दुनिया के बाजारों का हाल

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महिला से दुष्कर्म मामला: फेसबुक के जरिए हुई दोस्ती, कहा- तुम्हारी शादी नहीं हो रही है, मुझे बायोडेटा दे दो, आसानी से हो जाएगी शादी
डेढ़ साल पहले पीड़िता की दोस्ती फेसबुक के जरिए आरोपित शिक्षक दयाराम ध्रुव से हुई थी। उसके बाद दयाराम और महिला के बीच बातचीत होने लगी। दोनों काफी देर-देर तक बात किया करते थे। उस वक्त टीचर ने खुद को अविवाहित बताया था।
Chhattisgarh News महानदी की अस्मिता बचाये रखने वाले लोग लगातार इस गाद को साफ कराने, इस पहले की तरह निर्मल और साफ बनाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन जिम्मेदारों के कान में जू तक नहीं रेंगती। जिम्मेदारों को इस महानदी की सु.
बलौदाबाजार जिले के पलारी में कार-बाइक की भिड़ंत में दो लोगों की मौत हो गई। इस सड़क हादसे में एक दुनिया के बाजारों का हाल युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना सोमवार रात आठ बजे की बताई जा रही है। पुलिस ने दोनों मृतकों के शव को पोस्टमार्टम के लिए .
Balouda Bajar News: रात दो बजे पुलिस लेकर रेत घाट पहुंचे अधिकारी, अवैध उत्खनन पर दुनिया के बाजारों का हाल कार्रवाई, 16 हाईवा जब्त
अवैध उत्खनन की लगातार मिल रही शिकायत के बाद अधिकारियों की टीम ने पलारी के मलपुरी घाट में रात दो बजे छापा मारा। जिला प्रशासन की टीम ने इस दौरान वहां से 16 हाईवा वाहन को जब्त किया गया है।
पलारी थाना क्षेत्र के कोदवा गांव में एक तेज रफ्तार अनियंत्रित ट्रक ने दो बाइक सवार लोगों के साथ ही पांच लोगों को अपनी चपेट में ले लिया, जिसमें तीन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है। साथ ही तीन अन्य घायल हैं।
सिमगा तहसील के ग्राम रिंगनी स्थित एपीएल अपोलो कंपनी द्वारा पूर्व में कंपनी की स्थापना के लिए रिंगनी एवं केसदा के किसानों से जमीन खरीदी करते समय किसानों से मौखिक वादा किया गया था कि उनके परिवार के एक सदस्य को कंपनी में नौ.
तेरह सूत्री मांग के साथ बलौदाबाजार जिले के सरपंचों ने काम बंद कलम बंद कर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। सरपंच संघ के द्वारा जनपद पचायत भाटापारा में धरना कर अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। यह जानकारी समस्त सरपंच संघ .
अंचल के प्रतिष्ठित शासकीय हरिहर उच्चतर माध्यमिक शाला में निर्धन छात्रों की फीस श्रीसालासर सुंदरकाण्ड जनकल्याण समिति ने जमा कर उन्हें अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
छत्तीसगढ़ शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के आह्वान पर 34 प्रतिशत मंहगाई भत्ते एवं सातवें वेतनमान के अनुरुप गृहभाड़ा भत्ता के दो सूत्री मांग के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल के चौथे दिन रैनीभांठा दशहरा मैंदान बिलाईगढ़ में सभी वि.
जिला सहकारी बैंक वटगन शाखा में हुए गबन की जांच की रिपोर्ट सामने आ गई है। नईदुनिया ने सबसे तेज अपने 19 अगस्त के अंक में इस पर खबर प्रमुखता से छापी थी जिसका असर देखने को मिला। इसमें लेखापाल सूरज दुनिया के बाजारों का हाल साहू के 3.40 करोड़ का गबन कर.
सिर्फ 13 फीसदी भारतीय निवेशकों को पसंद है शेयर बाजार, जानिए दुनिया का हाल
नई दिल्ली। कोरोना काल में दुनियाभर के शेयर बाजारों ने जबरदस्त गिरावट देखी हैं। मार्च और अप्रैल के महीने में तो हालत काफी खराब थी। कुछेक कंपनियों को छोड़ दिया जाए तो सभी को काफी नुकसान झेलना पड़ा। जिसकी निवेशकों को भी काफी नुकसान हुआ। अमेजन, एप्पल, टेस्ला, रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों को फायदा भी हुआ। रिलायंस तो कोरोना काल में ही अपने सबसे अच्छे दौर से गुजर रही है। जिसका फायदा निवेशकों को भी मिला है। क्या प जानते हैं आखिर भारत में कितने इंवेस्टर हैं, जोकि शेयर बाजार में अपना रुपया लगाते हैं? आखिर पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय निवेशकों का शेयर बाजार पर कितना दुनिया के बाजारों का हाल विश्वास है? भारतीय निवेशक किस सेगमेंट में निवेश करना पसंद करते हैं? आइए आपको भी बताते हैं।
इक्विटी बाजार को पसंद नहीं करता भारतीय निवेशक
एक रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार आम भारतीय निवेशक इक्विटी बाजार को दुनिया के बाकी इंवेस्टर के मुकाबले ज्यादा पसंद नहीं करता है। आंकड़ों की मानें तो भारतीय निवेशक इक्विटी मार्केट में 12.9 फीसदी ही निवेश करते हैं। जबकि बाकी दुनिया में यह आंकड़ा 26.1 फीसदी है। जानकारों की मानें तो भारतीय निवेशकों में शेयर बाजार और उसमें निवेश करने के पैटर्न की समझ काफी कम है। कम जानकारी और जोखिम ना उठाने की हिम्मत की वजह से भारत में निवेशक बाकी सेगमेंट में कम रुपया लगाते हैं। वैसे लॉकडाउन पीरियड में शेयर बाजार में निवेश करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है। खासकर पढ़ा लिखा यूथ इक्विटी की ओर अट्रैक्ट हो रहा है।
भारतीय निवेशक को है इस पर ज्यादा भरोसा
वहीं भारतीय निवेशकों में सबसे ज्यादा भरोसा डेट या यूं कहें कि बांड बाजार में हैं। जिसमें जोखिम कम होने के साथ रिटर्न भी कम समय में अच्छा देखने को मिलता है। आंकड़ों की मानें तो मौजूदा समय में 41.3 फीसदी इंवेस्टर्स डेट मार्केट में इंवेस्ट करते हैं। वैश्विक निवेशकों की बात करें तो उनकी हिस्सेदारी भी डेट मार्केट में बराबर या यूं कहें कि मामूली रूप में ज्यादा है। 43.9 फीसदी वैश्विक निवेशक डेट मार्केट में निवेश करते हैं।
गोल्ड पर भी है सबसे ज्यादा भरोसा
वहीं दूसरी ओर डेट मार्केट के अलावा भारतीय निवेशक गोल्ड पर भी सबसे ज्यादा निवेश करते हैं। मौजूदा समय में ईटीएफ गोल्ड और ऑनलाइन ट्रेडिंग का चलन काफी बढ़ गया है। कोरोना काल में या यूं कहें कि मार्च के बाद से गोल्ड में निवेशकों को करीब 35 फीसदी का रिटर्न देखने को मिला है। आंकड़ों के अनुसार गोल्ड में दुनिया के बाजारों का हाल निवेश करने वाले इंडियन इंवेस्टर्स की हिस्सेदारी 30.2 फीसदी है। इसके विपरीत ग्लोबली इंवेस्टर्स गोल्ड में इंवेस्ट करना ज्यादा पसंद नहीं करते हैं। सिर्फ 10 फीसदी लोग की गोल्ड में इंवेस्ट करना पसंद करते हैं।
रियल एस्टेट में कम हुआ रुझान
बीते 5 से 6 सालों में भारत में प्रॉपर्टी का मार्केट काफी ठंडा चल रहा है। कोरोना काल में रियल एस्टेट की और दुर्दशा हो गई है। इसका कारण है निवेशकों का रियल एस्टेट के प्रति रुझान कम होना। वास्तव में देश में हजारों प्रोजेक्ट्स सालों से पेंडिंग पड़े हैं। आम्रपाली ग्रुप जैसे मामले सामने आने के बाद निवेशकों का मन रियल एस्टेट से काफी टूटा है। बैंकों द्वारा ब्याज दरें 20 साल के निचले स्तर पर लाने के बाद भी निवेशकों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। इन सब के बाद भी 15.6 फीसदी भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी रियल एस्टेट में है। वहीं ग्लोबल इंवेस्टर्स में रियल एस्टेट का भरोसा अब भी कायम है। भारत के मुकाबले विदेश निवेशक रियल एस्टेट में निवेश करना पसंद कर रहे हैं। यह आंकड़ा 20 फीसदी का है।
शेयर बाजार के लिए बेहद फीका रहा आज का दिन, जानिए सेंसेक्स-निफ्टी का क्या है हाल
आज का दिन शेयर बाजार के लिए बिल्कुल सपाट रहा है. सेंसेक्स में मामूली बढ़त दिखी है और निफ्टी मामूली गिरावट के साथ बंद हुआ है.
शेयर बाजार में शुक्रवार को तगड़ा उतार-चढ़ाव देखा गया. इन सबके बीच अंत में सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ. वहीं निफ्टी में मामूली गिरावट देखने को मिली. वैश्विक बाजारों में मिले-जुले रुख के साथ बाजार लगभग स्थिर बंद हुआ है.
30 शेयरों वाले बीएसई सेंसेक्स में शुक्रवार को 36.74 अंक यानी 0.06 फीसदी की बढ़त देखने को मिली. इसी के साथ सेंसेक्स 58,803.33 अंक पर बंद हुआ. दिन के कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने 59,108.66 अंक का दिन का उच्चतम स्तर छुआ. वहीं दूसरी ओर इसने 58,558.64 अंकों का न्यूनतम स्तर भी छुआ.
अगर बात नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी की करें तो शुक्रवार को यह करीब 3.35 अंक यानी 0.02 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ 17,539.45 अंक पर बंद हुआ.
सेंसेक्स के शेयरों में आईटीसी, एचडीएफसी, लार्सन एंड टुब्रो, एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और भारतीय स्टेट बैंक के शेयरों में तेजी देखने को मिली. इसमें पैसे लगाने वालों को आज फायदा हुआ.
वहीं दूसरी तरफ मारुति सुजुकी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंडसइंड बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, नेस्ले और टाटा स्टील जैसे शेयरों में पैसे लगाने वालों को नुकसान झेलना पड़ा. इन शेयरों में आज गिरावट देखने को मिली.
अगर बात दुनिया के बाजारों की करें तो एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहे. वहीं चीन का शंघाई कंपोजिट फायदे में रहा. यूरोप के बाजारों में शुरुआती कारोबार में तेजी का रुख देखने दुनिया के बाजारों का हाल को मिला. इसके अलावा अमेरिकी बाजार गुरुवार को बढ़त के साथ बंद हुए.
अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड शुक्रवार को करीब 2.01 प्रतिशत चढ़कर 94.22 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है. अगर शेयर बाजार के आंकड़ों को देखें तो विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 2,290.31 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे.
Russia and Ukraine Conflict: यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य तनाव से सहमे दुनिया के बाजार, जानें भारतीय मार्केट का हाल
Russia and Ukraine Conflict: यूक्रेन-रूस के बीच सैन्य तनाव से दुनिया के तमाम दशों के बाजार सहमे हुए हैं. ऐसे में जानें भारतीय मार्केट का क्या हाल है.
By: प्रणय उपाध्याय, एबीपी न्यूज़ | Updated at : 25 Jan 2022 06:36 PM (IST)
यूक्रेन-रूस में तनाव के बाद बाजार में नरमी
Russia-Ukraine Conflict: सरहद पर रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) की सेनाएं आमने-सामने हैं. इस कारण यूरेशिया इलाके में सैनिक टकराव बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं. ऐसे में डर है कि लड़ाई छिड़ी तो केवल दो मुल्कों तक सीमित नहीं रहेगी इस बीच सभी को नए महायुद्ध का खतरा दिखाई पड़ रहा है. यूक्रेन और रूस युद्ध के मैदान में भिड़ेंगे या सुलह के उपाय इस संकट को टाल पाएंगे. इस सवाल पर इन दिनों सबकी नजरें टिकी हैं. लेकिन, इस बीच दुनिया भर के शेयर बाजारों दुनिया के बाजारों का हाल दुनिया के बाजारों का हाल में मंदी नज़र आ रही है. फिलहाल जंगी खतरों को बुरे शगुन के तौर पर देखी जा रही है. ऐसे में शेयर बाज़ार इस डर से सहमे दिखाई दे रहे हैं कि कोरोना महामारी की मार के बीच कहीं लड़ाई का वार न झेलना पड़ जाए.
भारत में बीएसई और निफ्टी का सेंसेक्स में बीते पांच दिनों तक गिरावट का सिलसिला जारी रहा. राहत की बात यह रही कि मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स शुरुआती गिरावट के बाद 367 प्वाइंट सुधार के साथ बंद हुआ. वहीं, निफ्टी का सूचकांक भी मंगलवार को गिरावट के साथ खुला और 16, 836.80 पॉइंट तक जाने के बाद कुछ सुधार कर 17277.95 पॉइंट पर बंद हुआ. हालांकि, असर भारतीय बाजारों पर ही नहीं है बल्कि बाजार अनिश्चितताओं का दौर दुनिया भर के बड़े शेयर बाजारों में देखा जा रहा हैं.
बता दें कि दुनिया के 45 देशों में शेयर बाजारों पर नज़र रखने वाले MSCI वर्ल्ड इक्विटी इंडेक्स 0.78 फीसद गिरावट पर था. नैस्डैक, डाउ जोन्स और एसपीएक्स भी डांवांडोल हैं और दो दिनों की गिरावट के बाद सोमवार को कुछ सुधार पर बंद हुए थे.
बाजार में गिरावट का यह दौर रूस और अमेरिका के बीच यूक्रेन को लेकर बढ़ते तनाव के साथ शुरू हुए. नाटो की तरफ से सोमवार को आए बयान ने भी बाजार की चिंता बढ़ाई जिसमें कहा गया था कि वो पूर्वी यूरोप के इलाके में अधिक युद्धपोत और लड़ाकू विमानों को तैनात कर अपने दस्तों को हाई अलर्ट पर कर रहा है. अमेरिका भी अपने राजनयिकों के परिजनों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दे चुका है.
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निवेशकों को इस बात का भी डर सता रहा है कि अगर रूस और यूक्रेन दुनिया के बाजारों का हाल के बीच लड़ाई छिड़ी तो इसकी आंच केवल दो देशों तक सीमित नहीं रहेगी. बल्कि यूरोप पर इसका सीधा असर होगा. इतना दुनिया के बाजारों का हाल ही नहीं इस तरह का कोई भी टकराव अमेरिका और रूस जैसी सैन्य महाशक्तियों को भी आमने-सामने ला सकता है.
महाशक्तियों के इस तनाव का असर पहले से परेशान वैश्विक अर्थव्यवस्था पर होगा. साथ ही इससे संकट के दौर से गुज़र रहे कच्चे तेल, ऊर्जा बाज़ार और वैश्विक व्यापारिक परिवहन की सेहत और खराब हो सकती है. साथ ही जानकारों के मुताबिक, अमेरिका दुनिया के बाजारों का हाल में बढ़ी महंगाई दर के बीच ब्याज दर बढ़ाए जाने की संभावनाओं के मद्देनजर भी संस्थागत विदेशी निवेशक भारत जैसे बाज़ारों में बिकवाली का ग्राफ बढ़ा रहे हैं.
इस बात की फिक्र स्वाभाविक है कि अगर रूस और यूक्रेन के बीच जंग की चिंगारी भड़की तो इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा जिसके दोनों देशों के साथ करीबी रिश्ते भी हैं और कारोबारी संबंध भी. ऐसे में भारत के लिए न केवल कूटनीतिक दबाव बढ़ेगा बल्कि उसे न चाहते हुए भी दोनों देशों के तनाव का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. क्योंकि बाजार मूड और सेंटीमेंट से संचालित होता है और अगर माहौल जंग का बना तो कारोबार का मिजाज खराब हो सकता है.
Published at : 25 Jan 2022 06:52 PM (IST) Tags: Russia Share BAzar Indian Market Ukraine Market Crash Russia-Ukraine Conflict हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय दुनिया के बाजारों का हाल हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi