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निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म

निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म
एकाउंट्स जो फिएट और क्रिप्टोस में खोले जा सकते हैं: USD, JPY, BTC, USD, EUR, आदि

Stock Market Investment: What is Blue Chip Fund

मैं म्यूचुअल फंड्स में सीधे निवेश कैसे कर सकता हूँ?

अगर आपका KYC निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म पूरा हो चुका है तो आप म्यूचुअल फंड में सीधे ऑफलाइन या ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। अगर आप ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन करने में असहज महसूस करते हैं, तो आप नज़दीकी शाखा में जाकर फंड में निवेश कर सकते हैं।

ऑनलाइन म्यूचुअल फंड की स्कीमों में सीधे निवेश करने का सबसे आसान तरीका है और आपको कमीशन भी नहीं देना पड़ता। आप फंड की वेबसाइट या उसके RTA की साइट या फिर फिनटेक प्लेटफॉर्म से ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं। फंड की वेबसाइट पर सीधे निवेश करने पर आपको कई लॉगिन मैनेज करने पड़ते हैं।

डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का मतलब है कि आप फिनांशियल प्लान बनाने, अपने गोल के लिए सबसे सही फंड्स को चुनने, अपने पोर्टफोलियो को नियमित तौर पर मैनेज करने और ज़रूरत पड़ने पर उसमें फेरबदल करने की ज़िम्मेदारी लेते हैं। हर किसी को म्यूचुअल फंड में सही फंड चुनना और पोर्टफोलियो को मैनेज करना नहीं आता है। इसलिए डायरेक्ट प्लान उन निवेशकों के लिए है जो इसे आसानी से कर सकते हैं। अन्यथा, म्युचुअल फंड के बारे में कम जानकार लोगों को डिस्ट्रीब्यूटर द्वारा निवेश करने की सलाह दी जाती है।

डायवर्सिफाइड या कन्‍संट्रेटेड स्‍कीम

कुछ फंड्स का पोर्टफोलियो 50-60 कंपनियों में फैला होता है. जबकि, कुछ स्‍कीम्‍स का काफी कॉम्‍पैक्‍ट होता है, उनके पोर्टफोलियो में 25-30 स्‍टॉक्‍स ही होते हैं. एक कन्‍संट्रेटेड पोर्टफोलियो बाजार की रैली में रिटर्न बढ़ा सकता है, लेकिन एक डायवर्सिफाइड फंड मार्केट की गिरावट में मुनाफे को प्रोटेक्‍ट करता है. बतौर निवेशक, आपको डायवर्सिफाइड फंड्स में अपनी कोर होल्डिंग रखनी चाहिए. साथ ही कन्‍संट्रेटेड फंड में अपना कुछ निवेश सप्‍लीमेंट्री तौर पर करना चाहिए. इस स्‍ट्रैटजी से आपको मार्केट की तेजी और गिरावट दोनों ही स्थिति के लिए आपका पोर्टफोलियो बेहतर साबित होगा.

सभी म्‍यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में डायरेक्‍ट और रेग्‍युलर वेरिएंट्स हैं. डायरेक्‍ट प्‍लान में कोई इंटरमीडियरी नहीं होता है. इसलिए एक्‍सपेंश रेश्‍यो कम होता है. वहीं, रेग्‍युलर प्‍लान इससे अलग होता है. इसमें एक्‍सपेंस रेश्‍यो ज्‍यादा हाता है, क्‍योंकि उसमें इंटरमीडियरीज शामिल होता है. लॉन्‍ग टर्म में कम एक्‍सपेंश रेश्‍यो हायर रिटर्न ट्रांसलेट होता है. इसके साथ ही कम्‍पाउंडिंग के चलते लो एक्‍सपेंश रेश्‍यो से डायरेक्‍ट प्‍लान में गेन्‍स ज्‍यादा होता है. हालांकि, डायरेक्‍ट प्‍लान में तभी निवेश करना चाहिए, जब आपको मार्केट की समझ अच्‍छी हो और मार्केट के टर्म को अच्‍छी तरह समझते है. वर्ना, रेग्‍युलर प्‍लान में निवेश करना चाहिए.


एक्टिव या पैसिव फंड्स

एक्टिव फंड्स अपने बेंचमार्क इंडेक्‍स से बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं. दूसरी ओर, पैसिव फंड्स बामुश्किल से अपने बेंचमार्क इंडेक्‍स के बराबर रिटर्न दे पाते हैं. एक्टिव फंड्स की फीस ज्‍यादा होती है, जबकि पैसिव फंड्स में फंड मैनेजर्स की जरूरत नहीं होती है. अगर सबकुछ ठीक रहता है, तो एक्टिव फंड्स बेहतर रिटर्न दे सकते हैं. हालांकि, जब मार्केट कंडीशन बेहतर न हो, तो इनका रिटर्न बेंचमार्क इंडेक्‍स से कम रहता है. हालांकि, इस कौन-सा फंड चुनें इस बात का फैसला आपके इन्‍वेस्‍टमेंट गोल पर तय होता है.

अगर आप दमदार रिटर्न जेनरेट करना चाहते हैं तो एक्टिव फंड चुनें. दूसरी ओर, अगर आप किसी इंडेक्‍स के बराबर परफॉर्मेंस चाहते हैं, तो पैसिव फंड बेहतर ऑप्‍शन हैं. डायवर्सिफिकेशन के लिए निवेशक को पोर्टफोलियो में एक्टिव और पैसिव दोनों ही फंड रखने चाहिए.

बड़ा या छोटा फंड

फंड कितना बड़ा है या छोटा, यह कोई मायने नहीं रखता है. इसकी बजाय निवेश से पहले लॉन्‍ग टर्म में फंड की परफॉर्मेंस कैसी रही है, इसका एनॉलसिस जरूर करना चाहिए. अगर काई फंड लंबी अवधि में हाई रिस्‍क एडजस्‍टेड रिटर्न देता है, तो वह निवेश के लिए बेहतर च्‍वाइस हो सकता है. दूसरी ओर, अगर फंड का लॉन्‍ग टर्म रिटर्न अच्‍छा नहीं है, तो उसमें निवेश से बचना चाहिए. कई ऐसी स्‍माल म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स है, जिनकी परफॉर्मेंस बड़े फंड्स से बेहतर रही है.

अगर आप किसी ओपन-एंडेड म्‍यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आप किसी भी समय एंट्री या एग्जिट कर सकते हैं. आप जरूरत पर आसानी से आंशिक रूप से निकासी कर सकते हैं या अपना निवेश अमाउंट बढ़ा सकते हैं. हालांकि, क्‍लोज-एंडेड फंड्स में आप ऐसा नहीं कर सकते हैं. इसमें निवेशकों को एकमुश्‍त निवेश करना होता है.

(डिस्‍क्‍लेमर: म्‍यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला लेने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर काम करना

व्यापार मंच तकनीकी और सॉफ्टवेयर उपकरण का एक संयोजन है जो वित्तीय बाजारों में स्थिति के बारे में जानकारी , जो उपयोगकर्ताओं को (व्यापारियों) प्रदान करते हैं.

वे कार्यक्षमता में काफी समान हैं, लेकिन NetTradeX जो मंच MetaTrader 4 और 5 से भेद सुविधाओं की एक संख्या है। IFC मार्केट्स के ग्राहकों NetTradeX, MetaTrader 4 और MetaTrader 5 प्लेटफार्मों पर एक ही.

कौन सा इंस्ट्रूमेंट है ज्यादा फ्लेक्सिबल

SIP व RD दोनों निवेश के सबसे ज्यादा चर्चित तरीकों में से एक हैं और दोनों ही निवेशकों को फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करते हैं। लेकिन RD के मुकाबले SIP अधिक फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करता है। इसमें आप डेली, वीकली, मंथली व ऐनुअली फॉर्म में निवेश कर सकते हैं। तो वहीं RD में निवेशक मंथली बेस पर ही निवेश करते हैं।

म्यूचुअल फंड SIP में आपको लॉक इन की कोई बाध्यता नहीं रहती। आप जब चाहें अपनी जमा की गई राशि को निकाल सकते हैं। तो वहीं RD में लॉक इन पीरियड होता है, जिसके बीच में आप जमा की गई राशि यदि निकालते हैं तो आपको पेनाल्टी देनी होती है। RD का समय सामान्यतः 1 से 10 साल तक का होता है, ऐसे में आप 1 से 10 साल के बाद RD का टेन्योर पूरा होने पर ही अपनी राशि बाहर निकाल सकते हैं।

गारंटी रिटर्न व जोखिम

RD में निवेश करने पर आपको गारंटी रिटर्न प्रदान किया जाता है। जिसमें कोई भी जोखिम नहीं होता है, तो वहीं दूसरी तरफ SIP में आपका पैसा शेयर मार्केट में निवेश किया जात है, इसलिए यह बाजार के जोखिमों पर निर्भर होता है। हालांकि, आपका पैसा कई तरह के इक्विटी शेयर में निवेशित किया जाता है, जिससे आपका जोखिम काफी कम हो जाता है। इसके अतिरिक्त SIP में रिटर्न निश्चित नहीं होता व बाजार के आधार पर ही यह रिटर्न देता है।

तो इस प्रकार म्यूचुअल फंड SIP व RD दोनों की अपनी विशेषताएं होती हैं। ऐसे में किसी भी इन्स्ट्रूमेंट में निवेश के लिए अपने फंड मैनेजमेंट को समझना जरूरी होता है। इस प्रकार अपने रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर ही अपने लिए सही टूल का चयन करना चाहिए।

PAMM प्लेटफ़ॉर्म लॉन्च करें

B2Broker हमारे प्रासंगिक सामग्री, उत्पादों और सेवाओं के बारे में आपसे संपर्क करने के लिए आपके द्वारा प्रदान की गई जानकारी का उपयोग करता है। अधिक जानकारी के लिए, हमारी गोपनीयता नीति देखें। Privacy Policy.

PAMM प्लेटफ़ॉर्म क्लाइंटों / ट्रेडर को अपने स्वयं के निवेश फंड बनाने और निवेशकों से उनके एकाउंट या वॉल्यूम पर किए गए मुनाफे के लिए शुल्क भुगतान के साथ सफ़लता के रास्ते देता है। सभी निवेशकों निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म के एकाउंट को एक बड़े व्यापारिक एकाउंट में जोड़ा जाता है, जहां मनी मैनेजर पोजीशन को खोलता है। निवेशक व्यापार नहीं कर सकते - वे केवल अपने निवेश के अनुपात में लाभ और हानि प्राप्त करते हैं,

प्लेटफार्म का उपयोग रीटेल क्लाइंटों के लिए रणनीतियों के निवेश करने के लिए कौन सा प्लेटफॉर्म लीडरबोर्ड के साथ-साथ निजी रूप से कस्टम आवंटन सेटिंग्स के साथ किया जा सकता है।

PAMM का उपयोग व्यापक रूप से लाइसेंस प्राप्त मनी मैनेजरों द्वारा रणनीतियों का उपयोग करके किया जाता है जो केवल बड़े एकाउंट पर कारोबार कर सकते हैं।

सुविधाओं से परिपूर्ण PAMM

आपके सभी क्लाइंट PAMM एकाउंट में निवेशक बन सकते हैं, भले ही उनके पास कितना भी पैसा हो।

चाहे $30 हो या $300,000, यह उसी तरह से काम करता है। प्लेटफ़ॉर्म उनके हिस्से की गणना करेगा और लाभ एवं हानि को उनके एकाउंट में वितरित करेगा।

PAMM मास्टर एकाउंट सभी स्लेव एकाउंट के शेष राशि से बनता है। निवेशकों द्वारा सभी जमा और निकासी मास्टर एकाउंट के संतुलन के साथ-साथ मुक्त मार्जिन को प्रभावित करते हैं।

हमारे PAMM प्लेटफ़ॉर्म में, जब कोई निवेशक जमा या निकासी करता है, तो उसे तुरंत निष्पादित नहीं किया जाता है - वह जमा / निकासी अनुरोध करता है जिसे मैन्युअल रूप से निष्पादित किया जाएगा या इसे शेड्यूल किया जाएगा।

इसलिए, मनी मेनेजर के पास जमा / निकासी अनुरोधों के निष्पादन के समय पर पूर्ण नियंत्रण होता है और आकस्मिक रुक जाने के खतरे के बिना स्थिति के आकार को समायोजित करते हुए इस स्थिति के लिए अपना एकाउंट तैयार कर सकते हैं।

PAMM प्लेटफ़ॉर्म का निःशुल्क ट्रायल प्रारंभ करें

हमे आपसे सुनने में ख़ुशी होगी। हमारा संपर्क फ़ॉर्म भरें और हमारा प्रतिनिधि आपसे संपर्क करेगा।

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State-of-art architecture of the platform

The investment platform is stand-alone from MT4/5 server software and installed on a separate server connected via manager's API. No plugins need be installed. No calculations are made on the MetaTrader server. No additional load to MT or risk of a crash.

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Both MT4 and MT5

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