2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा?

देश में फैली सांप्रदायिकता का वायरस अब अप्रवासी भारतीयों तक पहुंच गया है
भारतीय अप्रवासी राजनीति अब भारत के ही सूरत-ए-हाल का अक्स है. वही ध्रुवीकरण, वही सोशल मीडिया अभियान, वही राजनीतिक और आधिकारिक संरक्षण और वैसी ही हिंसा. असहमति तो दूर की बात है, एक भिन्न नज़रिये को भी बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है. The post देश में फैली सांप्रदायिकता का वायरस अब अप्रवासी भारतीयों तक पहुंच गया है appeared first on The Wire - Hindi.
भारतीय अप्रवासी राजनीति अब भारत के ही सूरत-ए-हाल का अक्स है. वही ध्रुवीकरण, वही सोशल मीडिया अभियान, वही राजनीतिक और आधिकारिक संरक्षण और वैसी ही हिंसा. असहमति तो दूर की बात है, एक भिन्न नज़रिये को भी बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है.
लीसेस्टर में हुई हिंसा के बाद भारतीय उच्चायोग के बाहर कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन. (फोटो साभार: South Asia Solidarity Network)
लंबे समय तक दूसरे देशों में रहने वाले भारतीयों को ‘मॉडल अल्पसंख्यक’ कहा जाता था, जिनके पास उच्च स्तर की शिक्षा थी, अच्छी औसत आय और एक पेशवर कार्य संस्कृति थी. वे कानून का पालन करने वाले हैं और कर्मठ माने जाते हैं. वे 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? अपने बच्चों को सिर्फ संस्कृति का पाठ ही नहीं पढ़ाते हैं बल्कि उन्हें अच्छे मूल्यों की शिक्षा भी देते हैं और शिक्षा का महत्व बताते हैं. वे स्पेलिंग बी प्रतियोगिताओं में भी बाजी मारते हैं.
लेकिन यह छवि दरक रही है और वह भी बहुत ही उग्र तरीके से. भारतीयों का जो पक्ष कभी नहीं देखा गया था, वह अचानक विस्फोट की तरह सबके सामने प्रकट हो गया है और स्थानीय प्रशासनों और राजनीतिज्ञों को इसने अचंभे में डाल दिया है.
बीते महीने ब्रिटेन के लीसेस्टर में हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा हुई. हिंदू समूहों ने ऑस्ट्रेलिया में सिखों पर हमला किया और न्यू जर्सी के चर्च को साध्वी ऋतंभरा के एक कार्यक्रम 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? को विरोध के बाद रद्द करना पड़ा. उसी राज्य में स्थानीय भारतीय समुदायों द्वारा योगी आदित्यनाथ और नरेंद्र मोदी के पोस्टरों से सजे बुलडोजरों के साथ किए गए एक मार्च का स्थानीय राजनीतिज्ञों द्वारा तीखी भर्त्सना की गई. भर्त्सना करनेवालों में दो सीनेटर भी थे.
लीसेस्टर की हिंसा ने स्थानीय लोगों को हिलाकर रख दिया था. उनका कहना था कि यह हमेशा से एक शांत शहर था, जिसमें हिंदू और मुस्लिम साथ मिलजुल कर रहते थे. स्थानीय सांसद क्लाउडिया वेब ने इस तरह की घटनाओं का प्रसार और भी जगहों पर होने की चेतावनी देते हुए इसका इल्जाम फ्रिंज एलीमेंट्स पर लगाया, जो इंग्लैंड में सिर उठा रही दक्षिणपंथी विचारधारा और उग्रवाद से प्रभावित हैं.
आक्रामक हिंदुत्व पर केंद्रित भारतीय राजनीति ने डायस्पोरा (अप्रवासी समूह) को भी संक्रमित कर दिया है. स्थानीय अनिवासी भारतीयों में हमेशा से समुदायिक और धार्मिक विभिन्नताएं मौजूद रही हैं, लेकिन यह कभी इतनी ज्यादा नहीं थी कि यह सार्वजनिक हिंसा का कारण बन जाए.
दक्षिणपंथी हिंदू समूह अब हर देश में मौजूद हैं जो कि भारत के संगठनों द्वारा सालों से की जा रही ब्रेनवाशिंग का नतीजा है. इन 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? संस्थानों को भारतीय संस्कृति के प्रसार के नाम पर स्थानीय फंडिंग मिलती है. अप्रवासी भारतीय अक्सर भारत के साथ अपने रिश्तों को जोड़े रखना चाहते हैं और अपने बच्चों को नृत्य और संगीत कक्षाओं में भेजने में खुशी महसूस करते हैं, जहां धार्मिक शिक्षा भी मिलती है, जो जल्दी ही वैचारिक रूप अख्तियार कर लेती है.
इसमें सोशल मीडिया को जोड़ दीजिए, जो नफरती संदेशों और फेक न्यूज से भरा हुआ है- जिसे हम अपने देश में देखते हैं, वही दूर-दूर तक रहने वाले भारतीय समुदायों तक पहुंचता है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन्हें उनके हिसाब से ढाला जाता है.
क्लाउडिया वेब ने सोशल मीडिया की भूमिका का जिक्र किया है. दूसरे पर्यवेक्षकों ने भी इस ओर संकेत किया है. कुछ वीडियो में एक हिंदू मंदिर के बाहर एक झंडे को नीचे करते हुए दिखाया जाता है और स्थानीय उच्चायुक्त द्वारा ‘हिंदू धर्म के परिसरों और प्रतीकों को नुकसान पहुंचाने की निंदा’ की जाती है.
विदेशी मुल्कों में भारतीय राजनयिक मिशनों द्वारा हिंदू समूहों को आधिकारिक संरक्षण दिए जाने ने इसमें एक नया आयाम जोड़ दिया है. ये मिशन अनिवासी भारतीय समुदायों को हिंदुओं को विशेष तवज्जो दिए जाने को लेकर किसी किस्म का पछतावा नहीं रखते. मिशनों द्वारा विभिन्न प्रकार के योगियों और साध्वियों की मेजबानी की जाती है और स्थानीय भारतीयों के एक चुने हुए समूह को उनसे मिलने के लिए आमंत्रित किया जाता है.
इन सबको एक जगह घोलने का नतीजा आपसी तनावों और टकराहटों के तौर पर सामने आता है. ऑस्ट्रेलिया में संघर्ष का कारण किसानों द्वारा, खासतौर पर सिखों द्वारा किया जा रहा किसान आंदोलन था. लीसेस्टर में चिंगारी का काम एशिया कप के मैच ने किया, जिसमें भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जीत दर्ज की. लीसेस्टर पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से आठ काउंटी से ‘बाहर’ से आए थे, लेकिन अनुमान के मुताबिक वे भी इंग्लैंड निवासी हैं.
ऑस्ट्रेलिया में हिंसा के बाद एक हिंदू को वहां से निर्वासित कर दिया गया. उसका भारत में भव्य स्वागत किया गया, ठीक वैसे ही जैसे कि बिलक़ीस बानो के बलात्कारियों को हिंदुओं ने गुजरात में माला पहनाकर सम्मानित किया था. क्या कोई संदेश इससे भी साफ हो सकता था?
अनिवासी भारतीय और भारतीय मूल के निवासी लंबे समय से संघ के लिए उपजाऊ जमीन रहे हैं और नरेंद्र मोदी उनके आधिकारिक हीरो हैं. पहली बार सत्ता में आने के बाद मोदी ने अमेरिका, इंग्लैंड, कनाडा और दूसरी जगहों के स्पोर्ट्स स्टेडियमों में सार्वजनिक सभाएं की थीं. वे जहां भी गए, वहां उनका भव्य स्वागत किया गया जिनमें वहां के स्थानीय राजनेता भी शामिल थे, जैसा कि 2014 में न्यूयॉर्क में देखा गया. भारतीय मीडिया ने इन आयोजनों को कवर करने के लिए अपने पत्रकार विदेश भेजे.
वह उत्साह हालांकि अब थोड़ा ठंडा पड़ गया है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जमीनी तैयारी रुक गई है. अमेरिकी कार्यकर्ताओं का लंबे समय से कहना है कि कई राजनेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों को स्थानीय हिंदुत्ववादी समूहों द्वारा समर्थन और फंड दिया जाता है और वे हिंदू एजेंडा को आगे बढ़ाने का काम करते हैं.
यह नई-नई आक्रामकता दूसरे समुदायों के प्रति शत्रुता भाव तक सीमित नहीं हैं. शिक्षाविदों, खासतौर पर भारत पर शोध करने वालों को निरंतर तरीके से गाली-गलौज और धमकी भरी शब्दावली से निशाना बनाया जाता है. बॉस्टन में ‘डिस्मैंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ पर एक सम्मेलन पर हिंदुत्व समूहों द्वारा हमला किया गया और उनके प्रतिभागियों को अपशब्द कहे गए. ऑस्ट्रेलिया में 13 शिक्षाविदों ने भारतीय उच्चायोग के हस्तक्षेप के विरोध में ऑस्ट्रेलिया इंडिया इंस्टिट्यूट से इस्तीफा दे दिया.
भारतीय डायस्पोरा राजनीति भारत के सूरत-ए-हाल का अक्स है. वही ध्रुवीकरण, वही सोशल मीडिया अभियान, वही राजनीतिक और आधिकारिक संरक्षण और वही हिंसा. असहमति यहां तक कि एक भिन्न नजरिये को भी बर्दाश्त नहीं किया जा रहा है- न ही स्थानीय भारत सरकार के पक्षधर समूहों द्वारा और न ही राजनयिक मिशनों द्वारा.
लीसेस्टर की हिंसा संभवतः ऐसे और ज्यादा तनावों की एक शुरुआत है. ब्रिटेन ही नहीं, दूसरी जगहों पर भी हिंदुत्ववादी समूह उग्र रूप धारण कर रहे हैं. इसका जवाब दिया जाएगा और एक चक्र की शुरुआत हो जाएगी. यह एक ऐसी चीज है जो स्थानीय सरकारों द्वारा मजबूती से सुलझाए जाने की मांग करती हैं. बहुसांस्कृतिकता का नरम रवैया या समुदाय के बड़े-बुजुर्गों से अपील करने से इसे सुलझाया नहीं जा सकता. उन्हें इस बात की चेतावनी दे दी गई है.
इशरत मामला: आईबी का CBI के खिलाफ सरकार को पत्र
इशरत जहां मामले में सीबीआई द्वारा आईबी अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से चुन चुन कर निशाना साधे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इंटेलीजेंस ब्यूरो ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष इस मामले में कड़ा विरोध.
इशरत जहां मामले में सीबीआई द्वारा आईबी अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से चुन चुन कर निशाना साधे जाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इंटेलीजेंस ब्यूरो ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के समक्ष इस मामले में कड़ा विरोध दर्ज कराया है। आईबी ने कहा कि जांच एजेंसी के 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? इस कदम से आईबी के अधिकारियों का मनोबल गिरेगा।
मंत्रालय को लिखे एक औपचारिक पत्र में आईबी निदेशक आसिफ इब्राहिम ने कहा कि कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में उसके अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाया जाना आईबी के अधिकारियों के मनोबल के लिए विनाशकारी होगा और इससे देश की आंतरिक सुरक्षा को नुकसान पहुंचेगा।
सूत्रों ने बताया कि इब्राहिम नौ साल पहले हुए कथित मुठभेड़ मामले में आईबी अधिकारियों को नामजद करने के सीबीआई के कथित प्रयासों पर आईबी की नाखुशी जाहिर करना चाहते थे और साथ ही चाहते थे कि सरकार इस पर कार्रवाई करे ।
आईबी लगातार कह रही है कि उसके अधिकारियों ने केवल खुफिया जानकारी मुहैया करायी और कथित फर्जी मुठभेड़ से उसका कोई लेना 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? देना नहीं है ।
इसके अतिरिक्त आईबी यह भी कह रही है कि सीबीआई के पास कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में कुमार समेत आईबी के अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। सीबीआई ने अहमदाबाद में एक अदालत को बताया था कि वह फर्जी मुठभेड़ मामले में आईबी के विशेष निदेशक राजेन्द्र कुमार समेत चार आईबी अधिकारियों की भूमिका की आगे जांच करेगी। हाल ही में सेवानिवृत्त हुए केंद्रीय गृह सचिव आर के सिंह को आईबी का पत्र मिला है जिसे आगे की कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय को भेज दिया गया है । सीबीआई का नोडल मंत्रालय, कार्मिक मंत्रालय सीधे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अधिकार क्षेत्र में आता है ।
उप्र बोर्ड परीक्षा अब नये पैटर्न मे 10 वी 2023 और 12 वी मे 2025 से होगा लागु, सीएम योगी ने दिए निर्देश
उत्तर प्रदेश में 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? उच्च शिक्षा के बाद माध्यमिक व प्राथमिक शिक्षा में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अनुपालन होने जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा का नया पैटर्न 2023 का नया सत्र शुरू होने के पहले लागू करें। 12वीं में बोर्ड परीक्षा 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? का नया पैटर्न 2025 तक लागू करने की जरूरत है, ताकि संरचनात्मक शैक्षणिक और प्रशासनिक सुधार का कार्य पूरा हो सके।
मंत्रिपरिषद के समक्ष शिक्षा विभाग की कार्ययोजना प्रस्तुतीकरण पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि पांच वर्षों के भीतर सभी असेवित क्षेत्रों में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट कालेज की स्थापना के लिए अभी से रणनीति बनाकर कार्यवाही शुरू करें। सभी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास रूम, रियल टाइम मानीटरिंग, स्टूडेंट ट्रैकिंग सिस्टम और एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था लागू होना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कक्षा नौ और 11 में इंटर्नशिप प्रोग्राम, रोजगारन्मुख कौशल शिक्षा और सर्टिफिकेशन, राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण की स्थापना की दिशा में कार्यवाही शुरू कराएं। साथ ही पांच वर्ष पर विद्यालयों का मूल्यांकन और सर्टिफिकेशन भी करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो वर्षों के भीतर संस्कृत शिक्षा निदेशालय का गठन करें। साथ ही शिक्षा में तकनीक के उपयोग को देखते हुए एकीकृत डाटा प्रबंधन प्रणाली लागू कराएं। अध्यापक पुरस्कारों के लिए मानकों में संशोधन करने पर विचार किया जाए।
सौ दिनों में राजकीय विद्यालयों में वाई फाई की सुविधा, सभी विद्यालयों की वेबसाइट, सभी विद्यार्थियों की ईमेल आइडी, राजकीय विद्यालयों में बायोमीट्रिक अटेंडेंस शुरू करने के प्रयास अभी से हों। करियर काउंसिलिंग पोर्टल ‘पंख’ का विकास, विद्यालय आनलाइन अनुश्रवण श्रेणीकरण और ई-लाइब्रेरी पोर्टल का भी 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? विकास किया जाए।
उच्च शिक्षा संस्थानों में रोजगारपरक शिक्षा की बनाएं कार्ययोजना : मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जाए। सौ दिनों में 120 राजकीय महाविद्यालयों में ई-लर्निंग पार्क की नियमावली बनाकर पोर्टल का शुभारंभ करें। साथ ही निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के आवेदन के लिए आनलाइन पोर्टल, पांच राजकीय महाविद्यालयों और तीन राज्य विश्वविद्यालयों में इंक्यूबेटर्स का शुभारंभ करें।
2023 में पूरा कराएं तीन राज्य विश्वविद्यालयों के निर्माण का पहला फेज : मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय सहारनपुर, राजा महेंद्र 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय अलीगढ़ और महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय आजमगढ़ का प्रथम फेज मार्च 2023 तक पूरा कराएं। यूजीसी ने एक साथ दो डिग्री प्राप्त करने की स्वीकृति दी है। उसकी गाइडलाइन के अनुरूप यहां रणनीति तैयार की जाए।
संस्कृत को रोजगार से जोड़ें, शुरू कराएं डिप्लोमा पाठ्यक्रम : मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत को तकनीक के माध्यम से रोजगार से जोडऩे की आवश्यकता है। 180 घंटे का सर्टिफिकेट और 360 घंटे का डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू कराएं। आनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण के लिए संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी की ओर से प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किया जाए। संस्कृत की पारंपरिक विद्या, कर्मकांड, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र और योग आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण देना, अर्चक व पुरोहित तैयार करने की दिशा में कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाएं।
परिषदीय शिक्षकों को मिलेगी कैशलेस चिकित्सा सुविधा : मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि परिषदीय शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा की सुविधा से 100 दिनों में लाभान्वित कराएं। परिषदीय विद्यालयों में सत्र 2022-23 में दो करोड़ छात्र-छात्राओं के नामांकन का लक्ष्य लेकर नियोजित ढंग से कार्य करें। सभी छात्र-छात्राओं का शत प्रतिशत आधार पंजीकरण कराया जाए। बच्चे गणवेश में ही विद्यालय आएं। दो वर्ष में के भीतर प्रदेश में अध्ययनरत समस्त छात्र छात्राओं को चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम से जोडऩे की कार्यवाही की जाए। समस्त परिषदीय विद्यालयों में प्रत्येक कक्षा के लिए न्यूनतम एक क्लास रूम की स्थापना का लक्ष्य लेकर कार्य करें। हर ब्लाक में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की स्थापना के प्रयास हों।
ये भी अहम निर्देश
अभ्युदय योजना ने उत्तर प्रदेश के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त और स्तरीय तैयारी के लिए अच्छा प्लेटफार्म दिया है। मंडल मुख्यालयों पर संचालित इन कक्षाओं को सभी 75 जिलों में विस्तार दिया जाए।
प्रौद्योगिकी पाठ्यक्रमों को समयानुकूल अपडेट किया जाना आवश्यक है। ड्रोन टेक्नोलाजी, इंटरनेट आफ थिंग्स, साइबर सिक्योरिटी, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग जैसे अधुनातन विषयों का समावेश कर युवाओं को प्रशिक्षित किया जाए।
वोकेशनल एजुकेशन में बाजार की जरूरत के अनुसार स्किल्ड युवाओं को तैयार किया जाना चाहिए।
हर शैक्षिक संस्थान में यथासंभव कॅरियर काउंसिलिंग सेल का गठन होना चाहिए।
आइटीआइ व पालिटेक्निक सहित अन्य तकनीकी संस्थाओं को ओडीओपी विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़कर समायानुकूल ट्रेड से जोड़ा जाए। अप्रेंटिसशिप योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिकाधिक युवाओं को जोडऩे का प्रयास हो।
एनआईआरएफ की तर्ज पर स्टेट इंस्टिट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क जारी किया जाए। इससे संस्थानों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा होगा। छात्र को दाखिला लेना हो या सेवायोजन कम्पनी प्लेसमेंट करना हो, संस्था का चयन करने में सुविधा 2023 में कौन सी क्रिप्टो में विस्फोट होगा? होगी।
प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय फार्मेसी एवं बायो इंजीनियरिंग रिसर्च संस्थान और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड अर्बन मैनेजमेंट की स्थापना के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाए।