुकान पर डेमो खाता चाय पांच और 10 रुपए में मिलती है। प्रेमी जोड़ों के लिए चाय की कीमत 10 रुपये है और दिलजले आशिक के लिए चाय पांच रुपए तक सस्ती मिलती है।
यहां मिल जाएगी प्रेमियों के लिए हर मूड की चाय
अब हम बात कर रहे हैं ग्वालियर में रहने वाले ऐसे ही चाय वाले की जिसने अपनी स्टॉल का नाम रखा है कालू बेवफा चायवाला। आपको इस स्टॉल पर लोगों की समस्या के मुताबिक चाय मिलती है। दुकान पर लगे पोस्टर के साथ कोई सेल्फी लेता है तो, पोस्टर देखते ही कोई चाय पीने चला आता है। चाय के नामों की वजह से ही यह चाय वाला चर्चा में है। पहला पत्नी से प्रताडि़त लोगों के लिए मुफ्त में चाय, प्यार में धोखा खाए हुए लोगों की चाय, प्रेमी जोड़ों के लिए स्पेशल चाय, नए प्रेमियों की चाय, मन चाहा प्यार पाने के लिए, अकेलापन चाय है. इसके साथ ही यहां अपनी पत्नी को साथ में लेकर आने वाले व्यक्ति को अपने प्यार का डेमो देना होता है।
प्यार में दो बार मिल चुका है धोखा
कालू बेवफा चाय वाले ने बताया कि वह प्यार में दो बार धोखा खा चुका है इसलिए उसने अपनी दुकान नाम बेवफा चाय वाला रख दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो इसके पोस्टर को लोग खूब पसंद कर रहे है। इस स्टॉल पर मिलने वाली सबसे महंगी चाय 49 रुपये की है, जिस पर कालू चायवाले का मानना है कि जिसे प्यार में सबकुछ मिल चुका है तो, उसे ही यह चाय पिलाएंगे।
कालू बेवफा चायवाला का चाय मेन्यू
1. पत्नी से प्रताडि़त लोगों के लिए चाय - फ्री
2. प्यार में धोखा खाए हुए लोगों के लिए चाय - 5 रुपए
3. नए प्रेमियों की चाय - 10 रुपए
4. प्रेमी जोड़ों के लिए स्पेशल चाय - 15 रुपए
5. अकेलापन चाय - 20 रुपए
6. मनचाहा प्यार पाने के लिए चाय - 49 रुपए
जीएसटी काउंसिल की बैठक 17 दिसंबर को, ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी लगाने को लेकर होगा फैसला
LagatarDesk : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 17 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की 48वीं बैठक होने वाली है. यह बैठक वीडियो कॉफ्रेन्सिंग के जरिए होगी. सूत्रों के अनुसार , कसीनो, रेस कोर्स और ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी लगाने के लिए मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अगुवाई में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स बनाया गया था. जिस पर बैठक में चर्चा होगी और ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर विचार हो सकता है. साथ ही जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण की स्थापना पर राज्य के वित्त मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट पर भी चर्चा की जायेगी. इसके अलावा जीएसटी कानून के कुछ प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने को लेकर अधिकारियों की समिति की एक रिपोर्ट पर भी विचार-विमर्श होने की संभावना है. (पढ़ें, Exclusive : PLFI उग्रवादी पुनई उरांव एनकाउंटर मामला : मानवाधिकार आयोग ने DGP, रांची DC और SSP को किया समन)
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चंडीगढ़ में हुई थी जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक
बता दें कि जीएसटी काउंसिल की पिछली बैठक 28-29 जून को चंडीगढ़ में हुई थी. इस बैठक में कई चीजों पर जीएसटी बढ़ा दिया था. इनमें एलईडी लैंप और सोलर वॉटर हीटर शामिल थे. इन वस्तुओं पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दी गयी थी. साथ ही काउंसिल ने टेट्रा पैंक पर भी जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किया था. इसके अलावा तराशे गये हीरों पर जीएसटी 0.25 फीसदी से बढ़ाकर 1.5 फीसदी किया गया था. जीएसटी की बढ़ी हुई दरें 18 जुलाई, 2022 से लागू हुई थीं.
केंद्र ने राज्यों को दिया 17,000 करोड़ का GST बकाया
बता दें कि केंद्र सरकार ने 24 नवंबर को राज्यों को जीएसटी बकाया का 17,000 करोड़ जारी किया. जीएसटी बकाया अप्रैल से जून 2022 का था. वित्त वर्ष 2022-23 में राज्यों को अब तक 1.15 लाख करोड़ का जीएसटी बकाया दिया जा चुका है. मंत्रालय के बयान के अनुसार, जीएसटी सेस के रूप में अक्टूबर 2022 तक केवल 72, 147 करोड़ का ही टैक्स कलेक्शन हुआ है. लेकिन केंद्र सरकार की ओर से 43,515 करोड़ खुद के संसाधनों से जुटाकर दिये गये हैं.
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महाराष्ट्र को डेमो खाता मिला सबसे अधिक जीएसटी बकाया
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने जीएसटी का जो बकाया जारी किया है. इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी महाराष्ट्र की रही है. महाराष्ट्र के खाते में 2081 करोड़ पहुंचे हैं. वहीं 1915 करोड़ के हिस्से के साथ कर्नाटक दूसरे नंबर पर रहा है. दिल्ली को इस खेप में 1200 करोड़ रुपये मिले हैं. जबकि उत्तर प्रदेश को 1202 करोड़ और तमिलनाडु को 1188 करोड़ हासिल हुए हैं. इसके अलावा पंजाब के खाते में 984 करोड़, पश्चिम बंगाल को 814 करोड़, राजस्थान को 806 करोड़ और गुजरात को 856 करोड़ रुपये हासिल हुए हैं. झारखंड को कुल 338 करोड़ डेमो खाता और बिहार को 91 करोड़ रुपये मिले हैं.
Ram Mandir Ayodhya: अयोध्या में हर रामनवमी रामलला के माथे पर दिखेगी सूरज की किरणें, इंजीनियर्स और वैज्ञानिकों को मॉडल बनाने के निर्देश
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फाइल फोटो
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क्या है योजना
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प्रधानमंत्री मोदी ने जताई थी इच्छा
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के निर्देश के बाद से इस मामले को डेमो खाता लेकर वैज्ञानिकों की अलग-अलग टीम काम करने में जुट गयी थीं। इसके लिए ओडिशा (Odisha) स्थित कोणार्क का सूर्य मंदिर को उदाहरण के तौर पर लिया गया जहां मंदिर के अंदर सूर्य की किरणें पहुंचती हैं। राम मंदिर (Ram Mandir) की तैयारियों के बीच इस काम को सफल बनाने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया गया है। इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) दिल्ली, आइआइटी मुम्बई, आइआइटी रुड़की सहित राट्रीय भवन निर्माण संस्थान के विशेषज्ञ शामिल हैं।