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क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं

क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं
13 नवंबर, 2021 को, पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी के लिए आगे बढ़ने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की और उसी के बारे में भ्रामक गैर-पारदर्शी विज्ञापन के मुद्दे को हरी झंडी दिखाई। यह कहते हुए कि क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ता नहीं बनने दिया जा सकता, सूत्रों ने संकेत दिया कि केंद्र सभी हितधारकों के साथ जुड़ना जारी रखेगा। 5 दिन बाद सिडनी डायलॉग में अपने मुख्य भाषण के दौरान पहली बार क्रिप्टोकरेंसी पर सार्वजनिक रूप से बोलते हुए, पीएम ने सभी लोकतांत्रिक देशों से यह क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया कि क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं में न जाए।

क्रिप्टोकरेंसी पर बैन

क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के पक्ष में भारतीय रिजर्व बैंक

आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी पर कर लगाने का प्रस्ताव करने से आभासी मुद्रा की वैधता को लेकर निवेशकों की उम्मीदें बढ़ गई थीं लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगाने की बात कही है। आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को वृहद आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा बताया है। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गनर्वर टी रविशंकर ने इंडियन बैंक्स एसोसिएशन की सालाना बैंकिंग टेक्नोलॉजी सम्मेलन में कहा, 'भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाना सबसे उपयुक्त विचार है।' उन्होंने कहा कि हमने क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने की वकालत करने वालों के तर्कों की समीक्षा की है और पाया कि उनमें से कोई भी बुनियादी समीक्षा पर खरा नहीं उतरा।

अन्य विकसित देशों में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं नहीं लगाए जाने के तर्क पर डिप्टी गवर्नर ने कहा कि उन देशों में इस पर पाबंदी इसलिए नहीं लगाई है क्योंकि उन्हें मुद्रा विनिमय को लेकर कोई जोखिम नहीं हैं। क्रिप्टो पर पाबंदी लगाए जाने से लाखों निवेशकों को चपत लगने के मसले पर रविशंकर ने कहा कि भारत में प्रतिबंध लगने का मतलब क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं यह नहीं है कि निवेशक अपना पैसा गंवा देंगे क्योंकि उन्हें अपना निवेशक निकालने की उपयुक्त सुविधा दी जा सकती है। इसके साथ ही क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले इससे जुड़े जोखिमों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।

क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध मुमकिन नहीं, रेगुलेशन ही है बेहतर उपाय

बीते दो महीने में सरकार के स्तर पर क्रिप्टो करेंसी को लेकर गतिविधियां काफी बढ़ी हैं. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 नवंबर को इस पर बैठक की. उसके दो दिन बाद फाइनेंस पर संसद की स्थायी समिति ने क्रिप्टो करेंसी से जुड़े सभी पक्षों से चर्चा की. प्रधानमंत्री ने सिडनी डायलॉग में भी इसका जिक्र किया और कहा कि विभिन्न देशों को इस पर मिलकर काम करना चाहिए.

क्रिप्टो करेंसी, दरअसल वर्चुअल करेंसी होती हैं. इन्वेस्टोपीडिया के अनुसार दुनिया में अभी 10 हजार से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी हैं, हालांकि बिटकॉइन, इथेरियम जैसे चुनिंदा करेंसी ही लोकप्रिय हैं. इनकी ट्रेडिंग एक्सचेंज पर होती है, जिन्हें क्रिप्टो एक्सचेंज कहा जाता है. भारत में क्रिप्टो एक्सचेंज करीब बांच क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं साल से हैं.

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेट होगी बैन नहीं, कानूनी दर्जा भी नहीं मिलेगा : सूत्र

प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेट होगी बैन नहीं, कानूनी दर्जा भी नहीं मिलेगा : सूत्र

सरकार जल्द ही Cryptocurrency पर एक बिल पेश करने की तैयारी कर रही है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

नए Cryptocurrency बिल के जरिए भारत में क्रिप्‍टो को बैन किए जाने की खबरों के बीच अब यह जानकारी निकल कर सामने आई है कि देश में सभी प्राइवेट क्रिप्‍टो को विनियमित किया जाएगा न कि प्रतिबंध‍ित. सूत्रों क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं ने 'Cryptoasset Bill' के हवाले से यह जानकारी दी है. प्रस्तावित क्रिप्टोकरेंसी बिल पर सरकार द्वारा सर्कुलेट किए गए कैबिनेट नोट ने निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बजाय इसे विनियमित (रेगुलेट) करने का सुझाव दिया है. नोट में यह भी कहा गया है कि भारत में क्रिप्टो को कानूनी मुद्रा के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी. क्रिप्टोकरेंसी को मौजूदा क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के साथ ही निपटा जाएगा जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा. क्रिप्टोकरंसी रखने वालों को इसे घोषित करने और क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के तहत लाने के लिए एक कट-ऑफ तारीख निर्धारित की जाएगी - जिसे बाजार नियामक द्वारा विनियमित किया जाएगा.

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा प्रस्तावित वर्चुअल करेंसी को नए क्रिप्टो बिल के साथ नहीं जोड़ा गया है. हालांकि, केंद्रीय बैंक क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित मुद्दों को नियंत्रित करेगा. विनिमय प्रावधानों का उल्लंघन करने वालों को डेढ़ साल तक के कारावास का प्रावधान है. इसके साथ ही नियामक द्वारा ₹5 करोड़ से ₹20 करोड़ तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों के लिए इन संपत्तियों का उपयोग करने वालों के लिए एक निवारक के क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं रूप में, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधान उपयुक्त संशोधनों के साथ लागू होंगे.

वित्त मंत्री ने सदन में कही थी नया बिल लाने की बात

गौरतलब है कि केंद्रीय वित्‍त मंत्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सरकार जल्द ही Cryptocurrency पर क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं एक बिल पेश करेगी. उन्होंने कहा था कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह विधेयक सदन में आएगा. सरकार ने संसद के पिछले सत्र (मानसून) में भी इसी तरह के एक विधेयक को सूचीबद्ध किया था, लेकिन इसे नहीं लिया गया था. निर्मला ने कहा, "पहले का प्रयास निश्चित रूप से एक विधेयक लाने का था लेकिन, बाद में, तेजी से कई चीजें चलन में आयीं, हमने एक नए बिल पर काम करना शुरू कर दिया.

उन्होंने कहा कि मानसून सत्र के दौरान भी विधेयक लाने का "गंभीरता से प्रयास" किया गया था, प्रस्तावित विधेयक के जल्द ही पेश किए जाने की संभावना है.उन्होंने कहा कि भारत में Cryptocurrency विनियमित (रेगुलेट) नहीं है और सरकार Cryptocurrency में लेनदेन से जुड़े आकंड़े एकत्र नहीं करती है. उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार, रिजर्व बैंक क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं और ‘सेबी' लोगों को Cryptocurrency के बारे में आगाह करते रहे हैं कि यह "काफी जोखिम भरा" क्षेत्र हो सकता है और इस संबंध में और जागरूकता पैदा करने की जरूरत है.

'RBI ने की क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश'; वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में दी जानकारी

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि भारतीय रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में है। वह वीसीके सांसद थोल थिरुमावलवन के एक अतारांकित प्रश्न का जवाब दे रही थीं, जिन्होंने इस बारे में जानकारी मांगी थी कि क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता दर्ज की थी। उन्होंने सीतारमण से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा कि क्या उन्होंने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त कानून बनाने की सिफारिश की थी।

निर्मला सीतारमण ने जोर देकर कहा, "RBI ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर अपनी चिंता दर्ज की है। RBI ने उल्लेख क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं किया है कि क्रिप्टोकरेंसी एक मुद्रा नहीं है क्योंकि हर आधुनिक मुद्रा को सेंट्रल बैंक / सरकार द्वारा जारी किया जाना चाहिए। इसके अलावा, फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और कानूनी निविदा के रूप में उनकी स्थिति द्वारा लंगर डाला गया है, हालांकि क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से उच्च रिटर्न की अटकलों और अपेक्षाओं पर निर्भर करता है जो अच्छी तरह से लंगर नहीं डालते हैं, इसलिए इसका देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर एक अस्थिर प्रभाव पड़ेगा।"

विस्तार

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले भारतीय निवेशकों में मंगलवार को क्रिप्टो बिल की खबर ने चिंता बढ़ा दी है। ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि अगर भारत में क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया गया, तो उन लोगों का क्या होगा, जो इसमें भारी-भरकम निवेश कर चुके हैं। एक रिपोर्ट के मुताबकि, देश की लगभग आठ फीसदी आबाद ने कई तरह की डिजिटल मुद्राओं में निवेश किया हुआ है।

70 हजार करोड़ रुपये दांव पर लगे
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में जितने लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया है, वो भारत की आबादी का लगभग 8 प्रतिशत हैं। इन निवेशकों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये वर्तमान में दुनियाभर में प्रचलित कई तरह की डिजिटल करेंसी में लगाए हुए है। ऐसे में अगर सरकार भारत में क्रिप्टो पर बैन लगाने का फैसला करती है तो दांव 70 हजार करोड़ रुपये लगा चुके भारतीय निवेशकों के लिए तगड़ा झटका होगा। बता दें कि 2009 में लॉन्च किए जाने के बाद साल 2013 तक सिर्फ बिटक्वाइन ही एकमात्र डिजिटल करेंसी चलन में थी। लेकिन अब दुनियाभर में सात हजार से ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। हालांकि दुनिया की सबसे लोकप्रिय डिजिटल क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध नहीं मुद्रा अभी भी बिटक्वाइन बनी हुई है और इसके बाद इथेरियम का नंबर आता है।

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