भारत में विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए रणनीतियाँ

वैकल्पिक निवेश

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SEBI ने कमोडिटी डेरिवेटिव्स सलाहकार समिति और वैकल्पिक निवेश नीति सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया

सेबी ने एआईएफ, वीसीएफ के विदेशी निवेश को लेकर जारी किए दिशानिर्देश

बाजार नियामक सेबी ने वैकल्पिक निवेश कोषों (एआईएफ) और उद्यम पूंजी कोषों (वीसीएफ) के लिए विदेश में निवेश के संबंध में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इन नियमों के तहत विदेश में निवेश करने वाली फर्म के लिए भारतीय संबंध की जरूरत नहीं होगी।

बृहस्पतिवार को जारी नए नियमों के अनुसार एआईएफ भारत के बाहर गठित कंपनियों की प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा वीसीएफ को कुछ शर्तों के तहत विदेश में उद्यम पूंजी उपक्रम में निवेश करने की अनुमति है।

इससे पहले इस तरह के विदेशी निवेश की अनुमति केवल उन्हीं कंपनियों को दी गई थी, जिनका भारतीयों से संबंध था। जैसे यदि कंपनी का विदेश में कार्यालय है, तो भारत में भी कामकाज के लिए उसका दफ्तर होना जरूरी था। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि विदेशी निवेश के लिए कंपनी को भारतीय संपर्क की जरूरत नहीं है।

सेबी ने वैकल्पिक निवेश नीति पर सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया

नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने वैकल्पिक निवेश नीति (एआईएफ) पर सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया है। यह समिति बाजार नियामक को एआईएफ क्षेत्र से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर परामर्श देती है। सेबी द्वारा जारी ताजा ‘अपडेट’ के अनुसार अब इस समिति के सदस्यों की संख्या 20 है। सेबी ने इस समिति का गठन मार्च, 2015 में किया था। पहले इस समिति में 22 सदस्य थे। अभी तक इस समिति ने वैकल्पिक निवेश उद्योग पर तीन रिपोर्ट सौंपी हैं। समिति के प्रमुख इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति हैं। मूर्ति

सेबी द्वारा जारी ताजा ‘अपडेट’ के अनुसार अब इस समिति के सदस्यों की संख्या 20 है।

सेबी ने इस समिति का गठन मार्च, 2015 में किया था। पहले इस समिति में 22 सदस्य थे। अभी तक इस समिति ने वैकल्पिक निवेश उद्योग पर तीन रिपोर्ट सौंपी हैं।

समिति के प्रमुख इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति हैं।

मूर्ति के अलावा समिति में सेबी, वित्त मंत्रालय, एआईएफ कंपनियों और उद्योग संघों से सदस्य शामिल हैं।

सेबी के अनुसार, समिति के सदस्यों में टीवीएस कैपिटल फंडस के गोपाल श्रीनिवासन, गाजा कैपिटल के सह-संस्थापक एवं प्रबंध भागीदार गोपाल जैन, एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ विपुल रूंगटा, इंडियन प्राइवेट इक्विटी एंड वेंचर कैपिटल एसोसिएशन की चेयरपर्सन रेणुका रामनाथ शामिल हैं।

इसके अलावा समिति में व्हाइट ओक कैपिटल मैनेजमेंट के संस्थापक एवं भागीदार प्रशांत खेमका, पीडब्ल्यूसी के भागीदार गौतम मेहरा, अनर्स्ट एंड यंग के भागीदार सुब्रमण्यम कृष्णन, वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के उपनिदेशक दीपक रंजन, एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया के वाइस-चेयरमैन महावीर लुनावत और सेबी के कार्यकारी निदेशक सुजीत प्रसाद शामिल हैं।

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वैकल्पिक निवेश

परिपत्र सं. 13/2014 (एफ.सं. 225/78/2014-आईटीए.II), दिनांक 28.07.2014

मई 2012 में जारी नियामक 4 के माध्यम से सेबी (वैकल्पिक निवेश कोष) नियामक, 2012 (एफआईएफ नियामक) का उद्देश्य भारत में फंड के सभी प्रकार के निजी पूल को नियमित करना है। कथित नियामक वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) को तीन प्रमुख श्रेणियों में विभक्त करता है जो श्रेणी-I, श्रेणी- II और श्रेणी- III वैकल्पिक निवेश कोष है जो निर्भर करता है संचालान्तमक रणनितियों, उद्देश्यात्क और कोष ढ़ांचे पर। सेबी के साथ बड़ी मात्रा में पंजीकृत एआईएफ को गैर-धर्मांर्थ न्यासों के रूप में स्थापित किया गया है।

2. जहां एफआईएफ, वैंचर कैपिटल फंड के तौर पर, वैंचर कैपिटल में निवेश को आयकर अधिनियम, 1961 (अधिनियम) की धारा 115प के साथ पठित धारा 10(23चख) के अंतर्गत 'टैक्स पास थ्रू' स्थिति के अनुरूप है (जहां ऐसे फंड के हाथों उत्पन्न आय को कर संबंधी छूट के तौर पर समझा जाएगा जबकि ऐसे फंड का निवेशक कर देयता के लिए उत्तरदायी हो जैसाकि निवेशक ने वैंचर कैपिटल उपक्रम में प्रत्यक्ष निवेश किया हो), उन गैर-धर्मांर्थ न्यासों के तौर पर एआईएफ के मामले में कर उपचार के बारे में स्पष्टीकरण मांगा जा चुका है जहां निवेशक का नाम और लाभाथ्र्ाी हित उसके सृजन की तिथि तक स्पष्ट रूप से ज्ञात नही है - ऐसी सूचना केवल तभी उपलब्ध होगी जब फंड निवेशकों से अंशदान स्वीकार करना प्रारंभ करता है।

3. बोर्ड ने स्पष्टीकरण हेतु अनुरोध किया है कि या तो ऐसे फंड की आय वैकल्पिक निवेश एक 'प्रतिनिधी निर्धारिती' (जैसा अधिनियम की धारा 160(i)(iv) के अंतर्गत निर्धारित है) के तौर पर एआईएफ के न्यासियों के हाथों करयोग्य होगा या निवेशक (यानी फंड के अंशदाता) के वैकल्पिक निवेश हाथों।

4. मामले की जांच की गई है। उस स्थिति में जहां न्यास के दस्तावेज में या तो निवेशक का नाम न हो या उनके लाभाथ्र्ाी हित निर्दिष्ट न हो तो धारा 164 की उप-धारा (1) के प्रावधान लागू नही होंगे और फंड की पूर्ण राशि श्प्रतिनिधि निर्धारितीश् के तौर पर ऐसे एआईएफ के न्यासियों के हाथों आयकर की अधिकतम सीमांत दर पर करारोपित होने के योग्य होगा। यह भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसे मामलों में, अधिनियम की धारा 166 के प्रावधान को निवेशक के हाथों लगाए जाने की जरूरत नहीं है चूंकि बाद की आय पर अधिनियम की धारा 164 की उप-धारा (1) के अनुसार 'प्रतिनिधि निर्धारिती' के हाथों पहले की कर लगाया जा चुका है।

5. हालांकि, फंड के मामले में जहां लाभाथ्र्ाी के नाम और फंड में उनके हित निर्धारित हो यानी न्यास दस्तावेज में निर्दिष्ट हो तो फंड की पूर्ण आय पर कर, व्यापार के लाभ और प्राप्तियों को शामिल करते हुए या उनके साथ, ऐसे एआईएफ के न्यासियों पर लगाया जाएगा, अधिनियम की धारा 161 की उप-धारा (1क) के अनुसार अधिकतम सीमांत दर पर 'प्रतिनिधि निर्धारिती' के तौर पर।

6. उक्त दिए गए स्पष्टीकरण उस उच्च न्यायलय के क्षेत्राधिकार में आने वाले क्षेत्रों में कार्यकारी नही होंगे जिसने इस मुद्दे पर प्रतिकूल निर्णय ले लिया हो या लेना हो।

वैकल्पिक निवेश

SEBI ने कमोडिटी डेरिवेटिव्स सलाहकार समिति और वैकल्पिक निवेश नीति सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया

Sebi rejigs committee on commodity derivatives, panel to have 16 members

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अपनी कमोडिटी डेरिवेटिव्स एडवाइजरी कमेटी (CDAC) और अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट पॉलिसी एडवाइजरी कमेटी (AIPAC) का पुनर्गठन किया है।

पुनर्गठित कमोडिटी डेरिवेटिव्स एडवाइजरी कमेटी (CDAC) :

CDAC को 17 सदस्यों के बजाय 16 सदस्यों के साथ पुनर्गठित किया गया और समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त IAS अधिकारी अशोक दलवानी करेंगे।

CDAC के अन्य सदस्य:

i. पैनल के अन्य सदस्यों में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) के MD और CEO आशीष कुमार चौहान; नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (NCDEX) के प्रमुख अरुण रास्ते और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) के MDऔर CEO PS रेड्डी शामिल हैं।

ii. पैनल में SEBI, नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया (NITI) आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), वित्त मंत्रालय, नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD), कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CPAI), वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) और MMTC के प्रतिनिधि भी हैं।

iii. अन्य सदस्यों में कृषि लागत और मूल्य आयोग, कृषि विभाग, सहयोग और परिवार कल्याण विभाग, उपभोक्ता मामलों के विभाग, खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग और वाणिज्य विभाग के प्रतिनिधि शामिल हैं।

CDAC के संदर्भ की शर्तें:

i. पैनल कमोडिटी डेरिवेटिव्स बाजार में विकास की समीक्षा करेगा और आसन्न परिवर्तनों और बाजार सुरक्षा, दक्षता, पारदर्शिता और अखंडता में सुधार और लेनदेन की लागत को कम करने के मद्देनजर बाजार संरचना में बदलाव और सुधार के उपायों की सिफारिश करेगा।

ii. पैनल कमोडिटी डेरिवेटिव्स में कॉन्ट्रैक्ट डिजाइन और नए उत्पादों से संबंधित मुद्दों की जांच करेगा और डिलीवरी मैकेनिज्म और वेयरहाउस से संबंधित मामलों पर सलाह देगा।

iii. वे बाजार सुरक्षा, दक्षता, पारदर्शिता और अखंडता में सुधार और लेनदेन की लागत को कम करने के उपायों की भी सिफारिश करते हैं।

पुनर्गठित अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट पॉलिसी एडवाइजरी कमेटी (AIPAC):

SEBI ने अपनी अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट पॉलिसी एडवाइजरी कमेटी (AIPAC) को भी पुनर्गठित किया है जो वैकल्पिक निवेश उद्योग के आगे के विकास को प्रभावित करने वाले कई मुद्दों पर पूंजी बाजार नियामक को सलाह देती है।

  • पुनर्गठित 20 सदस्यीय AIPAC के अध्यक्ष इंफोसिस के संस्थापक NR नारायण मूर्ति हैं।

AIPAC के अन्य सदस्य:

i. समिति के अन्य सदस्य SEBI, वित्त मंत्रालय, AIF खिलाड़ी और उद्योग संघों से हैं।

ii.नए सदस्यों में राजेश पंवार, संयुक्त निदेशक, DEA, वित्त मंत्रालय, और कार्तिक रेड्डी, इंडियन प्राइवेट वैकल्पिक निवेश इक्विटी और वेंचर कैपिटल एसोसिएशन (IVCA) के अध्यक्ष शामिल हैं।

iii. अन्य सदस्यों में, गोपाल श्रीनिवासन, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, TVS कैपिटल फंड्स; गोपाल जैन, सह-संस्थापक और प्रबंध भागीदार, गाजा कैपिटल; विपुल रूंगटा, प्रबंध निदेशक और CEO, HDFC कैपिटल एडवाइजर्स; प्रशांत खेमका, व्हाइट ओक कैपिटल मैनेजमेंट के संस्थापक और महावीर लुनावत, वाइस चेयरमैन, एसोसिएशन ऑफ इन्वेस्टमेंट बैंकर्स ऑफ इंडिया (AIBI) शामिल हैं।

AIPAC के संदर्भ की शर्तें:

i. पैनल वैकल्पिक निवेश उद्योग के विकास और भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के विकास पर SEBI को सिफारिशें देता है।

ii. पैनल वैकल्पिक निवेश उद्योग के विकास के लिए अन्य नियामकों के साथ उठाए जाने वाले मुद्दों पर SEBI को भी सलाह देता है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय (SEBI) के बारे में:
अध्यक्ष – माधबी पुरी बुच
मुख्यालय – मुंबई, महाराष्ट्र
स्थापना – 1992

सेबी ने वैकल्पिक निवेश नीति पर सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India – Sebi) ने अपनी वैकल्पिक निवेश नीति सलाहकार समिति का पुनर्गठन किया है, जो पूंजी बाजार नियामक को कई मुद्दों पर सलाह देती है जो (वैकल्पिक निवेश कोष) एआईएफ स्पेस के आगे के विकास को प्रभावित करते हैं। समिति में अब 20 सदस्य हैं। मार्च 2015 में सेबी द्वारा गठित पैनल में पहले 22 सदस्य थे। समिति अब तक एआईएफ उद्योग पर तीन रिपोर्ट सौंप चुकी है।

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