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FOMC क्या है?

FOMC क्या है?
नई दिल्ली: बुधवार 21 सितंबर को अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि करने जा रहा है. शेयर बाजार को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर सकता है. कई एक्सपर्ट हालांकि यह आशंका जता चुका है कि फेडरल रिजर्व इस बार ब्याज दरों में 100 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर सकता है. शेयर बाजार में इस वजह से काफी उतार-चढ़ाव दर्ज होने की आशंका है. शेयर बाजार के एक्सपर्ट को लगता है कि अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए फेडरल रिजर्व के इस कदम से अमेरिकी अर्थव्यवस्था संकट में फंस सकती है, हालांकि जूलियस बेयर के मार्क मैथ्यू का कहना है कि फेडरल रिजर्व चाहे ब्याज दरों में जितनी भी वृद्धि कर दे, यह तय है कि शेयर बाजार में रैली आने वाली है.

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मैथ्यूज ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने से कुछ बहुत अधिक असर पड़ने वाला है. वास्तव में महंगाई 4 दशक के उच्च स्तर पर है और महंगाई के लंबी अवधि तक इसी दायरे में बने रहने की आशंका है."

FOMC Full Form in Hindi (FOMC का पूरा नाम क्या है)

FOMC के कुछ और पूर्ण नाम या फुल फॉर्म अन्य श्रेणियों में उपयोग किए जाते हैं

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Short Form : FOMC
Full Form : Federal Operations Management Corporation
Category : Business » Companies & Firms

Short Form : FOMC
Full Form : Federal Obligations Management Corporation
Category : Miscellaneous » Funnies

Fed Reserve ब्याज दरें 75 या 100 बेसिस पॉइंट बढ़ाए, शेयर बाजार में रैली जारी रहेगी, मार्क मैथ्यू को क्यों है उम्मीद

मार्क मैथ्यूज ने कहा है कि ब्याज दरों में वृद्धि की खबरों को शेयर बाजार पहले ही पचा चुका है. वास्तव में महंगाई के FOMC क्या है? सामने फेड रिजर्व पूरी तरह से सरेंडर नहीं करने जा रहा है. ब्याज दरों में वृद्धि करने को अब आम चलन मान लिया गया है और इस वजह से शेयर बाजार पर इसका बहुत अधिक असर नहीं देखा जाएगा.

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जूलियस बेयर के मार्क मैथ्यू का कहना है कि फेडरल रिजर्व चाहे ब्याज दरों में जितनी भी वृद्धि कर दे, यह तय है कि शेयर बाजार में रैली आने वाली है.

नई दिल्ली: बुधवार 21 सितंबर को अमेरिका का केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि करने जा रहा है. शेयर बाजार को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर सकता है. कई एक्सपर्ट हालांकि यह आशंका जता चुका है कि फेडरल रिजर्व इस बार ब्याज दरों में 100 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर सकता है. शेयर बाजार में इस वजह से काफी उतार-चढ़ाव दर्ज होने की आशंका है. शेयर बाजार के एक्सपर्ट को लगता है कि अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए फेडरल रिजर्व के इस कदम से अमेरिकी अर्थव्यवस्था संकट में फंस सकती है, हालांकि जूलियस बेयर के मार्क मैथ्यू का कहना है कि फेडरल रिजर्व चाहे ब्याज दरों में जितनी भी वृद्धि कर दे, यह तय है कि शेयर बाजार में रैली आने वाली है.

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मैथ्यूज ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने से कुछ बहुत अधिक असर पड़ने वाला है. वास्तव में महंगाई 4 दशक के उच्च स्तर पर है और महंगाई के लंबी अवधि तक इसी दायरे में बने रहने की आशंका है."

मिशिगन यूनिवर्सिटी ने कहा है कि महंगाई दर लंबे समय तक इसी दायरे में बनी रह सकती है. सितंबर में किए गए सर्वे से यह पता लगता है कि पिछले साल जुलाई में महंगाई जिस लेवल पर थी वह अब तक बरकरार है. मैथ्यूज ने कहा है कि ब्याज दरों में वृद्धि की खबरों को शेयर बाजार पहले ही पचा चुका है. वास्तव में महंगाई के सामने फेड रिजर्व पूरी तरह से सरेंडर नहीं करने जा रहा है. ब्याज दरों में वृद्धि करने को अब आम चलन मान लिया गया है और इस वजह से शेयर बाजार पर इसका बहुत अधिक असर नहीं देखा जाएगा.

मार्क मैथ्यूज ने कहा है कि बुधवार को फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में जितनी भी वृद्धि करे, फेडरल रिजर्व की घोषणा और ब्याज दरों के आंकड़े दोनों महत्वपूर्ण हैं. मार्क का कहना है कि अगर फेडरल रिजर्व 100 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि कर देता है तो उसका संदेश यह है कि वह महंगाई को कंट्रोल करने के लिए कुछ भी करने जा रहे हैं और महंगाई का सबसे बुरा दौर पीछे छूट चुका है.

अगर फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि करता है तो यह समझा जायेगा कि अब भी महंगाई से जुड़ी चिंताएं मौजूद हैं और शेयर बाजार को यह पसंद नहीं आएगा. वास्तव में फेडरल रिजर्व की घोषणा, ब्याज दरें बढ़ाने की बात और उसके बाद होने वाली प्रेस मीटिंग शेयर बाजार के सेंटीमेंट के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है. फेडरल रिजर्व की कमेंट्री शेयर बाजार को अधिक प्रभावित करने वाली है.

US Fed सितंबर और नवंबर में ब्याज दरों में कर सकता है ज्यादा बड़ी बढ़ोतरी: नोमुरा

बिजनेस डेस्कः नोमुरा होल्डिंग्स इंक के एनालिस्टों ने वर्ष के अंत तक फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में होने वाली बढ़त FOMC क्या है? के अपने पूर्वानुमानों को बढ़ा दिया। Aichi Amemiya (आइची अमेमिया) के नेतृत्व में नोमुरा के अर्थशास्त्रियों द्वारा शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक फेड इस महीने और नवंबर की बैठक में अपने बेंचमार्क दर में 0.75 फीसदी की वृद्धि कर सकता है। यह अनुमान नोमुरा के पिछले पूर्वानुमान की तुलना में 0.25 फीसदी ज्यादा है।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के दिनों में एफओएमसी से जुड़े लोगों की टिप्पणियों से संकेत मिलता है यूएस फेड टालरेंस लिमिट से ऊपर चल रहे महंगाई से निपटने के लिए अपनी नीति दरों तेजी से बड़ी बढ़ोतरी करता दिख सकता है। यूएस फेड के अधिकारी महंगाई में बढ़ोतरी के चलते शॉर्ट-टर्म नॉमिनल न्यूट्रल रेट में हुई बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हैं। अगर इंफ्लेशन अब अपने पीक FOMC क्या है? पर पहुंच भी चुका है तो अधिकारी की नजर इस बात पर लगी हुई है कि अब ये कहां सेटल होगा।

वित्तीय स्थितियां में अभी भी अपेक्षाकृत बहुत नरमी है। बॉन्ड मार्केट ने इस बात का अंदाजा लगा लिया है कि यूएस फेड महंगाई से निपटने के लिए अपनी नीतियों में और कड़ाई लाएगा और हमें ब्याज दरों में ज्यादा तेजी के साथ बढ़त होती दिखेगी।

एनालिस्टों ने दिसंबर और फरवरी में ब्याज दरों में 0.25 फीसदी बढ़त के अपने पहले के अनुमानों को बनाए रखा है। जिससे उनका ब्याज दर का पूर्वानुमान 4% -4.25 फीसदी हो जाएगा। बता दें कि Goldman Sachs Group Inc ने भी इसी हफ्ते यूएस फेड ब्याज दर के अपने पूर्वानुमान में बदलाव किया था।

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नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार से लेकर दुनियाभर के बाजारों की नजर फेड रिजर्व की बैठक पर टिकी हुई थी। बुधवार देर रात यूएस फेड रिजर्व ने बैठक के नतीजे जारी किए हैं। US Fed रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) ने इस बार ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है। साल 2008 के बाद पहली बार फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती की है। पिछले एक दशक में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती मानी जा रही है। हलांकि, अमरीकी राष्ट्रपति बैंक के इस फैसले से खुश नहीं है।

fed reserve

ब्याज दरों में हुई कटौती

यूएस फेड रिजर्व की बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी और 2 दिन की मीटिंग के बाद यूएस फेड ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है। बैठक के FOMC क्या है? बाद फेड कमेटि ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्ज लेने की लागत को जरूरत पड़ने पर और भी कम किया जे सकता है। फेड की बैठक से पहले जानकारों का मानना था कि इस बार की बैठक में बड़ी कटौती की जाएगी, लेकिन फेड रिजर्व की कमेटि ने बैठक में 0.25 फीसदी की कटौती की है, जिससे यूएस की जनता और सरकार दोनों ही नाखुश हैं।

. As usual, Powell let us down, but at least he is ending quantitative tightening, which shouldn’t have started in the first place - no inflation. We are winning anyway, but I am certainly not getting much help from the Federal Reserve!

— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 31, 2019

2 से 2.25 फीसदी के बीच रहेंगी दरें

मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार ब्याज दरों को 2 से 2.25 के बीच रखना तय किया गया है, जिसका असर क्रेडिट कार्ड और कई तरह के लोन पर होगा। फेडरल रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि ब्याज दरों में कटौती अमेरीकी अर्थव्यवस्था को FOMC क्या है? ठीक रखने के लिए अच्छी साबित होगी।

जारी रहेगी मॉनिटरिंग

अपनी दो दिन की बैठक के बाद फेडरल ने एक बयान जारी कर कहा है कि, इसकी मॉनिटरिंग जारी रहेगी। ब्याज दरों में हुई कटौती के बाद देखा जाएगा कि यह देश की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर रहा है और अमरीकी अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह कटौती अच्छी है या नहीं।

भारतीय रुपए को मिलेगी मजबूती

यूएस फेड रिजर्व की बैठक में हुई कटौती के बाद भारतीय रुपए में भी मजबूती देखने को मिल सकती FOMC क्या है? है क्योंकि ब्याज दरों में कटौती होने से अमरीकी डॉलर पर निगेटिव असर पड़ता है, जिसका सीधा फायदा बारतीय रुपए को FOMC क्या है? मिलता है। वहीं मौजूदा समय में क्रूड के दाम भी कम हुए हैं और आगे आने वाले समय में यह कीमतें स्थिर रहने का अनुमान है।

क्या होता है FOMC

एफओएमसी यानी फेडरल ओपन मार्केट कमिटी है। यह फेडरल रिजर्व सिस्टम के अधीन एक समिति है, जिसे अमरीकी कानून के तहत देश के ओपन मार्केट के संचालन की देखरेख के साथ ब्याज दरों और अमरीकी अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति की व्यवस्था के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए गठित किया गया है।

इससे पहले यूएस फेड की बैठक में लगातार 6 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है-

तारीख बढ़ोतरी कितनी हुई दर
जून 2017
25 बेसिस प्वॉइंट 1.25 फीसदी
दिसंबर 2017 25 बेसिस प्वॉइंट 1.50 फीसदी
मार्च 2018 25 बेसिस प्वॉइंट 1.75 फीसदी
जून 2018 25 बेसिस प्वॉइंट 2.00 फीसदी
सितंबर 2018 25 बेसिस प्वॉइंट 2.25 फीसदी
दिसंबर 2018 25 बेसिस प्वॉइंट 2.50 फीसदी

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fed का हिन्दी अर्थ

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"fed" के बारे में

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