सिग्नल कैसे काम करते हैं?

स्काडा क्या है ?
स्काडा (SCADA) एक संक्षिप रूप है जिसका विस्तारित रूप Supervisory Control And Data Acquisition होता है। यह एक कंप्यूटर प्रणाली है जिसमे किसी फैक्ट्री ,रिसर्च लैब आदि के विभिन्न विभागों से विभिन्न प्रकार से सूचना को प्राप्त कर उसका एनालिसिस किया जाता है तत्पश्चात उस लैब या फैक्ट्री को नियंत्रित एवं संचालित किया जाता है। स्काडा आज के आधुनिक युग में बड़े स्तर पर फैले हुए फैक्ट्री ,पावर प्लांट या रिसर्च लैब में होने वाली विभिन्न क्रियाकलापों को सुचारु रूप से नियंत्रित कर उसे संचालित करने के लिए उपयोग किया जाता है।
बड़े औद्योगिक संस्थानों में बहुत सारी मशीने एक साथ विभिन्न प्रकार के काम करती है और इन सभी मशीनों की निगरानी करना एक बहुत ही जटिल काम हैं । इन सभी मशीनों के निगरानी तथा संचालन का कार्य SCADA Syatem आसानी से करता है और इनके दक्षता को बनाए रखता है।
स्काडा एक सॉफ्टवेयर तथा हार्डवेयर का सम्मिलित सिस्टम है जो नियंत्रण एवं संचालन की सुविधा प्रदान करता है। इसके केंद्रीय नियंत्रण प्रणाली में संचार उपकरण, नेटवर्क इंटरफेस, इनपुट/आउटपुट डिवाइस और सॉफ्टवेयर शामिल हैं। स्काडा के मदद से किसी संस्था में निम्न कार्य किया जा सकता है :
- संस्था में होने वाली प्रक्रिया को नजदीक या दूर से संचालित किया जा सकता है।
- संस्था में होने वाली प्रत्येक क्रिया के वर्तमान (real time) गतिविधि से सम्बंधित सूचना को प्राप्त किया जा सकता है।
- HMI सॉफ्टवेयर के मदद से किसी मोटर ,वाल्व ,पम्प आदि को बंद या चालू किया जा सकता है।
- संस्था में होने वाली प्रत्येक घटना या कार्य की रिपोर्ट आसानी से बनाई जाती है।
सामान्य स्काडा सिस्टम के मुख्य भाग (Component of SCADA System)
स्काडा सिस्टम को बहुत सी डिवाइस को आपस में जोड़कर बनाया जाता है। इन सभी भागो में निम्न प्रकार से वर्गीकृत किया गया है :
- Human Machine Interface
- Supervisory System
- Remote सिग्नल कैसे काम करते हैं? सिग्नल कैसे काम करते हैं? Terminal Units
- Programmable logic Controller
- Communication Infrastructure
- SCADA Programming
ह्यूमन मशीन इंटरफ़ेस क्या है ?
यह स्काडा सिस्टम का इनपुट आउटपुट वाला वह भाग है जो इंसान द्व्रारा नियंत्रित किया जाता है। इस भाग में इंसान कंप्यूटर द्वारा एकत्रित सूचना को प्राप्त कर उसका एनालिसिस करता है तथा जरुरी निर्देश कंप्यूटर को आगे फॉरवर्ड करता है। इस भाग में इंसान को सूचना स्काडा सिस्टम के डेटाबेस से सॉफ्टवेयर के मदद से ग्राफ या एक डिटेल टेबल के रूप में प्राप्त होता है।
Image Source Credit : https:Control.com |
Supervisory System क्या है ?
यह कण्ट्रोल रूम में लगे हुए HMI सॉफ्टवेयर तथा कार्य स्थल पर स्काडा सिस्टम से जुड़े हुए दूसरे भाग के बीच कम्युनिकेशन की कड़ी है जो दोनों के बीच सूचना तथा निर्देश को संचालित करता है। छोटे स्तर के स्काडा सिस्टम में एक कंप्यूटर सुपरवाइजरी या मास्टर सिस्टम होता है लेकिन बड़े स्तर के स्काडा सिस्टम में बहुत सारे कंप्यूटर को आपसे में एक दूसरे से जोड़कर कर मास्टर सिस्टम बनाया जाता है।
Remote Terminal Units क्या होता है ?
जैसे नाम से ज्ञात होता है यह स्काडा सिस्टम का वह भाग है जो केंद्रीय नियंत्रक भाग से दूर होता है और भौतिक रूप से मशीन (मोटर ,प्रिंटर पंप आदि) से जुड़ा हुआ होता है। ये सभी माइक्रोप्रोसेसर तथा माइक्रोकंट्रोलर से जुड़ा हुआ होता है। ये माइक्रोकंट्रोलर समय समय पर रिकार्डेड सूचना को केंद्रीय नियंत्रक को भेजते रहते है। ये माइक्रोकंट्रोलर मास्टर सिस्टम द्वारा भेजे गए सूचना को प्राप्त कर इन मशीनों को नियंत्रित करते है।
Programmable Logic Controllers क्या है ?
यह स्काडा सिस्टम का सेंसिंग वाला भाग है जो वास्तव में सूचना को प्राप्त कर उसे डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करता है। RTU से जुड़े हुए भाग में लगे हुए सिग्नल कैसे काम करते हैं? सेंसर के मदद से सूचना को ग्रहण करते है तथा उसे एक निश्चित डिजिटल सिग्नल में परिवर्तित करते है जिसके आधार पर मास्टर कंप्यूटर सिस्टम निर्देश जारी करता है।
Communication Infrastructure क्या है ?
स्काडा सिस्टम में लगे हुए सभी भाग को वायर या रेडियो सिग्नल के मदद से आपस में जोड़कर रखने वाली प्रणाली Communication Infrastructure है।
SCADA Programming क्या है ?
HMI या मास्टर स्टेशन में SCADA प्रोग्रामिंग का उपयोग आरेख सिग्नल कैसे काम करते हैं? और मानचित्र बनाने के लिए किया जाता है जो प्रोसेस या घटना की विफलता के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं। अधिकांश व्यावसायिक स्काडा सिस्टम में अधिग्रहण प्रणालियाँ प्रोग्रामिंग में मानकीकृत इंटरफेस का उपयोग करती हैं। स्काडा सिस्टम में सामान्यतः C प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग किया जाता है।
अलीगढ़: ट्रेन में रॉड घुसने से यात्री की मौत और 15 हजार का मुआवजा, रेलवे ने अब सुधारी भूल
Aligarh News: अलीगढ़ के थाना गभाना क्षेत्र में डाबर सोमना रेलवे स्टेशन के बीच नीलांचल एक्सप्रेस से सफर कर रहे यात्री की मौत हो गई थी. यात्री की गर्दन में शीशा तोड़कर रॉड गर्दन के आरपार हो गई थी. इसके बाद यात्री ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. इस घटना के बाद रेलवे प्रशासन के मरहम पर सवाल उठने लगे. वहीं यात्री की मौत के बाद रेलवे की ओर से मुआवजे सिग्नल कैसे काम करते हैं? के तौर पर 15 हजार रुपए दिए गए, लेकिन मृतक के पिता ने पैसे लेने से इनकार कर दिया.
परिजनों ने रेलवे के लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. वहीं, किरकरी होने के बाद रेलवे ने गलती को सुधारा और मृतक के परिवार को 5 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया.
वहीं मृतक के पिता ने मृतक बेटे की पत्नी के लिए रेलवे से नौकरी की मांग की है. हरिकेश की मृत्यु पर पीड़ित परिवार ने रेलवे विभाग से 1 करोड़ मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की मांग की है, जबकि रेलवे विभाग मृतक की जान के बदले में पीड़ित परिवार को 15 हजार रुपये का मुआवजा देने की पेशकश की थी. वहीं रेलवे विभाग द्वारा 15000 रुपये मुआवजे को ठुकराते हुए पीड़ित परिवार ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही थी.
बता दें कि शुक्रवार को जिले के थाना गभाना क्षेत्र अंतर्गत डाबर-सोमना रेलवे स्टेशन के बीच नीलांचल एक्सप्रेस से सफर कर रहे यात्री हरिकेश दुबे के गले से होकर लोहे की रॉड आर-पार हो गई, जिस कारण उनकी मौत हो गई.
यात्री हरिकेश दुबे दिल्ली से सुल्तानपुर अपने गांव नीलांचल एक्सप्रेस से जा रहे थे. वहीं घटना की सूचना पर मृतक के परिजन शनिवार को शव लेने अलीगढ़ स्टेशन पहुंचे. इस दौरान परिजनों की रेलवे अधिकारियों से मुआवजे की मांग को लेकर नोकझोंक हो गई. मृतक के पिता संतराम दुबे का कहना है कि उनके मृतक बेटे के 2 छोटे बच्चे हैं और घर मे कोई कमाने वाला भी नहीं है.
MP Shocker: मध्य प्रदेश में बस चलाते समय ड्राइवर की हार्ट अटैक से मौत, चपेट में आने से बाइक सवार की गई जान, कई घायल- See Video
मध्य प्रदेश के जबलपुर में शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना घटी. जब एक बस ड्राइवर को बस चलाते समय हार्ट अटैक आने से उसकी सिग्नल कैसे काम करते हैं? मौत हो गई. जिसके बाद बस अनियंत्रित होकर कुछ लोगों को रौंद दिया. जिसमें एक बाइक सवार की जान चली गई है
MP Shocker: मध्य प्रदेश के जबलपुर में शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना घटी. जब एक बस ड्राइवर को बस चलाते समय हार्ट अटैक आने से उसकी मौत हो गई. जिसके बाद बस अनियंत्रित होकर कुछ लोगों को रौंद दिया. जिसमें एक बाइक सवार की जान चली गई है. वहीं कई लोग घायल हुए हैं. हादसे का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है. वीडियो में भी देखा जा है बस लोगों को रौंदते हुए आगे जा रही है. यह भी पढ़े: Patna: हेयर ट्रांसप्लांट के बाद कांस्टेबल की हार्ट अटैक से मौत, 11 मई को होनी सिग्नल कैसे काम करते हैं? थी शादी, डॉक्टर व नर्सिग स्टाफ फरार
गोहलपुर थाना प्रभारी विजय तिवारी के अनुसार सुबह लगभग 11 बजे अधारताल से सवारियां लेकर जा रही थी. इस बीच बस के ड्राइवर को हार्ट अटैक से मौत होने के बाद बस दमोहनाका के सिग्नल पर रेडलाइट के दौरान बस ई-रिक्शा, कार तथा मोटरसाइकिल को टक्कर मारते आगे बढ़ गई. जिससे यह हादसा हुआ.
Video:
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)
An Action Hero Movie Review: आयुष्मान ख़ुराना और जयदीप अहलावत का फ़ेस-ऑफ़ फ़िल्म की यूएसपी
एन एक्शन हीरो एक फिल्मी सितारे के परेशानी में फ़ंसने की कहानी है । मानव ( आयुष्मान खुराना ) एक लोकप्रिय बॉलीवुड फिल्म स्टार है , जो एक्शन फिल्में करने के लिए जाना जाता है । अपनी अपकमिंग फिल्म के लिए वह हरियाणा के मांडोठी गांव जाता है । विक्की सोलंकी ( सुमित सिंह ), एक स्थानीय राजनेता , मानव से मिलने के लिए सेट पर जाता है और उसके साथ एक तस्वीर क्लिक करता है , इस उम्मीद में कि यह आगामी चुनावों में उसकी मदद करेगा । मानव , हालांकि , उसे प्रतीक्षा करवाता है । बाद में , मानव उससे मिलने के लिए पूरी तरह तैयार होता है जब उसके मैनेजर रोशन ( हर्ष छाया ) उसे सूचित करते हैं कि वह मस्टैंग कार जिसे वह लंबे समय से खरीदने का इंतजार कर रहा था आखिरकार आ गई है । मानव इतना उत्तेजित हो जाता है कि वह विक्की के बारे में भूल जाता है और अपनी नई कार में घूमने चला जाता है । गुस्से में विक्की अपनी एसयूवी में उसका पीछा करता है । एक सुनसान सड़क पर , विक्की मानव का आमना - सामना होता है और विक्की मानव पर हमला करता है । मानव उसे दूर धकेल देता है जिससे विक्की का सिर एक पत्थर से टकरा जाता है । विक्की की तुरंत मौत हो जाती है । मानव भाग जाता है , उसे यह एहसास नहीं होता कि विक्की द्वारा तोड़ा गया साइड मिरर सड़क पर छोड़ दिया गया है । पुलिस और स्थानीय पत्रकारों को यह महसूस करने में देर नहीं लगती कि साइड मिरर मानव की कार का है । इस बीच , मानव तुरंत होटल से चेक आउट करता है और मुंबई पहुंचता है । मुंबई हवाईअड्डे पर उसे पता चलता है कि लंदन के लिए एक फ़्लाइट कुछ देर में रवाना होने वाली है । वह एक टिकट खरीदता है और यूके के लिए उड़ान भरता है । दूसरी ओर , मंदोठी में , विक्की का बड़ा भाई भूरा सोलंकी ( जयदीप अहलावत ), एक खूंखार राजनेता जो अब गुंडा भी है गुस्से से उबल रहा है । वह मानव को मारना चाहता है क्योंकि उसे लगता है कि उसने उसके भाई की हत्या की है । वह भी मानव के पीछे यूनाइटेड किंगडम चला जाता है । आगे क्या होता है इसके लिए पूरी फ़िल्म देखनी होगी ।
अनिरुद्ध अय्यर की कहानी दिलचस्प और सामयिक है , और एक अच्छे ट्विस्ट का दावा करती है । नीरज यादव की पटकथा सरल है और कुछ मनोरंजक पलों से भरपूर है । लेकिन राइटिंग कहीं - कहीं बिखरी सी लगती है जो की और टाइट हो सकती थी । नीरज यादव के डायलॉग मजाकिया और शरारती हैं ।
अनिरुद्ध अय्यर का निर्देशन बेहतरीन है और डेब्यू के लिए काफी अच्छा है । एन एक्शन हीरो नामक फिल्म के लिए , उन्होंने पर्याप्त एक्शन और हीरो स्टाइल के सीन जोड़े हैं । उन्होंने क्लिकबेट पत्रकारिता पर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी भी की है कि कैसे इंडस्ट्री आदि के कामकाज के बारे में जनता को आसानी से गुमराह किया जा सकता है , लेकिन जो सबसे ज्यादा काम करता है वह है मानव और भूरा के बीच आमना - सामना । कहानी में ट्विस्ट भी अप्रत्याशित है ।
वहीं , कमियों की बात करें तो , फ़िल्म एक टाइम बाद रिपिटेटिव लगती है ख़ासकर सेकेंड हाफ़ में । मानव को भूरा द्वारा हमला करते और मानव को अपनी जान बचाने के लिए इधर - उधर भागते देखकर दर्शक शायद थक जाएंगे । आदर्श रूप से , 2 घंटे 12 मिनट लंबी इस फिल्म को 15-20 मिनट छोटा किया जाना चाहिए था । साथ ही , सई ( नीरज माधव ) का ट्रैक लुभाने में विफल रहता है । अंत में , हालांकि अंत का सिग्नल कैसे काम करते हैं? मोड़ मज़ेदार है , लेकिन कोई भी आसानी से इसकी भविष्यवाणी करने में सक्षम हो सकता है ।
आयुष्मान खुराना एक शानदार प्रदर्शन देते हैं । प्रशंसनीय बात यह है कि उनकी कोई एक्शन छवि नहीं है , लेकिन इस फिल्म में वह एक ‘ एक्शन हीरो ’ के रूप में पूरी तरह से प्रभावित करते हैं । जयदीप अहलावत एक बार फिर कमाल कर जाते हैं । वह सहजता से अपने किरदार को निभाते है । सुमित सिंह अपने रोल के लिए परफ़ेक्ट हैं और एक छाप छोड़ते हैं । जितेंद्र हुड्डा ( हरियाणा पुलिस वाले ) के साथ भी ऐसा ही है । हर्ष छाया भरोसेमंद हैं । नीरज माधव ठीक हैं लेकिन अपने किरदार से निराश करते हैं । गौतम जोगलेकर ( मसूद अब्राहम काटकर ) काफ़ी अच्छे हैं । वकार शेख ( कादर ), सिद्धार्थ अमर ( विश्वास पटेल ; वकील ), सागर आर्य ( मोहन सचदेव ; यूके कॉप ) और जितेंद्र राय ( सौरभ प्रकाश ; यूके कॉप ) ठीक हैं । अक्षय कुमार कैमियो में प्रफुल्लित करने वाले हैं । मलाइका अरोड़ा बेहद हॉट लगती हैं जबकि नोरा फतेही भी ग्लैमर का तड़का लगाने में कामयाब होती हैं ।
संगीत फ़िल्म के नेरेशन के साथ अच्छी तरह से बुना हुआ है । थीम सॉन्ग ' असली एक्शन चालू ' बहुत ही आकर्षक है । ' बचके रहना रे बाबा ' काफ़ी अच्छा है । इसके बाद ' आप जैसा कोई ' आता है और उसके बाद ' जेड़ा नशा ' आता है। सनी एम आर का बैकग्राउंड स्कोर उत्साहजनक है ।
नीरज यादव की सिनेमैटोग्राफी प्यारी है और फिल्म को यूनाइटेड किंगडम , विशेष रूप से द आइल ऑफ वाइट के पहले कभी नहीं देखे गए स्थानों में शूट किया गया है । रवि श्रीवास्तव का प्रोडक्शन डिजाइन परफ़ेक्ट है । अंकिता झा की वेशभूषा आकर्षक है । इयान वैन टेम्परली और स्टंट सिल्वा का एक्शन एक हाईपॉइंट है और यह रक्तरंजित या परेशान करने वाला नहीं है । निनाद खानोलकर का सिग्नल कैसे काम करते हैं? संपादन सिग्नल कैसे काम करते हैं? और कसा हुआ हो सकता था ।
कुल मिलाकर , आयुष्मान खुराना की पहली बार एक्शन - उन्मुख भूमिका और जयदीप अहलावत की शानदार स्क्रीन उपस्थिति के कारण एन एक्शन हीरो प्रभावित करती है । आखिरी 30 मिनट में आने वाला ट्विस्ट भी मस्ती में इजाफा करता है ।