करेंसी का विनियमन

JNU Times
Cryptocurrency bill in india Hindi: कर दिया भारत सरकार ने क्रिप्टो करेंसी बैन | डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021
भारतीय सरकार ने 23 नवम्बर 2021 को cryptocurrency bill लाने का निर्णय लिया जिसके तहत सभी प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगा दिया जायेगा और एक सरकार द्वारा नियंत्रित क्रिप्टो लाई जाएगी। यह बिल भारतीय संसद में 29 नवम्बर 2021 से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में लाया जाएगा। आइए जानते है डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021
Government On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी को भारत में बढ़ावा देने की योजना नहीं, जानें डिजिटल मुद्रा पर क्या है सरकार का रुख
Government Stand On Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी पर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।
दुनिया भर में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वहीं कुछ देशों में इसको लेकर अभी माहौल गर्माया हुआ है। भारत भी इन देशों में शामिल है। क्रिप्टो के अनियमित बाजार में निवेशकों की सुरक्षा और डिजिटल करेंसी के विनियमन के मद्देनजर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिया जवाब
भारत में क्रिप्टो करेंसी विनियमन बिल की बहुप्रतीक्षित शुरुआत से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।
क्रिप्टो का डाटा एकत्र नहीं करती सरकार
क्रिप्टोकरेंसी कितनी भरोसेमंद है और क्या सरकार के लिए बाजार को विनियमित करना संभव है, इस प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं। सरकार इस क्षेत्र पर डाटा एकत्र नहीं करती है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के विनियमन पर एक विधेयक को लोकसभा बुलेटिन- भाग II में पेश करने के लिए शामिल किया गया है, जो कि सत्रहवीं लोकसभा, 2021 के सातवें सत्र के दौरान उठाए जाने की उम्मीद है।
सावधानी से मूल्यांकन करना जरूरी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अनियमित होने के साथ ही जोखिम भरा भी है। सरकार के लिए सबसे अहम निवेशकों की सुरक्षा है और इसी को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र से जुड़े बहुत से जोखिम हैं जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।
रिजर्व बैंक की यह है तैयारी
गौरतलब है कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सरकार की ओर से संसद में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किए जाने की उम्मीद है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पेश करने की भी योजना बना रहा है। इसको लेकर आरबीआई की ओर से केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।
विस्तार
दुनिया भर में जहां क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, वहीं कुछ देशों में इसको लेकर अभी माहौल गर्माया हुआ है। भारत भी इन देशों में शामिल है। क्रिप्टो के अनियमित बाजार में निवेशकों की सुरक्षा और डिजिटल करेंसी के विनियमन के मद्देनजर जल्द ही संसद में एक बिल पेश होने वाला है। हालांकि, बिल आने से पहले ही सरकार ने क्रिप्टो को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है। केंद्र सरकार की ओर से सोमवार को संसद में करेंसी का विनियमन कहा गया कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र को बढ़ावा देने की कोई योजना नहीं है।
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिया जवाब
भारत में क्रिप्टो करेंसी विनियमन बिल की बहुप्रतीक्षित शुरुआत से पहले, केंद्र सरकार ने सोमवार को संसद में कहा कि भारत में क्रिप्टो क्षेत्र को बढ़ावा देने की उसकी कोई योजना नहीं है। यह बयान केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दिया। उन्होंने कहा कि जल्द ही इससे संबंधित बिल पेश किया जाएगा, इस बीच यह बात साफ है कि भारत में इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोई योजना नहीं है।
क्रिप्टो का डाटा एकत्र नहीं करती सरकार
क्रिप्टोकरेंसी कितनी भरोसेमंद है और क्या सरकार के लिए बाजार को विनियमित करना संभव है, इस प्रश्न के उत्तर में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि वर्तमान में भारत में क्रिप्टोकरेंसी अनियमित हैं। सरकार इस क्षेत्र पर डाटा एकत्र नहीं करती है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के विनियमन पर एक विधेयक को लोकसभा बुलेटिन- भाग II में पेश करने के लिए शामिल किया गया है, जो कि सत्रहवीं लोकसभा, 2021 के सातवें सत्र के दौरान उठाए जाने की उम्मीद है।
सावधानी से मूल्यांकन करना जरूरी
केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का बाजार अनियमित होने के साथ ही जोखिम भरा भी है। सरकार के लिए सबसे अहम निवेशकों की सुरक्षा है और इसी को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र से जुड़े बहुत से जोखिम हैं जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।
रिजर्व बैंक की यह है तैयारी
गौरतलब है कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सरकार की ओर से संसद में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किए जाने की उम्मीद है। इस बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अपनी डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) पेश करने की भी योजना बना रहा है। इसको लेकर आरबीआई की ओर से केंद्र सरकार के पास एक प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।
क्या है डिजिटल करेंसी, जो बन सकती है भारत की अधिकारिक मुद्रा
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) करेंसी का विनियमन द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा.
डिजिटल करेंसी
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 07 फरवरी 2022,
- (Updated 07 फरवरी 2022, 7:29 PM IST)
भारतीय मुद्रा का डिजिटल रूप होगी ये करेंसी
इसका आंतरिक मूल्य होगा
ये राज्य द्वारा समर्थित होगी
2022-23 का केंद्रीय बजट पेश करते वक्त वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजीटल करेंसी (Digital Currency) के बारे में बात की. उन्होंने कहा था कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया वित्त वर्ष 2022-23 में डिजीटल करेंसी को लॉन्च करेगा, और ये भारत सरकार की आधिकारिक डिजिटल करेंसी होगी. इसके अलावा उन्होंने बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी से होने वाले मुनाफे पर फ्लैट 30% टैक्स की भी घोषणा की थी. तब से ये दोनों चीजें चर्चा का विषय बनी हुई हैं. हालांकि इस बारे में ज्यादा सूचना या विवरण सरकार ने नहीं दिया है. तो चलिए आज आपको डिजीटल करेंसी करेंसी का विनियमन करेंसी का विनियमन के बारे में बताते हैं.
क्या है डिजिटल करेंसी?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वो करेंसी होगी जो केंद्रीय बैंक, यानी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी एक डिजिटल मुद्रा होगी. यह "ब्लॉकचैन और अन्य तकनीकों" पर आधारित होगा. सरल शब्दों में कहें तो CBDC भारतीय रुपये का एक डिजिटल रूप होगा. एक बार जब आरबीआई डिजिटल करेंसी को जारी करना शुरू कर देगा तो हम और आप जैसे आम लोग नियमित रुपये की तरह ही इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डिजिटल रुपया आपके एनईएफटी, आईएमपीएस या डिजिटल वॉलेट की तरह होगा. आप इसका उपयोग थोक लेनदेन या खुदरा भुगतान करने के लिए कर सकते हैं. आप इसे विदेश भेज सकते हैं. आप इसके साथ बहुत कुछ कर सकते हैं.
क्यों चाहिए ये डिजीटल करेंसी?
फिलहाल इस बारे में अभी कोई खास जानकारी नहीं है लेकिन भारत सरकार डिजीटल करेंसी इसलिए लॉन्च कर रही है क्योंकि आज कल डिजीटल करेंसी का जमाना है और भारत किसी भी मायने में दूसरे देशों से पीछे नहीं रहना चाहता है. हम सब की तरह सरकार ने भी ये मान लिया है कि इस करेंसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. सरकार ने वर्चुअल करेंसी के वजूद को नकारने के बजाय अपनी खुद की एक करेंसी लॉन्च करने का फैसला किया है. नियमित करेंसी के विपरीत आपको डिजिटल करेंसी को ट्रांसफर करने के लिए करेंसी का विनियमन बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी. चूंकि यह ब्लॉकचेन पर आधारित होगा, इसलिए आप इसे सीधे दूसरे व्यक्ति के डिजिटल रुपये वाले वॉलेट में ट्रांसफर कर सकते हैं.
यह बिटकॉइन जैसी निजी डिजीटल मुद्राओं से कैसे अलग होगा?
एक डिजिटल करेंसी मूल रूप से बिटकॉइन और एथेरियम जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी से अलग होगी क्योंकि यह राज्य द्वारा समर्थित होगी और इसका आंतरिक मूल्य होगा. सरकार ने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल एसेट्स कहा है. यानी वो लीगल टेंडर नहीं होंगे.
क्या यह पारंपरिक रुपये की जगह लेगा?
इस डिजिटल करेंसी को मुद्रा के रूप में गिना जाएगा. इससे सरकार को कम नोट छापने और नकली मुद्रा पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. यह "अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली" बनाने में मदद करेगा. नियमित रुपये के विपरीत, डिजिटल रुपये को ऑनलाइन लेनदेन के लिए बैंक मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं होगी. प्रेषक और प्राप्तकर्ता ब्लॉकचैन का उपयोग करके लेनदेन कर सकते हैं, और आरबीआई गारंटर होगा.
क्या डिजिटल रुपये के कोई नुकसान हैं?
डिजिटल रुपये का उपयोग हमेशा पैसे का निशान छोड़ देगा. इसका मतलब है कि सरकार यह ट्रैक कर सकेगी कि आपने पैसे का इस्तेमाल कहां और कैसे किया. यह गोपनीयता की चिंताओं को जन्म देगा क्योंकि इसमें शामिल पक्षों के वित्तीय लेनदेन को लीक और दुरुपयोग किया जा सकता है.
डिजिटल रुपया कब लॉन्च होगा?
कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि यह तभी होगा जब संसद क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक का विनियमन पारित करेगी, जो आरबीआई को डिजिटल रुपया जारी करने का अधिकार देगा. संसद के चालू बजट सत्र में इस बिल के पेश होने की संभावना नहीं है. हो सकता है, इसे कैलेंडर वर्ष के दूसरे भाग में मानसून या शीतकालीन सत्र में पेश किया जाए.
विनियमन के बिना क्रिप्टो करेंसी ‘कैरिबियाई समुद्री लुटेरों की दुनिया’ जैसी : सीईए
नागेश्वरन ने विकेंद्रीकृत वित्त (डीएफआई) का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हालांकि, इसे नवाचार माना जाता है, लेकिन मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखूंगा कि क्या यह वास्तव में नवाचार है या यह कुछ ऐसा है, जिसका हमें पछतावा होगा।’’
उन्होंने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि वह रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर से सहमत हैं, जो कह रहे हैं कि क्रिप्टो करेंसी और विकेंद्रीकृत वित्त के संबंध में यह नियामक मध्यस्थता का मामला अधिक लग रहा है, बजाय कि वास्तविक वित्तीय नवाचार के।
उन्होंने कहा, ‘‘फिएट मुद्राओं के विकल्प के रूप में क्रिप्टो करेंसी को कई उद्देश्यों को पूरा करना होगा। इसमें निहित मूल्य करेंसी का विनियमन करेंसी का विनियमन होना चाहिए। इसकी व्यापक स्वीकार्यता होनी चाहिए और यह एक मौद्रिक इकाई होनी चाहिए… इस लिहाज से क्रिप्टो या डीएफआई जैसे नए नवाचार को अभी परीक्षा पास करनी बाकी है।’’
सरकार क्रिप्टो करेंसी के संबंध में एक परामर्श पत्र पर काम कर रही है और विश्व बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) सहित विभिन्न हितधारकों से सुझाव ले रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है कि पिछले चार वर्षों की वृद्धि, मुद्रास्फीति तथा रुपये की स्थिरता के रूप में मिला लाभ कम न हो।
नागेश्वरन ने अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि सरकार चार चीजों- राजकोषीय घाटा, आर्थिक वृद्धि, गरीब और कम आय वाले परिवारों के लिए आजीविका की लागत को कम रखना और रुपये को बहुत अधिक कमजोर होने से रोकना – के बीच संतुलन बनाने के करेंसी का विनियमन लिए पूरी कोशिश कर रही है।
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
भारत में भी आएगी डिजिटल मुद्रा, नाम होगा ‘डिजिटल रुपया’
नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) क्रिप्टो या डिजिटल मुद्राओं को लेकर दुनियाभर में दीवानगी है और भारत में भी एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में इसका देशी संस्करण पेश किया जाएगा, जो भौतिक रूप से प्रचलित मुद्रा के डिजिटल रूप को प्रतिबिंबित करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश आम बजट के मुताबिक 'डिजिटल रुपया' नामक यह मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी किया जाएगा और इसे भौतिक मुद्रा के साथ बदला जा सकेगा। इस केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को नियंत्रित करने वाले विनियमन को अंतिम रूप दिया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश आम बजट के मुताबिक 'डिजिटल रुपया' नामक यह मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रूप में करेंसी का विनियमन जारी किया जाएगा और इसे भौतिक मुद्रा के साथ बदला जा सकेगा।
इस केंद्रीय बैंक की डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) को नियंत्रित करने वाले विनियमन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
सीबीडीसी एक डिजिटल या आभासी मुद्रा है, लेकिन इसकी तुलना निजी आभासी मुद्राओं या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है, जिनका चलन पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है। निजी डिजिटल मुद्राएं किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है। वे निश्चित रूप से मुद्रा नहीं हैं।
आरबीआई निजी क्रिप्टो करेंसी का कड़ा विरोध कर रहा है, क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सीबीडीसी की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल करेंसी से एक अधिक करेंसी का विनियमन दक्ष तथा सस् ती करेंसी प्रबंधन व् यवस् था वजूद में आएगी। डिजिटल करेंसी ब् लॉक चेन तथा अन् य प्रौद्योगिकियों का उपयोग करेगी।’’