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व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैसे करें GST Registration Kaise Kare

आज myonlineca पर में आपको बताने जा रहा हूँ कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैसे करें (GST Registration Kaise Kare aur GST Number Kaise Le) । GST यानि के गुड एंड सर्विस टैक्स यह एक ऐसी टैक्स प्रणाली है जहा पर सिंगल टैक्स गुड एंड सर्विसेज की सप्लाई पर लगाया जाता है |

अपनी जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए निचे दिए गए फॉर्म को भरे।

GST Indirect Tax की व्यवस्था का एक सबसे बड़ा सुधार है| GST भारत में मोदी सरकार द्वारा जुलाई, 1 , 2017 को देश में इसकी शुरुवात की गयी थी | इसे देश में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए लाया गया है | GST यानि के गुड एंड सर्विस टैक्स यह एक ऐसी टैक्स प्रणाली है जहा पर सिंगल टैक्स गुड एंड सर्विसेज की सप्लाई पर लगाया जाता है | GST इंदिरेक्ट टैक्स की व्यवस्था का एक सबसे बड़ा सुधार है| GST भारत में मोदी सरकार द्वारा जुलाई, 1 , 2017 को देश में इसकी शुरुवात की गयी थी | इसे देश में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए लाया गया है |

GST उपप्रत्यक्ष कर है जो राष्ट्रीय स्तर पर माल और सेवाओं की उत्पति , बिक्री और सेवन पर लगाया जाता है | GST ने अब केंद्रीय उत्पाद शुल्क, अतिरिक्त सीमा शुल्क, वैट, मनोरंजन कर, सेवा कर आदि कर प्रणालियों की जगह ले ली है | व्यवसाय जिस राज्य में पंजीकृत है वह उन्हें जेएसटी पहचान संख्या लेने की आवश्यकता होती है

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भारत में मुख्यता चार प्रकर के जेएसटी कर वसूले जाते है , जिनका नाम है केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी,संघ क्षेत्र जीएसटी एवं एकीकृत जीएसटी| केंद्रीय जीएसटी एक राज्य के भीतर आपूर्ति पर लगाया जाता है , राज्य जीएसटी भी एक राज्य के भीतर आपूर्ति लगाया जाता है , संघ क्षेत्र जीएसटी एक संघ क्षेत्र के भीतर आपूर्ति पर लगाया जाता व्यापारियों को जीएसटी से लाभ है अथवा एकीकृत जीएसटी अंतरराज्यीय आपूर्ति और आयात पर लगाया जाता है |

भारतीय अर्थव्यवस्था पर जीएसटी का प्रभाव (Effect of GST in Hindi)

जीएसटी हमारी अर्थव्यवस्था के लिए कई लाभ प्रदान करता है। यहां कुछ प्रमुख फायदे हैं: (Benefits of GST in Hindi)

  • भारत के लिए एकीकृत आम राष्ट्रीय बाजार बनाएं, जिससे विदेशी निवेश और “मेक इन इंडिया” अभियान को बढ़ावा मिले
  • निर्यात और विनिर्माण गतिविधि को बढ़ावा देना और वास्तविक आर्थिक विकास की ओर अग्रसर होना
  • अधिक रोजगार पैदा करके गरीबी उन्मूलन में सहायता करें
  • कर चोरी के लिए प्रोत्साहन को कम करने के लिए समान एसजीएसटी और आईजीएसटी दरें
  • उपभोक्ताओं पर जीएसटी का प्रभाव

जीएसटी उपभोक्ताओं के लिए भी फायदेमंद है। यहां बताया गया है कि यह भारतीय उपभोक्ताओं को कैसे प्रभावित करता है:

  • सरल कर प्रणाली
  • कैस्केडिंग के उन्मूलन के कारण माल और सेवाओं की कीमतों में कमी
  • पूरे देश में समान मूल्य
  • कराधान प्रणाली में पारदर्शिता
  • रोजगार के अवसरों में वृद्धि
  • व्यापारियों पर जीएसटी का प्रभाव

जीएसटी का व्यापारियों पर कुछ सकारात्मक प्रभाव भी है। चलो देखते हैं कि यह व्यापारियों को कैसे प्रभावित करता है:

  • करों की बहुतायत में कमी
  • इनपुट कर क्रेडिट के माध्यम से कैस्केडिंग / डबल टैक्सेशन की कमी
  • विशेष रूप से निर्यात के लिए करों का अधिक कुशल तटस्थता
  • आम राष्ट्रीय बाजार का विकास
  • सरल कर व्यवस्था
  • कम दरों और छूट
  • सामान और सेवाओं के बीच भेद अब आवश्यक नहीं है

जीएसटी ऑनलाइन पंजीकरण कैसे करें (GST Registration Kaise Kare or GST Registration Process in Hindi)

यहां हम जीएसटी ऑनलाइन पंजीकरण पूरा करने के लिए चरण-दर-चरण प्रक्रिया बता रहे है:

www.gst.gov.in पर लॉग ऑन करें।जब वेबपेज खुले तो मेनू पर ‘सेवा’ टैब पर क्लिक करें।आपके पास तीन विकल्प दिखेंगे , जैसे पंजीकरण, भुगतान, और उपयोगकर्ता सेवाएं | पंजीकरण पर क्लिक करें और नया पंजीकरण चुनें।आपको एक नए वेबपेज पर रीडायरेक्ट किया जाएगा जिसमें आपको यह चुनना होगा कि क्या आप करदाता या जीएसटी व्यवसायी हैं, कुछ विवरण दर्ज करने से पहले, जैसे कि व्यवसाय का कानूनी नाम, राज्य और जिला जिसमें इकाई स्थित है, स्थायी खाता संख्या, ईमेल पता और मोबाइल नंबर। यह मूल रूप से फॉर्म का भाग-ए है।आपके द्वारा दर्ज किए गए विवरण पोर्टल द्वारा सत्यापित किए जाने होंगे, इसलिए आपको एक बार का पासवर्ड या पुष्टि के लिए एक ईमेल प्राप्त होगा।

आपके द्वारा चलाए जा रहे व्यवसाय के प्रकार के आधार पर, आपको अनुरोध किए गए कुछ दस्तावेज़ अपलोड करने होंगे। फॉर्म के भाग-बी को कुछ विवरणों के साथ भरना होगा जिसके बाद आपको ईमेल या एसएमएस के माध्यम से आवेदन संदर्भ संख्या प्राप्त होगी।तब आपके आवेदन को जीएसटी अधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा और इसे या तो अनुमोदित किया जा सकता है या आपसे अनुरोध किया जाएगा कि जब तक अधिकारियों के पास आपके आवेदन को मंजूरी देने के लिए सभी आवश्यक जानकारी न हो, तब तक आपको कुछ और विवरण या दस्तावेज प्रदान करने का अनुरोध किया जाएगा।

यदि प्रत्येक व्यापारी के पास कई राज्यों में शाखाएं हैं, तो प्रत्येक राज्य के लिए अलग पंजीकरण करना होगा। 1 से अधिक लंबवत वाले व्यवसाय उनमें से प्रत्येक के लिए अलग-अलग पंजीकरण कर सकते हैं।चूंकि जीएसटी अभी पेश किया गया है, इसलिए इसका इस्तेमाल करने में कुछ समय लग सकता है और इसे समझ सकता है। वर्तमान में, सभी निर्धारिती से जीएसटी के लिए पंजीकरण करने के लिए कहा गया है और उन लोगों के लिए प्रक्रिया नहीं है जो इसके लिए पंजीकरण नहीं करना चाहते हैं। हालांकि पंजीकरण के बाद वे अपना पंजीकरण रद्द करना चुन सकते हैं।

अनिवार्य जीएसटी पंजीकरण ऑनलाइन (GST Number Apply karne ke liye GST Turnover limits)

जिन व्यवसायों का कारोबार 20 लाख रुपये से अधिक है, या 10 लाख रुपये (उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए), नियमित कर योग्य व्यक्ति के रूप में जीएसटी पंजीकरण करने की उम्मीद है। एनआरआई कर योग्य व्यक्तियों, ई-कॉमर्स में शामिल संस्थाएं, ई-कॉमर्स ऑपरेटरों के माध्यम से माल और सेवाओं की आपूर्ति करने वाली संस्थाएं, जो व्यक्ति टीडीएस (स्रोत पर कटौती कर) के लिए पात्र हैं, ऑनलाइन जानकारी के प्रावधान में संलग्न संस्थाएं या पुनर्प्राप्ति सेवाएं या डेटाबेस का उपयोग इत्यादि।देश में अधिकांश संस्थाओं और व्यवसायों को ऑनलाइन जीएसटी पंजीकरण पूरा करने की आवश्यकता है। यहां तक कि जिन संस्थाओं को जीएसटी ऑनलाइन पंजीकरण पूरा करने के लिए अनिवार्य नहीं है, वे स्वैच्छिक आधार पर ऐसा कर सकते हैं क्योंकि पंजीकरण इकाई को माल और / या सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के रूप में कानूनी मान्यता प्राप्त करने में सक्षम बनाता है, जिससे इकाई को उन वस्तुओं पर जीएसटी ले जाने की इजाजत मिलती है जो अपने सामान का लाभ उठाते हैं या सेवाएं। ऐसे में, जिन संस्थाओं ने जीएसटी पंजीकरण ऑनलाइन पूरा कर लिया है वे इनपुट कर क्रेडिट का लाभ उठाने के लिए पात्र हो सकते हैं।

निष्कर्ष मुझे आशा है की यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा , हमे आशा है की इस आर्टिकल में आपको पूरी जानकारी मिली होगी की जेएसटी क्या है और इसका पंजीकरण कैसे कराये , अगर आपको और जानकारी जेएसटी पंजीकरण के संदर्ब में तो आप हमारी वेबसाइट पर पधारे अधिक जानकारी के लिए , हम आपकी सहायता के लिए हमेशा मौजूद रहते है |

व्यापारियों को गिनाए जीएसटी पंजीकरण के लाभ

व्यापारियों को गिनाए जीएसटी पंजीकरण के लाभ

जागरण संवाददाता, एटा: सोमवार को आयोजित हुए वाणिज्यकर विभाग के जीएसटी पंजीकरण जागरूकता शिविर में अधिकारियों ने व्यापारियों को पंजीयन से होने वाले लाभों की जानकारी दी। वहीं व्यापारियों व अधिवक्ताओं ने अधिकारियों से प्रक्रिया पर विचार मंथन किया।

वाणिज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर खंड 3 अभिषेक प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार व्यापारियों को सुरक्षा और सहायता देने के लिए तत्पर है। ऐसे में जीएसटी पंजीकरण होने की अवस्था में व्यापारी सरकार की विभिन्न योजनाओं में भागीदार बनेंगे। उन्होंने व्यापारियों को पंजीयन से होने वाले लाभों के बारे में बताया। शिविर में व्यापारियों के साथ अधिवक्ताओं ने अधिकारियों के पंजीकरण की प्रक्रिया के साथ मिलने वाले लाभों पर विचार किया तथा अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया। तीन व्यापारियों ने मौके पर ही अपनी फर्म का पंजीकरण कराया। शिविर में असिस्टेंट कमिश्रर हरिकेश सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर दिनेश चंद्र शुक्ला, वाणिज्य कर अधिकारी अरुण अग्रवाल, सुन्नेश कुमार जैन, धीरेंद्र दीक्षित, चिराग जैन आदि अधिवक्ता, जगदीश किशोर यादव, नीरज गुप्ता, रजत जैन, अतुल राठी समेत काफी व्यापारी मौजूद थे। अब नगर पालिका में आयोजित होगा नगरीय समाधान दिवस: तहसील और थाने पर होने वाले समाधान दिवस के बाद पालिका में भी नगरीय समस्या समाधान दिवस का आयोजन किया जाएगा। पालिका के सभागार में हर माह की एक तारीख को समाधान दिवस आयोजित होगा। जिसमें शहर के लोगों की समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण किया जाएगा। शिकायतकर्ताओं को यूनिक नंबर भी दिया जाएगा।

तीन चिकित्सक, इतने ही फार्मासिस्ट, वार्डब्वाय और स्टाफ नर्स की तैनाती की।

शहर के लोगों की पालिका से जुड़ी कई शिकायतें होती हैं। उनका निस्तारण कराने के लिए व्यक्तियों को प्रशासनिक अधिकारियों सहित अन्य कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिससे उन्हें समस्या निराकरण में लंबे समय तक इंतजार करने के साथ ही परेशान भी होना पड़ता है। इन सभी मुसीबतों पर लगाम लगाने के लिए पालिका प्रशासन ने नई पहल शुरू की है। जिसमें हर माह की पहली तारीख को नगरीय समस्या समाधान का आयोजन शुरू किया है। जिसमें शहर के लोग गृह, जल, हाउस टैक्स, सड़क, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र, प्लाट आवास आवंटन, दुकानों का किराया, गंदगी, जलभराव आदि से जुड़ी समस्याओं की शिकायत दर्ज करा सकेंगे। शिकायत दर्ज कराने वाले को यूनिक नंबर दिया जाएगा। जिससे शिकायत और उसका निस्तारण होने संबंधी ब्यौरा आनलाइन होगा। वहीं नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी डा. दीप कुमार वाष्र्णेय ने बताया कि समाधान दिवस का आयोजन सुबह 10 से 2 बजे तक किया जाएगा। सभी शिकायतों का निर्धारित समय पर निस्तारण किया जाएगा।

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व्यापारियों को जीएसटी से लाभ

21/2022-केन्द्रीय कर- माह सितम्बर 2022 की प्ररूप जीएसटीआर-3ख में विवरणी प्रस्तुत करने की नितय तारीख का विस्तार करने के लिए। शुद्धिपत्र – अधिसूचना 20/2022- केन्द्रीय कर दिनांक 28.09.2022 का शुद्धिपत्र । 20/2022- केन्द्रीय कर - अधिसूचना 20/2018- केन्द्रीय कर दिनांक 28.03.2018 को विखण्डित करने के लिए । 19/2022- केन्द्रीय कर – सीजीएसटी नियम, 2017 में संशोधन (दूसरा संशोधन, 2022) करने के लिए । केंद्रीय माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 की धारा 73 व 74 और एकीकृत माल एवं सेवा कर अधिनियम, 2017 के अधीन उचित अधिकारी के संबंध में परिपत्र अपलोड कर दिया गया है| ई-वे बिल नियम के कार्यान्वयन को स्थगित करने की अधिसूचना जारी कर दी गई है ई-वे बिल वेबसाइट और संशोधित सीजीएसटी नियमों के बारे अधिसूचित करने के लिए अधिसूचनाएँ अपलोड कर दी गई हैं। विभिन्न विवरणियों के लिए विलंब शुल्क में हुई कटौति के संबंध में भी अधिसूचनाएँ अपलोड कर दी गई हैं। दिसंबर, 2017 का प्ररुप जीएसटीआर-3B भरने की आखिरी तारीख 22 जनवरी, 2018 तक के लिए बढ़ा दी गई है जीएसटी आईटीसी प्रपत्र 01 - सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 18 की उप-धारा (1) के तहत आईटीसी के दावे की घोषणा के लिए सुविधा, जीएसटी पोर्टल पर करदाताओं को प्रदान की गई है। (कृपया सीजीएसटी नियमावली 2017 के नियम 40(1) का संदर्भ लें।) जीएसटी अवधारणा व स्थिति एवं जीएसटी पर प्रस्तुति संबंधी नवीनीकृत संस्करण (केवल अंग्रेज़ी में) अपलोड किया जा चुका है। जीएसटी प्रपत्र GST REG 16 - नवीन करदाता द्वारा पंजीकरण रद्द करवाने के लिए आवेदन प्रपत्र , अब जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध है (सीजीएसटी नियमावली 2017 का नियम 20, देखें)। अनिवासी करदाता द्वारा जीएसटीआर 5 प्रपत्र का सृजन और प्रस्तुतिकरण उनके द्वारा किए गए आईटीसी के विवरण, संशोधन, आपूर्ति आदि के विवरण देने के लिए , अब जीएसटी पोर्टल पर उपलब्ध है। आईटीसी प्रपत्र आईटीसी जीएसटी 02 - सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 18 की उप-धारा (3) के अधीन , बिक्री, विलय, पृथकता , एकीकरण, किसी व्यवसाय के पट्टे या हस्तांतरण के मामले में आईटीसी के हस्तांतरण की सुविधा के लिए घोषणा, जीएसटी पोर्टल पर पंजीकृत व्यक्ति को प्रदान की गयी है। (सीजीएसटी नियम, 2017 का नियम 41 (1) का संदर्भ लें।) ट्रांजिशन प्रपत्र ऑफ़लाइन टूल जीएसटी TRAN 2 के लिए -TRAN 2 के लिए डेटा को भरने और अपलोड करने के लिए एक ऑफ़लाइन टूल अब जीएसटी पोर्टल पर करदाताओं के लिए उपलब्ध है। Tकरदाताओं को सभी रिटर्न में 0.1% की दर से व्यापारी निर्यातकों को की गई आपूर्ति का विवरण देने की सुविधा प्रदान की गई है। ICEGATE को डेटा भेजते समय डेटा की अस्वीकृति से बचने के लिए, जीएसटी 3 बी और जीएसटी 1 प्रपत्र की तालिका 6 ए के आंकड़ों के बीच असंतुलन होने के कारण, 100 रूपये तक के अंतर को स्वीकार करने के लिए सॉफ्टवेयर में एक बदलाव किया गया है, जबकि इन तालिकाओं में डेटा मान्य है। जीएसटीआर 1 प्रपत्र के ऑफ़लाइन उपयोग में संशोधन सारणी को भरते समय करदाताओं के समक्ष आने वाली समस्याएं निर्दिष्ट की गयी हैं। अधिसूचना सं 72/2017 - केंद्रीय कर दिनांक 29 दिसंबर, के अनुसार (पंजीकृत व्यक्तियों के ऐसे वर्ग के लिए जिनका कुल कारोबार पूर्ववर्ती वित्तीय वर्ष में या मौजूदा वित्तीय वर्ष में 1.5 करोड़ रुपए से अधिक हो ) जुलाई 2017 से नवंबर 2017 माह तक के लिए जीएसटीआर -1 प्रपत्र दायर करने की तारीख बदलकर 10 जनवरी 2018 कर दी गई है । 08-11-2017 के बाद जीएसटी ट्रान -1 भरने वाले करदाताओं के लिए ट्रान-1 संशोधित करने की सुविधा सक्षम कर दी गई है। वे करदाता जिन्होंने अपना प्ररुप जीएसटी ट्रान-1 अब तक संशोधित नहीं किया वे भी इस सुविधा का फायदा उठा पाएँगे। अगर संशोधन के परिणामस्वरुप क्रेडिट ऋणात्मक हो जाएँ और उनके क्रेडिट बहीखाते में पर्याप्त शेषराशि नहीं हो तब भी करदाता संशोधित प्ररुप जीएसटी ट्रान-1 फाइल कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में पुराने क्रेडिट और नए क्रेडिट के बीच के फर्क की रकम उनकी देयता में जोड़ दी जाएगी। अपने इलेक्ट्रॉनिक नकद बहीखाते में अतिरिक्त राशि का प्रतिदाय प्राप्त करने की सुविधा जीएसटी पोर्टल में उपलब्ध कर दी गई है। यह सुविधा जीएसटी पोर्टल पर लॉग-इन करने के व्यापारियों को जीएसटी से लाभ बाद प्रतिदाय मेनू में इलेक्ट्रॉनिक नकद बहीखाते में अतिरिक्त शेषराशि के प्रतिदाय विकल्प पर जाकर एक्सेस की जा सकती है। प्ररुप जीएसटीआर 3B को देर से भरने पर लगने वाले शुल्क को 50 रुपये कम कर दिया गया है। कृपया केंद्रीय कर-अधिसूचना सं. 64/2017 देखें (दिनांक 15 नवंबर, 2017) संशोधित आईजीएसटी नियम, 2017 (15/11/2017) शून्य-दर वाले प्रदायों के संदर्भ में दावे मैन्युअल रुप से फाइल करने और व्यापारियों को जीएसटी से लाभ प्रतिदाय संसाधित करने के लिए जारी परिपत्र जीएसटी अधिवक्ता का लोकेशन जानने और उससे संपर्क karne/संपर्क तोड़ने के लिए जीएसटी पोर्टल में एक नई सुविधा उपलब्ध है। जीएसटी अधिवक्ता को अपने डैशबोर्ड में करदाता को स्वीकार/अस्वीकार करने और सभी करदाता की सूची देखने की सुविधा प्रदान कर दी गई है। ज्यादा जानकारी के लिए gst.gov.in पर जाएँ

FAQs for Traders

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GST से किसको होगा फायदा, किसको नुकसान?

GST को लेकर संसद में गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि इसके लागू होने से टैक्स संरचना में सुधार होना है. अगर यह बिल लागू हो जाता है तो इससे न सिर्फ टैक्स भरना आसान होगा, बल्कि टैक्स की चोरी भी रुकेगी. इसका लागू होना देश की जीडीपी को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए भी जरूरी है.

जानें क्यों जरूरी है इस बिल का पास होना

स्वाति गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2015,
  • (अपडेटेड 27 नवंबर 2015, 3:39 PM IST)

GST को लेकर संसद में गतिरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है, जबकि इसके लागू होने से टैक्स संरचना में सुधार होना है. अगर यह बिल लागू हो जाता है तो इससे न सिर्फ टैक्स भरना आसान होगा, बल्कि टैक्स की चोरी भी रुकेगी. इसका लागू होना देश की जीडीपी को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए भी जरूरी है. आइए जानते है आखिर GST बिल है क्या? साथ ही क्या हैं इसके फायदे और नुकसान जिसके चलते दाव-पेंच फंस रहे हैं.

भारत में वर्ष 2006-07 के साथ आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था. केंद्र और राज्य के बीच अप्रत्यक्ष करों के बंटवारे को लेकर विवादों में रहा वस्तु एवं सेवा कर हमेशा ही चर्चा का विषय बना हुआ है. इसके बावजूद कम लोगों को ही इसकी पूरी जानकारी होगी. और शायद ये पता होगा कि आखिर क्यों इस पर इतने सवाल खड़े किए जा रहे हैं.

क्या है GST
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर है. जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान कर लगाया जाता है. जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं. सरकार अगर इस बिल को 2016 से लागू कर देती तो हर सामान और हर सेवा पर सिर्फ एक टैक्स लगेगा यानी वैट, एक्साइज और सर्विस टैक्स की जगह एक ही टैक्स लगेगा.

क्या होंगे इसके फायदे
किसी भी राज्य में सामान का एक दाम
जीएसटी लागू होने से सबसे बड़ा फायदा आम आदमी को होगा. पूरे देश में किसी भी सामान को खरीदने के लिए एक ही टैक्स चुकाना होगा. यानी पूरे देश में किसी भी सामान की कीमत एक ही रहेगी. जैसे कोई कार अगर आप दिल्ली में खरीदते हैं तो उसकी कीमत अलग होती है, वहीं किसी और राज्य में उसी कार को खरीदने के लिए अलग कीमत चुकानी पड़ती है. इसके लागू होने से कोई भी सामान किसी भी राज्य में एक ही रेट पर मिलेगा.

कर विवाद में कमी
अगर यह लागू हो जाता है तो कई बार टैक्स देने से छुटकारा मिल जाएगा. इससे कर की वसूली करते समय कर विभाग के अधिकारियों द्वारा कर में हेराफेरी की संभावना भी कम हो जाएगी. एक ही व्यक्ति या संस्था पर कई बार टैक्स लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, सिर्फ इसी टैक्स से सारे टैक्स वसूल कर लिए जाएंगे. इसके अलावा जहां कई राज्यों में राजस्व बढ़ेगा तो कई जगह कीमतों में कमी भी होगी.

कम होगी सामान की कीमत
इसके लागू होने से टैक्स का ढांचा पारदर्शी होगा जिससे काफी हद तक टैक्स विवाद कम होंगे. इसके लागू होने के बाद राज्यों को मिलने वाला वैट, मनोरंजन कर, लग्जरी टैक्स, लॉटरी टैक्स, एंट्री टैक्स आदि भी खत्म हो जाएंगे. फिलहाल जो सामान खरीदते समय लोगों को उस पर 30-35 प्रतिशत टैक्स के रूप में चुकाना पड़ता है वो भी घटकर 20-25 प्रतिशत पर आ जाने की संभावना है. इसके अलावा भारत की ग्रोथ रेट में भी एक से डेढ़ फीसदी की बढ़ोतरी होगी.

जीएसटी लागू होने पर कंपनियों और व्यापारियों को भी फायदा होगा. सामान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. जब सामान बनाने की लागत घटेगी तो इससे सामान सस्ता भी होगा.

किसको होगा नुकसान
जीएसटी लागू होने से केंद्र को तो फायदा होगा लेकिन राज्यों को इस बात का डर था कि इससे उन्हें नुकसान होगा क्योंकि इसके बाद वे कई तरह के टैक्स नहीं वसूले पाएंगे जिससे उनकी कमाई कम हो जाएगी. गौरतलब है कि पेट्रोल व डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है. इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने राज्यों को राहत देते हुए मंजूरी दे दी है कि वे इन वस्तुओं पर शुरुआती सालों में टैक्स लेते रहें. राज्यों का जो भी नुकसान होगा, केंद्र उसकी भरपाई पांच साल तक करेगा.

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