खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है

10. Direct Expenses :- यदि हमारे व्यवसाय मे कोई प्रत्यक्ष व्यय होते है। अर्थात् ऐसे व्यय जो वस्तुओ के खरीदते समय या वस्तुओ के उत्पादन के समय लगते हैं। तो उन सभी व्ययों के Ledger बनाते समय उन्हें Direct Expenses Group देगे। जैसे :-
Tally में Ledger को Group कैसे दे |
Hello Friends, सबसे पहले मैं आप का स्वागत करता हु। मेरे ब्लॉग पर जिसका नाम है Accountingsikhehindime.blogspot.com ये तो बात हो गयी मेरे ब्लॉग की अब बात करते हैं। Tally मे Group क्या है और Tally मे Ledger बनाते समय Group का खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है निर्धारण कैसे करे।
दोस्तों यदि आप ने Accounting सीखने के लिए Tally software का चयन किया है। तो आप ने बिल्कुल सही किया है। क्योंकि य़ह बहुत ही सरल software है। परन्तु यदि आप ने Tally मे ठीक तरह से इन्फॉर्मेशन नहीं भरी है। तो आप को Tally गलत परिणाम भी दे सकता है। क्योंकि Tally मे हमे ठीक से Ledger बनाना और ठीक से Group का निर्धारण करना, तथा ठीक से item बनाना आदि कार्य करना होता है। नहीं तो Tally से हमे गलत परिणाम भी मिल सकते हैं।
आज हम एक ऐसी ही समस्या के बारे में बात करेगे। जिसके कारण बहुत से नए Tally user का Trading Account, Profit and Loss Account खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है और Balance Sheet का परिणाम ठीक तरह से नहीं आता। और वो समस्या है, Tally मे Ledger खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है बनाते समय Group का निर्धारण गलत कर देना। सबसे पहले हम समझ लेते हैं, की Tally मे Group क्या है।
परिचालन लागत का अर्थ, प्रयोग, वर्गीकरण एंव परिचालन लागत इकाईयों को बताइये।
परिचालन लागत का अर्थ, प्रयोग, वर्गीकरण एंव परिचालन लागत इकाईयों को बताइये।
परिचालन लागत का अर्थ बताइयें। परिचालन लागत की लागतों की गणना पद्धति लागतों का वर्गीकरण कीजिए। विभिन्न परिचालन लागत इकाईयों को बताइये।
परिचालन लागत का अर्थ (Meaning of operating Costs) – परिचालन लागत लेखांकन वह लेखांकन है जिसके अन्तर्गत वस्तुओं की लागत ज्ञात नहीं की जाकर सेवाओं की लागत ज्ञात की जाती है। यही कारण है कि इस लेखांकन विधि का प्रयोग वैसे व्यवसायों में किया जाता है जहाँ वस्तुओं का उत्पादन नहीं किया जाता है बल्कि सेवाएं प्रदान की जाती हैं। अतः इसे सेवा-लागत लेखांकन विधि भी कहते हैं।
लागतों का वर्गीकरण (Classification of Costs)
परिचालन लागतों को निम्नलिखित वर्गों में बाँटा जा सकता है-
1. स्थायी व्यय (Fixed or Standing Charges)- प्रदान की जाने वाली सेवा की मात्रा से प्रभावित नहीं होते। स्थायी व्यय वे व्यय होते हैं जो ये अवधि से सम्बन्धित होते हैं: सेवा की मात्रा से नहीं। एक यातायात कम्पनी के सम्बन्ध में ट्रक या बस के ड्राइवर का वेतन, निरीक्षकों का वेतन, ह्रास, बीमा, सड़क का टैक्स, लाइसेंस फीस तथा पूँजी पर ब्याज इत्यादि। हॉस्पिटल के सम्बन्ध में भवन का ह्रास, बीमा आदि स्थायी व्यय की श्रेणी में आते हैं।
2. अनुरक्षण व्यय (Maintenance Charges)- ये वे व्यय हैं जो सेवाओं को बनाये रखने के लिए किये जाते हैं और जो अर्द्धपरिवर्तनशील (Semi-Variable) प्रकृति के होते है। यातायात कम्पनी के सम्बन्ध में गाड़ियों की मरम्मत एवं अनुरक्षण व्यय, टायर-ट्यूब पर व्यय डेटिंग-पेंटिंग पर व्यय, गैरेज का किराया आदि तथा हॉस्पिटल में दवाओं आदि के स्टॉक पर होने वाले व्यय अनुरक्षण व्ययों के उदाहरण हैं।
Tally में Ledger को Group कैसे दे |
Hello Friends, सबसे पहले मैं आप का स्वागत करता हु। खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है मेरे ब्लॉग पर जिसका नाम है Accountingsikhehindime.blogspot.com ये तो बात हो गयी मेरे ब्लॉग की अब बात करते हैं। Tally मे Group क्या है और Tally मे Ledger बनाते समय Group का निर्धारण कैसे करे।
दोस्तों यदि आप ने Accounting सीखने के लिए Tally software का चयन किया है। तो आप ने बिल्कुल सही किया है। क्योंकि य़ह बहुत ही सरल software है। परन्तु यदि आप ने Tally मे ठीक तरह से इन्फॉर्मेशन नहीं भरी है। तो आप को Tally खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है गलत परिणाम भी दे सकता है। क्योंकि Tally मे हमे ठीक से Ledger बनाना और ठीक से Group का निर्धारण करना, तथा ठीक से item बनाना आदि कार्य करना होता है। नहीं तो Tally से हमे गलत परिणाम भी मिल सकते हैं।
आज हम एक ऐसी ही समस्या के बारे में बात करेगे। जिसके कारण बहुत से नए Tally user का Trading Account, Profit and Loss Account और Balance Sheet का परिणाम ठीक तरह से नहीं आता। और वो समस्या है, Tally मे Ledger बनाते समय Group का निर्धारण गलत कर देना। सबसे पहले हम समझ लेते हैं, की Tally मे Group क्या है।
Cheque क्या है और चेक कितने प्रकार के होते है?
Cheque क्या है. चेक तो हर कोई जानता है आज के समय में बैंक का मुख मेथड चेक से भुकतान (Payment) करना होता है किसी बैंक में खाता खोलने के बाद आपको ये चुनना होता है कि आपको अपने खाता से पैसे निकलना कैसे है।
ये ग्राहक (Costumer) के ऊपर निर्भर करता है कि उसको अपने खाते से खुद पैसे निकलने है और जो बिज़नेस (Business) करने वाले लोग होते है तो हर किसी को पेमेंट (Payment) देना होता है तो ऐसे में चेक की आवश्यकता पड़ती है क्योकि उसको कई लोगो को एक दिन में पेमेंट देना होता है इसलिए Cheque क्या है और चेक के प्रकार. के बारे में जानना आवश्यक है।
चेक क्या होता है (Cheque Hindi)
Cheque in Hindi
What is cheque in hindi. चेक एक ऐसा कागज का टुकड़ा है जिसमे बिना शर्त के यह आदेश देता है जिसमे बैंक को यह स्पष्ट किया जाता है कि मैं अमुक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को इतने रुपए का भुक्तान करने का वचन करता हूँ चेक एक भुक्तान पत्र है जिसमे एक कागज पे लिखकर भुकतान किया जाता है।
चेक में देंनदाता का नाम या किसी फर्म स्टोर का भी नाम हो सकता है चेक में आपको यह भी लिखना होता कि चेक किसे देना है तथा कितने रूपीस (Rupees) का देना है रूपीस को शब्दों (Word) और अंको (Digit ) में दोनों तरीको से लिखना पड़ता है तथा सिग्नेचर (Signature) आपको वही करना पड़ता है जो खाता खोलते वक्त आपने अपने बैंक (Bank) को दिया था।
चेक का वर्गीकरण (Classification of cheque)
- स्थानीय चेक (Local Cheque) – यदी एक स्थान या शहर का चेक उसी शहर में क्लियर (Clear) हो जाये तो स्तानीय कहते है जैसे किसी एक शहर का चेक उसी शहर में ही क्लियर (Clear) हो जाए तो उसे स्थानीय चेक यानि (Local Cheque) कहते है अगर अन्य शहर में इसको क्लियर (Clear) कराया जाए तो अलग से धन राशि देना पडता है।
- आउटस्टेशन चेक (Out Station) – यदि चेक को कही शहर से बाहर जा कर क्लियर (Clear) या विथड्रॉ (Withdraw) कराया जाये तो उसे आउटस्टेशन (Out Station) चेक कहते है जिसके लिए Bank अलग से चार्ज करता है जैसे किसी A शहर का चेक B शहर में क्लियर (clear) या विथड्रॉ (withdraw) करवाया जाये है।
- एट पार चेक (At Par Cheque) – यह ऐसा चेक होता है जिसे किसी भी बैंक से क्लियर कराया जा सकता है तथा ये अनिवार्य होना चहिये कि सम्बंधित ब्रांच हो और ख़ास बात ये है कि बैंक में कोई अतिरिक्त राशि नहि कटती है।
चेक के प्रकार (types of cheque in hindi)
चेक के प्रकार की बात करे तो मुख्यता: चार प्रकार के होते है आइये जानते है कि चेक के कौन कौन से प्रकार होते है।
- खाता पेयी चेक (Crossed Cheque) – जब किसी बेयरर (Bearer) चेक (Cheque) के किनारे दो एक समान्तर लाइन बनाते है दोनो लाइनों के बीच ‘A/C Payee Only लिख दिया जाता है तो इस चेक की काफी सुरक्षा बढ जाती है इस चेक को क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque) कहा जाता है तथा इस चेक से कोई भी व्यक्ति पैसे विथड्रॉ नहीं कर सकता है केवल वही कर सकता है जिस अकाउंट के नाम से चेक को बनाया गया है उसी अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिये जाते है।
- खुला चेक (Open Cheque) – खुला चेक वो चेक होता है जिसे बैंक काउंटर पर ही नकद (Cash) प्राप्त किया जा सकता है क्लियर (Clear) करने के लिए आपको लंबी लाइनो का इंतिजार करने की जरूरत नहीं होती है तथा किसी दूसरे व्यक्ति को भेज कर भी प्राप्त या क्लियर करवाया जा सकता है।
- बेयरर चेक (Bearer Cheque) – बेयरर चेक वह चेक होता है जो खाताधारी (Account Holder) किसी को भेज कर पैसे विथड्रा (Withdraw) करवा सकता है इस चेक के माध्यम से कोई भी उस अकॉउंट से पैसे निकलवा सकता है बस खाताधारी का सिग्नेचर होना चाहिए इस में रिस्क (Risk) बहुत होता है इस चेक के खो जाने के बाद कोई भी व्यक्ति पैसे निकाल सकता है।
- ऑर्डर चेक (Order Cheque) – इसमें बेयरर चेक को काट कर आर्डर (Order) लिख दिया जाता है इसमें चेक के माध्यम से एक व्यक्ति के नाम या संस्था के नाम से चेक को बनाकर दिया जाता है जिस नाम को चेक में दर्शाया गया है उस चेक को वही व्यक्ति केवल विथड्रा (Withdraw) करवा सकता है इस चेक में ज्यादा रिस्क (Risk) नहीं होता है इसको हर कोई विथड्रा नहीं करवा सकता है।
लेखांकन के प्रकार (शाखायें)
1. वित्तीय लेखांकन (Financial Accounting) – लेखांकन से आशय, वित्तीय प्रवृत्ति के सौदों एवं घटनाओं को प्रभावपूर्ण विधि और मौद्रिक रूप से लिखने, वर्गीकृत करने, सारांश बनाने तथा उनके परिणामों के निर्वाचन करने की कला से है। इसके अंतर्गत जर्नल, खाताबाही में खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है खतौनी, तलपट तथा अंतिम खाते बनाये जाते हैं। अंतिम खातों के आधार पर लाभ या हानि तथा व्यापार की आर्थिक स्थिति का ज्ञान कर लिया जाता है।
2. लागत लेखांकन (Cost Accounting) – किसी भी उद्योग के लिए यह आवश्यक होता है कि जिस वस्तु का वह निर्माता है उसकी खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है लागत का ज्ञान उसे हो। निर्मित वस्तु की लागत की जानकारी के लिए लागत में शामिल विभिन्न लागत के तत्वों का विस्तृत विवरण तैयार करके उत्पादित वस्तु की लागत ज्ञात की जाती है। लागत लेखांकन का प्रयोग लागत नियंत्रण के लिए भी किया जाता है। मुख्यतः इस प्रणाली के अंतर्गत प्रत्येक प्रकार के उत्पादन के लिए अलग अलग लागत पत्र (Cost sheet) तैयार किए जाते हैं।