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इंट्रा डे ट्रेडिंग

इंट्रा डे ट्रेडिंग
इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) करने से पहले इन बातो का रखे ध्यान - Intraday Trading for Beginners in Hindi Reviewed by Share Market Help on मार्च 03, 2021 Rating: 5

निवेशकों के लिए जरूरी जानकारी: इंट्रा-डे ट्रेडिंग पर जानें, कैसे लगेगा आयकर

शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं।

सांकेतिक तस्वीर.

कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।

लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।

कोई नौकरीपेशा इंट्रा-डे ट्रेडिंग करता है तो यह कारोबार या पेशे के रूप में अतिरिक्त आय होगी और रिटर्न भरते समय आईटीआर फॉर्म-3 का उपयोग करना होगा। वित्तवर्ष 2020-21 में अगर किसी ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग किया है तो उसे आईटीआर-3 में इसके मुनाफे या घाटे का विवरण देना होगा।

निवेशकों के लिए जरुरी जानकारी

  1. स्टॉक में निवेश से हुए नुकसान को समायोजन आठ साल किया जा सकेगा।
  2. एलटीसीजी से नुकसान की भरपाई एसटीसीजी में हो सकेगी, एसटीसीजी की भरपाई, एसटीसीजी से नहीं कर सकेंगे।
  3. इंट्रा-डे से हुए नुकसान का समायोजन करने को पेशेवरसे ऑडिट कराना जरूरी होगा।

खर्च और नुकसान के समायोजन का मौका
आयकरदाताओं को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कारोबार की श्रेणी में रखने का फायदा भी मिलता है। आयकर कानून के तहत इस ट्रेडिंग पर आए खर्च को आप कारोबारी खर्च की तरह रिटर्न में समायोजित कर सकते हैं। रिटर्न भरते समय करदाता इंटरनेट, टेलीफोन, डीमैट खाते के खर्च के अलावा ब्रोकर शुल्क पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि इसका समायोजन वेतन, अन्य कारोबार, आवासीय संपत्ति या किसी और कमाई के साथ नहीं कर सकेंगे। नुकसान को अगले साल के मुनाफे में समायोजित करने के लिए रिटर्न में भी इसका उल्लेख करना होगा।

एक से ज्यादा निवेश तो भरेंगे आईटीआर फॉर्म-2
स्टॉक में एक दिन से ज्यादा निवेश करने वाले करदाताओं रिटर्न भरते समय आईटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। ऐसे निवेशकों पर दो तरह से आयकर की देनदारी बनती है। अगर उसने 12 महीने से कम समय के लिए निवेश किया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। यह स्टॉक से एक लाख रुपये से ऊपर के शुद्ध मुनाफे पर 10 फीसदी लगता है। एलटीसीजी के मामले में नुकसान की भरपाई आठ साल तक की जा सकेगी।

विस्तार

कोविड- 19 महामारी के अनिश्तिता भरे दौर में निवेशक अब शेयर बाजार में लंबे समय तक पैसा लगाने के बजाए इंट्रा-ट्रेडिंग में हाथ आजमाने लगे हैं। नौकरीपेशा व आम आदमी भी इंट्रा-डे ट्रेडिंग में पैसे लगाना पसंद करता है। ऐसे निवेशकों के लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि इंट्रा-डे ट्रेडिंग से हुई कमाई पर आयकर गणना कैसे की जाएगी। पेश है प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट-

कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा मुनाफा
शेयर बाजार के जानकार कुंज बंसल का कहना है कि निवेशक जब एक दिन के भीतर ही स्टॉक की खरीद-फरोख्त करता है तो उसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं। इस तरह ट्रेडिंग का मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि बाजार में उतार-चढ़ाव से मुनाफा कमाना है।

लिहाजा ऐसे मुनाफे को कारोबार से हुई कमाई माना जाएगा। ट्रेडिंग करते समय भी जब निवेशक स्टॉक खरीदेगा तो भी उसे यह बताना पड़ेगा कि संबंधित स्टॉक को इंट्रा-डे के लिए खरीदा जा रहा अथवा डिलीवरी के लिए। यहां डिलीवरी का मतलब स्टॉक को एक दिन से ज्यादा समय के लिए रखना है।

कोई नौकरीपेशा इंट्रा-डे ट्रेडिंग करता है तो यह कारोबार या पेशे के रूप में अतिरिक्त आय होगी और रिटर्न भरते समय आईटीआर फॉर्म-3 का उपयोग करना होगा। वित्तवर्ष 2020-21 में अगर किसी ने इंट्रा-डे ट्रेडिंग किया है तो उसे आईटीआर-3 में इसके मुनाफे या घाटे का विवरण देना होगा।

  1. स्टॉक में निवेश से हुए नुकसान को समायोजन आठ साल किया जा सकेगा।
  2. एलटीसीजी से नुकसान की भरपाई एसटीसीजी में हो सकेगी, एसटीसीजी की भरपाई, एसटीसीजी से नहीं कर सकेंगे।
  3. इंट्रा-डे से हुए नुकसान का समायोजन करने को पेशेवरसे ऑडिट कराना जरूरी होगा।


खर्च और नुकसान के समायोजन का मौका
आयकरदाताओं को इंट्रा-डे ट्रेडिंग के कारोबार की श्रेणी में रखने का फायदा भी मिलता है। आयकर कानून के तहत इस ट्रेडिंग पर आए खर्च को आप कारोबारी खर्च इंट्रा डे ट्रेडिंग की तरह रिटर्न में समायोजित कर सकते हैं। रिटर्न भरते समय करदाता इंटरनेट, टेलीफोन, डीमैट खाते के खर्च के अलावा ब्रोकर शुल्क पर भी टैक्स छूट ले सकते हैं। हालांकि इसका समायोजन वेतन, अन्य कारोबार, आवासीय संपत्ति या किसी और कमाई के साथ नहीं कर सकेंगे। नुकसान को अगले साल के मुनाफे में समायोजित करने के लिए रिटर्न में भी इसका उल्लेख करना होगा।

एक से ज्यादा निवेश तो भरेंगे आईटीआर फॉर्म-2
स्टॉक में एक दिन से ज्यादा निवेश करने वाले करदाताओं रिटर्न भरते समय आईटीआर-2 फॉर्म चुनना होगा। ऐसे निवेशकों पर दो तरह से आयकर की देनदारी बनती है। अगर उसने 12 महीने से कम समय इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए निवेश किया है तो लघु अवधि का पूंजीगत लाभ कर देना होगा। यह स्टॉक से एक लाख रुपये से ऊपर के शुद्ध मुनाफे पर 10 फीसदी लगता है। एलटीसीजी के मामले में नुकसान की भरपाई आठ साल तक की जा सकेगी।

Intraday Trading क्या है और कैसे करें ?

intraday trading kya hai kaise kare

यदि आप शेयर मार्केट से पैसे कमाना चाहते हैं तो इसके 2 तरीके हैं- (1). किसी कम्पनी के शेयर खरीद कर लम्बे समय तक निवेश के रूप में रखना; या (2). फायदा (प्रोफिट) कमाने के लिए एक ही दिन में शेयरों की खरीद-बिक्री करना। इनमें से दूसरे तरीके को Intraday Trading कहा जाता है। Intraday का हिंदी में अर्थ होता है “एक ही दिन के भीतर”, अर्थात कोई भी ऐसा कार्य जो एक ही दिन में शुरू करके समाप्त कर दिया जाए उसको Intraday बोलते हैं। अतः शेयर मार्केट में एक ही दिन में की जाने वाली शेयरों की खरीद-बिक्री को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। यहाँ पर हम आपको Intraday Trading क्या है, Intraday Trading कैसे करें, Intraday Trading से पैसे कैसे कमाएं आदि से सम्बंधित सभी जानकारी देंगे। अतः इस लेख को अंत तक पढ़ें।

Table of Contents

Intraday Trading क्या है ?

Intraday Trading शेयर मार्केट में शेयरों की उस ट्रेडिंग गतिविधि को कहा जाता है जिसमें आप लाभ कमाने के लिए एक ही दिन में शेयरों की खरीद और बिक्री करते हैं। भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग का आधिकारिक समय सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक होता है और यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आपको समय का ख़ास ध्यान रखना होता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में समय की महत्ता इसलिए है क्योंकि Intraday Trading में यदि आपने किसी भी दिन अपने खरीदे गए शेयरों को दोपहर के 3.30 बजे तक नहीं बेचा तो वह 3.30 बजे स्वयं बिक जाएंगे। अतः इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर मार्केट की एक जोखिम भरी ट्रेडिंग गतिविधि है जिसमें आपको वित्तीय लाभ भी हो सकता है और हानि भी हो सकती है। परन्तु यदि आप इंट्राडे ट्रेडिंग की तय समय सीमा में सावधानी से शेयर बाज़ार के उतार-चढ़ाव पर नज़र रखते हैं और बिना किसी लालच के थोड़ा सा लाभ होते ही अपने उसी दिन खरीदे गए शेयर बेच देते हैं तो आप इस से प्रतिदिन कुछ ना कुछ वित्तीय लाभ कमा सकते हैं।

Intraday Trading के लिए आवश्यक दस्तावेज़

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको मुख्यतः एक बैंक खाता और एक शेयर ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है। आप अपना बैंक अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक ही बैंक में या अलग-अलग बैंकों में या बैंक अकाउंट बैंक में और ट्रेडिंग अकाउंट किसी शेयर ब्रोकर के पास खुलवा सकते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट खुलवाने के बाद उनको लिंक कीजिये और आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए तैयार हैं। यदि आप शेयर बाज़ार में लम्बे समय के लिए भी निवेश करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट खुलवाने की आवश्यकता भी होती है, परन्तु इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बैंक अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट ही पर्याप्त हैं। उपरोक्त सभी प्रकार के अकाउंट खुलवाने के लिए आपको आधार कार्ड और पैन कार्ड की आवश्यकता होती है। यदि आप शेयर मार्केट में लम्बे समय तक भी निवेश करना चाहते हैं तो इस से सम्बंधित पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए आप हमारा लेख “शेयर मार्केट क्या है और शेयर मार्केट से पैसे कैसे कमाएं” पढ़ सकते हैं।

Intraday Trading कैसे करें ?

Intraday Trading करने के लिए आपको सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक शेयर बाज़ार पर अधिक से अधिक समय बिताना होगा। आप जितना अधिक समय उस पर बिताएंगे उतनी ही सावधानी से ट्रेडिंग कर पाएंगे और एक ही दिन के शेयरों की खरीद- बिक्री में अधिक से अधिक लाभ कमा पाएंगे। यहाँ पर इंट्राडे ट्रेडिंग में यह बात तय है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। अतः तय समय सीमा के भीतर आप शेयर मार्केट पर पैनी नज़र रखते हुए शेयरों के दाम बढ़ते ही बेच देने पर लाभ कमा सकते हैं। यदि आपने अपने खरीदे हुए शेयरों की बढ़ोतरी को किसी कारणवश नोटिस नहीं किया तो हो सकता है कि फिर उस दिन 3.30 बजे तक आपके शेयरों के दाम ऊपर ही ना आएं और आपको हानि हो जाए। अतः इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ कमाने के लिए शेयर मार्केट की गतिविधियों पर नज़र रखते हुए आपको अधिक से अधिक समय शेयर बाज़ार को देना होगा। परन्तु यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है कि आप सुबह 9.30 बजे से लेकर दोपहर के 3.30 बजे तक का पूरा समय शेयर मार्केट पर बिताएं तो आपको निश्चित ही लाभ होगा। कभी- कभी किसी कारणवश ऐसा भी हो सकता है कि आपके द्वारा खरीदे गए शेयरों के दाम उस दिन एक बार भी ना बढ़े और घटते ही रहें या लगभग स्थिर रहें। ऐसी स्थिति आने पर आपको उस दिन इंट्राडे ट्रेडिंग में हानि होना निश्चित है।

Intraday Trading से पैसे कैसे कमाएं ?

आप निम्नलिखित बातों का ध्यान रख कर इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे या लाभ कमा सकते हैं:

  1. Intraday Trading के लिए सदैव ऐसी कंपनियों के शेयरों का चुनाव कीजिये जिनमें अधिक ट्रेडिंग (खरीद-बिक्री) की जाती हो। इसका लाभ यह होगा कि दाम बढ़ने पर यदि आप उनको बेचना चाहें तो वह आसानी से और एकदम बिक जाएंगे।
  2. इंट्राडे ट्रेडिंग में समय कम होने के कारण अपनी प्रोफिट लिमिट (लाभ की दर) कम रखें और थोड़ा लाभ होते ही शेयरों को बेच दें। अर्थात इंट्राडे ट्रेडिंग में लालच की कोई जगह नहीं है।
  3. इंट्राडे ट्रेडिंग में नुक्सान या हानि के लिए सदैव तैयार रहें। अतः मात्र उतने ही पैसे निवेश करें जिनको खोने के बाद आप पर वित्तीय बोझ ना पड़े।
  4. जिन शेयरों में आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए निवेश करना चाह रहे हैं उन शेयरों का पिछले कुछ दिनों के ट्रेंड (उतार- चढ़ाव) का विश्लेषण अवश्य करें और उसके अनुसार ही निवेश का निर्णय लें।
  5. एक ही दिन में कई कंपनियों के शेयरों में या एक ही कंपनी के शेयरों में कई बार ट्रेडिंग के लिए तैयार रहें।
  6. यदि आप उपरोक्त सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए अपने स्टॉक को स्मार्ट तरीके से चुनते हैं, तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में लाभ अर्जित करने की संभावनाएं सदा बनी रहती हैं।

निष्कर्ष

इस लेख के माध्यम से हमने आपको Intraday Trading क्या है, Intraday Trading कैसे करें, Intraday Trading से पैसे कैसे कमाएं आदि से सम्बंधित उपयुक्त जानकारी देने का प्रयास किया है। यदि आप स्टॉक मार्केट और इंट्राडे ट्रेडिंग में नए हैं और इसके सभी लाभ-हानि को ध्यान में रखते हुए भारतीय शेयर बाज़ार में निवेश करके पैसे कमाना चाहते हैं तो यहाँ उपलब्ध जानकारी आपको सदैव लाभकारी होगी। परन्तु इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पूर्व आपको यह जान लेना अति आवश्यक है कि शेयर मार्केट में मौजूद सभी निवेश विकल्पों में से इंट्राडे ट्रेडिंग सर्वाधिक वित्तीय जोखिम वाली गतिविधियों में से एक है। अतः इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पूर्व आप इसमें मौजूद वित्तीय जोखिम और हो सकने वाली हानि को सदैव ध्यान में रखें।

इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) करने से पहले इन बातो का रखे ध्यान - Intraday Trading for Beginners in Hindi

शेयर मार्किट एक ऐसी जगह है जहा लोग अपना पैसा इन्वेस्ट करके एक अच्छा मुनाफ़ा लेते है किन्तु शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने का अलग अलग तरिका होता है । जिसमे से एक तरिका है इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading)इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) करना शेयर मार्किट में नए लोगो के लिए काफी कठिन होता है क्यूंकि अगर आपको इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) के बारेमे कुछ पता नही है तो यह आपको नुकशान भी करवा सकता है ।

  • इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) क्या है ?

इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) एक दिन में शेयर खरीद कर बेचने का ट्रेडिंग होता है मतलब की आप शेयर मार्किट सुबह शुरू होने के बाद आप कोई भी शेयर लेते है और मार्किट बंध होने से पहले उसी दिन आप उस शेयर को बेच देते है आपको शेयर का मुनाफ़ा या नुकशान उस्सी दिन लेकर शेयर को बेचना होता है जो एक ही दिन में करना पड़ता है वो भी मार्किट शुरू होने से बंध होने तक जिसको इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) कहते है।

  • इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) में इन बातो का रखे ध्यान
  • शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग का टाइम सुबह 9:15 से दोपहर 3:30 का होता है जिस टाइम में आपको शेयर की खरीदी और बिकवाली करनी है
  • इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) में आपको एक दिन में ही खरीदी और बिकवाली करनी है अगर आप अपनी पोजीशन मार्किट बंध होने से पहले बंध नही करते तो आपको उसमे पेनाल्टी भी लग सकती है
  • इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) में आपको अपने मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन पर लगातार अपने शेयर पर नज़र रखनी पड़ेगी
  • आपको ऐसे शेयर select करने है जिसमे ज्यादा volatility (उतार-चढ़ाव) रहते हो ताकि जब आपका शेयर आपकी खरीदी हुई किमात से उप्पर जाए तो आप इंट्रा डे ट्रेडिंग अपना प्रॉफिट लेके जल्दी से निकल सके
  • आपको यह बात का पता होना चैये की इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) में नुकशान भी हो सकते है तो इसलिए आपको अपने लिए गए शेयर के पहले से ही नुकशान की सीमा तय करनी चाहिए
  • आपको किसी भी शेयर में उतना ही invest करना चाहिए जितना आप नुकशान भी जेल सके
  • अपना टारगेट (target) और स्टॉप लोस (stoploss) आर्डर लगाते वक्त तय करे |

अगर आपको टारगेट (target) और स्टॉप लोस (stoploss) के बारेमे पता नही है जो ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करे " टारगेट (target) और स्टॉप लोस (stoploss)"

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इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) करने से पहले इन बातो का रखे ध्यान - Intraday Trading for Beginners in Hindi

इंट्रा डे ट्रेडिंग (intraday trading) करने से पहले इन बातो का रखे ध्यान - Intraday Trading for Beginners in Hindi Reviewed by Share Market Help on मार्च 03, 2021 Rating: 5

इंट्रा डे ट्रेडिंग

इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग का मतलब है कि दिन के आखिरी कारोबारी सत्र से पहले सिक्योरिटीज को खरीदना या बेचना है. आप बाजार के बंद होने से पहले एक दिन में जो भी खरीदारी या फिर बिकवाली करते हैं वह इंट्राडे का हिस्सा होती है.

Written by Web Desk Team | Published :August 27, 2022 , 6:28 pm IST

इंट्राडे ट्रेडिंग या डे ट्रेडिंग का मतलब है कि दिन के आखिरी कारोबारी सत्र से पहले सिक्योरिटीज को खरीदना या बेचना है. आप बाजार के बंद होने से पहले एक दिन में जो भी खरीदारी या फिर बिकवाली करते हैं वह इंट्राडे का हिस्सा होती है. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए नॉलेज के अलावा भी कई फैक्टर असर डालते हैं, जिससे आपको गेन या फिर लॉस होता है.

दूसरी ओर हम कह सकते हैं कि इंट्राडे ट्रेडिंग कम समय में ट्रेड करके ज्यादा मुनाफा कमाने का तरीका है. जब आपको बाजार में लॉन्ग टर्म की जगह शॉर्ट टर्म के लिए पैसा इंवेस्ट करके अच्छा मुनाफा कमाना हो तो आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं.

बता दें शेयर बाजार में दिनभर उतार-चढ़ाव जारी रहता है और बाजार के रुझान मिनट के हिसाब से ही बदल जाते हैं. इसमें आपको एक मूवमेंट में प्रॉफिट हो सकता है वहीं अगले मूवमेंट में आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

हालांकि, मान लीजिए कोई भी निवेशक सभी रेलिवेंट अपडेट, सही स्ट्रैटिजी और सही ट्रेंड्स को फॉलो करना है तो हो सकता है कि वह उस दिन अच्छा मुनाफा का ले. वह इस स्थिति में नुकसान से बच सकता है.

बता दें इंट्राडे ट्रेडिंग में इस बात की कोई भी गारंटी नहीं होती है कि आपको बिल्कुल भी नुकसान नहीं होगा. ऐसा कहा जाता है कि स्टॉक मार्केट में एक भी व्यापारी ऐसा नहीं है, जिसने बाजार में अपना पैसा न गंवाया हो. मार्केट अनप्रडिक्टेबल है और हमेशा ऐसा ही रहेगा. बाजार कब ऊपर जाएगा और कब नीचे इसका एकदम सटीक अंदाजा लगाना मुश्कित है.

एक ट्रेडर के लिए कुछ खास स्ट्रैटिजी, रेंफरेंस और इंफोर्मेशन के साथ नॉलेज और रिसोर्स का सही इस्तेमाल करना भी जरूरी है. आइए आज हम आपको कुछ ऐसे फैक्टर के बारे में बताते हैं, जिसको फॉलो करके आप बेहतर ट्रेडर बन सकते हैं.

रियल टाइम मार्केट डाटा और न्यूज (Real-time market data and news)
इंट्राडे ट्रेडिंग में बाजार में लगातार बदलाव होता रहता है और आपको इसके बारे में अपडेट रहना जरूरी है. इसके अलावा मार्केट से फायदा कमाने के लिए बाजार से जुड़ी सभी लेटेस्ट इंफोर्मेशन के बारे में जानकारी होनी चाहिए. रियल टाइम मार्केट डाटा और न्यूज स्टॉक ट्रेंड्स के साथ ही बेहतर प्रिडेक्शन भी आपकी अच्छी कमाई करा सकता है.

इससे आपको यह समझने में मदद मिलती है कि आपको अपना पैसा कहां लगाना है. साथ ही आप इन सभी तरह की जानकारियों के जरिए अपने पैसों को सही जगह निवेश कर सकते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेश नेटवर्क (Electronic Communication Network (ECN))

एक इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेश नेटवर्क (ईसीएन) एक कम्प्यूटराइज्ड सिस्टम है जो इंट्रा डे ट्रेडिंग ऑटोमैटिकली बाय और सेल ऑर्डर को मैच करता है. जब भी ट्रेडर अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्र में होते हैं तो उस समय पर यह ECN ट्रेडिंग काफी हेल्पफुल होती है. इसके साथ ही इस ECN के इंट्रा डे ट्रेडिंग जरिए आप बिना थर्ड पार्टी की मदद से ट्रांजेक्शन कर सकते हैं.

ECN इंस्टीट्यूशन और इंडिविजुअल मार्केट पार्टिसिपेंट के बीच बाय और सेल ऑर्डर मैच करता है. इसके अलावा यह बेस्ट बिड उपलब्ध कराता है, जिससे ट्रेडर बेस्ट डील या सौदा कर सकता है.

सिक्योरिटीज प्राइस चार्ट (Securities price charts)

सिक्योरिटीज के एनालाइसेस और इंवेस्टमेंट में प्राइस चार्ट एक अहम भूमिका निभाते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग में इस्तेमाल होने वाली यह काफ कॉमन टेक्निक है, जिसके जरिए ट्रेडर बाजार में पैसा लगाते हैं. इस समय ट्रेडर्स कैंडलस्टिक चार्ट का ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं.

कैंडलस्टिक चार्ट व्यापारियों को पिछले पैटर्न के आधार पर पॉसिबल प्राइस मूवमेंट को तय करने में मदद करता है. बता दें कैंडलस्टिक चार्ट 4 प्राइस प्वाइंट को दिखाता है. इसमें ट्रेडर ओपन, क्लोज, हाई और लो जैसे सभी अवधि को देख सकता है.

की- पैरामीटर्स (Key Parameters)
बता दें दिन की ट्रेडिंग के लिए कई खास पैरामीटर हैं, जिसको ध्यान में रखना जरूरी होता है. जैसे – अस्थिरता (volatility), ट्रेडिंग वॉल्यूम और लिक्विडिटी. Volatility के जरिए ट्रेडर को शॉर्ट टर्म प्राइस चेंज में प्रॉफिट बनाने में मदद मिलती है. इसके अलावा ट्रेडिंग वॉल्यूम को कितनी बार सुरक्षित खरीदा या बेचा जा सकता है इसके बारे में भी जानकारी मिलती है. इसकी मदद से सिक्योरिटीज के इंट्रस्ट के बारे में भी पता चलता है. लिक्विडिटी फैक्टर के जरिए बिड-आस्क-स्प्रेड पर भी असर पड़ता है. बता दें लो बिड आस्क स्प्रेड इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए जरूरी होता है. इसके जरिए आप ट्रांजेक्शन कॉस्ट को भी मिनिमाइज कर सकते हैं.

डे-ट्रेडिंग स्ट्रैटिजी (Day Trading Strategies)
दुनिया भर के व्यापारी एक सफल व्यापार करने के लिए कई रणनीतियों और तकनीकों का उपयोग करते हैं. इन रणनीतियों का उपयोग स्पष्टता, इंट्रा डे ट्रेडिंग नए अवसर खोजने, जोखिम को कम करने आदि में किया जाता है. हालांकि यह कई डेली ट्रेडर्स के लिए मददगार साबित होता है. इनमें स्कैल्पिंग, मोमेंटम और कॉन्ट्रेरियन ट्रेडिंग शामिल है.

बता दें स्कैल्पिंग में जब भी आपको ट्रेड के दौरान स्मॉल प्रॉफिट दिखे तो तुरंत ही आपको अपना ट्रेड बंद करना होता है. मोमेंटम में आपको ल्य प्रवृत्ति के प्राइस ट्रेंड पर काम करना होता है. यह आमतौर पर तब होता है जब कोई ब्रेकिंग न्यूज या लीक होता है. Contrarian strategy का इस्तेमाल डे ट्रेडर के द्वारा किया जाता है.

यह डे ट्रेडिंग के व्यापारियों के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला खास रिसोर्स है.इंट्रा डे ट्रेडिंग हालांकि, शेयर बाजार में काम करते समय आपका सबसे अच्छा और सबसे महत्वपूर्ण संसाधन टाइम होता है. लाभ कमाने और नुकसान को कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने समय का इस्तेमाल सही से निर्णय लेने के लिए करें.

इस ट्रेडिंग जर्नी में मदद के लिए आप 5paisa.com पर विजिट कर सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म पर आपको ट्रेडिंग का सही रास्ता दिखाया जाएगा. 5paisa एक ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है, जिस पर अनुभवी और नए ट्रेडर्स दोनों ही काम कर सकते हैं. इसके अलावा जो भी लोग ट्रेडिंग एक्टिविटी में इंट्रस्ट रखते हैं वह 5paisa.com पर जाकर अधिक जानकारी ले सकते हैं.

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